‘ये संतरे नहीं, ब्रेस्ट हैं…’,दिल्ली मेट्रो में लगे पोस्टर से मचा बवाल, लोगों ने उन पोस्टर्स को बताया अश्लील, DMRC ने की कार्रवाई
दिल्ली मेट्रो में लगे एक पोस्टर ने इतना बवाल मचा दिया कि DMRC को इस पर कार्रवाई करनी पड़ी। मेट्रो में ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए पोस्टर लगाए गए थे। लेकिन लोगों ने उन पोस्टरों को अश्लील बताया। डीएमआरसी जल्द ही इन पोस्टरों को हटाने की तैयारी कर रही है। आइए जानें क्या है पूरा मामला...
Oct 25, 2024, 12:00 IST
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दिल्ली मेट्रो अक्सर सुर्खियों में रहती है। कभी यहां कपल्स अश्लील हरकतें करते हैं, कभी लोग एक-दूसरे से लड़ते-झगड़ते नजर आते हैं तो कभी कुछ लोग अजीबोगरीब हरकतें करते हुए रील भी बनाते हैं। लेकिन इस बार कुछ ऐसा हुआ है जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। यहां मेट्रो में एक विज्ञापन लगाया गया, जिसने इतना बवाल मचा दिया कि डीएमआरसी को भी एक्शन लेना पड़ा। यह विज्ञापन ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता का था। YouWeCan Foundation ने ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता को लेकर दिल्ली मेट्रो में AI जनरेटेड विज्ञापन लगाया। READ ALSO:-उत्तर प्रदेश में घरेलू बिजली कनेक्शन के व्यावसायिक इस्तेमाल पर नहीं होगी एफआईआर, सिर्फ 5000 रुपये लगेगा जुर्माना
लेकिन विज्ञापन (Breast Cancer Awareness Advertisement) को ज्यादा क्रिएटिव बनाने के चक्कर में यह ऐसा हो गया कि लोगों को इस पर आपत्ति होने लगी. लोग इसे अश्लील कहने लगे। आलम यह है कि मेट्रो में सफर करने वाली लड़कियां और महिलाएं इस विज्ञापन को देखकर शर्म महसूस कर रही हैं। इस विज्ञापन को लेकर सोशल मीडिया पर भी खूब बवाल मचा हुआ है।
ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह को बढ़ावा देने के मकसद से चलाए गए इस अभियान की इसलिए आलोचना हुई क्योंकि इसमें ब्रेस्ट को संतरे बताया गया था। विज्ञापन में लिखा है- हर महीने अपने संतरे चेक करें। YouWeCan Foundation के विवादित पोस्टर में बस में संतरे पकड़े महिलाओं की AI जनरेटेड तस्वीरें हैं। आलोचकों का मानना है कि शरीर के अंगों को दर्शाने के लिए फलों का इस्तेमाल करना स्तन कैंसर की गंभीरता को कम करता है और इससे पीड़ित लोगों की गरिमा का अनादर करता है।
डीएमआरसी को टैग किया गया
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस विज्ञापन की तस्वीरें शेयर कीं। कई महिलाओं ने लिखा- इन्हें संतरे नहीं बल्कि स्तन कहिए। कई लोगों ने डीएमआरसी हैंडल को टैग करते हुए पूछा- ट्रेन में ऐसा विज्ञापन लगाने की इजाजत क्यों दी गई है? इसे तुरंत हटाने की मांग की गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक डीएमआरसी ने लोगों की आपत्तियों का संज्ञान लिया है। जल्द ही इन पोस्टरों को हटा दिया जाएगा।
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने इस विज्ञापन की तस्वीरें शेयर कीं। कई महिलाओं ने लिखा- इन्हें संतरे नहीं बल्कि स्तन कहिए। कई लोगों ने डीएमआरसी हैंडल को टैग करते हुए पूछा- ट्रेन में ऐसा विज्ञापन लगाने की इजाजत क्यों दी गई है? इसे तुरंत हटाने की मांग की गई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक डीएमआरसी ने लोगों की आपत्तियों का संज्ञान लिया है। जल्द ही इन पोस्टरों को हटा दिया जाएगा।
फाउंडेशन की ट्रस्टी ने क्या कहा
वहीं, टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, यूवीकैन फाउंडेशन की ट्रस्टी पूनम नंदा ने पोस्टर का बचाव करते हुए कहा कि उनकी संस्था ने 3 लाख महिलाओं को जागरूक किया है और 1.5 लाख की स्क्रीनिंग की है। उन्होंने कहा- अगर संतरे का इस्तेमाल करके लोग स्तन स्वास्थ्य के बारे में बात करते हैं और इससे एक भी जान बचती है, तो यह सार्थक है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में लोग स्तनों के बारे में खुलकर बात करने में असहज महसूस करते हैं।
वहीं, टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, यूवीकैन फाउंडेशन की ट्रस्टी पूनम नंदा ने पोस्टर का बचाव करते हुए कहा कि उनकी संस्था ने 3 लाख महिलाओं को जागरूक किया है और 1.5 लाख की स्क्रीनिंग की है। उन्होंने कहा- अगर संतरे का इस्तेमाल करके लोग स्तन स्वास्थ्य के बारे में बात करते हैं और इससे एक भी जान बचती है, तो यह सार्थक है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में लोग स्तनों के बारे में खुलकर बात करने में असहज महसूस करते हैं।
