New Drone Policy: ड्रोन उड़ाने के लिए नए नियम बने, रजिस्ट्रेशन हुआ अब बहुत आसान, पढ़ें

केंद्र सरकार ने नई ड्रोन नियम जारी किए हैं। जिसमें लोगों को काफी हद तक छूट दी गई है। सरकार का कहना है कि अब रजिस्ट्रेशन कराने से पहले किसी सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। वहीं, इसके अलावा सरकार ने कई नियम बनाए हैं।7 
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केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को नई ड्रोन पॉलिसी के बारे में जानकारी दी है। पॉलिसी में ड्रोन उड़ाने को लेकर उड्डयन मंत्रालय द्वारा नियमों में ढील दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई पॉलिसी के बारे में कहा है कि नए ड्रोन नियम स्टार्ट-अप और काम कर रहे हमारे युवाओं की काफी मदद करेंगे। वहीं, उनके द्वारा बनाए गए अनेक प्रकार के ड्रोन कई कार्यों में प्रयोग किए जा सकेंगे। 

 

पीएम मोदी ने कहा, “नए ड्रोन नियम इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्ट-अप और हमारे युवाओं की काफी मदद करेंगे। यह नवाचार और व्यापार के लिए नई संभावनाएं खोलेगा। यह भारत को ड्रोन हब बनाने के लिए नवाचार, प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग में भारत की ताकत का लाभ उठाने में मदद करेगा। ” इसके अलावा पॉलिसी में सरकार ने कई नियमों को दर्शाया है। 

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ये हैं पॉलिसी में महत्वपूर्ण 20 प्वाइंट

 

  1. अद्वितीय प्राधिकरण संख्या(unique authorization number), अद्वितीय प्रोटोटाइप पहचान संख्या(Unique Prototype Identification Number), अनुरूपता का प्रमाण पत्र(certificate of conformance), रखरखाव का प्रमाण पत्र(certificate of maintenance), ऑपरेटर परमिट, अनुसंधान और विकास संगठन का प्राधिकरण, छात्र दूरस्थ पायलट लाइसेंस, दूरस्थ पायलट प्रशिक्षक प्राधिकरण, ड्रोन पोर्ट प्राधिकरण, ड्रोन घटकों के लिए आयात की अनुमति मिल गई है।
  2. भारी पेलोड ले जाने वाले ड्रोन और ड्रोन टैक्सियों को शामिल करने के लिए ड्रोन नियम, 2021 के तहत ड्रोन का कवरेज 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है।
  3. फॉर्म/अनुमति की संख्या 25 से घटाकर 5 कर दी गई है।
  4. किसी भी पंजीकरण या लाइसेंस जारी करने से पहले किसी सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं है।
  5. अनुमतियों के लिए शुल्क नाममात्र के स्तर तक घटाया गया।
  6. ड्रोन नियम, 2021 के तहत अधिकतम जुर्माना घटाकर 1 लाख रुपये किया गया। हालांकि, यह अन्य कानूनों के उल्लंघन के संबंध में दंड पर लागू नहीं होगा।
  7. डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर हरे, पीले और लाल क्षेत्रों के साथ इंटरएक्टिव हवाई क्षेत्र का नक्शा प्रदर्शित किया जाएगा।
  8. येलो जोन एयरपोर्ट की परिधि से 45 किमी से घटाकर 12 किमी किया गया।
  9. हवाई अड्डे की परिधि से 8 से 12 किमी के बीच के क्षेत्र में ग्रीन जोन और 200 फीट तक के क्षेत्र में ड्रोन के संचालन के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है।
  10. सभी ड्रोन का ऑनलाइन पंजीकरण डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से होगा।
  11. ड्रोन के ट्रांसफर और डीरजिस्ट्रेशन के लिए निर्धारित आसान प्रक्रिया।
  12. देश में मौजूदा ड्रोनों को नियमित करने का एक आसान अवसर प्रदान किया गया।
  13. गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए नैनो ड्रोन और माइक्रो ड्रोन के संचालन के लिए किसी पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है।
  14. 'नो परमिशन-नो टेक-ऑफ' (एनपीएनटी), रीयल-टाइम ट्रैकिंग बीकन, जियो-फेंसिंग आदि जैसी सुरक्षा सुविधाओं को भविष्य में अधिसूचित किया जाएगा. अनुपालन के लिए कम से कम छह महीने का समय दिया जाएगा।
  15. सभी ड्रोन प्रशिक्षण और परीक्षा एक अधिकृत ड्रोन स्कूल द्वारा की जाएगी. डीजीसीए प्रशिक्षण आवश्यकताओं को निर्धारित करेगा, ड्रोन स्कूलों की निगरानी करेगा और ऑनलाइन पायलट लाइसेंस प्रदान करेगा।
  16. भारतीय गुणवत्ता परिषद और उसके द्वारा अधिकृत प्रमाणन संस्थाओं को सौंपे गए ड्रोन का प्रकार प्रमाणन।
  17. अनुसंधान एवं विकास संस्थाओं के लिए प्रकार प्रमाण पत्र, विशिष्ट पहचान संख्या, पूर्व अनुमति और दूरस्थ पायलट लाइसेंस की कोई आवश्यकता नहीं है।
  18. डीजीएफटी द्वारा नियंत्रित किए जाने वाले ड्रोन के आयात।
  19. कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे।
  20. व्यवसाय के अनुकूल नियामक व्यवस्था की सुविधा के लिए मानव रहित विमान प्रणाली संवर्धन परिषद की स्थापना की जाएगी।

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