सावधान! कहीं आपका पेट तो नहीं दे रहा खतरे का संकेत? 'गैस्ट्रिक कैंसर' बन रहा साइलेंट किलर, युवा भी चपेट में, जानें इसके छिपे कारण और बचाव के तरीके!
अनहेल्दी फूड्स, स्मोकिंग और मामूली गैस भी हो सकते हैं जानलेवा! एक्सपर्ट्स ने बताए लक्षण, समय रहते पहचानना है बेहद ज़रूरी!
May 14, 2025, 20:10 IST
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कैंसर, यह नाम सुनते ही एक डर सा बैठ जाता है। दुनियाभर में लाखों जिंदगियों को लील रही इस गंभीर बीमारी का एक रूप है पेट का कैंसर, जिसे गैस्ट्रिक कैंसर भी कहा जाता है। यह बीमारी अक्सर शुरुआत में दबे पांव आती है, सामान्य पेट की तकलीफों जैसी लगती है और जब तक इसकी पहचान होती है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। ज़्यादा चिंता की बात यह है कि अब यह सिर्फ बुज़ुर्गों की बीमारी नहीं रही, बल्कि हमारी अनहेल्दी लाइफस्टाइल के चलते युवाओं को भी तेज़ी से अपनी चपेट में ले रही है।READ ALSO:-अब आपकी Galaxy Watch और Buds सुनेंगे आपके दिमाग की बात! Google का पावरफुल Gemini AI जल्द आ रहा आपकी कलाई और कान में, बदल जाएगा गैजेट्स इस्तेमाल करने का तरीका!
पेट का कैंसर: एक साइलेंट किलर
गैस्ट्रिक कैंसर पेट के अंदरूनी परत में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि से शुरू होता है। यह धीरे-धीरे बढ़ता है और पास के अंगों, खासकर आंतों तक फैल सकता है। अक्सर शुरुआती चरणों में इसके लक्षण बहुत हल्के या अस्पष्ट होते हैं, जिन्हें लोग गैस, अपच या सामान्य पेट दर्द समझकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। यही वजह है कि इसे कभी-कभी 'साइलेंट किलर' भी कहा जाता है।
युवाओं के लिए बढ़ा खतरा: क्या है वजह?
आकाश हेल्थकेयर में ऑन्कोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट और एचओडी डॉ. प्रवीण जैन बताते हैं कि गैस्ट्रिक कैंसर का युवाओं में बढ़ता प्रकोप चिंता का विषय है। डॉ. जैन इसका सीधा संबंध हमारी बदलती और अनहेल्दी लाइफस्टाइल से जोड़ते हैं। कम उम्र में ही धूम्रपान, शराब का सेवन और गलत खान-पान की आदतें पेट की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचा रही हैं, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ रहा है।
ये आदतें और कारण बन सकती हैं जानलेवा:
गैस्ट्रिक कैंसर के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख, जिन पर हमें तुरंत ध्यान देना चाहिए:
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धूम्रपान और किसी भी प्रकार का तंबाकू: यह पेट की परत के लिए सीधा ज़हर है। धूम्रपान करने वालों में गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
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अत्यधिक नमक, प्रोसेस्ड और पैक्ड फूड्स: डिब्बाबंद खाना, ज़्यादा नमक वाले स्नैक्स, प्रोसेस्ड मीट और अन्य पैक्ड फूड्स में हानिकारक केमिकल्स और प्रिजरवेटिव्स हो सकते हैं जो पेट की सेहत बिगाड़ते हैं।
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गैस और अपच का लगातार बने रहना: डॉ. प्रवीण जैन चेतावनी देते हैं कि पेट में बार-बार बनने वाली गैस और लगातार रहने वाली अपच को हल्के में न लें। यह गैस्ट्रिक कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है।
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पारिवारिक इतिहास: यदि आपके परिवार में (माता-पिता, दादा-दादी, भाई-बहन) किसी को गैस्ट्रिक कैंसर हुआ है, तो आपको अधिक सतर्क रहने और नियमित स्क्रीनिंग करवाने की आवश्यकता है, क्योंकि आनुवंशिकी (genetics) इसमें भूमिका निभा सकती है।
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मेडिकल स्क्रीनिंग से हानिकारक किरणें (संभावित कारण): हालिया रिसर्च में यह संभावना जताई गई है कि कुछ विशेष मेडिकल स्क्रीनिंग मशीनों से निकलने वाली हानिकारक किरणें भी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाकर कैंसर का जोखिम बढ़ा सकती हैं। हालांकि, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
सामान्य लगने वाले ये लक्षण हो सकते हैं गंभीर संकेत:
गैस्ट्रिक कैंसर के शुरुआती लक्षण अक्सर इतने सामान्य होते हैं कि लोग उन्हें अनदेखा कर देते हैं। लेकिन इन लक्षणों पर नज़र रखना और डॉक्टर से सलाह लेना बहुत ज़रूरी है:
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पेट के ऊपरी या बीच के हिस्से में लगातार दर्द या बेचैनी।
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थोड़ा सा खाने पर भी पेट का बहुत जल्दी भर जाना (early satiety)।
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भूख में लगातार कमी आना।
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बिना किसी वजह के वज़न कम होना।
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पेट में सूजन या फूला हुआ महसूस होना।
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खाना निगलने में कठिनाई।
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लगातार अपच या गैस बने रहना।
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उल्टी आना, जिसमें कभी-कभी खून भी हो सकता है।
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मल में खून आना या मल का रंग काला और चिपचिपा होना (melena)।
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शरीर में खून की कमी (एनीमिया) जिसके कारण कमजोरी और थकान महसूस हो सकती है।
समय रहते ऐसे करें बचाव:
गैस्ट्रिक कैंसर से पूरी तरह बचाव मुश्किल हो सकता है, लेकिन जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है:
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स्वस्थ और संतुलित आहार: अपने भोजन में ताजे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को ज़्यादा शामिल करें। प्रोसेस्ड फूड्स, ज़्यादा नमक और रेड मीट का सेवन कम करें।
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धूम्रपान और शराब से तौबा: यदि आप धूम्रपान करते हैं या शराब पीते हैं, तो इसे तुरंत छोड़ दें। यह आपकी सेहत के लिए सबसे ज़रूरी कदम है।
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वजन प्रबंधन और व्यायाम: अपने शरीर का वजन स्वस्थ सीमा में रखें। नियमित रूप से व्यायाम या कोई भी शारीरिक गतिविधि करें।
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लक्षणों को गंभीरता से लें: पेट से जुड़े किसी भी असामान्य या लगातार बने रहने वाले लक्षण को अनदेखा न करें। गैस या अपच को सामान्य मानकर घरेलू इलाज पर निर्भर न रहें, डॉक्टर से मिलें।
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पारिवारिक इतिहास होने पर स्क्रीनिंग: यदि आपके परिवार में गैस्ट्रिक कैंसर का इतिहास है, तो डॉक्टर से मिलकर नियमित जांच और स्क्रीनिंग के बारे में सलाह लें।
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हाइड्रेशन: पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
एक्सपर्ट की सलाह है ज़रूरी:
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ऊपर बताए गए लक्षण किसी अन्य, कम गंभीर बीमारी के भी हो सकते हैं। लेकिन यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, खासकर यदि वे लगातार बने रहते हैं या बिगड़ जाते हैं, तो बिना देर किए एक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट या ऑन्कोलॉजिस्ट से सलाह लेना बहुत ज़रूरी है। समय पर निदान गैस्ट्रिक कैंसर के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। Khabareelal Media की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।
