पहलगाम हमले के बाद केंद्र का कड़ा रुख: सिंधु जल संधि स्थगित, अटारी बॉर्डर पोस्ट बंद, वीजा रद्द, दूतावास बंद; पाकिस्तानी अधिकारियों को देश छोड़ने का निर्देश

 प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में लिए गए अहम फैसले, आतंकवाद पर ज़ीरो टॉलरेंस का संदेश
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KENDR
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी, के बाद केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज प्रधानमंत्री आवास पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें इस आतंकी वारदात और उसके बाद की स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी इस महत्वपूर्ण बैठक का हिस्सा बने।READ ALSO:-उन्नाव में किया कार के यार्ड में भीषण आग, 110 नई गाड़ियाँ जलकर खाक; 14 करोड़ रुपये से ज़्यादा का नुकसान

सुरक्षा मामलों की कैबिनेट मीटिंग पीएम आवास पर हुई। ढाई घंटे चली। 

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बैठक के बाद लिए गए बड़े फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि CCS को पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया, जिसमें 25 भारतीय नागरिकों के साथ एक नेपाली नागरिक की भी मृत्यु हुई थी और कई अन्य घायल हुए थे। CCS ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। समिति ने आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की भावना की सराहना की।

CCS बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय:
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि CCS की बैठक में कई बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं, जिनका उद्देश्य आतंकवाद को समर्थन देने वाले तत्वों को कड़ा संदेश देना है। ये निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू होंगे:

 

  1. सिंधु जल संधि स्थगित: 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से तब तक के लिए स्थगित कर दिया जाएगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को मज़बूती से और अपरिवर्तनीय रूप से छोड़ नहीं देता।
  2. अटारी एकीकृत चेकपोस्ट बंद: एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। हालाँकि, जो लोग वैध अनुमति के साथ पहले ही सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस भारत आने की अनुमति होगी।
  3. पाकिस्तानी नागरिकों के लिए SAARC वीज़ा छूट समाप्त: पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीज़ा छूट योजना (SVES) के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अतीत में पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए किसी भी SVES वीज़ा को रद्द माना जाएगा। जो पाकिस्तानी नागरिक वर्तमान में SVES वीज़ा पर भारत में मौजूद हैं, उन्हें भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिया गया है।
  4. पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा सलाहकार अवांछित व्यक्ति घोषित: नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति (Persona Non Grata) घोषित कर दिया गया है। उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।
  5. इस्लामाबाद से भारतीय सलाहकार वापस बुलाए जाएंगे: भारत भी इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद अब अस्तित्व में नहीं माने जाएंगे।
  6. उच्चायोगों के कर्मचारियों की संख्या में कटौती: सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी दोनों उच्चायोगों से वापस बुलाया जाएगा। साथ ही, 01 मई 2025 तक दोनों उच्चायोगों में कुल कर्मचारियों की संख्या को वर्तमान 55 से घटाकर 30 कर दिया जाएगा।

 OMEGA

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहलगाम हमले के बाद अपनी सऊदी अरब की यात्रा बीच में ही रद्द कर वापस दिल्ली लौट आए थे। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मंगलवार शाम श्रीनगर पहुँचकर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी और बुधवार को दिल्ली लौटकर CCS की बैठक में हिस्सा लिया। ये फैसले दर्शाते हैं कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर बेहद सख्त है और सीमा पार से होने वाली किसी भी नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।
SONU

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