लिवर का साइलेंट किलर: हेपेटाइटिस बी, जो शरीर को अंदर से खोखला कर देता है!
क्यों देर से दिखते हैं लक्षण और कैसे पहचानें इस जानलेवा बीमारी को?
Jul 4, 2025, 08:05 IST
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हमारा लिवर, जो शरीर का पावरहाउस है, जब बीमार पड़ता है तो सिर्फ पेट ही नहीं, बल्कि पूरा शरीर इसकी चपेट में आ जाता है। लिवर से जुड़ी कई खतरनाक बीमारियों में से एक है हेपेटाइटिस बी, जिसे अक्सर खामोश दुश्मन कहा जाता है। इसकी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इसके लक्षण जल्दी नज़र नहीं आते, जिससे इसकी पहचान में अक्सर देर हो जाती है और यह अंदर ही अंदर शरीर को खोखला कर देता है।READ ALSO:-बिजनौर: खेत में गुलदार दिखने से हड़कंप, किसान ने भागकर बचाई जान
हेपेटाइटिस बी: कारण, प्रकार और फैलने के तरीके
हेपेटाइटिस बी सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि एक वायरल इन्फेक्शन है जो HBV वायरस के कारण लिवर में सूजन पैदा करता है। डॉ. प्रताप चौहान बताते हैं कि लिवर में टॉक्सिन (विषाक्त पदार्थ) जमा होना, अत्यधिक शराब का सेवन और कुछ दवाओं का दुष्प्रभाव भी इस बीमारी को बढ़ावा दे सकते हैं।
हेपेटाइटिस बी सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि एक वायरल इन्फेक्शन है जो HBV वायरस के कारण लिवर में सूजन पैदा करता है। डॉ. प्रताप चौहान बताते हैं कि लिवर में टॉक्सिन (विषाक्त पदार्थ) जमा होना, अत्यधिक शराब का सेवन और कुछ दवाओं का दुष्प्रभाव भी इस बीमारी को बढ़ावा दे सकते हैं।
यह बीमारी बेहद संक्रामक है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकती है। इसका सबसे आम जरिया संक्रमित खून है, लेकिन इसके फैलने के अन्य माध्यम भी हो सकते हैं, जैसे:
- संक्रमित सुई या सीरिंज का साझा उपयोग।
- संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थों (जैसे लार, वीर्य) के संपर्क में आना।
- संक्रमित मां से बच्चे में जन्म के दौरान।
- असुरक्षित यौन संबंध।
खतरे की घंटी: हेपेटाइटिस बी के छिपे हुए लक्षण
हेपेटाइटिस बी को "साइलेंट किलर" इसलिए कहा जाता है क्योंकि शुरुआती चरणों में इसके लक्षण अक्सर इतने हल्के होते हैं कि लोग उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि, कुछ लोगों में ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जिन पर तुरंत ध्यान देना जरूरी है:
हेपेटाइटिस बी को "साइलेंट किलर" इसलिए कहा जाता है क्योंकि शुरुआती चरणों में इसके लक्षण अक्सर इतने हल्के होते हैं कि लोग उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। हालांकि, कुछ लोगों में ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जिन पर तुरंत ध्यान देना जरूरी है:
- अत्यधिक थकान और कमजोरी: लगातार थका हुआ महसूस करना, भले ही आप आराम कर रहे हों।
- भूख न लगना: खाने की इच्छा में भारी कमी आना।
- पेट के दाहिने हिस्से में दर्द: लिवर के स्थान पर, पसलियों के ठीक नीचे दर्द या बेचैनी।
- मतली और उल्टी: बार-बार जी मिचलाना या उल्टी आना।
- पीलिया: आंखें और त्वचा का पीला पड़ना, और पेशाब का रंग गहरा पीला होना। यह लिवर के गंभीर रूप से प्रभावित होने का संकेत है।
- जोड़ों में दर्द: कुछ मामलों में जोड़ों में भी दर्द महसूस हो सकता है।
यदि आपको या आपके किसी परिचित को इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो इसे बिल्कुल भी हल्के में न लें। तत्काल किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें और जांच करवाएं। हेपेटाइटिस बी का शुरुआती निदान और उचित उपचार लिवर को गंभीर नुकसान से बचा सकता है और बीमारी को आगे बढ़ने से रोक सकता है। अपने लिवर की सेहत का ख्याल रखना, पूरे शरीर की सेहत का ख्याल रखना है।
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के उद्देश्य से है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए कृपया योग्य विशेषज्ञ से सलाह लें। 'Khabreelal Media' किसी भी जानकारी की सटीकता का दावा नहीं करता है।
