कोविड का 'नया वार': महिलाएं ज़्यादा प्रभावित, क्या नए वेरिएंट्स बन रहे अधिक जोखिमकारी?

भारत में बढ़ती चिंता: क्या हार्मोनल बदलाव से बढ़ रहा जोखिम? विशेषज्ञ ने दिए बचाव और इम्यूनिटी बढ़ाने के खास टिप्स
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CORONA-V
उत्तर प्रदेश: देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले एक बार फिर चिंता का विषय बन गए हैं, और इस बार एक नया पैटर्न सामने आया है – भारत में संक्रमित होने वाली महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले अधिक देखी जा रही है। गाजियाबाद और गुरुग्राम जैसे शहरों से भी कई महिला मरीजों के सामने आने की खबरें हैं। कोरोना के 4 नए सब-वेरिएंट (ओमिक्रॉन के उप-प्रकार) की पुष्टि के बाद, यह सवाल उठ रहा है कि क्या ये नए स्ट्रेन महिलाओं के लिए अधिक जोखिम भरे हो सकते हैं? आइए जानते हैं चिकित्सा विशेषज्ञों की राय और बचाव के उपाय।READ ALSO:-बुलंदशहर में 'अजीबोगरीब' मामला: मामा ही भांजी को लेकर फरार! दिव्यांग पति ने SSP से लगाई गुहार

 

क्या महिलाएं वाकई अधिक संवेदनशील हैं? विशेषज्ञों की राय
झारखंड के मैक्सिलोफेशियल सर्जन और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट, डॉ. अनुज कुमार बताते हैं कि "हालांकि इस बार कोरोना के नए वेरिएंट्स महिलाओं को ज्यादा प्रभावित कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं मिला है जो यह साबित करे कि ये वेरिएंट्स विशेष रूप से महिलाओं के लिए अधिक खतरनाक हैं।" हालांकि, डॉ. अनुज ने चेताया कि 'लॉन्ग कोविड' (संक्रमण के बाद लंबे समय तक रहने वाले लक्षण) के मामलों में महिलाएं अधिक प्रभावित हो सकती हैं, खासकर 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को संक्रमण का जोखिम ज़्यादा हो सकता है।

 COVID-19

शारदा अस्पताल की आंतरिक चिकित्सा विभाग की वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. श्रेय श्रीवास्तव, इस पर विस्तार से बताती हैं। उनके अनुसार, "महिलाओं में कोविड-19 के नए वेरिएंट का प्रभाव उनके हार्मोनल और इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक प्रणाली) में भिन्नताओं के कारण अधिक हो सकता है।" डॉ. श्रीवास्तव ने कुछ अध्ययनों का भी जिक्र किया जिनमें पाया गया है कि महिलाओं में पुरुषों की तुलना में सूजन संबंधी प्रतिक्रिया (Inflammatory Response) अधिक होती है, जिससे गंभीर लक्षणों का खतरा बढ़ सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह अभी भी शोध का विषय है और इस पर और अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।

 


नए वेरिएंट के नए लक्षण: शारीरिक के साथ-साथ मानसिक चुनौतियाँ
JN.1 समेत सभी नए वेरिएंट्स से संक्रमित महिलाओं में सामान्य लक्षणों जैसे गले में खराश, बुखार, थकान और नाक बहने के अलावा कुछ मानसिक लक्षण भी देखे गए हैं। अनिद्रा (नींद न आना) और चिंता जैसे लक्षणों की शिकायतें भी सामने आई हैं, जो महिलाओं में अधिक आम हैं। यह लक्षणों की विविधता को दर्शाता है और हमें सतर्क रहने की जरूरत को बताता है।

 

महिलाओं के लिए विशेष सावधानियां: डॉक्टर की ज़रूरी सलाह
डॉ. अनुज कुमार ने महिलाओं को कोविड-19 से बचाव के लिए कुछ अहम सावधानियां बरतने की सलाह दी है:

 

  • मास्क पहनना: भीड़-भाड़ वाले इलाकों में और सार्वजनिक स्थानों पर हमेशा मास्क पहनें।
  • सामाजिक दूरी: दूसरों से उचित दूरी बनाए रखें।
  • हाथों की स्वच्छता: नियमित रूप से हाथों को साबुन और पानी से धोएं या सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
  • टीकाकरण और बूस्टर डोज: यदि आप पात्र हैं, तो अपनी वैक्सीन की सभी डोज और बूस्टर डोज समय पर जरूर लगवाएं।

 

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। डॉ. अनुज कुमार सलाह देते हैं कि उन्हें भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचना चाहिए और नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच कराते रहना चाहिए। WHO और CDC (रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र) भी गर्भवती महिलाओं को कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण की सलाह देते हैं, क्योंकि यह गंभीर बीमारी के जोखिम को कम कर सकता है और समय से पहले प्रसव जैसी जटिलताओं से बचा सकता है।

 

इम्यूनिटी बढ़ाना है सबसे बड़ा हथियार: जीवनशैली में लाएं बदलाव
डॉ. अनुज बताते हैं कि महिलाओं को इस समय अपनी इम्यूनिटी को मजबूत करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए वे इन उपायों को अपना सकती हैं:

 

  • संतुलित आहार: पौष्टिक और संतुलित भोजन का सेवन करें जिसमें फल, सब्जियां, दालें और अनाज शामिल हों।
  • पर्याप्त पानी: शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए दिन भर पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
  • विटामिन-सी और डी: विटामिन-सी (जैसे नींबू, संतरा) और विटामिन-डी (सूर्य का प्रकाश, मशरूम) युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  • पर्याप्त नींद: शरीर को आराम देने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखने के लिए कम से कम 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लें।
  • तनाव कम करें: तनाव को नियंत्रित करने के लिए योग, मेडिटेशन, या अन्य आरामदायक गतिविधियों का अभ्यास करें।

 OMEGA

अगर किसी महिला को पहले कोविड-19 संक्रमण हो चुका है, तो भी उन्हें नए वेरिएंट से दोबारा संक्रमण का खतरा बना रहता है। डॉक्टर के अनुसार, टीकाकरण और बूस्टर डोज लेने से दोबारा संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सकता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि सभी महिलाएं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
SONU

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