पर्यावरण प्रदूषण : दिल्ली एनसीआर में लगेगा लॉकडाउन!, पर्यावरणविद् ने कहा- यह हेल्थ इमरजेंसी, गंभीरता को समझना जरूरी

लगातार बिगड़ती हवा की सेहत को देखते हुए पर्यावरणविद् विमलेंदु झा ने इसे हेल्थ इमरजेंसी बताते हुए लॉकडाउन लगाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण में पराली जलाने का सबसे बड़ा योगदान है।

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Air Pollution Lockdown: मौसम में बदलाव, पराली जलाने और वायु प्रदूषण के अन्य कारकों के बढऩे की वजह से दिल्ली-एसीआर और मेरठ की आबोहवा को लेकर पर्यावरण विशेषज्ञ भी परेशान हैं। लगातार बिगड़ती हवा की सेहत को देखते हुए पर्यावरणविद् विमलेंदु झा ने इसे हेल्थ इमरजेंसी बताते हुए लॉकडाउन लगाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण में पराली जलाने का सबसे बड़ा योगदान है। विमलेंदु झा ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम नॉर्थ इंडिया में वायु प्रदूषण के गंभीर संकट को समझें।

 

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विमलेंदु झा ने कहा कि वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर समते आसपास के जिलों में स्कूलों को बंद करने के साथ ही वाहनों की आवाजाही नियंत्रित की जाए और लॉकडाउन लगाया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि शायद अगले हफ्ते के लिए निर्माण कार्याें पर भी रोक लगे। झा ने एक न्यूज एजेंसी से  बताया कि वायु प्रदूषण से हर साल 15 लाख लोगों की मौत होती है। वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोग जीवन के 9.5 साल खो देते हैं। वायु प्रदूषण के कारण हर तीसरे बच्चे को अस्थमा है। Read Also : मेरठ : रिटायर्ड इंस्पेक्टर से 1 करोड़ की रंगदारी मांगी, सीएम को ट्वीट कर कहा- कार्रवाई नहीं हुई तो कर लूंगा आत्मदाह

 

मेरठ की में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में

मेरठ की हवा रविवार को दिल्ली से भी ज्यादा जहरीली रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक एयर क्वालिटी इंडेक्स में मेरठ प्रदेश में चौथे स्थान पर रहा। मेरठ का AQI 438 दर्ज किया गया, जो बेहद खतरनाक है। वहीं, दिल्ली का AQI 437 रहा। प्रदेश में सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में गाजियाबाद (एक्यूआई 456) नंबर एक पर रहा, जबकि दूसरे नंबर पर नोएडा (449) रहा।

 

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बागपत और हापुड़ 445 एक्यूआइ के साथ प्रदेश का तीसरा सबसे ज्यादा प्रदूषित शहर बना। मुजफ्फरनगर का एक्यूआइ 328 दर्ज किया गया। फरीदाबाद में एक्यूआई 372, गुरुग्राम में 439 रहा। भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि पंजाब में 3,942, हरियाणा में 219 और उत्तर प्रदेश में 208 जगहों पर शनिवार को पराली जलाने के बाद वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है। Read Also: नौकरीशुदा पत्नी को कमाऊ गाय के रूप में नहीं देखा जा सकता : दिल्ली हाईकोर्ट

 

बता दें कि, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच एक्यूआई को 'गंभीर/खतरनाक' माना जाता है।

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