अहमदाबाद प्लेन क्रैश: 241 जिंदगियों का अंत, पिता को अंतिम विदाई देने आया बेटा नहीं रहा; आखिरी सेल्फी बनी याद; ये दर्दनाक कहानियाँ
अहमदाबाद में एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर क्रैश ने उजाड़ दिए सैकड़ों परिवार। डॉक्टर बनने का सपना, पति से मिलने की चाहत, और घर लौटने की ख़ुशी... सब कुछ एक झटके में आग के गोलों में तब्दील हो गया।
Updated: Jun 13, 2025, 12:35 IST
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गुरुवार दोपहर अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से भीषण त्रासदी हुई। विमान में सवार 242 लोगों में से केवल एक यात्री जिंदा बचा है। मरने वालों में 169 भारतीय, 52 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक शामिल थे। इस दुखद हादसे ने कई परिवारों को तबाह कर दिया। यहाँ कुछ ऐसी ही मार्मिक कहानियाँ हैं जो इस त्रासदी की भयावहता को बयाँ करती हैं:READ ALSO:-मेरठ की मोनी को ई-रिक्शा चालक ने बनाया हैवानियत का शिकार — खंडहर में मिली न्यूड लाश की हुई शिनाख्त
1. डॉक्टर दंपती और तीन बच्चों का परिवार खत्म
बाँसवाड़ा के डॉ. कोमी व्यास और डॉ. प्रतीक जोशी अपने तीन बच्चों प्रद्युत, मिराया और नकुल के साथ लंदन जा रहे थे। डॉ. कोमी ने एक महीने पहले ही उदयपुर की नौकरी छोड़ी थी ताकि वे पति के साथ लंदन में नई जिंदगी शुरू कर सकें। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए परिवार ने लंदन जाने का फैसला किया था, लेकिन विमान हादसे ने उनके सपनों को हमेशा के लिए तोड़ दिया। परिवार की हादसे से ठीक पहले की एक सेल्फी भी सामने आई है, जो उनके अंतिम पलों की खुशियों को दर्शाती है।
2. चार महीने पहले हुई थी शादी, पति से मिलने जा रही थी खुशबू
राजस्थान के बालोतरा की रहने वाली खुशबू कंवर अपने पति से मिलने लंदन जा रही थीं, जो वहाँ डॉक्टर हैं। खुशबू की शादी सिर्फ चार महीने पहले 18 जनवरी को हुई थी। घर से एयरपोर्ट के लिए रवाना होते वक्त उनका एक भावुक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह अपने माता-पिता, भाई-बहनों और रिश्तेदारों से गले मिलती और हाथ जोड़कर विदा लेती दिख रही हैं। यह वीडियो अब उनकी अंतिम विदाई का दर्दनाक स्मारक बन गया है।
3. लंदन घूमने का सपना अधूरा रह गया
उदयपुर के मार्बल व्यवसायी संजीव मोदी के बेटे शुभ और बेटी शगुन भी इस दुर्भाग्यपूर्ण उड़ान में सवार थे। दोनों भाई-बहन MBA करने के बाद अपने पिता का व्यवसाय संभाल रहे थे और लंदन घूमने जा रहे थे। हादसे की खबर मिलते ही संजीव मोदी तुरंत अहमदाबाद के लिए रवाना हो गए।
4. बिज़नेसमैन अभिनव: परिवार को भारत लाने की थी ख्वाहिश
बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ के पूर्व विधायक किशना राम नाई के नाती अभिनव परिहार की भी इस प्लेन क्रैश में मौत हो गई। वे लंदन में बिज़नेस करते थे और पाँच दिन पहले ही अहमदाबाद में ट्रेडिंग का ऑफिस खोलकर यहीं शिफ्ट हो रहे थे। वह लंदन से अपनी पत्नी श्वेता और बेटे विहान को भारत लाने जा रहे थे ताकि वे स्थायी रूप से अपने देश में रह सकें, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
5. डॉक्टर बनने का सपना लिए पायल ने भरी थी उड़ान
पायल खटीक का बचपन से डॉक्टर बनने का सपना था। गुजरात के हिम्मतनगर की रहने वाली पायल लंदन के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में MBBS में एडमिशन लेने जा रही थीं। यह उनका पहला विदेश दौरा था और उनमें पढ़ाई को लेकर जबरदस्त उत्साह था। उनका यह सपना हमेशा के लिए अधूरा रह गया।
6. बिज़नेस मीटिंग के लिए जा रहे थे जयेशभाई
गुजरात के सूरत के रहने वाले 26 वर्षीय जयेशभाई दामजीभाई गोंडलिया अपने बिज़नेस पार्टनर से मिलने लंदन जा रहे थे। वह अपनी पत्नी सोनल और दो बेटों धर्म और विवान के साथ रहते थे। पोरबंदर आर्केड में उनका स्टूडेंट वीजा का ऑफिस है।
7. शादी में आई सादिकाबेन और बेटी को नहीं मिली वापसी
हादसे में वडोदरा के सेठवाला परिवार की सादिकाबेन मोहम्मद मियां सेठवाला (26) और उनकी ढाई साल की बेटी फातिमा की भी जान चली गई। वे ब्रिटेन से अपने देवर की शादी में वडोदरा आई थीं और वापस लंदन लौट रही थीं। परिवार ने उन्हें अहमदाबाद एयरपोर्ट छोड़ा था और वापस लौटते समय उन्हें विमान दुर्घटना की खबर मिली। परिवार अभी भी सादिकाबेन और फातिमा के शवों की जानकारी के लिए भटक रहा है।
8. पिता का अंतिम संस्कार कर लौट रहे थे लॉरेंस
लंदन में काम करने वाले लॉरेंस डेनियल क्रिश्चियन अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने गुजरात के मणिनगर आए थे। 12 जून को वे एअर इंडिया की फ्लाइट से लंदन लौट रहे थे। उन्हें एयरपोर्ट छोड़ने उनकी माँ आई थीं। यह उनकी अंतिम विदाई बन गई।
9. एयर होस्टेस नगनथोई: माँ की चीखें नहीं थम रहीं
प्लेन क्रैश में एयर होस्टेस नगनथोई शर्मा कोंगब्राइलाटपम (22) की भी मौत हो गई। नगनथोई मणिपुर के अवांग लेइकेई की रहने वाली थीं। उनकी माँ अभी भी बदहवास होकर अपनी बेटी की तस्वीरें देख रही हैं और पूछ रही हैं, "कहाँ गई बेटी?" नगनथोई का एयर होस्टेस बनने का सपना था। इंटरनेट बैन के कारण वे वीडियो चैट नहीं कर सकीं और आखिरी बार उन्होंने अपनी लंदन यात्रा के बारे में मैसेज किया था।
10. आगरा के दंपती का लंदन घूमने का सपना टूटा
विमान हादसे में आगरा के कपल नीरज लवानिया और उनकी पत्नी अपर्णा लवानिया की मौत हो गई। नीरज वडोदरा स्थित एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे और वे अपनी पत्नी अपर्णा को लंदन घुमाने ले जा रहे थे। उनका 10 दिन का टूर था, जो कभी पूरा नहीं हो सका।
11. क्रू मेंबर दीपक: "गुड मॉर्निंग माँ" बना अंतिम शब्द
विमान में ठाणे के रहने वाले दीपक पाठक भी क्रू मेंबर के तौर पर मौजूद थे। हादसे से पहले उन्होंने अपनी माँ को फोन कर "गुड मॉर्निंग" कहा था। हादसे के बाद उनका फोन बजता रहा, पर कोई जवाब नहीं मिला। उनकी बहन ने बताया कि उनकी माँ अभी भी इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रही हैं कि दीपक अब नहीं रहा। चार साल पहले ही तो उनकी शादी हुई थी।
12. माँ अपनी बेटी से मिलने जा रही थीं, हादसा बन गया अवरोध
गुजरात के बाबैन की अंजू शर्मा (55) भी इस हादसे का शिकार हो गईं। शादी के बाद से पिछले साढ़े तीन दशक से वडोदरा में रह रहीं अंजू अपनी बड़ी बेटी निम्मी शर्मा से मिलने के लिए लंदन जा रही थीं और वहाँ छह महीने रहने वाली थीं। अंजू की दो बेटियाँ हैं। उनके भाई मिलन शर्मा फिल्म एक्टर हैं। अंजू के बुजुर्ग माता-पिता को उनकी मौत की खबर नहीं दी गई है।
13. बेटे से मिलने जा रहे बुजुर्ग दंपती को नहीं मिली मंजिल
महाराष्ट्र के सोलापुर निवासी बुजुर्ग दंपती महादेव पवार (68) और उनकी पत्नी आशा (60) अपने बेटे से मिलने लंदन जा रहे थे। महादेव नडियाद (गुजरात) में एक कपड़ा मिल में काम करते थे। उनके दो बेटे हैं, एक अहमदाबाद में और दूसरा लंदन में। दंपती लंबे समय से लंदन में अपने बेटे से मिलने का इंतजार कर रहे थे। उनका यह इंतजार कभी खत्म नहीं हो सका।
14. सोता हुआ नाती बना हादसे का शिकार
एअर इंडिया का विमान जिस मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा, उसके बाहर एक महिला चाय की दुकान लगाती थी। वहीं बगल में उसका बेटा चारपाई पर सो रहा था। जैसे ही प्लेन गिरा, तेज धमाके के चलते बेटे की मौत हो गई। महिला गंभीर रूप से घायल है। महिला की सास ने बताया कि उनके परिवार में 30-35 लोग हैं और हादसे वाले दिन बस एक नाती दुकान पर आ गया, जिसकी जान चली गई।
✈️ हादसे की पृष्ठभूमि:
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तारीख: गुरुवार, 12 जून
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स्थान: अहमदाबाद, टेकऑफ के 59 सेकेंड बाद
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फ्लाइट: एअर इंडिया ड्रीमलाइनर (AI-171)
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उड़ान: अहमदाबाद से लंदन
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सवार: 242 लोग (230 यात्री + 12 क्रू मेंबर)
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मृतक: 241
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जिंदा बचे: सिर्फ 1 यात्री
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नागरिक: 169 भारतीय, 52 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, 1 कनाडाई
यह हादसा सिर्फ एक विमान दुर्घटना नहीं है, बल्कि सैकड़ों सपनों, उम्मीदों और जिंदगियों का सामूहिक अंत है। अहमदाबाद का आसमान उस दिन जितना काला धुएं से हुआ था, उससे कहीं ज्यादा स्याह उन परिवारों की दुनिया हो गई, जिन्होंने अपनों को हमेशा के लिए खो दिया।
