अलर्ट! भारत में फिर तेज़ हुई कोरोना की चाल: मास्क-सोशल डिस्टेंसिंग की वापसी, 1000 से ज़्यादा एक्टिव केस!
दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र में उछाल, पर घबराएं नहीं! एक्सपर्ट्स बोले- 'वायरस उतना खतरनाक नहीं, बस सतर्कता है ज़रूरी'
Updated: May 26, 2025, 19:10 IST
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देश में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में तेजी देखी जा रही है, जिसके बाद स्वास्थ्य महकमे ने कमर कस ली है। अस्पतालों से लेकर कॉर्पोरेट दफ्तरों तक में मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग बरतने की सलाह फिर से जारी कर दी गई है। दिल्ली, केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में वायरस के मामलों में अचानक से उछाल आया है, जिससे लोगों में फिर से कोरोना को लेकर चिंता बढ़ गई है।READ ALSO:-साइबर फ्रॉड के खिलाफ Airtel का 'महागठबंधन': Jio और Vi से मांगी मदद, 11,000 करोड़ की ठगी पर लगाम लगाने का प्लान
बढ़ते आंकड़े, पर स्थिति कितनी गंभीर? आंकड़ों पर गौर करें तो भारत में कोविड के सक्रिय केसों की संख्या 1,000 के पार चली गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञ लगातार लोगों को मास्क पहनने और सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या इस बार कोरोना फिर से एक बड़ा खतरा बन रहा है? हमने इस बारे में विशेषज्ञों से बात की।
क्या इस बार का कोरोना खतरनाक है? दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में मेडिसिन विभाग के एचओडी, प्रोफेसर डॉ. सुभाष गिरी ने बताया कि मामले बढ़ ज़रूर रहे हैं, लेकिन इसका एक बड़ा कारण मौसमी फ्लू भी है। वे कहते हैं, "इस मौसम में फ्लू के केस सामने आते हैं। फ्लू के लक्षण वाले जिन लोगों की कोविड जांच की जा रही है, उनमें कुछ लोग पॉजिटिव मिल रहे हैं, जिससे केस बढ़ रहे हैं।" डॉ. गिरी ने यह भी बताया कि वायरस ने खुद में कुछ बदलाव किए हैं और अब इसके दो नए सब-वेरिएंट JN.1 और NB.1.8.1 सामने आए हैं, जिनसे लोग संक्रमित हो रहे हैं।
हालांकि, डॉ. सुभाष का स्पष्ट कहना है कि "कोविड के मामलों में इजाफा भले ही हो रहा है, लेकिन अब ये वायरस पहले जितना खतरनाक नहीं है। इसके लक्षण सामान्य खांसी, जुकाम जैसे ही हैं, लेकिन लापरवाही से बचना ज़रूरी है।"
मौतों पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ? महामारी विशेषज्ञ डॉ. जुगल किशोर ने कोविड से होने वाली मौतों पर भी स्पष्टीकरण दिया। वे बताते हैं कि अस्पतालों में कई ऐसे मरीज होते हैं जो पहले से ही गंभीर बीमारियों से जूझ रहे होते हैं। कुछ मामलों में ये मरीज कोविड पॉजिटिव भी हो जाते हैं। ऐसे में अगर इनकी मौत पुरानी बीमारी से होती है तो भी गिनती कोविड मौत में मानी जाती है, "लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता है कि इनकी डेथ कोरोना से हुई है। मौत का कारण पुरानी बीमारी होती है।" डॉ. किशोर कहते हैं कि ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन फिलहाल जरूरी है कि कोरोना के नए वेरिएंट्स और इसके लक्षणों पर नजर रखी जाए।
बचाव के लिए क्या करें?
डॉ. सुभाष गिरी बचाव के कुछ महत्वपूर्ण उपाय सुझाते हैं:
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जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखने की जरूरत है।
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ये लोग मास्क लगाकर बाहर जाएं और भीड़ वाले इलाकों से बचें।
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अगर घर में किसी को फ्लू के लक्षण हैं तो उसके संपर्क में न आएं।
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कोविड के लक्षण दिखने पर जांच जरूर कराएं।
संक्षेप में, विशेषज्ञ मानते हैं कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सभी को सावधानी और सतर्कता बरतनी चाहिए।
