महाप्रभु के द्वार पर महा-त्रासदी: पुरी में आस्था के सैलाब में भगदड़, 3 भक्तों की दर्दनाक मौत

शनिवार को दिन भर की यात्रा के बाद भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथ अपनी मौसी के घर, यानी गुंडिचा मंदिर पहुंच चुके थे। रात भर श्रद्धालुओं का सैलाब अपने आराध्य के दर्शन के लिए उमड़ रहा था। रविवार तड़के करीब 4 बजे, जब अँधेरा छँटा भी नहीं था, 'नंदीघोष' रथ के पास भक्तों का हुजूम बेकाबू हो गया। हर कोई सबसे पहले, सबसे करीब से महाप्रभु के दर्शन कर लेना चाहता था। इसी आपाधापी और धक्का-मुक्की ने एक भयावह भगदड़ को जन्म दिया। देखते ही देखते लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे और पल भर में उत्सव की ध्वनि चीख-पुकार में बदल गई।
हादसे में जान गंवाने वालों की पहचान बसंती साहू (36), प्रेमकांति महांति (78) और प्रभाती दास के रूप में हुई है। इस घटना ने सीधे तौर पर स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि जिस स्थान पर लाखों की भीड़ जुटने की उम्मीद थी, वहां भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस या सुरक्षा बल मौजूद नहीं थे। अगर समय पर उचित बैरिकेडिंग और भीड़ प्रबंधन की व्यवस्था होती, तो शायद यह दुखद हादसा टाला जा सकता था।
#WATCH | ओडिशा: पुरी में रथ यात्रा के दौरान भगदड़ की खबर मिली है। विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 29, 2025
(वीडियो पुरी में पोस्टमार्टम केंद्र के बाहर से है।) pic.twitter.com/j320ZY1M32
त्रासदी में बुझ गए 3 जीवनदीप
- बसंती साहू (36)
- प्रेमकांति महांति (78)
- प्रभाती दास (आयु अज्ञात)
पुरी, ओडिशा: भगदड़ में अपनी पत्नी को खोने वाले एक व्यक्ति ने कहा, "जब यह घटना हुई, तो किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की, न ही अग्निशमन अधिकारियों ने, न ही बचाव दल ने, न ही अस्पताल की टीम ने। यह एक दयनीय घटना है जिसे व्यक्त नहीं किया जा सकता..." https://t.co/n596aJuXTE pic.twitter.com/SBOi4DcfRv
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दो दिन पहले ही मिला था चेतावनी का संकेत
यह घटना और भी गंभीर इसलिए हो जाती है क्योंकि प्रशासन के लिए यह कोई पहली चेतावनी नहीं थी। अभी शुक्रवार (27 जून) को ही, देवी सुभद्रा के रथ के पास अत्यधिक भीड़ और उमस के कारण 600 से अधिक श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई थी, जिनमें से 70 को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। इस घटना के बावजूद भीड़ प्रबंधन को लेकर कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाए गए, यह एक बड़ा सवाल है।
पुरी भगदड़ | ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और LoP नवीन पटनायक ने ट्वीट किया, "मैं पुरी के सारधाबली में हुई दुखद भगदड़ में अपनी जान गंवाने वाले तीन भक्तों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं और इस विनाशकारी घटना में घायल हुए भक्तों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए… pic.twitter.com/PngEibYuoy
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यह हादसा इस बात की दर्दनाक याद दिलाता है कि आस्था और भक्ति के महापर्वों में सुरक्षा और व्यवस्था का कितना अधिक महत्व होता है। फिलहाल, इस घटना ने पुरी के उत्सव के रंग को फीका कर दिया है और हर तरफ एक शोक की लहर है।
