चीन की तरह भारत में भी गहरा सकता है बिजली संकट, 72 पावर प्लांटों के पास बचा है 3 दिन या उससे भी कम का कोयला

Electricity Crisis in India: दरअसल देश के पावर प्लांटों पर कुछ ही दिन का कोयला शेष है, ऐसे में अगर जल्द ही कोयले की आपूर्ति नहीं हुई तो देश के कई बड़े राज्य अंधेरे में डूब जाएंगे।
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power plant in india

पिछले सप्ताह चीन में कोयले की कमी के चलते भीषण बिजली संकट की खबरें सामने आई थीं। इस बिजली संकट के चलते चीन के कई शहरों में कई दिन से बिजली गुल हैं, वहीं लोगों के पानी गर्म करने व ज्यादा पावर वाले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण चलाने पर रोक लगा दी गई है, वहीं देश के ज्यादातर शहरों की स्ट्रीट लाइट तक बंद कर दी गई है। अब कुछ ऐसे ही हालात भारत में भी बनने वाले हैं। बीच समुंदर ड्रग्स पार्टी में शामिल था शाहरुख खान का बेटा आर्यन; दिल्ली के 3 बड़े कारोबारियों की बेटियां भी हिरासत में

यह है पावर प्लांटों की स्थिति

जी हां भारत में भी चीन की तरह ही बिजली संकट गहरा सकता है। दरअसल देश के पावर प्लांटों पर कुछ ही दिन का कोयला शेष है, ऐसे में अगर जल्द ही कोयले की आपूर्ति नहीं हुई तो देश के कई बड़े राज्य अंधेरे में डूब जाएंगे। ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक, भारत के 135 पावर प्लांट में से 72 प्लांट कद पास 3 या 3 दिन से कम दिन का ही कोयला शेष है। 50 प्लांट पर 4 से 10 दिन का और 13 प्लांट में सिर्फ 10 से ज्यादा दिन का स्टॉक बचा है। 

लगातार बढ़ रही बिजली की मांग

केंद्रीय एजेंसी सेंट्रल इलेक्ट्रिसी अथॉरिटी के अनुसार भारत के 72 थर्मल पावर प्लांट में 8817 मेगावाट बिजली का उत्पादन ठप पड़ गया है। देश में लगातार बिजली की मांग बढ़ रही है। जून के बाद से बिजली की डिमांड 200 गीगावॉट पार कर गई। वहीं कोल इंडिया लिमिटेड से कोयले का प्रोडक्शन और डिलीवरी लगातार कम हो रहा है। इस कारण से पावर एक्सचेंज में दस हजार मेगावाट बिजली की ट्रेडिंग 20 रुपए प्रति यूनिट चल रही है।

कोयले की कमी को देखते हुए अब केंद्र सरकार ने कोल इंडिया को बिजली बनाने वाले संयंत्र में कोयले की नियमित आपूर्ति करने के निर्देश दिए हैं। वहीं कोयला सचिव अनिल जैन ने कोल इंडिग के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल को 27 सितंबर को एक पत्र भी लिखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि पावर प्लांट में कोयले का स्टॉक लगातार कम हो रहा है। हम इस बारे में कई बार जानकारी दे चुके, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।

अगस्त में भी आईं थीं ऐसी खबरें

अगस्त में खबरें आई थी कि 57 पावर प्लांट कोयले की कमी का सामना कर रहे हैं। इनमें पांच पावर प्लांट में कोयले का स्टॉक है। वह बिजली बनाने के लिए कोयले की हर दिन की आपूर्ति पर डिपेंड है। जबकि छह पावर प्लांट में एक दिन का बफर स्टॉक है।

कोयले का उत्पादन प्रभावित होने की ये हैं वजह

  1. दरअसल इस साल मानसून में भारी बारिश के कारण कोयले का उत्पादन प्रभावित हुआ है। 
  2. महाराष्ट्र, राजस्थान, यूपी, तमिलनाडु, एमपी ने कोयला कंपनियों के बकाए का भुगतान नहीं किया है, जिस वजह से बिजली कंपनियों पर आर्थिक बोझ भी आ गया।
  3. कोयले की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ गईं हैं, जिसके कारण भी आपूर्ति पर असर पड़ा है।
  4. कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन के चलते भी बिजली की खपत में काफी बढोत्तरी हुई।
  5. इसके लिए चीन भी जिम्मेदार है। दरअसल चीन ने अपने यहां बिजली संकट को देखते हुए भारत का 20 लाख टन से अधिक कोयला अपने बंदरगाहों पर रख लिया है। जो ऑस्ट्रेलिया से वाया चीन-भारत आ रहा था।

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