अलर्ट! देश में फिर बढ़ रहा कोरोना का खतरा, 2390 एक्टिव केस, 4 नए वैरिएंट की एंट्री; जानें बचाव के उपाय

केरल-महाराष्ट्र हॉटस्पॉट: देश के 60% एक्टिव केस इन्हीं दो राज्यों में, चिंता बढ़ा रहा संक्रमण।
मौतों का आंकड़ा बढ़ा: 16 लोगों ने गंवाई जान, कर्नाटक में तीसरी मौत; नवजात भी संक्रमित।
मिजोरम में 7 माह बाद कोविड की दस्तक: स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से की सतर्क रहने की अपील।
वैज्ञानिकों की नई चेतावनी: भारत में मिले 4 नए कोविड वैरिएंट, JN.1 सबसे आम और इम्युनिटी पर असरदार।
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CORONA
भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, जिसने देशव्यापी चिंता बढ़ा दी है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, देशभर में सक्रिय केसों की संख्या 2390 तक पहुंच गई है। संक्रमण की इस नई लहर में केरल और महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य बनकर उभरे हैं, जहां देश के कुल सक्रिय मामलों का लगभग 60% हिस्सा केंद्रित है।Read also:-मेरठ: कवि कुमार विश्वास के भाई को 'जान से मारने की धमकी', प्रोफेसर विकास शर्मा को 22 मिनट में मिले 22 मैसेज!

 

केरल और महाराष्ट्र: संक्रमण के नए गढ़
केरल में वर्तमान में सबसे अधिक 727 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं, जो इसे देश में कोविड-19 का प्रमुख हॉटस्पॉट बना रहा है। वहीं, महाराष्ट्र भी पीछे नहीं है, जहां 681 मरीज सक्रिय हैं। शुक्रवार को महाराष्ट्र में 84 नए मामले सामने आए, जो राज्य में संक्रमण के बढ़ते प्रसार को रेखांकित करता है। मुंबई में जनवरी 2025 से अब तक कुल 681 केस मिले हैं, और राज्य में अब तक 9592 कोविड-19 टेस्ट किए जा चुके हैं।

 COVID

बढ़ती मौतें और चिंताजनक मामले
इस बीच, कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है, जिससे कुल मृतक संख्या 16 तक पहुंच गई है। कर्नाटक के मैसूर में शुक्रवार को 63 साल के एक बुजुर्ग की दुखद मौत हुई, जो राज्य में कोरोना से तीसरी मौत है। इसके अतिरिक्त, महाराष्ट्र, केरल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में कुल 13 मरीजों ने अपनी जान गंवाई है।

 

संक्रमण की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गुजरात के अहमदाबाद में शुक्रवार को एक दिन के नवजात शिशु की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिसे आईसीयू में गहन निगरानी में रखा गया है। पिछले सप्ताह बच्चे की मां भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी, हालांकि अब उनकी रिपोर्ट निगेटिव है।

 

पूर्वोत्तर में कोविड की वापसी
देश के पूर्वोत्तर राज्यों में भी कोविड-19 की वापसी हुई है। मेघालय में 7 महीने बाद कोविड के 2 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, मिजोरम में भी 7 महीने बाद कोविड का पहला केस मिला है, जहां 2 लोगों में कोविड-19 की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मिजोरम में कोविड-19 का आखिरी मामला अक्टूबर 2024 में सामने आया था, उस दौरान राज्य में 73 लोग वायरस से संक्रमित हुए थे। मरीजों का इलाज आइजोल के पास फल्कोन में जोरम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (ZMCH) में चल रहा है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के इंटीग्रेटेड रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) ने लोगों से न घबराने की अपील करते हुए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने, नियमित रूप से हाथ धोने, हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करने और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में न जाने की सलाह दी है।

 

जम्मू-कश्मीर में भी गुरुवार को कोविड-19 के दो मामले सामने आए थे। ये दोनों मरीज केरल के रहने वाले हैं और श्रीनगर के गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं।

 

भारत में 4 नए कोविड वैरिएंट की पहचान
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं। डॉ. बहल ने स्पष्ट किया है कि ये मामले बहुत गंभीर नहीं हैं और लोगों को अत्यधिक चिंता करने की बजाय सतर्क रहना चाहिए

 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इन वैरिएंट्स को "चिंताजनक" की श्रेणी में नहीं रखा है, बल्कि उन्हें "निगरानी में रखे गए वैरिएंट" के रूप में वर्गीकृत किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में भी यही वैरिएंट दिख रहे हैं।

 

  • NB.1.8.1 वैरिएंट के म्यूटेशन, जैसे A435S, V445H, और T478I, अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। चिंताजनक बात यह है कि इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।
  •  भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है, टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।

 

JN.1: इम्यूनिटी कमजोर करने वाला 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट'
JN.1, ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है, जिसे पहली बार अगस्त 2023 में देखा गया था। दिसंबर 2023 में WHO ने इसे 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया। इसमें लगभग 30 म्यूटेशन्स हैं, जो मानव शरीर की इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं।

 

अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, JN.1 अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन इसकी गंभीरता उतनी अधिक नहीं है। यह दुनिया के कई हिस्सों में सबसे आम वैरिएंट बना हुआ है। JN.1 वैरिएंट के लक्षण कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक रह सकते हैं। यदि आपके लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं, तो यह लंबे समय तक रहने वाला कोविड (लॉन्ग कोविड) हो सकता है, एक ऐसी स्थिति जिसमें COVID-19 के कुछ लक्षण ठीक होने के बाद भी बने रहते हैं।

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क्या करें?
महामारी विशेषज्ञों ने लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की सलाह दी है:

 

  • नियमित रूप से हाथ धोएं या हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।
  • मास्क का उपयोग करें, खासकर भीड़-भाड़ वाले इलाकों में।
  • सामाजिक दूरी बनाए रखें।
  • यदि लक्षण महसूस हों तो तुरंत जांच कराएं और खुद को आइसोलेट करें।

 

सतर्कता और सावधानी ही इस वायरस के प्रसार को रोकने और अपने तथा अपने प्रियजनों को सुरक्षित रखने का एकमात्र तरीका है।
SONU

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