कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बाद भी उत्तर प्रदेश सहित 5 राज्यों में नहीं टलेंगे चुनाव? आयोग का केंद्र को निर्देश- टीकाकरण में तेजी लाएं

चुनाव आयोग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों की सोमवार को बैठक हुई। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयोग को यूपी, पंजाब, उत्तराखंड समेत 5 चुनावी राज्यों में टीकाकरण की स्थिति से अवगत कराया। इस बैठक में चुनाव स्थगित करने या कराने पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है। 
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उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में 2022 के शुरुआती महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई जा रही है। हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी पीएम नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग से ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए चुनाव स्थगित करने की अपील की थी। उसके बाद आयोग ने कहा था कि हम इस पर अगले हफ्ते फैसला लेंगे। स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ बैठक के बाद चुनाव आयोग ने कोई जानकारी नहीं दी है, लेकिन माना जा रहा है कि चुनाव समय पर हो सकते हैं। Read Also:-गृह मंत्रालय ने जारी की नई एडवाइजरी, फिर लग सकता है लॉकडाउन, राज्यों से कहा, सख्ती दिखाएं

चुनावी राज्यों से मांगे गए ओमिक्रॉन और टीकाकरण के आंकड़े
चुनाव आयोग और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों की सोमवार को बैठक हुई। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने आयोग को उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड समेत 5 चुनावी राज्यों में टीकाकरण की स्थिति से अवगत कराया. बैठक के बाद आयोग ने केंद्र सरकार से चुनावी राज्यों में टीकाकरण तेज करने को कहा ताकि चुनाव तक ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना की वैक्सीन मिल सके. आयोग के इस आदेश से माना जा रहा है कि यूपी समेत सभी पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को टाला नहीं जाएगा। हालांकि जनवरी के पहले सप्ताह में एक बार फिर चुनाव आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच बैठक होगी। इस बैठक में चुनाव स्थगित करने या कराने पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है। Read Also:-दिल्ली: कोरोना विस्फोट, 24 घंटे में आये 331 नए मामले, एक संक्रमित की मौत; संक्रमण दर बढ़कर हुई 0.68%

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अजय भल्ला ने चुनाव आयोग को बताया कि किस राज्य में कितना टीकाकरण किया गया है। उत्तराखंड और गोवा में करीब 100 फीसदी वयस्कों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक मिलने वाली है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश में 85 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक मिल चुकी है। पंजाब और मणिपुर में यह दर 80 प्रतिशत है। चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय से उन राज्यों में गति बढ़ाने को कहा है जहां टीकाकरण कम है। आयोग के इस आदेश ने संकेत दिया है कि ओमिक्रॉन के कारण ये चुनाव स्थगित नहीं होंगे, समय पर होंगे।

रैलियों पर हो सकती है रोक, जनवरी में नोटिफिकेशन
सूत्रों के मुताबिक चुनाव आयोग अपने कार्यक्रम पर कायम रहना चाहता है। आयोग ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के चुनावी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों पर चर्चा की है। इन राज्यों में वैक्सीन कवरेज और ओमिक्रॉन मामलों के आंकड़े भी मांगे गए हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग कुछ सख्त कदम उठा सकता है। चुनाव से पहले राज्यों के हालात को समझने के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा. जनवरी में चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी हो सकती है।

 ओमिक्रॉन के बाद भी चुनाव टालना क्यों नहीं चाहता आयोग
दरअसल, चुनाव न होने पर यूपी समेत 5 राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ेगा. अगर ऐसा होता है तो पहले से हो चुके चुनाव की तैयारियां टाल दी जाएंगी। इसके बाद पांच राज्यों में नए सिरे से चुनाव की तैयारी करनी होगी। चुनाव आयोग इस बार चुनाव प्रचार और भीड़ प्रबंधन को लेकर सख्त ऐहतियाती कदम उठा सकता है। 

dr vinit

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