गरीब दान में फूल तो नहीं दे सकते, पर उसकी पंखुड़ी तो दे ही सकते हैं। इसे चरितार्थ किया श्रमिक परिवार की 10 वर्ष की मासूम नंदिनी परमार ने। जब वह ठेबा चौकड़ी के पास काम करने वाले पुलिसकर्मी जयदीप सिंह जाडेजा के पास गई और कहा कि आप सब देश के लिए अच्छा काम कर रहे हैं, तो मेरी तरफ से ये 25 रुपए रख लीजिए, इसे प्रधानमंत्री राहत कोष में डाल दीजिए। मैं बस इतना ही दे सकती हूं। उसकी प्यारी-सी बात सुनकर पुलिसकर्मी जाडेजा द्रवित हो गया। उसने अपनी तरफ से 975 रुपए जोड़कर नंदिनी के नाम से प्रधानमंत्री राहत कोष में जमा करवा दिए।

छोटी बच्ची का बड़ा योगदान
इस समय कोरोना से लड़ने के लिए बहुत बड़े-बड़े लोग अपनी तरफ से दान दे रहे हैं। ऐसे में इस मासूम नंदिनी का भी बड़ा योगदान है, जो श्रमिक परिवार की है और उसने 25 रुपए एक पुलिसकर्मी को दिए। कहा जाता है कि नीयत साफ हो, तो बड़े-बड़े काम भी आसानी से हो जाते हैं। इसका उदाहरण दिया है, पांचवीं में पढ़ने वाली नंदिनी ने। 25 रुपए देकर उसने ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया है, जिससे कोई भी प्रेरणा ले सकता है।
