कोरोना का फिर बढ़ा खतरा! केंद्र सरकार ने कसी कमर, स्वास्थ्य तैयारियों की हाई-लेवल समीक्षा, राज्यों को दिए निर्देश
देश में बढ़ रहे COVID-19 मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट मोड पर आ गया है। 2 और 3 जून को हुई अहम बैठकों में स्वास्थ्य तैयारियों का जायजा लिया गया, जिसमें ऑक्सीजन सप्लाई से लेकर सर्विलांस सिस्टम तक हर पहलू पर जोर दिया गया।
Updated: Jun 4, 2025, 21:45 IST
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देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते दिख रहे हैं, जिसने केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा दी है। इसी को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आनन-फानन में स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा शुरू कर दी है। 2 और 3 जून को स्वास्थ्य मंत्रालय में हुई उच्च-स्तरीय बैठकों में स्थिति का गहन विश्लेषण किया गया। इन बैठकों की अध्यक्षता DGHS की डॉ. सुनीता शर्मा ने की, जिसमें राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), ICMR, डिजास्टर मैनेजमेंट सेल, और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।Read also:-💔बेंगलुरु में जश्न बना मातम: RCB की जीत के बाद विजय जुलूस में मौत का तांडव, 11 रौंदे गए, सरकार की तैयारियों पर उठे अंगारे जैसे सवाल!💔
कोरोना की मौजूदा स्थिति: हल्के लक्षण, पर अलर्ट जरूरी
4 जून 2025 तक के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल 4,302 सक्रिय कोरोना मामले दर्ज किए गए हैं। पिछले 24 घंटों में 864 नए केस सामने आए हैं, जो चिंता का विषय है। हालांकि, राहत की बात यह है कि इस साल 1 जनवरी से अब तक कुल 44 मौतें दर्ज की गई हैं, जिनमें अधिकतर मरीज पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अधिकांश मामले हल्के हैं और मरीज होम आइसोलेशन में ही ठीक हो रहे हैं। यह दर्शाता है कि घबराने की नहीं, बल्कि सतर्क रहने की जरूरत है।
हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर जोर
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करें। इसमें ऑक्सीजन, आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर और जरूरी दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना शामिल है। तैयारियों को परखने के लिए 2 जून को ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम जैसे PSA प्लांट, LMO टैंक और MGPS लाइन की मॉक ड्रिल भी करवाई गई। इसके अलावा, 4 और 5 जून को अस्पताल स्तर पर भी मॉक ड्रिल की योजना बनाई गई है ताकि जमीनी स्तर पर तैयारियों को परखा जा सके।
सर्विलांस सिस्टम पर पैनी नजर: वेरिएंट पर रखी जाएगी कड़ी निगाह
वायरस के फैलाव और नए वेरिएंट्स का पता लगाने के लिए सर्विलांस सिस्टम को मजबूत किया जा रहा है। राज्य और जिला स्तर की सर्विलांस यूनिट्स को ILI (इंफ्लुएंजा जैसी बीमारी) और SARI (गंभीर श्वसन संक्रमण) के मामलों पर बारीकी से नजर रखने का निर्देश दिया गया है। सभी SARI मामलों और 5% ILI मामलों की टेस्टिंग अनिवार्य कर दी गई है। इसके अलावा, पॉजिटिव पाए गए SARI सैंपल्स को ICMR की लैब में होल जीनोम सीक्वेंसिंग (Whole Genome Sequencing) के लिए भेजा जा रहा है ताकि वायरस के वेरिएंट पर लगातार नजर रखी जा सके और किसी भी नए खतरे का समय रहते पता चल सके।
स्वास्थ्य मंत्रालय की जनता से अपील: अफवाहों से बचें, सतर्क रहें!
स्वास्थ्य मंत्रालय ने आम जनता से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, बल्कि सतर्कता बरतें। लोगों को हाथों की नियमित सफाई करने, खांसते समय मुंह ढकने और बीमार महसूस होने पर भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने की सलाह दी गई है। यदि किसी को बुखार, खांसी या सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की बात कही गई है। मंत्रालय ने यह भी जोर दिया है कि लोग फेक न्यूज और अफवाहों से बचें और केवल सरकारी स्रोतों जैसे स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट या PIB की जानकारी पर ही भरोसा करें।
