चंद्रयान 3 मिशन: लैंडर विक्रम चंद्रयान-3 ने लैंडिंग से ठीक पहले का वीडियो भेजा, दिखाया ऐसा अनोखा नजारा
Aug 24, 2023, 23:07 IST
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गुरुवार शाम चंद्रयान की लैंडिंग से ठीक पहले इसरो (ISRO) ने वीडियो जारी किया। ये वीडियो चंद्रयान-3 ने भेजा है। इसमें चांद का खूबसूरत नजारा दिखता है। 2 मिनट 17 सेकेंड के इस वीडियो में शुरुआत में चांद की सतह पर लहर जैसा नजारा दिखा, जैसे ही पास पहुंचा तो वहां गड्ढे नजर आए। READ ALSO:-UPI लाइट से भुगतान 200 रुपये की जगह 500 रुपये होगा, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया( RBI) ने जारी किया सर्कुलर
इससे पहले चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद छह पहियों वाला और 26 किलो का प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर चलना शुरू हुआ था। लैंडिंग के करीब 14 घंटे बाद गुरुवार सुबह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रोवर के बाहर निकलने की पुष्टि की। वहीं INSPACE के चेयरमैन पवन के गोयनका ने बुधवार देर रात रैंप से बाहर आते हुए प्रज्ञान रोवर की तस्वीर शेयर की।
इसरो ने कहा- रोवर प्रज्ञान की सभी गतिविधियां समय पर हो रही हैं। पूरी व्यवस्था सामान्य है. लैंडर मॉड्यूल पेलोड ILSA, RAMBHA और ChSTE चालू हो गए हैं। रोवर ने चलना शुरू कर दिया है.
Here is how the Lander Imager Camera captured the moon's image just prior to touchdown. pic.twitter.com/PseUAxAB6G
— ISRO (@isro) August 24, 2023
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को बेंगलुरु में इसरो वैज्ञानिकों से मुलाकात करेंगे और उन्हें चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर बधाई देंगे।
चंद्रमा की सतह पर पहुंचते ही रोवर ने सबसे पहले अपने सौर पैनल खोले। यह 1 सेमी/सेकंड की गति से चलता है और अपने परिवेश को स्कैन करने के लिए नेविगेशन कैमरों का उपयोग कर रहा है। अगले 12 दिनों में रोवर करीब आधा किलोमीटर की दूरी तय करेगा। इसमें दो पेलोड हैं जो पानी और अन्य कीमती धातुओं की खोज में मदद करेंगे।
रोवर अगले 12 दिनों के दौरान डेटा इकट्ठा करेगा और उसे लैंडर को भेजेगा। लैंडर इस डेटा को पृथ्वी तक पहुंचाएगा। चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर भी डेटा पहुंचाने में मदद करेगा। चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। चंद्रमा की सतह पर उतरने में इसे 41 दिन लगे। लैंडर बुधवार शाम 6:04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा।
चंद्रयान-3 के साथ कुल 6 पेलोड भेजे गए हैं
चंद्रयान-3 मिशन के तीन भाग हैं। प्रणोदन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर। इन पर कुछ 6 पेलोड हैं। चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल पर SHAPE नाम का पेलोड लगाया गया है। यह चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाकर पृथ्वी से आने वाले विकिरण की जांच कर रहा है। लैंडर पर तीन पेलोड हैं। रंभा, चैस्ट और इल्सा। प्रज्ञान पर दो पेलोड हैं।
चंद्रयान-3 मिशन के तीन भाग हैं। प्रणोदन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर। इन पर कुछ 6 पेलोड हैं। चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल पर SHAPE नाम का पेलोड लगाया गया है। यह चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाकर पृथ्वी से आने वाले विकिरण की जांच कर रहा है। लैंडर पर तीन पेलोड हैं। रंभा, चैस्ट और इल्सा। प्रज्ञान पर दो पेलोड हैं।
यह भारत का चंद्रमा पर तीसरा मिशन था, पहले मिशन में पानी की खोज की गई थी।
चंद्रयान-1 को 2008 में लॉन्च किया गया था। इसमें एक प्रोब की क्रैश लैंडिंग की गई थी जिसमें चंद्रमा पर पानी पाया गया था। फिर 2019 में चंद्रयान-2 चांद के करीब तो पहुंचा, लेकिन लैंड नहीं कर सका। 2023 में चंद्रयान-3 चंद्रमा पर उतरा। चंद्रयान-3 ने चांद पर सुरक्षित पहुंचने का संदेश भी दिया. बोले- 'मैं अपनी मंजिल तक पहुंच गया हूं।'
चंद्रयान-1 को 2008 में लॉन्च किया गया था। इसमें एक प्रोब की क्रैश लैंडिंग की गई थी जिसमें चंद्रमा पर पानी पाया गया था। फिर 2019 में चंद्रयान-2 चांद के करीब तो पहुंचा, लेकिन लैंड नहीं कर सका। 2023 में चंद्रयान-3 चंद्रमा पर उतरा। चंद्रयान-3 ने चांद पर सुरक्षित पहुंचने का संदेश भी दिया. बोले- 'मैं अपनी मंजिल तक पहुंच गया हूं।'
