राजस्थान में अब एक नए संकट ने दस्तक दे दी है। बीते एक सप्ताह से प्रदेशभर में जारी काैओं की माैताें का सिलसिला जारी रहा। शुक्रवार को बारां के माथना और सारथल में भी 49 काैओं की माैत के बाद दरा रेंज के गेट के पास भी दो कौए मृत मिले। अब तक झालावाड़ में 100, कोटा में 47, बारां में 72, पाली में 19 और जयपुर के जलमहल पर 10 कौए सहित प्रदेश भर में 245 कौओं की मौत हो चुकी है
राजस्थान और मध्यप्रदेश के बाद अब हिमाचल में 1000 से अधिक पक्षियों की मौत हो गई है। चिंता की बात यह है कि यह अब और तेज गति से फैलने लगा है।मृत परिंदों के सैंपल लेकर मध्यप्रदेश के भोपाल की एक प्रयोगशाला में भेजे गए हैं।

झालावाड़ में काैओं के अलावा एक काेयल की भी मौत हुई। अन्य पक्षियाें की अभी तक माैत के मामले सामने नहीं आए हैं। माथना में 1-1 किंगफिशर व मेगपाई चिड़िया भी मृत मिली है। यानी अब तक प्रदेशभर में एक सप्ताह के भीतर 295 कौओं की मौत हो चुकी है। इस नए संकट को देखते हुए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने प्रदेश में बर्ड फ्लू का अलर्ट जारी कर दिया है।
इसके अलावा वन्यजीव विभाग से लेकर टाइगर रिजर्व एरिया में एवियन इन्फ्लूंजा यानी बर्ड फ्लू के संक्रमण की राेकथाम के संबंध में एडवाइजरी जारी की है। पनवाड़ क्षेत्र में 4 दिन पहले 60 मुर्गाें के मरने की भी सूचना मिली। इस पर पशुपालन विभाग की टीम ने पनवाड़ पहुंचकर मुर्गाें के सैंपल लिए हैं।
इंदौर में भी बर्ड फ्लू वायरस मिला, 30 कौओं की मौत, विभाग अलर्ट
इंदौर के डेली कॉलेज परिसर में 30 कौओं की मौत और उसमें दो की जांच में बर्ड फ्लू का वायरस मिला है। जांच रिपोर्ट आते ही स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। इंदौर में अब तक कोरोना मरीजों की निगरानी और सैंपलिंग कर रहे स्वास्थ्य विभाग ने बर्ड फ्लू वायरस की जांच भी शुरू कर दी है। क्षेत्र में 5 किमी के दायरे में सर्दी-खांसी वाले मरीज ढूंढ़े जा रहे हैं। सर्विलांस के लिए अलग-अलग दल बनाए हैं। मेडिकल ऑफिसर के साथ हर दल में सुपरवाइजर, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को शामिल किया है।
नागौर में 52 मोर सहित 66 पक्षी मृत मिले, वजह-जहरीला पदार्थ
नागौर के मकराना उपखंड के ग्राम कालवा बड़ा में शुक्रवार को 52 मोर सहित कुल 66 पक्षी मृत पाए गए हैं। 50 मोरों का इलाज चल रहा है। चिकित्सा विभाग की टीम के अनुसार, काेई जहरीला पदार्थ खाने से इनकी मौत हुई। हालांकि, मौत की सही वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगी। डीडवाना रेंजर अर्जुन राम कड़वा ने बताया कि कालवा बड़ा में 52 मोर, 1 कौआ, 5 कबूतर, 6 कमेडी तथा 2 गुरसलि मृत मिली हैं। कुछ पक्षियों का इलाज चल रहा है। लेकिन मौतों की संख्या बढ़ सकती है।
खतरा इसलिए बड़ा; एक्सपर्ट-इंसानों में भी फैल सकता है वायरस
पशु चिकित्सक डॉ. टीए बंसोड़ ने बताया कि एवियन इन्फ्लूएंजा एक तरह से बर्ड फ्लू होता है। यह वायरस जनित बीमारी है, जो एक पक्षी से दूसरे पक्षी तक तेजी से फैलती है। इससे अधिकांश पक्षियों की मौत होती है। पक्षियों से यह बीमारी मनुष्यों में भी फैल सकती है। इसलिए इसमें एवियन इन्फ्लूएंजा एक्शन प्लान-2015 के तहत ही कार्रवाई की जाती है। एवियन इन्फ्लूएंजा एक संक्रामक बीमारी है, जो पालतू और जंगली पक्षियों की कई प्रजातियों को प्रभावित करती है।
सामान्य रूप से यह संक्रमण पक्षियों में पाया जाता है, लेकिन कभी-कभी यह इंसानों समेत अन्य कई स्तनधारियों को भी इनफेक्टेड कर सकता है। जब यह इंसान को संक्रमित करता है, तो इसे इन्फ्लूएंजा (श्लेष्मिक ज्वर) कहा जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कौवा सबसे चतुर पक्षी है। यदि कुछ कौवों की विषाक्त पदार्थ खाने से मौत हुई होती तो अन्य कौवे उस भोजन की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखते। ऐसे में मौत का सबसे बड़ा कारण बीमारी ही है।
