पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन, 92 साल की उम्र में दिल्ली एम्स में ली आखिरी सांस;
देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का निधन हो गया है। उन्हें गुरुवार शाम दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। उन्होंने 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली।
Updated: Dec 26, 2024, 22:37 IST
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देश के पहले सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे, उन्होंने गुरुवार रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे पूर्व पीएम मनमोहन के निधन पर पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। सांस लेने में दिक्कत के बाद गुरुवार रात करीब 8 बजे उन्हें एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया। डॉक्टरों की एक टीम उनकी निगरानी कर रही थी, लेकिन कुछ ही देर बाद पूर्व प्रधानमंत्री के निधन की खबर ने सभी को चौंका दिया। READ ALSO:-मेरठ : UP रोडवेज का यात्रियों को तोहफा, जनरथ एसी बसों में किराए में 20% की छूट, जानिए अब किस रूट पर कितना होगा टिकट का दाम
मनमोहन सिंह को देश का पहला सिख प्रधानमंत्री कहा जाता था, उन्होंने 1991 में पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त मंत्री के रूप में शपथ लेकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी।
पाकिस्तान में हुआ जन्म
डॉ. मनमोहन सिंह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री हैं, जिन्होंने राजनीतिक और प्रशासनिक करियर में महत्वपूर्ण योगदान दिया। डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पाकिस्तान के गाह गांव में हुआ था। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से अर्थशास्त्र में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। उच्च शिक्षा के बाद वे अर्थशास्त्री के तौर पर संयुक्त राष्ट्र में शामिल हुए और फिर भारत लौटकर शिक्षा और प्रशासनिक सेवाओं में काम किया।
भारतीय रिजर्व बैंक में भी काम किया था
डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए और योजना आयोग, वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में काम किया। 1991 में जब भारत गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था, तब उन्हें वित्त मंत्री नियुक्त किया गया। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई ऐसे फैसले लिए, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली। उन्हें देश का सबसे बड़ा अर्थशास्त्री भी कहा जाता था।
डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए और योजना आयोग, वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं में काम किया। 1991 में जब भारत गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा था, तब उन्हें वित्त मंत्री नियुक्त किया गया। उन्होंने अपने कार्यकाल में कई ऐसे फैसले लिए, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली। उन्हें देश का सबसे बड़ा अर्थशास्त्री भी कहा जाता था।
इन फैसलों के लिए हमेशा याद किए जाएंगे
प्रधानमंत्री के तौर पर अपने 10 साल के कार्यकाल में डॉ. मनमोहन सिंह ने कई बड़े फैसले लिए, जिसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कई आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाया और भारत को वैश्विक निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य बनाया।
प्रधानमंत्री के तौर पर अपने 10 साल के कार्यकाल में डॉ. मनमोहन सिंह ने कई बड़े फैसले लिए, जिसके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने कई आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाया और भारत को वैश्विक निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य बनाया।
इसके अलावा उन्होंने अमेरिका के साथ असैन्य परमाणु सहयोग समझौता किया, जिससे भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिली। उनके कार्यकाल में भारतीय मध्यम वर्ग का विस्तार हुआ और सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग को बढ़ावा मिला।