नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस: सोनिया, राहुल गांधी समेत कई कांग्रेस नेताओं के खिलाफ ईडी ने दाखिल की चार्जशीट
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के केस में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे और सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस ओवरसीज प्रमुख सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और अन्य कई लोगों के नाम शामिल करते हुए राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी।
Apr 15, 2025, 19:23 IST
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नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कई अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में कांग्रेस ओवरसीज प्रमुख सैम पित्रोदा और सुमन दुबे के नाम भी शामिल हैं। जांच एजेंसी ने यह महत्वपूर्ण दस्तावेज दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया है। इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 25 अप्रैल निर्धारित की गई है।Read also:-मेरठ: प्रयागराज की तर्ज पर विकास की राह पर, ₹10,623 करोड़ की मेगा योजना तैयार, मेट्रो-एलिवेटेड रोड और अंडरग्राउंड पार्किंग और बहुत कुछ
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस ताजा घटनाक्रम के बाद कांग्रेस पार्टी सतर्क हो गई है और कानूनी विशेषज्ञों से सलाह मशविरा कर रही है। माना जा रहा है कि कानूनी टीम की सलाह के बाद पार्टी आधिकारिक तौर पर इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देगी।
ED files chargesheet against Sonia & Rahul Gandhi in money laundering case linked to National Herald based on complaint by Dr Subramanian Swamy. #NationalHerald pic.twitter.com/ziyPasEwLK
— Subramanian Swamy (@Swamy39) April 15, 2025
ईडी की जब्ती कार्रवाई:
ईडी इस मामले में पहले से ही सख्त रुख अपनाए हुए है और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड की लगभग 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी रूप से जब्त कर चुकी है। ईडी का दावा है कि यह संपत्ति आपराधिक गतिविधियों से अर्जित धन से हासिल की गई थी। पीएमएलए यानी धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत यह जब्ती दिल्ली, मुंबई और लखनऊ स्थित संपत्तियों पर की गई है। ईडी के आंकड़ों के अनुसार, जब्त की गई संपत्तियों में से 661.69 करोड़ रुपये की संपत्ति एजेएल की है, जबकि लगभग 90.21 करोड़ रुपये की संपत्ति यंग इंडियन से जुड़ी हुई है।
सुब्रमण्यम स्वामी का बयान:
इस मामले के शिकायतकर्ता और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ईडी की इस कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक पोस्ट करते हुए कहा कि ईडी ने उनकी शिकायत के आधार पर नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।
जांच में ईडी को मिले तथ्य:
गौरतलब है कि ईडी ने इस मामले में साल 2014 में दिल्ली के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद एजेएल और यंग इंडियन के खिलाफ पीएमएलए के तहत अपनी जांच शुरू की थी। जांच के दौरान ईडी को यह पता चला कि इस मामले में शामिल आरोपियों ने मेसर्स यंग इंडियन के माध्यम से एजेएल की सैकड़ों करोड़ रुपये की संपत्ति को हासिल करने के लिए एक आपराधिक साजिश रची थी। एजेएल को विभिन्न शहरों में समाचार पत्र प्रकाशित करने के लिए रियायती दरों पर जमीन आवंटित की गई थी।
कर्ज माफी और मालिकाना हक का हस्तांतरण:
जांच में यह भी सामने आया कि एजेएल ने साल 2008 में अपना प्रकाशन कार्य बंद कर दिया था और बाद में इन संपत्तियों का व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करना शुरू कर दिया था। एजेएल पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का 90.21 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था। हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने इस कर्ज को माफ कर दिया और एजेएल को कथित तौर पर एक नई कंपनी, मेसर्स यंग इंडियन को केवल 50 लाख रुपये में बेच दिया गया। ईडी का मानना है कि यह लेनदेन जानबूझकर किया गया था।
शेयरों का हस्तांतरण:
इसके बाद, यंग इंडियन के शेयर गांधी परिवार और उनके करीबी सहयोगियों को हस्तांतरित कर दिए गए। इस प्रकार, एजेएल की बहुमूल्य संपत्ति परोक्ष रूप से गांधी परिवार का नियंत्रण स्थापित हो गया। इससे पहले, एजेएल ने एक असाधारण आम बैठक (एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग) बुलाई थी और एक प्रस्ताव पारित किया गया था।
शेयरधारिता में बदलाव:
इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप, एजेएल में 1000 से अधिक शेयरधारकों की शेयरधारिता घटकर मात्र 1% रह गई, और एजेएल यंग इंडियन की सहायक कंपनी बन गई। इसके बाद यंग इंडियन ने एजेएल की संपत्तियों पर भी अपना अधिकार जमा लिया। इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत ऑस्कर फर्नांडिस, दिवंगत मोतीलाल वोरा और सुमन दुबे आरोपी हैं। ईडी इस मामले में पहले भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी से पूछताछ कर चुकी है।
ईडी द्वारा चार्जशीट दाखिल करना इस संवेदनशील मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। अब सभी की निगाहें 25 अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां इस मामले में आगे की कानूनी कार्यवाही पर फैसला होगा। कांग्रेस पार्टी की ओर से इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है, यह भी देखने वाली बात होगी।
