Power Crisis: मंत्री का दावा विद्युत संकट नहीं, कोयले का पर्याप्त स्टॉक, देश में है 52 विद्युत संयंत्र, लिस्ट देखें
Electricity Crisis : पंजाब के बाद अब राजधानी दिल्ली और आंध्रप्रदेश में विद्युत की कमी सामने आ रही है। कुछ जानकारों का कहा है कि कुछ ताप संयंत्र में मात्र 1 दिन का काेयला बचा है, हालांकि केंद्री विद्युत मंत्री ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया है।।
Oct 10, 2021, 14:51 IST
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पंजाब के बाद अब दिल्ली और आंध्रप्रदेश में बिजली (Power Crisis) की समस्या सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि संयंत्रों में लॉकडाउन की वजह से पर्याप्त कोयला नहीं पहुंच सका। बारिश के चलते खदानों में पानी भर गया। उसने निकालने की व्यवस्था में देरी हुई। जिसकी वजह से पहले पंजाब और अब देश की राजधानी दिल्ली (Delhi Power Crisis) के सामने बिजली की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होना सामने आ रहा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आंध्रप्रदेश के सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्थिति से अवगत कराया है। हालांकि केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह का कहना है कि कोयल की जरूरतें पूरी की जाएगी, वहीं, गैसे से चलने वाले विद्युत संयंत्रों में आपूर्ति बढ़ाई जाएगी। सरकार ने पूरा प्लान तैयार किया हुआ है।
जानें देश में किन-किन श्रोतों से मिलती है बिजली
भारत में तीन प्रकार के विद्युत संयंत्र हैं
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ताप विद्युत संयंत्र (Thermal power plant)
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गैस विद्युत संयंत्र (Gas power plant)
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हाइड्रो विद्युत संयंत्र (Hydro power plant)
भारत में कुल 52 विद्युत संयंत्र
भारत में वर्तमान समय में 32 ताप विद्युत संयंत्र हैं जहां बिजली बनाने में कोयले का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, पूरे देश में 11 ऐसे विद्युत संयंत्र हैं जहां गैस की मदद से बिजली बनाई जाती है। इसके अलावा 8 हाइड्रों संयंत्र हैं जहां पानी से विद्युत बनाई जाती है। इन्हीं पर पूरे देश की विद्युत आपूर्ति टिकी है। हालांकि इन 52 विद्युत संयंत्रों से ही पूरे देश की विद्युत निर्भर है। हालांकि हम पड़ोसी देश जैसे नेपाल, भूटान से उनकी अर्थव्यवस्था में मदद करने के लिए बिजली खरीदते भी हैं।
उत्तर प्रदेश में हैं कुल 8 विद्युत संयंत्र
उत्तर प्रदेश में 6 ताप विद्युत संयंत्र और 2 गैस विद्युत संयंत्र है जबकि यूपी में एक भी हाईड्रो पावर स्टेशन नहीं बना है। उत्तर प्रदेश के हिसाब से इन संयंत्रों से बनने वाली विद्युत काफी होती है। यूपी दूसरे राज्यों को आपूर्ति करता है। राजधानी दिल्ली में पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड सहित अन्य कई राज्यों से विद्युत सप्लाई की जाती है। अब पंजाब में बिजली की कमी पहले से ही थी अब बताया जा रहा है कि ताप विद्युत संयंत्र कोयले की कमी से जूझ रहे हैं। जिससे दिल्ली सरकार को चिंता सताए जा रही है। इस समस्या को देखते हुए सीएम केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले से अवगत कराया है।
दिल्ली को हर दिन चाहिए 4 हजार मेगावाट बिजली
जानकारी के अनुसार दिल्ली को रोजाना करीब 4 हजार मेगावाट बिजली की आवश्यकता होती है। जिसमें 3 हजार मेगावाट आपूर्ति हाइड्रो और 1200 मेगावाट गैस प्लांटों से होती है। अब जानकारों का कहना है कि कोरोना के चलते पिछले दिनों लॉकडाउन लग गया। जिससे कोयले की खदानों में पर्याप्त खुदाई नहीं हो सकी। वहीं फिर मानसून आया तो खदानों को बारिश से बचाने व खदानों में भरे पानी को निकालने के लिए बंदोबस्त में समय लग गया। इस दौरान जब लॉकडाउन खुला तो सभी तरह की फैक्ट्रियां, कारखाने पूरी क्षमता से चलने लगे। जिससे आपूर्ति ज्यादा हुई। इस सभी कारणों के चलते ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की कमी पड़ गई। जिसके चलते राजधानी दिल्ली पर यह बिजली संकट पड़ा।
सरकार का कहना टाटा और गेल के मैसेज से फैली अवाह
असल में सरकार ने बिजली के मामले को लेकर बैठक कई। जिसमें बताया गया कि बिजली संकट जैसी किसी प्रकार की स्थिति नहीं आने वाली है। मंत्री के मुताबिक टाटा पावर और गेल कंपनी द्वारा भेजे गए मैसेज से यह अफवाह फैली है। असल में गेल ने बवाना गैस संयंत्र को मैसेज भेजा कि 2 दिन बाद उनका कांट्रेक्ट खत्म हो रहा है जिसके बाद वह गैस की आपूर्ति रोक देंगे। वहीं, टाटा पावन ने उपभोक्तओं को विद्युत आपूतिर् प्रभावित होने के मैसेज भेजे। इस सब पर सरकार ने दोनों कंपनियों को चेतावनी दी है। केंद्रीय विद्युत मंत्री के मुताबिक अीाी 4 दिन से ज्यादा का कोयले का स्टॉक हमारे है। सारी व्यवस्था पहले की तरह चल रही।
ये हैं देश में ताप विद्युत संयंत्र (Thermal power plant)
Sl.No.
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कोयला आधारित (एनटीपीसी के स्वामित्व में)
|
राज्य
|
कमीशन क्षमता (मेगावॉट)
|
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1.
|
उत्तर प्रदेश
|
2,000
|
|
2.
|
छत्तीसगढ़
|
2,600
|
|
3.
|
तेलंगाना
|
2,600
|
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4.
|
पश्चिम बंगाल
|
2,100
|
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5.
|
मध्य् प्रदेश
|
4,760
|
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6.
|
उत्तर प्रदेश
|
3,000
|
|
7.
|
बिहार
|
2,340
|
|
8.
|
उत्तर प्रदेश
|
1,820
|
|
9.
|
उड़ीसा
|
3,000
|
|
10.
|
उत्तर प्रदेश
|
1,550
|
|
11.
|
आंध्र प्रदेश
|
2,000
|
|
12.
|
उत्तर प्रदेश
|
1,760
|
|
13.
|
छत्तीसगढ़
|
2,980
|
|
14.
|
मौदा
|
महाराष्ट्रा
|
2,320
|
15.
|
बाढ़
|
बोंगईगांव
|
1320
|
16.
|
कुदगी
|
कर्नाटक
|
750
|
17.
|
सोलापुर
|
महाराष्ट्र
|
2400
|
18.
|
बोंगईगांव
|
असम
|
1320
|
19.
|
लारा
|
छत्तीसगढ़
|
1600
|
20.
|
बरौनी
|
बिहार
|
470
|
21.
|
गाडरवारा
|
मध्य प्रदेश
|
1600
|
22.
|
खरगोन
|
मध्य प्रदेश
|
1320
|
23.
|
दर्लीपली
|
ओडिशा
|
800
|
कुल
|
46,410
|
दुर्गापुर
|
पश्चिम बंगाल
|
120
|
|
2
|
राउरकेला
|
उड़ीसा
|
120
|
3
|
भिलाई
|
छत्तीसगढ
|
574
|
4
|
कांती
|
बिहार
|
610
|
5
|
आइजीएसटीपीपी, झज्जर
|
हरियाणा
|
1500
|
6
|
वल्लूर
|
तमिलनाडु
|
1500
|
7
|
नबीनगर-BRBCL
|
बिहार
|
750
|
8
|
मेजा
|
उत्तर प्रदेश
|
1320
|
9
|
नबीनगर-NPGC
|
बिहार
|
1320
|
कुल
|
7,814
|
हाइड्रो पावर संयंत्र
स्टेशन
|
राज्य
|
मेगावाट क्षमता
|
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1.
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टिहरी एचपीपी (टीएचडीसी)
|
उत्तराखंड
|
1000
|
2.
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कोटेश्वर एचपीपी (टीएचडीसी)
|
उत्तराखंड
|
400
|
3.
|
रंगनाडीएचईपी (3X135) (नीपको)
|
अरुणाचल
|
405
|
4.
|
डोयांग एचईपी (3 X 25) (नीपको)
|
नगालैंड
|
75
|
5.
|
पारे एचईपी (2 X 55) (नीपको)
|
अरुणाचल
|
110
|
6.
|
तुअरियल एचईपी (2 X 30) (नीपको)
|
मिजोरम
|
60
|
7.
|
कोपिली एचईपी (200 + 50 + 25) (नीपको)
|
असम
|
275
|
8.
|
कामेंग एचईपी (4 X 150) (नीपको)
|
अरुणाचल
|
300
|
कुल
|
2,625
|
एनटीपीसी गैस आधारित बिजली स्टेशनों का विवरण इस प्रकार है
Sl.No. | गैस आधारित (एनटीपीसी लिमिटेड के स्वामित्व में) |
राज्य | कमीशन |
---|---|---|---|
1. | अंता | राजस्थान | 419.33 |
2. | ओरैया | उत्तर प्रदेश | 663.36 |
3. | कवास | गुजरात | 656.20 |
4. | दादरी | उत्तर प्रदेश | 829.78 |
5. | झानौर – गांधार | गुजरात | 657.39 |
6. | राजीव गांधी सीसीपीपी कायमकुलम | केरल | 359.58 |
7. | फरीदाबाद | हरियाणा | 431.59 |
कुल | 4,017.23 |
गैस आधारित संयुक्तप उद्यम:
Sl.No. | गैस आधारित (एनटीपीसी लिमिटेड के स्वाएमित्व में) | राज्य | कमीशन क्षमता (मेगावॉट)Y |
---|---|---|---|
1. | आरजीपीपीएल | महाराष्ट्र | 1967.08 |
2. | नीपको - असम गैस आधारित बिजली संयंत्र | असम | 291 |
3. | नीपको - अगरतला GT CCPP | त्रिपुरा | 135 |
4. | नीपको - त्रिपुरा गैस आधारित CCPP | त्रिपुरा | 101 |
कुल |