PETA India ने कहा- शादी में घोड़े का उपयोग करना अपमानजनक और क्रूर, लोगों ने फटकारा, पढ़ें क्या है मामला
PETA India : पशुओं के साथ नैतिक व्यवहार के पक्षधर लोगों का संगठन PETA India फिर से एक ट्वीट किया है। जिस पर लोग उसे जमकर आलोचना कर रहे हैं। IPS अधिकारी ने कहा कि पेटा इंडिया एक गैरकानूनी संगठन है, जो हिंदू धर्म के खिलाफ काम कर रहा है। उन्हाेंने निर्मला सीतारमण से गुहार लगाई की इस कंपनी का लाइसेंस तुरंत रद्द किया जाए।
Updated: Oct 12, 2021, 12:26 IST
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पेटा (PETA) यानी पशुओं के साथ नैतिक व्यवहार के पक्षधर लोग(People for the Ethical Treatment of Animals) का एक संगठन है। पूरे विश्व में इस संगठन के 50 लाख से ज्यादा सदस्य है। यह भारत में सकि्रय है और जानवरों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ वह आवाज उठाता है। भारत में इसका ट्वीटर हेंडल PETA India (@PetaIndia) के नाम से है। पेटा इंडिया अक्सर अपने ट्वीट को लेकर सुर्खियों में रहता है। अकसर इस पर आरोप लगते हैं कि पेटा सनातन धर्म में पशुओं के प्रयोग को लेकर असंतुष्ट ट्वीट करता है। इस बार भी पेटा इंडिया ने 11 अक्टूबर की शाम को एक ट्वीट किया। जिसके बाद से लोगों ने इसे आड़े हाथों ले लिया और जमकर खरी खोटी सुनाई।
लोगों का कहना है कि PETA India सनातन धर्म के खिलाफ ही ट्वीट करता है। ज्यादातर लोगों का कहना है कि जब ईद पर लाखों-करोड़ो पशु काट दिए जाते हैं, लोग गो हत्या कर देते हैं, यूरपीयन, अमेरिकन देशों में हर रोज जानवरों को काटकर खा लिया जाता है। परंतु पेटा को तब कोई आपत्ति नहीं होती है।
विवाह के समय घोड़े का कुछ समय के लिए प्रयोग पर पेटा को आपत्ति हो रही है। लोगों का कहना है कि हमारी सूरवीरों ने घोड़ों पर ही अपने देश को आजाद करने के लिए लड़ाईयां लड़ी हैं जिसमें चाहे महारानी लक्ष्मीबाई रहीं हो या शिवाजी या फिर महाराणा प्रताप हों।
ये लिखा पेटा इंडिया ने
PETA India अपने इस ट्वीट के चलते आज ट्रेंडिंग में है। PETA India ने 11 अक्टूबर की शाम को ट्वीट किया कि - Using horses at wedding ceremonies is ABUSIVE and CRUEL. शादी समारोहों में घोड़ों का उपयोग करना अपमानजनक और क्रूर है।
Using horses at wedding ceremonies is ABUSIVE and CRUEL.
— PETA India (@PetaIndia) October 11, 2021
इस ट्वीट के बाद यूजर्स ने PETA India को कमेंट करना शुरू कर दिया। इन यूजर्स में कोई आम नहीं बलकि IAS से लेकर IPS अधिकारी ने इस ट्वीट का जवाब दिया। जिसमें आईपीएस अधिकारी M. Nageswara Rao ने ट्वीट किया कि - 'धोखाधड़ी' , पेटा इंडिया कंपनी अधिनियम के तहत पंजीकृत चैरिटेबल कंपनी है। इसका उद्देश्य हिंदू-विरोधी और भारत-विरोधी होना, परोपकार के अलावा और कुछ भी है। महोदया @nsitharaman जी, अनुरोध है कि धारा 8 कंपनी अधिनियम-2013 के तहत इसका पंजीकरण तुरंत रद्द कर दिया जाए। यह भी पढ़ें - जम्मू-कश्मीर में 5 आतंकी ढे़र, स्पेशल सेल ने दिल्ली में पकड़ा पाकिस्तानी आतंकी, हथियार बरामद।
The fraud @PetaIndia is Charitable Company registered under Companies Act. Its objectives being anti-Hindu & anti-India, are anything but charitable.
— M. Nageswara Rao IPS(R) (@MNageswarRaoIPS) October 11, 2021
Madam @nsitharaman Ji, request revoke its registration of u/s 8 Companies Act-2013 immediately.@nsitharamanoffc@PreetiKBanerjee pic.twitter.com/xIPr9YIKrJ
अधिकारी अरुण बोथरा ने यह ट्वीट किया-
गधों को बिल्कुल नहीं पता कि एक आदमी को बैठा कर धीरे-धीरे चलने से घोड़ा नहीं थकता https://t.co/Fk7syA9M7q
— Arun Bothra 🇮🇳 (@arunbothra) October 11, 2021
लोगों के जवाब में एक वीडियो पोस्ट कर रहा पेटा इंडिया
इस बार लोगों ने पेटा इंडिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। लोग पेटा इंडिया को खूब खरी खोटी सुना रहे हैं। इतना ही नहीं लोगों का कमेंट कैसा भी हो परंतु पेटा इंडिया के हेंडल से एक वीडियो का लिंक पेसट किया जा रहा है। हर किसी को एक ही मैसेज भेजा रहा है। readn also : Jammu Kashmir के राजौरी सेक्टर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में JCO समेत 5 जवान शहीद
एक नजर में पेटा (PETA)
पेटा (PETA) People for the Ethical Treatment of Animals का हेड ऑफिस अमेरिका के वर्जिनिया के नॉफोर्ल्क में है। वर्तमान में इसके अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष इन्ग्रिड न्यूकिर्क (Ingrid Newkirk) हैं। मार्च 1980 में इसकी इंग्रिड न्युर्किक और उनके एक मित्र या साथी पशु अधिकार कार्यकर्ता एलेक्स पचेको ने स्थापना की। 1981 में इस संगठन के द्वारा सिल्वर स्प्रिंग बंदरो के मामले में आवाज उठाई। पेटा संगठन के द्वारा जानवरों का ना केवल ध्यान रखा जाता है, बल्कि साथ ही लोगों को भी प्रेरित किया जाता है कि पशुओ को किसी भी तरह से हानि ना पहुचाएं और ना ही मांस का सवाल करें। PETA का नारा है “पशु हमारे खाने, प्रयोग करने, मनोरंजन करने और किसी भी प्रकार का दुरूपयोग करने के लिए नहीं है।”