उत्तर प्रदेश में मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए नहीं लगाने होंगे चक्कर, मना किया तो अस्पताल पर होगी कार्रवाई, SDM के आदेश की जरूरत नहीं
अब उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए नगर निगम नहीं जाना पड़ेगा। यह सुविधा निजी अस्पतालों में ही मिलेगी। इसके लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
Mar 2, 2025, 16:44 IST
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उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अहम फैसला लिया है, जिसके मुताबिक अब निजी अस्पतालों में भी मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए जा सकेंगे। इस फैसले से मरीजों के परिजनों को निजी अस्पतालों में मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना आसान हो जाएगा। पहले यह सुविधा सिर्फ सरकारी अस्पतालों में ही थी। READ ALSO:-बुलंदशहर : वेलकम गर्ल से मैरिज होम में रेप की कोशिश, झाड़ियों में छिपकर वेलकम गर्ल ने बचाई अपनी जान
उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले से निजी अस्पतालों में मरीजों की सेवा बेहतर होगी और उनके परिजनों को भी सुविधा मिलेगी। उत्तर प्रदेश के कानपुर समेत प्रदेश के सभी निकायों में जन्म प्रमाण पत्र और मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर नई गाइडलाइन जारी की गई है। इसका पालन न करने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी।
बनवाना होगा जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र
नई गाइडलाइन के मुताबिक निजी अस्पतालों को जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर देने होंगे। अगर अस्पताल ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। निजी अस्पतालों को यह व्यवस्था लागू करने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया है।
नई गाइडलाइन के मुताबिक निजी अस्पतालों को जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर देने होंगे। अगर अस्पताल ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। निजी अस्पतालों को यह व्यवस्था लागू करने के लिए 31 मार्च तक का समय दिया गया है।
पुराने से बन सकेंगे नए प्रमाण पत्र
सरकार ने अब जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए नई व्यवस्था लागू की है। इस व्यवस्था के तहत पुराने से नया प्रमाण पत्र बनवाया जा सकेगा। यानी नगर निगम द्वारा जारी पुराना या हस्तलिखित प्रमाण पत्र उपलब्ध होने पर नया बनवाया जा सकेगा। इस प्रमाण पत्र के लिए आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसमें आपको एसडीएम के आदेश की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
सरकार ने अब जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए नई व्यवस्था लागू की है। इस व्यवस्था के तहत पुराने से नया प्रमाण पत्र बनवाया जा सकेगा। यानी नगर निगम द्वारा जारी पुराना या हस्तलिखित प्रमाण पत्र उपलब्ध होने पर नया बनवाया जा सकेगा। इस प्रमाण पत्र के लिए आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसमें आपको एसडीएम के आदेश की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
QR कोड से सत्यापन
इस नई व्यवस्था के तहत जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र पर भी क्यूआर कोड होगा। इसका सत्यापन भी इसी कोड से होगा। निदेशक एवं संयुक्त निबंधक शीतल वर्मा ने सभी निकायों को निर्देश दिए हैं। कहा है कि कोई भी अस्पताल इसमें लापरवाही न बरतें।
इस नई व्यवस्था के तहत जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र पर भी क्यूआर कोड होगा। इसका सत्यापन भी इसी कोड से होगा। निदेशक एवं संयुक्त निबंधक शीतल वर्मा ने सभी निकायों को निर्देश दिए हैं। कहा है कि कोई भी अस्पताल इसमें लापरवाही न बरतें।
फर्जी दस्तावेज बनाए तो कोई रहम नहीं होगा...
जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के मामले में पकड़े जाने पर एफआईआर भी दर्ज होगी। इसमें आईटी एक्ट की धारा 318, 319, 336, 337, 338 और 340 के तहत केस दर्ज हो सकता है।
जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के मामले में पकड़े जाने पर एफआईआर भी दर्ज होगी। इसमें आईटी एक्ट की धारा 318, 319, 336, 337, 338 और 340 के तहत केस दर्ज हो सकता है।
नहीं लगाने पड़ेंगे नगर निगम के चक्कर
कानपुर शहर में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्हें दफ्तरों के काफी चक्कर लगाने पड़ते हैं। इस नई प्रक्रिया के लागू होने से लोगों को राहत मिलेगी। उन्हें नगर निगम के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
कानपुर शहर में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्हें दफ्तरों के काफी चक्कर लगाने पड़ते हैं। इस नई प्रक्रिया के लागू होने से लोगों को राहत मिलेगी। उन्हें नगर निगम के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।
अस्पतालों पर कार्रवाई
नई व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए निजी अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी। अस्पतालों को पूरा रिकॉर्ड रखना होगा और स्टाफ की नियुक्ति भी करनी होगी। इतना ही नहीं, अस्पताल को सभी ऑफलाइन और ऑनलाइन रिकॉर्ड नगर निगम को जमा कराने होंगे। सभी अस्पतालों को इन नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
नई व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए निजी अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी। अस्पतालों को पूरा रिकॉर्ड रखना होगा और स्टाफ की नियुक्ति भी करनी होगी। इतना ही नहीं, अस्पताल को सभी ऑफलाइन और ऑनलाइन रिकॉर्ड नगर निगम को जमा कराने होंगे। सभी अस्पतालों को इन नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
