जिस दिन कश्मीर में काली बर्फ गिरेगी, थाम लूंगा भाजपा का दामन : गुलाम नबी आजाद

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वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद चार दशक लंबे संसदयी कार्यकाल के बाद राज्यसभा से रिटायर हो गए। इन चालीस सालों में 28 साल उन्होंने राज्यसभा में गुजारे। गुलाम नबी आजाद के विदाई भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी जमकर तारीफ की और उनकी आंख तक भर आईं। प्रधानमंत्री के साथ ही अन्य भाजपा नेताओं ने भी गुलाम नबी आजाद को सम्मान दिया।

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Senior Congress leader Ghulam Nabi Azad. Credit: PTI Photo

इसके बाद से ही चर्चाएं हैं कि आजाद भाजपा में शामिल हो सकते हैं या फिर मोदी सरकार उन्हें कोई बड़ा सरकारी पद दे सकती है। इन सभी आशंकाओं पर विराम लगाते हुए गुलाम नबी आजाद ने एक अंग्रेजी अखाबर को दिए इंटरव्यू में आजाद खुलकर अपनी बात रखी और कहा कि जिस दिन कश्मीर में काली बर्फ गिरने लगेगी उस दिन मैं भाजपा में शामिल हो जाऊंगा।

आजाद ने कहा, ''जिस दिन कश्मीर में काली बर्फ गिरने लगेगी उस दिन मैं भाजपा में शामिल हो जाऊंगा, सिर्फ बीजेपी ही क्यों ही, उसी दिन मैं कोई और पार्टी ज्वाइन करूंगा। जो लोग इस तरह की अफवाहें फैला रहा हैं वो शायग मेरे बारे में जानते नहीं है।

आजद ने बताया कि जब राजमाता सिंधिया विपक्ष की उप नेता थीं तब उन्होंने मेरे बारे में कुछ आरोप लगाया। मैंने उन्हें कहा कि, सलाह दे रहा हूं कि अटल बिहारी वाजपेयी, सिंधिया और एलके आडवाणी की सदस्यता वाली एक कमेटी गठित कर के 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट दें, कमेटी जो भी सजा देगी मुझे स्वीकार है। इस पर वाजपेयी सदन में आए और पूछा क्यों? मैंने उन्हें बाताया। वह उठे और कहा- मैं सदन और गुलाम नबी आजाद से माफी चाहता हूं, हो सकता है राजमाता सिंधिया उन्हें नहीं जानतीं, लेकिन मैं जानता हूं।''

टीवी डिबेट लड़ते थे मोदी और गुलाम नबी आजाद 
गुलाम नबी आजाद ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ अपने रिश्तों को लेकर कहा कि, हम दोनों एक-दूसरे को 90 के दशक से जानते हैं। हम दोनों महासचिव थे और हम विभिन्न विचारों का प्रतिनिधित्व करने वाली टीवी डिबेट में शामिल होते थे। हम डिबेट के दौरान एक-दूसरे से जमकर लड़ते थे, लेकिन जिस दिन हम लोग जल्दी पहुंच जाते थे, उस दिन एक साथ बैठकर चाय पीते थे और आपस में लंबी बातें किया करते थे। उसके बाद हम एक-दूसरे को मुख्यमंत्रियों के रूप में जाने थे। फिर प्रधानमंत्री की बैठकों में, गृह मंत्री की बैठकों में, तब वे मुख्यमंत्री  थे और मैं स्वास्थ्य मंत्री था और हम हर 10-15 दिन में अलग-अलग मुद्दों पर बोलते थे। इस तरह हमारी एक-दूसरे से पहचान और रिश्ते बेहद पुराने हैं। 

पीएम के रोने को लोग दिखावा कह सकते हैं, मैं नहीं : आजाद 
कांग्रेसी नेता शशि थरूर के प्रधानमंत्री मोदी के राज्यसभा में भावुक होने को लेकर दिखावे वाली परफॉर्मेंस बताए जाने पर गुलाम नबी ने कहा, बहुत से लोगों ने सोचा है कि प्रधानमंत्री दिखावा कर रहे हैं क्योंकि एक कांग्रेसी नेता जा रहा है, तो उन्हें परेशान होने की क्या जरूरत है। लेकिन उन्होंने मेरे लिए जो शब्द कहे वो उनकी भावना थी, जो राजनीति से अलग एक इंसान के तौर पर थी। उन्होंने कहा कि पीएम के रोने को लोग दिखावा कह सकते हैं, लेकिन मुझे ऐसा बिल्कुल नहीं लगता। 

दरअसल मीडिया में एक ओर गुलाम नबी आजाद को एनडीए की ओर से उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार/ राज्यसभा का चेयरमैन बनाने की बातें चल रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर कहा जा रहा है कि उन्हें किसी महत्वपूर्ण राज्य का गवर्नर बनाया जा सकता है।इसके साथ ही इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं बीजेपी उन्हें जम्मू कश्मीर में बड़ा रोल दे सकती हैं, जहां आने वाले कुछ समय में चुनाव भी होने वाले हैं।

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