World Tumour Day: सिरदर्द को हल्के में न लें! जानें ब्रेन ट्यूमर के वो 8 संकेत जो बचा सकते हैं आपकी जान

 घातक हो सकती है लापरवाही: एक्सपर्ट्स ने बताया, कैसे पहचानें शुरुआती लक्षण और कब हो जाएं सावधान!
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World Tumour Day
ब्रेन ट्यूमर—यह नाम सुनते ही एक गंभीर बीमारी की तस्वीर सामने आती है। अक्सर हम इसके शुरुआती लक्षणों को सामान्य सिरदर्द या थकान समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, और यही लापरवाही कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकती है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हम समय रहते इन संकेतों को पहचान लें, तो इलाज आसान और अधिक सफल हो सकता है। हर साल 8 जून को 'वर्ल्ड ट्यूमर डे' मनाया जाता है। इस अवसर पर, हम आपको ब्रेन ट्यूमर से जुड़े उन सभी जरूरी सवालों के सही जवाब दे रहे हैं, जिन्हें जानना हर किसी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।READ ALSO:-मेरठ में अवैध निर्माणों पर "विकास" का बुलडोजर: सेंट्रल मार्केट में 60 भूखंडों का आवंटन रद्द, लटकी कार्रवाई की तलवार!

 

क्या कहते हैं न्यूरोलॉजी एक्सपर्ट?
फोर्टिस अस्पताल फरीदाबाद के न्यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर विनीत बंगा बताते हैं, "ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में बनने वाली असामान्य गांठ होती है, जो ब्रेन सेल्स की असंतुलित वृद्धि से बनती है। इनमें से कुछ ट्यूमर कैंसरयुक्त होते हैं, जबकि कुछ नहीं। ये ट्यूमर मस्तिष्क के सामान्य कामकाज में रुकावट डाल सकते हैं और अगर समय पर इनका इलाज न हो, तो यह जानलेवा भी बन सकते हैं।"

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ब्रेन ट्यूमर के 8 बड़े लक्षण, जिन्हें पहचानना है जरूरी:
डॉक्टर्स का मानना है कि कुछ खास शारीरिक और मानसिक संकेत इस बीमारी की ओर इशारा कर सकते हैं:

 

  1. लगातार सिरदर्द: ऐसा सिरदर्द जो धीरे-धीरे बढ़ता जाए और सामान्य दवाओं से ठीक न हो।
  2. बार-बार उल्टी और चक्कर: बिना किसी स्पष्ट कारण के अचानक उल्टी आना और संतुलन बिगड़ना।
  3. याददाश्त में कमी: चीजों को याद रखने में कठिनाई या हाल की घटनाओं को भूल जाना।
  4. धुंधली नजर: देखने में परेशानी या दृष्टि का धुंधला होना।
  5. बोलने में परेशानी: शब्दों का चुनाव करने या बोलने में कठिनाई।
  6. दौरे पड़ना: मिर्गी के दौरे जैसे अचानक दौरे पड़ना।
  7. व्यवहार में बदलाव: व्यक्तित्व में अचानक बदलाव या चिड़चिड़ापन।
  8. चलने में संतुलन न रहना: चलते समय लड़खड़ाना या संतुलन खोना।

 

ये लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं और समय के साथ गंभीर हो सकते हैं।

 

क्या सामान्य सिरदर्द भी है ब्रेन ट्यूमर का संकेत?
हां, बिल्कुल! अगर आपका सिरदर्द लगातार बना रहता है, आपकी नजर कमजोर हो रही है, या याददाश्त कमजोर हो रही है, तो ये ब्रेन ट्यूमर के संकेत हो सकते हैं। खासकर जब ये लक्षण दवा से ठीक न हों और समय के साथ बिगड़ते जाएं, तो बिना देर किए डॉक्टर से जांच कराना बेहद जरूरी है।

 

इन लोगों को है ब्रेन ट्यूमर का अधिक खतरा:
डॉ. बंगा के अनुसार, कुछ खास वर्गों के लोगों को ब्रेन ट्यूमर का खतरा अधिक होता है:

 

  • पारिवारिक इतिहास: अगर आपके परिवार में किसी को पहले ब्रेन ट्यूमर हुआ हो।
  • रेडिएशन का संपर्क: जो लोग लंबे समय तक रेडिएशन के संपर्क में रहे हों।
  • बढ़ती उम्र: अधिक उम्र वाले लोगों में खतरा बढ़ जाता है।
  • कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता: जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है।
  • आनुवंशिक बीमारियां: कुछ आनुवंशिक बीमारियां भी इसका कारण बन सकती हैं।

 

अगर बार-बार होता है सिरदर्द, तो इन बातों का रखें ध्यान:

 

  • लक्षणों पर गौर करें: सिरदर्द के समय, कारण और अन्य लक्षणों पर ध्यान दें।
  • तत्काल डॉक्टर को दिखाएं: अगर सिरदर्द के साथ नजर, बोलने या याददाश्त में परेशानी हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
  • जीवनशैली सुधारें: पूरी नींद लें, तनाव से बचें और स्क्रीन टाइम कम करें।
  • नियमित चेकअप: 40 की उम्र के बाद समय-समय पर ब्रेन की जांच करवाना महत्वपूर्ण है।

 

मरीज की देखभाल: भावनात्मक सहारा भी है जरूरी
यदि परिवार में कोई ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित है, तो परिवार वालों को उनका मानसिक और शारीरिक रूप से साथ देना चाहिए। दवाएं समय पर दें, डॉक्टर की सलाह मानें और उनके खानपान का विशेष ध्यान रखें। मरीज को अकेला महसूस न होने दें और उसकी भावनाओं को समझें। अचानक चक्कर, दौरे या कमजोरी आने पर तुरंत चिकित्सकीय मदद लें।

 

बचाव के लिए जीवनशैली में बदलाव हैं अनिवार्य:
  • स्वस्थ आहार: अपनी डाइट में हेल्दी फूड्स, जैसे हरी सब्जियां, फल और हल्का खाना शामिल करें, जो ब्रेन के लिए फायदेमंद है।
  • बुरी आदतों से दूरी: धूम्रपान और शराब का सेवन पूरी तरह से बंद कर दें।
  • नियमित व्यायाम: रोज व्यायाम करें, तनाव कम रखें और पूरी नींद लें।

 

कैसे होती है ब्रेन ट्यूमर की जांच?
आजकल MRI सबसे भरोसेमंद जांच मानी जाती है। इसके अलावा, CT स्कैन, PET स्कैन और बायोप्सी से भी जांच होती है। नई तकनीकों में fMRI (फंक्शनल MRI) और MR स्पेक्ट्रोस्कोपी से ट्यूमर का पता और उसकी गंभीरता जल्दी लगाई जा सकती है, जिससे इलाज की योजना बनाने में मदद मिलती है।

 

अपनी सेहत का ध्यान रखें, क्योंकि एक छोटी सी जानकारी आपकी और आपके अपनों की जान बचा सकती है।

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