भारत में बन रहे प्रमुख एक्सप्रेसवे: दिल्ली-देहरादून, नोएडा-कानपुर और गंगा एक्सप्रेसवे से सफर होगा तेज और आर्थिक विकास में आएगी रफ्तार
सभी प्रमुख एक्सप्रेसवे परियोजनाओं का उद्देश्य: यात्रा की रफ्तार बढ़ाना और विकास को गति देना
Mar 18, 2025, 16:49 IST
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भारत सरकार देश में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में कई बड़े एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, जिनका सीधा फायदा उत्तर प्रदेश को भी मिलने वाला है। ये एक्सप्रेसवे न केवल सफर को आसान और तेज बनाएंगे, बल्कि राज्य के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे, गंगा एक्सप्रेसवे और नोएडा-कानपुर एक्सप्रेसवे प्रमुख हैं।READ ALSO:-मेरठ : गंगनहर पर बंद ओयो होटल में आपत्तिजनक गतिविधियां, पुलिस ने छापेमारी में महिला को किया बरामद, युवक फरार
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे:
दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा करने वाले लोगों के लिए यह एक्सप्रेसवे एक बड़ी राहत लेकर आएगा। NHAI द्वारा निर्मित यह 210 किलोमीटर लंबा 6 लेन का एक्सप्रेसवे जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा। इसके शुरू होने से दिल्ली से देहरादून की दूरी मात्र 2.5 से 3 घंटे में तय की जा सकेगी, जबकि अभी इसमें लगभग 6 घंटे लगते हैं। इस एक्सप्रेसवे पर हल्की गाड़ियों के लिए 100-110 किलोमीटर प्रति घंटे और भारी गाड़ियों के लिए 70-80 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड लिमिट रखी जा सकती है। इसके बनने से राजाजी नेशनल पार्क के आसपास लगने वाली भीड़ भी कम होगी और एनसीआर क्षेत्र में भी यातायात सुगम होगा।
नोएडा-कानपुर एक्सप्रेसवे:
उत्तर प्रदेश को और तेजी से विकास की राह पर ले जाने के लिए 380 किलोमीटर लंबा नोएडा-कानपुर एक्सप्रेसवे भी एक महत्वपूर्ण परियोजना है। 6 लेन वाले इस एक्सप्रेसवे की डीपीआर तैयार हो चुकी है और जल्द ही इसके लिए भूमि अधिग्रहण का काम शुरू किया जाएगा। यह एक्सप्रेसवे सीधे 9 जिलों - फर्रुखाबाद, कन्नौज, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज और उन्नाव को जोड़ेगा। इसके चालू होने से नोएडा से कानपुर की दूरी घटकर सिर्फ 3.5 घंटे रह जाएगी। इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़ और कानपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में व्यापार और वाणिज्य को भी नई गति मिलेगी।
गंगा एक्सप्रेसवे:
गंगा एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। 594 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे राज्य के कई बड़े शहरों को आपस में जोड़ेगा, जिनमें मेरठ, मुरादाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, अमरोहा, बदायूं, लखनऊ, कानपुर, संभल और प्रयागराज शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 36,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है और इसे 2025 के अंत तक खोलने की योजना है, हालांकि इसे इसी साल शुरू करने की तैयारी है। इस एक्सप्रेसवे के बनने से मेरठ से प्रयागराज की दूरी लगभग 6 घंटे में तय की जा सकेगी, जहां अभी काफी अधिक समय लगता है। इस पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन चलाए जा सकेंगे और भविष्य में इसे 6 लेन से 8 लेन तक चौड़ा करने की भी संभावना है।
यह तीनों ही एक्सप्रेसवे परियोजनाएं इस साल पूरी होने की उम्मीद है, जिसमें दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को सबसे पहले खोला जा सकता है। इसके अलावा, इन सभी एक्सप्रेसवे के बनने से नोएडा के जेवर स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक पहुंचना भी काफी आसान हो जाएगा। इन एक्सप्रेसवे के शुरू होने से उत्तर प्रदेश में न केवल यातायात व्यवस्था सुधरेगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।
