बाथरूम में 5 फुट का कोबरा! वापी में महिला की चीख से मची दहशत, मानसून में बढ़ रहा सांपों का खतरा

जहरीले सांप ने मचाई सनसनी, रेस्क्यू टीम ने जान जोखिम में डाल किया बचाव; जानिए क्यों जरूरी है सांपों को बचाना
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VALSAD
मानसून की पहली फुहारों के साथ ही घरों के आसपास सांपों का निकलना आम हो गया है, लेकिन गुजरात के वापी में हुई एक घटना ने सबको चौंका दिया है। चाला मुक्तानंद रोड के पास श्री रंग सोसाइटी में एक घर के शौचालय में 5 फुट लंबा एक बेहद जहरीला कोबरा घुस आया। घर की महिला ने जैसे ही शौचालय का दरवाजा खोला, सामने फन फैलाए बैठे सांप को देखकर उसकी चीख निकल गई और वह जान बचाकर बाहर भागी। इस घटना ने इलाके में दहशत का माहौल बना दिया है।READ ALSO:-वंदे भारत में 'गुंडागर्दी': बीजेपी विधायक राजीव सिंह पारीछा के सामने यात्री से मारपीट, पार्टी हाईकमान ने मांगा जवाब!

 

जब टॉयलेट में दिखा 'मौत का फन': वापी में दहशत का मंजर
यह घटना 20 जून की दोपहर की है। श्री रंग सोसायटी के एक फ्लैट में रहने वाली महिला दोपहर में शौचालय गई। जैसे ही उसने दरवाजा खोला, सिंक के पास एक विशाल कोबरा फन उठाए बैठा था। महिला के चिल्लाने पर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। लोगों ने हिम्मत करके शौचालय का दरवाजा खोला तो उनकी भी रूह कांप गई, क्योंकि खतरनाक कोबरा वाकई में सिंक के पास बैठा था। यह दृश्य इतना खौफनाक था कि हर कोई सहम गया।

 

'लाइफ रेस्क्यू फाउंडेशन' ने दिखाया साहस: जहरीले सांप का सुरक्षित रेस्क्यू
शौचालय में जहरीले सांप को देखने के बाद तुरंत ही लोगों ने सांपों को बचाने वाली स्थानीय टीम, लाइफ रेस्क्यू फाउंडेशन को सूचना दी। जानकारी मिलते ही बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचा। संस्था के अनुभवी सदस्य दिलीप सोलंकी ने अपनी जान जोखिम में डालकर, बेहद सावधानी और कुशलता के साथ इस खतरनाक इंडियन स्पेक्टेकल कोबरा को सुरक्षित पकड़ लिया। वन विभाग को इसकी सूचना दी गई, ताकि सांप को उसके प्राकृतिक आवास, यानी वन क्षेत्र में छोड़ा जा सके।

 

किंग कोबरा का जहर: कितना खतरनाक है यह सांप?
भारत में पाए जाने वाले किंग कोबरा (जिसे इंडियन स्पेक्टेकल कोबरा भी कहते हैं) को सबसे जहरीले सांपों में से एक माना जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसके काटने से एक घंटे के भीतर ही व्यक्ति की मौत हो सकती है। इस सांप का जहर बेहद घातक होता है; यह शरीर में प्रवेश करते ही खून को गाढ़ा कर देता है, जिससे रक्त संचार (ब्लड सर्कुलेशन) रुक जाता है। इसके काटने के बाद शुरुआती लक्षणों में चक्कर आना, जी मिचलाना, उल्टी और आंखों में सूजन शामिल हैं। अंततः सांस लेने में गंभीर कठिनाई के कारण व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।

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सांपों को न मारें, वे प्रकृति के रक्षक हैं!
लाइफ रेस्क्यू फाउंडेशन के सदस्यों ने एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया है: सांपों को मारना नहीं चाहिए। उन्होंने समझाया कि धरती पर एक पूरा प्राणी चक्र है, जिसमें सांपों की अहम भूमिका है। सांप चूहों जैसे हानिकारक जीवों को नियंत्रित करते हैं, जो खेतों में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं। इस प्रकार, वे किसानों के लिए भी बेहद उपयोगी होते हैं और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं। इसलिए, यदि कोई सांप भटककर मानव बस्ती में आ जाए, तो उसे मारने के बजाय, तुरंत किसी विशेषज्ञ बचाव दल या वन विभाग को सूचित करें, ताकि उसे सुरक्षित रूप से उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ा जा सके।
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