देश में फिर बढ़ी कोरोना की चिंता: नए वेरिएंट्स की दस्तक से अलर्ट जारी!

 गुजरात-तमिलनाडु में मिले NB.1.8.1 और LF.7 के मामले, दिल्ली-कर्नाटक-महाराष्ट्र में भी बढ़ रहा संक्रमण; जानें लक्षण और बचाव
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CORONA
देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। अब यह खतरा दिल्ली तक भी पहुंचता दिख रहा है। जानकारी के अनुसार, कोरोना के नए सबवेरिएंट्स NB.1.8.1 और LF.7 ने भारत में दस्तक दे दी है, जिनके मामले गुजरात और तमिलनाडु में सामने आए हैं। इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली, कर्नाटक और महाराष्ट्र में भी कोरोना के मामलों में वृद्धि दर्ज की जा रही है।READ ALSO:-लालू यादव का 'राजकीय' फैसला: बेटे तेज प्रताप को 6 साल के लिए RJD और परिवार से 'बेदखल'!

 

गुजरात और तमिलनाडु में मिले नए वेरिएंट के मरीज
ताजा आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2025 में तमिलनाडु में NB.1.8.1 का एक मरीज मिला था। वहीं, गुजरात में मई 2025 में LF.7 के चार मामले सामने आए हैं। इन नए वेरिएंट्स की पहचान ने स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क कर दिया है।
क्या हैं NB.1.8.1 और LF.7?

 

  • NB.1.8.1: यह JN.1 वेरिएंट का एक उप-वेरिएंट है, जो ओमिक्रॉन के BA.2.86 से निकला है। इसे पहली बार अप्रैल 2025 में तमिलनाडु में दर्ज किया गया था। इसमें स्पाइक प्रोटीन में A435S, V445H, और T478I जैसे म्यूटेशन शामिल हैं, जो इसे ज्यादा संक्रामक और इम्यूनिटी से बचने में सक्षम बनाते हैं। NB.1.8.1 को अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, थाईलैंड और अन्य देशों में भी पाया गया है। खास करके, हवाई यात्रियों के बीच यह चीन और हांगकांग में मामलों की वृद्धि का प्रमुख कारण बना है।
  • LF.7: यह भी एक नया सबवेरिएंट है, जिसके मामले गुजरात में मिले हैं।

 

कितने खतरनाक हैं ये वेरिएंट्स?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, जब तक अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या या मृत्यु दर में बढ़ोतरी नहीं होती है, तब तक स्थिति को नियंत्रित माना जा सकता है। मई 2025 तक, WHO ने NB.1.8.1 और LF.7 को 'वैरिएंट्स अंडर मॉनिटरिंग' (VUM) के रूप में वर्गीकृत किया है, न कि 'वैरिएंट्स ऑफ कंसर्न' (VOC) या 'वैरिएंट्स ऑफ इंटरेस्ट' (VOI)। इसका मतलब है कि ये वेरिएंट्स अभी निगरानी में हैं, लेकिन इन्हें अभी गंभीर खतरा नहीं माना गया है।

 

हालांकि, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्हें हेल्दी फूड को अपने रूटीन में शामिल करने और बूस्टर डोज लेने की सलाह दी गई है, ताकि वे इस महामारी से सुरक्षित रह सकें।

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क्या हैं इसके लक्षण?
NB.1.8.1 और LF.7 के लक्षण अन्य ओमिक्रॉन वेरिएंट्स जैसे ही हैं:

 

  1. बुखार, गले में खराश, नाक बहना, सूखी खांसी, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द।
  2. कभी-कभी दस्त, भूख न लगना, मतली या उल्टी जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं।
  3. विशेष रूप से, JN.1 और इसके उप-वेरिएंट्स में दस्त अधिक हो सकता है।
  4. ज्यादातर मरीजों में लक्षण 4 से 5 दिनों में ठीक हो जाते हैं, खासकर जिन्होंने वैक्सीन लगवाई हो।

 

लक्षण दिखने पर RT-PCR या रैपिड एंटीजन टेस्ट करवाने की सलाह दी गई है। पॉजिटिव होने पर घर पर आइसोलेट रहें और डॉक्टर की सलाह भी लेते रहें।
SONU

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