नहीं बैन होगा Bitcoin! सरकार ने सिर्फ Private Cryptocurrency पर रोक लगाने की बात कही, जानें क्या है अंतर

गौर करने वाली है, कि सरकार ने देश में Private Cryptocurrency को बैन करने की बात कही है, लेकिन bitcoin, litecoin, ethereum सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी हैं। 

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Cryptocurrency Bill Latest News : मोदी सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वो भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर देगी और वह खुद की एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी लाएगी। यह क्रिप्टोकरेंसी बिल संसद के इसी शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा, जोकि 29 नवंबर यानी अगले सोमवार से शुरू हो रहा है।

 

भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के लिए सरकार द्वारा संसद में एक विधेयक पेश करने की खबर के बाद क्रिप्टो बाजार धरशायी हो गया। 23 नवंबर को रात 11:15 बजे तक सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में लगभग 15 प्रतिशत या उससे अधिक की गिरावट देखी गई, वहीं घबराहट मे बढ़ी बिक्री की गतिविधियों के चलते भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज, वजीरएक्स को क्रैश कर दिया। Read Also : 2 करोड़ भारतीयों के लिए जरूरी खबर: 500 और 1000 के नोट के बाद अब ये करेंसी बैन करने जा रही मोदी सरकार!

 

हालांकि इस उठापटक के बीच सबसे बड़ी बात जो निकलकर सामने आ रही है वह यह है कि सरकार ने जो क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill) लाने की घोषणा की है उसमें प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की बात कही गई है। यह बात गौर करने वाली है, कि सरकार ने देश में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करने की बात कही है, लेकिन bitcoin, litecoin, ethereum सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि वो प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी कौन सी हैं जिन्हें सरकार बैन करने जा रही है।

 

इस खबर में हम आपको प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टोकरेंसी के बीच के अंतर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आपके मन का भ्रम काफी हद तक खत्म हो जाएगा। हालांकि इस दोनों के बीच में बेहद मामूली सा ही अंतर है, लेकिन यह मामूली सा अंतर ही इन प्राइवेट किप्टोकरेंसी के लिए भारत के रास्ते बंद करने जा रहा है। हालांकि इनके बीच का अंतर जानने से पहले यह जानना भी जरूरी है कि आखिरकार क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसका लेनदेन कैसे होता है।

 

क्रिप्टोकरेंसी है क्या? (Cryptocurrency in India)

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जिसका मूल्य तो होता है, लेकिन इसे न तो देखा जा सकता न छूआ जा सकता है। यह सिर्फ डिजिटल रूप में होता है जिससे ऑनलाइन ही लेन-देन किया जा सकता है। जिस तरह से देश की सरकारें निश्चित मूल्य के बदले मुद्रा या कागजी नोट या सिक्के जारी करती है, उस तरह की यह बिल्कुल भी मुद्रा नहीं है।

 

डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती हैं इसलिए इन्हें क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं। इसका लेन-देन खाता-बही द्वारा प्रबंधित होता है जो इसकी पारदर्शिता को सुनिश्चि करती है। यह सब इनक्रिप्टेड होती है, शुरुआत में इसके वैल्यू को लेकर काफी आशंकाएं थीं। एक समय ऐसा था जब 10 हजार बिटकॉइन से सिर्फ दो पिज्जे खरीदे जा सके थे, लेकिन आज यह सबसे महंगा टोकन मनी है। Read Also : Maruti Suzuki, Tata और Mahindra की SUV पर मिल रहा अच्छा डिस्काउंट, यहां देखें पूरी डिटेल

 

ब्लॉकचेन क्या है (What is Blockchain)

ब्लॉकचेन एक टेक्नोलॉजी, एक प्लेटफॉर्म हैं जहां ना सिर्फ डिजिटल करेंसी बल्की किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है। यानी ब्लॉकचैन एक ऐसी डिजिटल फाइल है जिसे संशोधित नहीं किया जा सकता, यहां डेटा के रिकॉर्ड के लिए कोई सेंट्रल अथॉरिटी भी नहीं है, यह स्वतंत्र रूप से काम करता है। यहां डेटा वितरण के लिए पीयर-टू-पीयर टेक्नोलॉजी (कड़ी से कड़ी मिलाने) का उपयोग होता है। यह नेटवर्क पर हो रहे हर लेन-देन का हिसाब रखता है। कई क्रिप्टो के लेनदेन का रिकॉर्ड भी इसी ब्लॉकचेन के जरिये ही रखा जाता है।

 

क्रिप्टोकरेंसी के लिए ब्लॉकचेन का इस्तेमाल (Cryptocurrency Blockchain)

अब, ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित सभी क्रिप्टोकरेंसी कुछ हद तक गोपनीय होती हैं, हालांकि पूर्ण गोपनीयता नहीं। इसके लेन-देन और पते की जानकारी लगाई जा सकती है। नैस्डैक के अनुसार, जो भी ट्रांजैक्शन ब्लॉकचेन होता है, वो चेन में जुड़े हर कंप्यूटर पर दिखाई देता है। इसका मतलब है कि ब्लॉकचेन में कहीं भी कोई ट्रांजैक्शन होता है, तो उसका रिकॉर्ड पूरे नेटवर्क पर दर्ज हो जाएगा। 

 

उदाहरण के तौर पर जैसे ही ब्लॉकचेन में एक नया ब्लॉक किसी ने जोड़ा तो इसकी जानकारी उन सभी लोगों को जाती है जो ब्लॉकचेन सिस्टम से कनेक्टेड हैं, हालांकि इन जानकारियों में ये किसी की पर्सनल डीटेल्स या लोकेशन कतई शेयर नहीं की जाती हैं।

 

पब्लिक और प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी में अंतर (what is Private Cryptocurrency)

ब्लॉकचेन की वजह से bitcoin, litecoin, ethereum, Shiba INU, Dogecoin ऐसी क्रिप्टोकरेंसी है जो पूरी तरह से डीसेंट्रलाइज्ड है और इसका कंट्रोल किसी एक के हाथ में नहीं है। जबकि जब हम UPI के जरिए ट्रांजैक्शन करते हैं तो इसका पूरा कंट्रोल बैंक के पास होता है. यहां तक की आपके पैसे के भी कंट्रोल बैंक और सरकार के पास होता है। जबकि Monero, Zcash and Dash का कोई रिकॉर्ड किसी के पास नहीं है, ये ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम नही करतीं। 

 

वित्तमंत्रालय ने भी तय किया था अंतर

दरअसल 2019 की एक रिपोर्ट में, 'वर्चुअल करेंसी के संबंध में की जाने वाली विशिष्ट कार्रवाइयों का प्रस्ताव करने के लिए समिति की रिपोर्ट में वित्त मंत्रालय ने पब्लिक और प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के बीच अंतर तय किया था।
  • डिस्ट्रीब्यूटेड लेज़र अपने संबंधित इलेक्ट्रॉनिक लेज़रों में लेनदेन को रिकॉर्ड करने, साझा करने और सिंक्रनाइज़ करने के लिए स्वतंत्र कंप्यूटर (नोड्स के रूप में संदर्भित) का उपयोग करते हैं।
  • यह पारंपरिक लेज़र की तरह डेटा को केंद्रीकृत रखने की आवश्यकता को समाप्त करता है। डिस्ट्रीब्यूटेड लेज़र विभिन्न पार्टियों में डेटा के साझा रिकॉर्ड होते हैं।
  • पब्लिक और प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति या बिना अनुमति के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि क्या नेटवर्क प्रतिभागियों को नोड्स के रूप में संदर्भित किया जाता है, जिन्हें लेज़र में परिवर्तन करने के लिए किसी इकाई से अनुमति की आवश्यकता होती है।
  • वितरित लेज़रों को सार्वजनिक या निजी के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि क्या लेज़रों को किसी के द्वारा या केवल नेटवर्क में भाग लेने वाली संस्थाओं द्वारा एक्सेस किया जा सकता है।

 

सरकार का क्या मतलब है?

हालाँकि, सरकार द्वारा 'निजी क्रिप्टोकरेंसी' शब्द का उपयोग स्पष्ट नहीं है। सरकार ने यह साफ नहीं किया है कि क्या सरकार की नजर में सभी क्रिप्टोकरेंसी निजी हैं क्योंकि इसे सरकार द्वारा जारी नहीं किया गया है।, या फिर सिर्फ वे क्रिप्टोकरेंसी निजी क्रिप्टोकरेंसी की श्रेणी में आती हैं जिनका रिकॉर्ड किसी के पास नहीं रहता है। वहीं तकनीकी अर्थों में 'निजी क्रिप्टोकरेंसी' जैसा कोई शब्द मौजूद नहीं है।

 

2019 की वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में भी कहा गया था कि क्रिप्टोकरेंसी गैर-संप्रभु द्वारा बनाई गई है और इसलिए निजी उद्यम हैं। इसने कहा कि इन निजी क्रिप्टोकरेंसी का कोई अंतर्निहित आंतरिक मूल्य नहीं है। "इन निजी क्रिप्टोकरेंसी का कोई निश्चित नाममात्र मूल्य नहीं है यानी न तो मूल्य के किसी भी स्टोर के रूप में कार्य करते हैं और न ही वे विनिमय का माध्यम हैं। सरकार ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी ने अपनी कीमतों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव का प्रदर्शन किया है। इसलिए, समिति का स्पष्ट विचार है कि निजी क्रिप्टोकरेंसी की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। ये क्रिप्टोकरेंसी किसी मुद्रा के उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर सकती हैं। निजी क्रिप्टोकरेंसी पैसे/मुद्रा के आवश्यक कार्यों के साथ असंगत हैं, इसलिए निजी क्रिप्टोकरेंसी फिएट मुद्राओं को प्रतिस्थापित नहीं कर सकती हैं।

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