भारत का 'अंतरिक्ष विजय'! उत्तर प्रदेश के लाल, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास, ड्रैगन से ISS में धमाकेदार एंट्री!

 NASA के Axiom-4 मिशन ने भरी उड़ान, 26 घंटे में अंतरिक्ष स्टेशन पर सफल डॉकिंग, 14 दिन भारत के लिए करेंगे 'पावरफुल' रिसर्च
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Shubhanshu Shukla ISS Update
केनेडी स्पेस सेंटर: उत्तर प्रदेश और पुरे भारतवर्ष के लिए गर्व का पल! नासा (NASA) के कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरे मिशन एक्सिओम-4 (Axiom-4) ने अंतरिक्ष में भारत का झंडा बुलंद कर दिया है। इस मिशन के तहत, भारतीय वायुसेना के जांबाज ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अपने स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर सफलतापूर्वक डॉकिंग कर ली है। READ ALSO:-योगी सरकार का 'MSME महाकुंभ': युवाओं को CM-YUVA ऐप का तोहफा, 23 करोड़ की परियोजनाएं और ग्लोबल पहचान की तैयारी!

 शाम करीब 6 बजे स्पेस स्टेशन का हैच खुला और सभी एस्ट्रोनॉट ISS के अंदर दाखिल हुए।

यह ऐतिहासिक पल इसलिए भी खास है क्योंकि शुभांशु शुक्ला इस प्रतिष्ठित मिशन का हिस्सा बनकर अंतरिक्ष में कदम रखने वाले विशिष्ट भारतीयों में शामिल हो गए हैं। ड्रैगन यान ने अपनी निर्धारित समय-सीमा से भी 20 मिनट पहले ISS पर सटीक लैंडिंग की, जो मिशन की असाधारण सफलता का प्रमाण है।

 


'उड़ान' से 'अंतरिक्ष' तक: 26 घंटे का रोमांचक सफर
अंतरिक्ष के अथाह नीले में 26 घंटे का चुनौतीपूर्ण सफर तय करने के बाद, ड्रैगन यान आखिरकार अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के साथ जुड़ गया। यह यान पृथ्वी से लगभग 418 किलोमीटर की ऊंचाई पर, अविश्वसनीय गति 28000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से परिक्रमा कर रहा है। एक्सिओम-4 मिशन की यह शानदार सफलता न केवल नासा और स्पेसएक्स के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, बल्कि भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम में भी एक नया अध्याय जोड़ती है, जिसका नेतृत्व हमारे ही ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला कर रहे हैं।

 


दिल्ली से देहरादून तक ख़ुशी की लहर: केंद्रीय मंत्री ने दी ज़ोरदार बधाई
इस गौरवमय क्षण पर पूरे भारत में ख़ुशी की लहर दौड़ गई है, खासकर उत्तर प्रदेश में, जहाँ शुभांशु शुक्ला का परिवार और शुभचिंतक इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने तुरंत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं और बधाई संदेश साझा किया। उन्होंने लिखा, "बधाई हो, Axiom-4 डॉकिंग पूरी हो गई! शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के प्रवेश द्वार पर खड़े हैं। 14 दिनों के महत्वपूर्ण प्रवास के लिए वे जल्द ही कदम रखेंगे, और पूरी दुनिया उत्साह और उम्मीद के साथ इस ऐतिहासिक क्षण को देख रही है।" उनकी यह प्रतिक्रिया इस मिशन के महत्व को दर्शाती है।


अंतरिक्ष में 'मेक इन इंडिया' रिसर्च: भारत के लिए 14 दिन बेहद अहम
  • ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में अगले 14 दिनों तक भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण वैज्ञानिक अनुसंधान करेंगे। उनके द्वारा किए जाने वाले कुछ प्रमुख प्रयोग इस प्रकार हैं:
  • शून्य गुरुत्वाकर्षण में मांसपेशियों का पुनर्जीवन अध्ययन: अंतरिक्ष के सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण वातावरण में मानव मांसपेशियों की संरचना और उनके पुनर्जीवन की क्षमता का गहन विश्लेषण।
  • अंतरिक्ष में मानव-कंप्यूटर अंतःक्रिया का अनूठा प्रयोग: अंतरिक्ष यात्रियों और कंप्यूटर प्रणालियों के बीच संपर्क और सहयोग को बेहतर बनाने के लिए नए तौर-तरीकों का विकास।
  • अंतरिक्ष में पौधों के जीवन का रहस्यमय अध्ययन: पृथ्वी से अलग वातावरण में पौधों के विकास, पोषण और जीवन चक्र से जुड़े रहस्यों की पड़ताल।
  • अंतरिक्ष में सूक्ष्म शैवाल की अद्भुत दुनिया: सूक्ष्म शैवाल की वृद्धि और अंतरिक्ष में उनके संभावित उपयोगों, जैसे भोजन उत्पादन और अपशिष्ट प्रबंधन, पर महत्वपूर्ण शोध।

 ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार सभी एस्ट्रोनॉट। 28.5 घंटे के बाद 26 जून को शाम 04:30 बजे ISS पहुंचेंगे।

यह महत्वाकांक्षी अनुसंधान कार्यक्रम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO), जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के बीच घनिष्ठ सहयोग का परिणाम है, जो वैश्विक वैज्ञानिक साझेदारी का एक शानदार उदाहरण प्रस्तुत करता है।

 स्पेस स्टेशन पहुंचने से पहले एग्जियम मिशन-4 के क्रू ने लाइव बातचीत की।

'टीम एक्सिओम-4' ने किया ISS में प्रवेश: अंतरिक्ष में नया इतिहास
एक्सिओम-4 मिशन के कमांडर अनुभवी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन, मिशन पायलट भारत के शुभांशु शुक्ला, और मिशन विशेषज्ञ हंगरी के टिबोर कापू और पोलैंड के स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की ने सफलतापूर्वक अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में प्रवेश कर लिया है। अंतरिक्ष स्टेशन के अंदर प्रवेश करते हुए क्रू का एक उत्साहपूर्ण वीडियो भी सामने आया है, जो उनके सफल और सुरक्षित आगमन का प्रमाण है। 

 28 घंटे के सफर के बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचा शुभांशु का स्पेसक्राफ्ट।

यह मिशन न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देगा, बल्कि अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती शक्ति और प्रतिभा का भी प्रदर्शन करेगा। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की यह उपलब्धि निश्चित रूप से उत्तराखंड और पूरे भारत के युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।

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