Lockdown के कारण दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों, छात्रों और अन्य लोगों को उनके घर पहुंचाने के लिए 7 स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इनमें करीब 7 हजार यात्री सफर करेंगे।
कुछ ट्रेनें अपनी मंजिल तक पहुंच गई हैं, तो कुछ रास्ते में हैं। पहली ट्रेन तेलंगाना के लिंगमपल्ली से झारखंड के हटिया के लिए चली थी। यह देर रात हटिया पहुंच गई। इसी तरह नासिक (महाराष्ट्र) से भोपाल (मध्य प्रदेश) ट्रेन भी शनिवार सुबह भोपाल पहुंच गई।

केरल के एर्णाकुलम से ओडिशा के भुवनेश्वर तक ट्रेन चल रही है। इसमें 1200 लोग सवार हैं, जिनमें ज्यादातर मजदूर और उनके परिवार हैं। उधर, महाराष्ट्र के नासिक से लखनऊ के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन चली है। इसमें 839 प्रवासी सवार हैं। तिरुवनन्तपुरम के जिला कलेक्टर के. गोपालकृष्णन ने बताया कि आज दोपहर दो बजे एक और ट्रेन झारखंड के हटिया के लिए रवाना होगी। इसमें 1200 मजदूर रवाना किए जाएंगे।
अब तक ये ट्रेनें चलाने का फैसला किया गया
ट्रेनें | यात्री सवार |
जयपुर (राजस्थान) से पटना (बिहार) | 1200 |
कोटा (राजस्थान) से हटिया (झारखंड) | 1000 |
नासिक (महाराष्ट्र) से लखनऊ (उत्तरप्रदेश) | 839 |
नासिक (महाराष्ट्र) से भोपाल (मध्य प्रदेश) | 347 |
लिंगम्पल्ली (तेलंगाना) से हटिया (झारखंड) | 1140 |
एर्णाकुलम (केरल) से भुवनेश्वर ( ओडिशा) | 1200 |
तिरुवनन्तपुरम (केरल) से हटिया (झारखंड) | 1200 |
कुल | 6926 |
Lockdown में ऐसा पहली बार
इन ट्रेनों को चलाने में गृह मंत्रालय की गाइडलाइन का पूरा पालन किया जा रहा है। कोच में यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैठाया जा रहा है। रवानगी और संबंधित स्टेशन पर पहुंचने पर उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। गृह जिले में 14 दिन क्वारैंटाइन करने के बाद ही उन्हें घर भेजा जाएगा। लोगों को भेजने वाली और बुलाने वाली राज्य सरकारों के आग्रह पर ही विशेष ट्रेनें चलेंगी। शुरुआती और आखिरी स्टेशन के बीच में ट्रेनें कहीं नहीं रुकेंगी। श्रमिकों को ट्रेन में बैठाने से पहले स्क्रीनिंग करवाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी होगी। जिन लोगों में लक्षण नहीं होंगे, उन्हें ही जाने की इजाजत मिलेगी।
