इंडियन Cryptocurrency एक्सचेंजों ने कर दिया खेल, खुद कमाया मोटा मुनाफा, बर्बाद हो गए लाखों निवेशक

जैसे ही Cryptocurrency पर बैन की खबर आई Wazirx, coindcx, coinswitch kuber, zebpay पर डिपॉजिट इशू शूरू कर दिया। जिसके चलते यूजर्स सस्ते रेट में कोई क्रिप्टो खरीद नहीं पा रहे थे

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indian crypto exchange
केंद्र सरकार निजी Cryptocurrency पर श‍िकंजा कसने की तैयारी कर रही है। मंगलवार को आई इस खबर के बाद से ही देश के एक्सचेंजों पर लोगों ने घबराहट में बिकवाली शुरू कर दी। इस पैनिक सेलिंग का भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज Wazirx, coindcx, coinswitch kuber, zebpay जैसे प्लेटफॉर्म (Indian Crypto Exchange) ने जमकर फायदा उठाया और अपने यूजर्स को कंगाल कर अपनी झोली भर ली। 

 

 

दरअसल जैसे ही क्रिप्टोकरेंसी पर बैन की खबर आई Wazirx, coindcx, coinswitch kuber, zebpay पर डिपॉजिट इशू शूरू कर दिया। जिसके चलते यूजर्स सस्ते रेट में कोई क्रिप्टो खरीद नहीं पा रहे थे, जबकि इस दौरान बिक्री धड़ल्ले से जारी रही। क्रिप्टोएक्सचेंज के इस खेल के चलते देश में सभी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत धड़ाम हो गई, जबकि इंटरनेशनल मार्केट में ऐसा नहीं था, Binance जैसे ग्लोबल एक्सचेंज पर सभी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत हरे निशान पर नजर आ रही थीं। यहां किसी तरह का कोई डंप नहीं आया।

 

दरअसल भारत में cryptocurrency exchanges को अधिकतर banks के साथ transaction की अनुमति नहीं है। जिस कारण WazirX, Coin DCX जैसे भारतीय एक्सचेंज P2P model पर क्रिप्टो का कारोबार करते हैं। P2P model में वे Banks से कोई transactions कर ही नहीं रहे हैं बल्कि एक person दुसरे person से साथ ही currency exchange कर सकता है। यह एक्सचेंज USDT के जरिये होता है। इसके लिए पहले ग्रहाक को क्रिप्टोएक्सचेंज पर USDT खरीदना पड़ता है।

 

TetherUs (USDT) क्या है

टीथर (USDT) अब तक की पहली स्थिर कॉइन है अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसका रेट डॉलर के बराबर ही रहता है। USDT को मूल रूप से 2014 में रियलकॉइन के रूप में जारी किया गया था। टीथर को बिटकॉइन निवेशक ब्रॉक पियर्स, उद्यमी रीव कॉलिन्स और सॉफ्टवेयर डेवलपर क्रेग सेलर्स द्वारा बनाया गया था। सबसे पहले, ओमनी लेयर नामक तकनीक के उपयोग के माध्यम से टीथर को बिटकॉइन प्रोटोकॉल के शीर्ष पर बनाया गया था, लेकिन बाद में इसे अन्य ब्लॉकचेन नेटवर्क में स्थानांतरित कर दिया गया। आज, USDT इथेरियम (ERC-20 टोकन के रूप में) और अन्य ब्लॉकचेन जैसे TRON, Algorand, सोलाना, EOS और OMG नेटवर्क पर भी उपलब्ध है।

 

भारतीय एक्सचेंज क्या खेल कर रहे हैं

भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज P2P model पर कारोबार करते हैं। इन एक्सचेंज का दावा होता है कि पीटूपी मॉडल में किसी तरह की प्रोसेसिंग फीस नहीं लगेगी, लेकिन इसके बावजूद ये एक्सचेंज इस ट्रांजेक्शन पर मोटा पैसा कमाते हैं। अंतराष्ट्रीय बाजार में जहां USDT की कीमत डॉलर की बराबर रहती है, लेकिन भारतीय क्रिप्टोएक्सचेंज पर USDT की कीमत हमेशा डॉल से 6 या 7 रुपये ज्यादा रहती है, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि भले ही दुनियाभर में सभी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें धड़ाम हो जाएं, लेकिन भारतीय एक्सचेंज पर यूएसडीटी कभी भी नहीं गिरता। अपने यूजर्स को चूना लगाने का भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज का यह पहला तरीका है।

 

भारतीय एक्सचेंज पर पहली बार USDT गिरा

अब आते हैं मंगलवार शाम जो इन भारतीय क्रिप्टोएक्सचेंज ने किया उस पर। दरअसल मंगलवार शाम जैसे ही भारत में क्रिप्टो की पैनिक सेलिंग शुरू हुई, देश में पहली बार भारतीय एक्सचेंज पर USDT का रेट गिर गया। यह पहली बार था जब देश में USDT गिरा था और 57 रुपये तक आ गया। क्रिप्टो मार्केट धड़ाम होने की असल वजह यही थी। इसके बाद भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज पर अचानक डिपॉजिट इशू आ गया, यानि यूजर्स डाउन क्रिप्टो मार्केट में क्रिप्टोकरेंसी की खरीदारी नहीं कर पा रहे थे, इसके उलट बिकवाली चालू रही, जिसमें बैन के डर से यूजर्स नुकसान सहकर भी सस्ते रेट में क्रिप्टो बेच दी।

 

कई घंटों तक लोग USDT खरीद नहीं पा रहे थे, ऐसे में लोगों ने सस्ते से सस्ते रेट में इसे बेचने में ही अपनी भलाई समझी। जिसके चलते निवेशकों को तो मोटा चूना लग गया, लेकिन भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंजों ने सस्ते रेट में ये टोकन खरीदकर खुद मोटा मुनाफा कमा लिया। निवेशकों का दिवाला निकालने के बाद अब USDT के रेट एक बार फिर भारतीय एक्सचेंज पर बढ़ने शुरू हो गए हैं। 

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