ITR भरने वालों के लिए बंपर ऑफर! सरकार ने दिया 'गोल्डन चांस', जानिए क्यों मिली 15 सितंबर तक की मोहलत?

 31 जुलाई की डेडलाइन खत्म, नए फॉर्म की उलझन दूर; अब सैलरी क्लास भी बिना टेंशन भरें रिटर्न
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ITR FILING
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने वाले करोड़ों करदाताओं के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है! केंद्र सरकार ने ITR फाइल करने की आखिरी तारीख को 31 जुलाई 2025 से सीधे 15 सितंबर 2025 तक बढ़ा दिया है। यह फैसला उन सभी टैक्सपेयर्स के लिए एक 'गोल्डन चांस' की तरह है, जो नए नियमों, सिस्टम की देरी या समय की कमी के कारण अभी तक अपना रिटर्न नहीं भर पाए थे। अब आपके पास अपना वित्त वर्ष 2024-25 का ITR आराम से भरने के लिए पूरे 46 अतिरिक्त दिन मिल गए हैं।READ ALSO:-फ्लिप का जलवा! Motorola लाया धांसू फोल्डेबल फोन, कीमत सुनकर चौंक जाएंगे!

 

क्यों मिली यह खास राहत? CBDT ने बताई वजह
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इस तारीख विस्तार के पीछे की प्रमुख वजहें स्पष्ट की हैं। दरअसल, इस बार के ITR फॉर्म में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिसके कारण करदाताओं और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स दोनों को ही इन्हें समझने और लागू करने में अधिक समय की आवश्यकता थी।

 ITR

मुख्य कारण ये रहे:
  • नए ITR फॉर्म में बड़े संरचनात्मक बदलाव: फॉर्म के डिज़ाइन और उसमें मांगी जाने वाली जानकारियों में अहम बदलाव किए गए हैं, जिनका उद्देश्य फाइलिंग प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और सटीक बनाना है।
  • कैपिटल गेन की जटिल रिपोर्टिंग: नए फॉर्म में कैपिटल गेन (पूंजीगत लाभ) को 23 जुलाई 2024 के पहले और बाद के हिसाब से अलग-अलग रिपोर्ट करने की नई व्यवस्था लागू की गई है, जो कुछ जटिल है।
  • शेयर बायबैक से हुए नुकसान: शेयर बायबैक से हुए नुकसान की रिपोर्टिंग के लिए भी नए नियम जोड़े गए हैं, जिससे टैक्सपेयर्स को अतिरिक्त जानकारी भरनी होगी।
  • सिस्टम अपग्रेड और टेस्टिंग में देरी: इन बदलावों को आयकर विभाग के ऑनलाइन पोर्टल पर लागू करने और उसकी सही ढंग से टेस्टिंग के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत थी, जिसमें कुछ देरी हुई।
  • TDS क्रेडिट की देर से उपलब्धता: TDS (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) क्रेडिट आमतौर पर जून की शुरुआत में ही उपलब्ध होते हैं, जिससे जुलाई में रिटर्न फाइल करना कई लोगों के लिए मुश्किल हो जाता।

 

इन सभी कारणों को देखते हुए, सरकार ने करदाताओं को राहत देने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे बिना किसी परेशानी के सही तरीके से रिटर्न फाइल कर सकें, यह महत्वपूर्ण फैसला लिया है।

 


सैलरी पाने वालों के लिए सबसे बड़ी 'खुशखबरी'
इस एक्सटेंशन का सबसे ज्यादा फायदा उन लाखों करदाताओं को होगा जिनकी ऑडिट की आवश्यकता नहीं होती, जैसे कि अधिकांश सैलरी पाने वाले कर्मचारी। अब उनके पास अपने वेतन विवरण, निवेश प्रूफ और अन्य आवश्यक दस्तावेज तैयार करके आराम से अपना ITR जमा करने के लिए पर्याप्त समय मिल गया है। यह उन लोगों के लिए एक बड़ी राहत है जो अक्सर अंतिम समय की हड़बड़ी में गलतियां कर बैठते हैं।

 


CBDT ने स्पष्ट किया है कि यह कदम करदाताओं की सुविधा और रिटर्न फाइलिंग की सटीकता बढ़ाने के लिए उठाया गया है। हालांकि, यह भी याद रखना होगा कि 15 सितंबर के बाद रिटर्न फाइल करने पर ₹5,000 तक का विलंब शुल्क लग सकता है।

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CBDT का कहना है कि इस विस्तार से करदाताओं और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स दोनों को फायदा होगा और वे आराम से नए फॉर्म के अनुसार रिटर्न फाइल कर पाएंगे। जल्द ही इस संबंध में एक औपचारिक अधिसूचना भी जारी की जाएगी। तो, अब बिना किसी चिंता के अपने दस्तावेजों को व्यवस्थित करें और समय रहते अपना ITR फाइल करें!
SONU

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