Muzaffarnagar Mahapanchayat: जैसे ईस्ट इंडिया कंपनी को हटाया, वैसे मोदी-शाह को हटाना है; मिशन UP नहीं देश बचाना होगा

Muzaffarnagar Mahapanchayat Live : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के जीआईसी मैदान में आज किसान महापंचायत जारी है। देशभर से सैकड़ों किसानों का सैलाब इसमें हिस्सा लेने के लिए पहुंचा है। 
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मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) हो रही है. ये महापंचायत जीआईसी ग्राउंड पर हो रही है, जिसमें शामिल होने के लिए यूपी के अलावा पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे 15 राज्यों से किसानों के जुटने का दावा है। दिल्ली के बॉर्डर पर जो लंबे समय से आंदोलन चल रहे हैं वहां से भी किसान इस महापंचायत में शामिल होने जा रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा का दावा है कि ये अब तक की सबसे बड़ी महापंचायत होगी. वहीं, महापंचायत को देखते हुए मुजफ्फरनगर में सुरक्षा भी कड़ी है। संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि यहां जुटी भीड़ किसानों की 'ताकत' दिखाती है। किसान तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं। Read Also : Muzaffarnagar Mahapanchayat: पूरे देश की नजर किसानों की मुजफ्फरनगर महापंचायत पर, लाइव देखें पल-पल की अपडेट

 

अब 27 सितंबर को भारत बंद
मंच से संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद की घोषणा की है। इससे पहले 25 सितंबर को भारत बंद की घोषणा की गई थी। लेकिन अब इसे बदल दिया गया है।

 

अगली बैठक लखनऊ में होगी
किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि 8 अप्रैल 1857 को मेरठ में बगावत हुई थी और उसने अंग्रेजी शासन खत्म कर दिया था। अब उसी तरह का जोश मुजफ्फरनगर में दिख रहा है। जिस तरह से ईस्ट इंडिया कंपनी को हटाया, उसी तरह मोदी-शाह को हटाना है। उन्होंने बताया कि अगर मीटिंग 9 और 10 सितंबर को लखनऊ में गन्ने को लेकर होगी।

 

 दंगा करने नहीं पंगा लेने आए हैं, मेधा पाटकर
किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए मेधा पाटकर ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित देश की राजनीति में सबसे ज्यादा प्रभाव डालने वाले राज्य की धरती से जनसैलाब बहुत बड़ा संदेश दे रहा है। उन्होंने वर्ष 2013 के दंगों को याद करते हुए कहा कि जब हम पिछली बार यहां आए थे। तब हम घर-घर पहुंचे थे। आज फिर हम यहां हैं, लेकिन अब यहां दंगा करने नहीं, पंगा लेने आए हैं और वह पंगा हम मोदी सरकार के साथ लेकर रहेंगे, तभी किसान और देश बचेगा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने नोटबंदी की थी, हम वोटबंदी करेंगे।

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टिकैत बोले- सरकार ने बात बंद कर दी
राकेश टिकैत ने कहा कि 9 महीने से किसान आंदोलन कर रहा है, लेकिन मोदी सरकार ने किसानों से बात बंद कर दी। सैंकड़ों किसान इस आंदोलन में शहीद हो गए, लेकिन सरकार ने उके लिए एक मिनट का मौन नहीं किया। टिकैत ने कहा, देश में बड़ी मीटिंग करनी होगी। सिर्फ मिशन UP नहीं देश बचाना होगा। बेरोजगारी और जिस तरह से चीज बेची जा रही है, उसकी अनुमति किसने दी। टिकैत ने कहा कि देश में सेल फॉर इंडिया का बोर्ड लगा है और इसे खरीदने वाले अंबानी-अडाणी हैं। उन्होंने कहा, FCI के गोदाम भी कंपनी को दे दिए। बंदरगाह भी बिक गए, मछली पालन और नमक के किसान पर असर होगा। ये पानी भी बेचेंगे, भारत बिकाऊ है, ये भारत सरकार की पॉलिसी है। अंबेडकर का संविधान भी खतरे में है।

 

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किसानों की हुंकार के सामने नहीं चलता सत्ता का अहंकार: प्रियंका गांधी
कांग्रेस नेता और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा का कहना है कि किसानों की हुंकार के सामने किसी भी सत्ता का अहंकार नहीं चलता। उन्होंने कहा, 'किसान इस देश की आवाज हैं। किसान देश का गौरव हैं। किसानों की हुंकार के सामने किसी भी सत्ता का अहंकार नहीं चलता। खेती-किसानी को बचाने और अपनी मेहनत का हक मांगने की लड़ाई में पूरा देश किसानों के साथ है।'


 

 

मंच पर बड़े किसान नेता मौजूद
मंच पर किसानों के कई बड़े नेता मौजूद हैं. ये वो नेता हैं जिन्होंने पिछले 10 महीने से चले आ रहे किसान आंदोलन का नेतृत्व किया है। इनमें राकेश टिकैत के अलावा योगेंद्र यादव समेत कई किसान संगठनों के नेता मौजूद हैं। जीआईसी मैदान इस वक्त किसानों की भीड़ से पटा हुआ है। सिर्फ जमीन ही नहीं बल्कि दीवारों पर भी लोग खड़े हुए हैं।

 

महापंचायत के मंच से लगे सरकार विरोधी नारे
महापंचायत के मंच से सरकार विरोधी नारे लगाए गए हैं। इस दौरान किसान नेताओं ने कहा कि आगामी यूपी और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी को उखाड़ फेंकना है। मंच पर राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव सहित कई बड़े किसान नेता मौजूद हैं।

 

एडीजी बोले- अब तक सबकुछ सही चल रहा
महापंचायत को लेकर एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार का कहना है कि अब तक सबकुछ सही तरीके से चल रहा है और जहां भीड़ है वहां सीसीटीवी से नजर रखी जा रही है। आयोजकों से भी बात कर ली गई है कि कोई भी असामाजिक या उपद्रवी तत्व उनके बीच ने आ  जाए, जिससे कोई गड़बड़ी हो। किसान आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है, विश्वास है कि ये रैली सकुशल संपन्न होगी और जब तक सारे किसान वापस नहीं चले जाते, तब तक सारी व्यवस्थाएं बनी रहेंगी।

 

मुजफ्फरनगर की सड़कों पर लगा जाम
मुजफ्फरनगर की सड़कों पर सैकड़ों-हजारों की तादाद में किसान जुटे हैं। बताया जा रहा है कि जीआईसी मैदान पर ही लाखों किसान बैठे हैं और इतने ही किसान बाहर भी हैं। मुजफ्फरनगर की सड़कों पर पैर रखने की जगह नहीं है। तस्वीर में देख सकते हैं कि सड़क किसान प्रदर्शनकारियों से किस तरह भरी हुई है।

वरुण गांधी बोले- हमें उनका
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट कर किसानों के दर्द को समझने की बात कही है। उन्होंने लिखा, 'मुजफ्फरनगर में आज प्रदर्शन के लिए लाखों किसान जुटे हैं। वो हमारा अपना ही खून हैं, हमें उनके साथ फिर से सम्मानजनक तरीके से जुड़ने की जरूरत है। उनका दर्द समझें, उनका नजरिया देखें और जमीन तक पहुंचने के लिए उनके साथ काम करें।'  

 

किसानों ने हवा में लहराए गमछे
महापंचायत शुरू होने से पहले आयोजकों ने आसमान में हरे, नारंगी और सफेद रंग के गमछे लहराकर राकेश टिकैत का स्वागत किया। इसके बाद सभी ने महापंचायत शुरू करने की हामी भरी। पंचायत में भारी संख्या में युवा किसान दिखाई दे रहे हैं।

 हाईवे पर दूर-दूर तक दिख रहा है किसानों का काफिला
मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में किसानों की महापंचायत जारी है। हाईवे पर दूर-दूर तक ट्रैक्टर और ट्रॉली का काफिला दिख रहा है। किसान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। किसानों के काफिले की वजह से वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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मंच पर पहुंचे राकेश टिकैत
राकेश टिकैत महापंचायत में पहुंच गए हैं। साढ़े 11 बजे के आसपास उनका काफिला मुजफ्फरनगर पहुंच गया था। अब टिकैत मंच पर पहुंच गए हैं और कुछ देर में किसानों को भी संबोधित करेंगे। मंच पर उनके साथ योगेंद्र यादव सहित कई अन्य किसान नेता मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेयू) के नेता चुनाव नहीं लड़ेंगे। कृषि कानून की वापसी तक घर वापसी नहीं होगी। एमएसपी पर कानून बनाया जाए। 

 

राकेश टिकैत की पत्नी भी लगा रहीं नारे, नारे लगाने के लिए चढ़ गईं गाड़ी पर
राकेश टिकैत की पत्नी भी नारे लगा रही थी। राकेश टीका की पत्नी सुनीता टिकैत तो चलती गाड़ी में चल गई और जोर-जोर से नारे लगाने लगी। राकेश टिकैत के स्वागत में पूरी भीड़ उमड़ पड़ी और राकेश टिकैत के सभी समर्थक उन्हीं के पक्ष में जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। 

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मुजफ्फरनगर पहुंचे राकेश टिकैत
राकेश टिकैत का काफिला मुजफ्फरनगर पहुंच गया है। उनके स्वागत के लिए सड़कों की दोर और सैकड़ों की तादाद में भीड़ इकट्ठी हुई है। राकेश टिकैत भी गाड़ी पर खड़े होकर उनका अभिवादन कर रहे हैं. टिकैत कुछ ही देर में जीआईसी मैदान पहुंच जाएंगे, जहां महापंचायत हो रही है।

 

तामिलनाडू से भी पहुंचे किसान
महापंचायत में तामिलनाडू, केरल, आंध्रप्रदेश, हैदराबाद, मध्यप्रदेश, समेत देश के कई हिस्सो से भी काफी किसान और महिलाएं आएं। उन्होंने कहा कि आप लोग ये मत समझना कि आप अकेले हैं, यहां के किसानों को लाठी लगती है तो दर्द साउथ इंडिया के किसानों को भी होता है। इसके अलावा जैस बाजवा जैसे पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के कलाकार भी मौजूद रहे। वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट से आए वकीलों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

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महापंचायत में सैकड़ों महिलाएं भी जुटीं
महापंचायत में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं भी आईं हैं। यहां आईं महिलाओं ने केंद्र सरकार से तीनों कानूनों की वापसी की मांग की है। वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने फोटो ट्वीट कर महापंचायत में उमड़ी भीड़ को 'ताकत' बताया है। संयुक्ति किसान मोर्चा का कहना है कि अब सरकार को किसानों की मांग मान लेनी चाहिए।

 

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राकेश टिकैत का हो रहा इंतजार
किसानों की ये महापंचायत 11 बजे से शुरू हो जाएगी। किसान नेता राकेश टिकैत भी यहां पहुंचने वाले हैं। टिकैत के गृह जिले में ही ये महापंचायत हो रही है। टिकैत सुबह गाजीपुर से निकल गए थे और अभी रास्ते में हैं। बताया जा रहा है कि कुछ ही देर में वो जीआईसी मैदान पहुंच जाएंगे, जहां महापंचायत हो रही है।

 

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महापंचायत में आए लोगों के लिए लंगर की व्यवस्था
महापंचायत में शामिल होने आए लोगों के खाने के लिए लंगर की व्यवस्था की गई है. जानकारी के मुताबिक, यहां 500 लंगर लगाई गई हैं. रविवार सुबह से ही लोगों यहां पहुंचने लगे हैं और कुछ ही देर में अब महापंचायत शुरू होने जा रही है.

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राकेश टिकैत भी हुए रवाना
महापंचायत में शामिल होने के लिए किसान नेता राकेश टिकैत सुबह ही गाजीपुर से रवाना हो चुके हैं। वो अभी रास्ते में हैं. मुजफ्फरनगर के लिए निकलने से पहले टिकैत ने आज तक से खास बातचीत में कहा था कि वो 10 महीने बाद मुजफ्फरनगर जा रहे हैं, लेकिन वो यहां की मिट्टी में कदम नहीं रखेंगे। उनका कहना है कि जब तक कानून वापसी नहीं होगी, तब तक घर वापसी भी नहीं होगी।

 

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मुजफ्फरनगर में पहुंचने लगे किसान
मुजफ्फरनगर में शनिवार से ही किसानों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था और सुबह से ही यहां जीआईसी मैदान पर किसान जुटने लगे हैं। मुजफ्फरनगर के जिस मैदान में महापंचायत होनी है, वहां लगभग सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। मंच भी तैयार हो चुका है और पंडाल भी सज गया है।

 

मंच पर होंगे दो भाई, राकेश टिकैत और नरेश टिकैत
मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान पर सुबह से ही किसानों का जुटना शुरू हो गया है. हजारों की संख्या में किसान पहुंच चुके हैं। आज एक ऐतिहासिक चीज ये भी होने वाली है कि दो भाई एक मंच पर आने वाले हैं। राकेश टिकैत और नरेश टिकैत मंच पर होंगे। वॉलंटियर मौजूद हैं। मेडिकल कैम्प लगाए गए हैं, ताकि किसी की तबीयत बिगड़े तो उसे मदद मिल सके। लंगर लगाए गए हैं. पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान भी यहां तैनात हैं। पंचायत सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक चलनी है।

 

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10 महीने बाद मुजफ्फरनगर जाएंगे राकेश टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) 10 महीने बाद मुजफ्फरनगर जाएंगे. टिकैत मुजफ्फरनगर के ही रहने वाले हैं और जब से किसान आंदोलन (Farmer Protest) शुरू हुआ है, तब से उन्होंने यहां कदम नहीं रखा है. टिकैत ने कहा, 'जब से आंदोलन शुरू हुआ है तब से मैं पहली बार मुजफ्फरनगर जा रहा हूं और वो भी गलियारे से जाऊंगा. वहां की जमीन पर कदम भी नहीं रखूंगा और अपने घर की तरफ देख लूंगा, वहां के लोगों को देख लूंगा.' उन्होंने कहा, 'इसे आप जो भी समझे लेकिन जब तक कानून वापसी नहीं तब तक घर वापसी नहीं. जो लोग आजादी की लड़ाई के लिए लड़े, उन्हें काला पानी की सजा हुई तो वो कभी घर गए ही नहीं गए. ये भी एक तरीके का काला कानून है और जब तक कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक घर नहीं जाएंगे.'

 

यूपी चुनाव में दिखेगा असर?
मुजफ्फरनगर के जिस जीआईसी ग्राउंड में महापंचायत हो रही है, वहां 50 हजार से ज्यादा लोग जुट सकते हैं. बताया जा रहा है कि इसमें 40 से ज्यादा किसान संगठन शामिल हो रहे हैं. लेकिन इसका असर अगले साल यूपी में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी दिख सकता है. पश्चिमी यूपी किसानों के दबदबे वाला क्षेत्र है और यहां राज्य की 403 विधानसभा सीटों में से 100 से ज्यादा सीटें आती हैं. महापंचायत कैसी होती है और क्या प्रभाव डालती है, इससे इलाके की भविष्य की राजनीति भी तय होगी. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय सचिव युद्धवीर सिंह का कहना है कि इसमें यूपी, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक समेत कई राज्यों से किसान आ रहे हैं. उनका कहना है कि इसमें 10 लाख किसानों के जुटने की उम्मीद है.

 

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हिमाचल-नासिक में भी प्रदर्शन की तैयारी
हिमाचल के किसानों ने 13 सितंबर को कॉर्पोरेट लूट के विरोध में प्रदर्शन की घोषणा की है. वहीं नासिक में किसानों ने टमाटर के लिए दो-तीन रुपये प्रति किलो की मामूली कीमत मिलने पर सड़कों पर टमाटर फेंक कर विरोध प्रदर्शन किया. मोर्चा ने कहा है कि टमाटर हो या सेब, सभी फलों, सब्जियों, कृषि उत्पादों, वनोपज, दूध, मछली की एमएसपी पर खरीद की गारंटी देने की जरूरत है. इसलिए 600 किसानों की शहादत के बाद भी किसानों का आंदोलन जारी है और मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा.

 

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15 राज्यों के किसान जुटेंगे
संयुक्त किसान मोर्चा का दावा है कि इस महापंचायत में 15 राज्यों के हजारों से ज्यादा किसान जुटेंगे. SKM का कहना है कि ये महापंचायत मोदी-योगी को किसानों, खेती मजदूरों और किसान आंदोलन के समर्थकों की ताकत का एहसास कराएगी. 

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