उत्तराखंड में चीन की घुसपैठ: बॉर्डर पार कर 5 किमी अंदर घुसे 100 सैनिक, पुल व अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को किया क्षतिग्रस्त

चूंकि यह इलाका असैन्यीकृत क्षेत्र (जहां सैनिक नहीं होते हैं) है, ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में पीएलए सैनिकों की मौजूदगी सुरक्षा प्रतिष्ठानों के लिए चिंता की बात है।

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Chinese intrusion in Uttarakhand : भारत के खिलाफ चीन की एक और शर्मानाक हरकत सामने आई है। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि लद्दाख के बाद अब पिछले महीने चीन के सैनिकों ने उत्तराखंड की तरफ से भारतीय सीमा में घुसपैठ की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सेना पीएलए के करीब 100 सैनिकों ने उत्‍तराखंड के बाराहोती इलाके में करीब 5 किमी अंदर तक घुसपैठ को अंजाम दिया है। इस घुसपैठ के दौरान चीनी सैनिकों ने भारतीय इलाके में बने एक पुल और कुछ अन्‍य इन्फ्रस्ट्रक्चार को नष्‍ट कर दिया। पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की वापसी पर हो रही सकारात्मक प्रगति के बीच उत्तराखंड के इस इलाके में चीन के अतिक्रमण की कोशिश ने खतरे की घंटी बजा दी है।

 

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तुन जुन ला पास पारकर 55 घोड़े लेकर 100 से ज्यादा चीनी सैनिक घुसे
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक तुन जुन ला पास पारकर 55 घोड़े और 100 से ज्यादा सैनिक भारतीय क्षेत्र में 5 किमी से ज्यादा अंदर आ गए थे। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि चीन के सैनिक सेना के घोड़ों के साथ तुन जुन ला पास पार करके बाराहोती के करीब चारागाह पर आ गए थे। ऐसा माना जा रहा है कि चीनी सैनिकों का यह ग्रुप करीब तीन घंटे तक रहा। Read Also : दिनेश खटीक के मंत्री पद पर मेरठ भाजपा में घमासान, पार्टी के Ex MLA ने कहा BJP का यह आत्मघाती कदम कौरव सेना को ले डूबेगा
 

 

चूंकि यह इलाका असैन्यीकृत क्षेत्र (जहां सैनिक नहीं होते हैं) है, ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में पीएलए सैनिकों की मौजूदगी सुरक्षा प्रतिष्ठानों के लिए चिंता की बात है। सूत्रों ने बताया कि स्थानीय लोगों ने इस घुसपैठ की जानकारी दी जिसके बाद ITBP और सेना की टीम इसकी पुष्टि के लिए वहां फौरन पहुंच गई। हालांकि भारतीय गश्ती दल के पहुंचने से पहले चीनी सैनिक इलाका खालीकर लौट चुके थे।

 

रिपोर्ट में यह भी दावा है कि, चीनी सैनिकों ने इस घुसपैठ की लंबे समय से प्‍लानिंग कर रखी थी और पीएलए ने घटनास्‍थल से मात्र 70 किमी की दूरी पर अपना नया सैन्‍य ठिकाना बना लिया है। ओपन सोर्स इंटेलिजेंस अनैलिस्ट Detresfa की ओर से जारी सैटलाइट तस्वीरों साफ दिखाई दे रहा है कि चीनी सैन्‍य ठिकाना भारत से लगती वास्‍तविक नियंत्रण रेखा से मात्र 70 किमी दूर स्थित है। चीन ने नेपाल-भारत के ट्राइजंक्‍शन पर इस नए सैन्‍य ठिकाने को बनाया है। इसमें पीएलए सैनिकों के लिए नए बैरक भी शामिल हैं। चीन का यह नया सैन्‍य ठिकाना करीब 4 हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह सैन्‍य अड्डा तिब्‍बत के जांडा काउंटी में स्थित है। चीन ने वर्ष 2019 में इस इलाके में निर्माण कार्य शुरू किया था।

 

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पैंगोंग झील से 250 किमी दूर स्थित है पीएलए की यह पोस्‍ट
चीन ने भारत से लगते एलएसी पर अपनी ताकत बढ़ाने के लिए इस पीएलए पोस्‍ट का निर्माण किया है। अब यहां पर बड़े पैमाने पर चीनी सैनिक तैनात हैं। पीएलए के इस सैन्‍य अड्डे का सबसे नजदीकी एयरबेस नागरी गुंसा है और यह पैंगोंग झील से 250 किमी दूर स्थित है। पीएलए की यह पोस्‍ट 0.166 वर्ग किमी इलाके में स्थित है।

 

उत्‍तराखंड के बाराहोती इलाके में पहले भी चीन की ओर से घुसपैठ की जाती रही है। 1954 में यह पहला इलाका था, जहां चीन के सैनिकों ने घुसपैठ की थी और बाद में दूसरे इलाकों पर कब्जा करने की कोशिश हुई और फिर 1962 की जंग लड़ी गई थी। सितंबर 2018 में भी ऐसी खबर आई थी कि चीनी सैनिकों ने यहां 3 बार घुसपैठ की थी। हालांकि 30 अगस्त को हुई इस घटना में फेस-ऑफ की स्थिति पैदा नहीं हुई क्योंकि भारतीय सैनिकों के पहुंचने से पहले ही PLA सैनिक वापस हो चुके थे।

 




 

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