खतरे की घंटी: जब दिल देता है संकेत! जानें कैसे पहचानें कमजोर हार्ट के लक्षण और रखें उसे दुरुस्त
दिल के कमजोर होने पर शरीर कुछ संकेत देने लगता है, जिन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। ऐसे संकेतों को समय रहते पहचानना और डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है। अपोलो अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वरुण बंसल ने दिल को फिट रखने के तरीके बताए हैं।
Jun 30, 2025, 07:55 IST
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आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और गलत आदतों ने हमारे दिल की सेहत पर बुरा असर डाला है। अपोलो अस्पताल के जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वरुण बंसल बता रहे हैं कि कैसे हमारा दिल कमजोर पड़ने पर संकेत देना शुरू कर देता है और इन्हें पहचान कर हम कैसे खुद को बड़ी मुश्किल से बचा सकते हैं।READ ALSO:-रेलवे का बड़ा तोहफा: चार्टिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव, वेटिंग टिकट वालों की अब 8 घंटे पहले कन्फर्म होगी ट्रेन टिकट!
हमारा दिल, जो 24 घंटे बिना रुके हमारे शरीर में खून पंप करता रहता है, हमारे अस्तित्व के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करता है कि शरीर के हर हिस्से को पर्याप्त ऑक्सीजन और पोषक तत्व मिलें। लेकिन दुर्भाग्य से, आज के समय में तनाव, खराब खान-पान, मोटापा और बढ़ती उम्र जैसे कारकों के चलते दिल से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। अक्सर लोग इन शुरुआती संकेतों को मामूली समझकर अनदेखा कर देते हैं, जो बाद में गंभीर समस्या का कारण बन सकता है। समय रहते इन संकेतों को पहचानना और सही इलाज शुरू करना बेहद ज़रूरी है।
कहीं आपका दिल तो नहीं दे रहा है ये चेतावनी?
- डॉ. वरुण बंसल के अनुसार, जब हमारा दिल कमजोर पड़ने लगता है, तो शरीर कुछ खास तरह से प्रतिक्रिया देता है। इन संकेतों को समझना और उन पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है:
- असामान्य थकान और सांस फूलना: क्या आप बिना ज़्यादा मेहनत किए ही जल्दी थक जाते हैं या हल्की-फुल्की गतिविधि में भी सांस फूलने लगती है? यह दिल के कमजोर होने का एक बड़ा संकेत हो सकता है। इसका मतलब है कि शरीर के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त खून नहीं मिल पा रहा है।
- पैरों और पेट में सूजन: अगर आपके पैरों, टखनों, पंजों या पेट में अचानक सूजन आनी शुरू हो गई है, तो यह भी दिल की कमज़ोरी का संकेत हो सकता है। ऐसा शरीर में तरल पदार्थों के जमा होने के कारण होता है। हालांकि, ये संकेत लिवर या किडनी की समस्या से भी जुड़े हो सकते हैं, लेकिन दिल की जांच करवाना भी बेहद ज़रूरी है।
- सीने में दर्द या भारीपन: सीने में दर्द, दबाव, जकड़न या भारीपन महसूस होना दिल से जुड़ी सबसे आम और गंभीर चेतावनी है। यह दर्द अक्सर बाईं बांह, जबड़े, पीठ या गर्दन तक भी फैल सकता है। यदि यह दर्द बार-बार हो या लंबे समय तक बना रहे, तो बिना देरी किए तुरंत डॉक्टर से मिलें।
- अनियमित दिल की धड़कन: यदि आपको अपनी दिल की धड़कन बहुत तेज़, बहुत धीमी या अनियमित महसूस हो, जैसे कि धड़कन छोड़ रही हो या फड़फड़ा रही हो, तो यह भी दिल की कमज़ोरी का संकेत हो सकता है।
दिल कमजोर होने के प्रमुख कारण
हमारे दिल की सेहत को प्रभावित करने वाले कई कारक हैं, जिनमें कुछ प्रमुख हैं:
- हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप): लगातार बढ़ा हुआ रक्तचाप दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है, जिससे वह कमजोर हो सकता है।
- हाई कोलेस्ट्रॉल: खून में खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने से धमनियों में प्लाक जम जाता है, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है।
- मोटापा: अधिक वजन होने से दिल पर अतिरिक्त भार पड़ता है और वह ज़्यादा मेहनत करने को मजबूर होता है।
- धूम्रपान और शराब: ये दोनों आदतें धमनियों को नुकसान पहुंचाती हैं और दिल के दौरे का जोखिम बढ़ाती हैं।
- तनाव और नींद की कमी: लंबे समय तक तनाव में रहना और पर्याप्त नींद न लेना भी दिल की सेहत के लिए हानिकारक है।
- अनुवांशिकता: यदि आपके परिवार में हृदय रोग का इतिहास रहा है, तो आपको भी इसका अधिक जोखिम हो सकता है।
कब करें डॉक्टर से संपर्क?
यदि आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण महसूस होते हैं, खासकर यदि वे बार-बार या गंभीर हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। खुद से इलाज करने या लक्षणों को नज़रअंदाज़ करने की गलती न करें। डॉक्टर की सलाह पर ज़रूरी टेस्ट करवाएं और सही दवाएं लें। यदि आपके परिवार में दिल की बीमारियों का इतिहास रहा है, तो आपको इन संकेतों के प्रति और भी ज़्यादा सतर्क रहना चाहिए।
यदि आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण महसूस होते हैं, खासकर यदि वे बार-बार या गंभीर हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। खुद से इलाज करने या लक्षणों को नज़रअंदाज़ करने की गलती न करें। डॉक्टर की सलाह पर ज़रूरी टेस्ट करवाएं और सही दवाएं लें। यदि आपके परिवार में दिल की बीमारियों का इतिहास रहा है, तो आपको इन संकेतों के प्रति और भी ज़्यादा सतर्क रहना चाहिए।
अपने दिल को कैसे रखें मजबूत और स्वस्थ?
अच्छी खबर यह है कि हम अपनी जीवनशैली में बदलाव करके अपने दिल को स्वस्थ और मजबूत रख सकते हैं:
अच्छी खबर यह है कि हम अपनी जीवनशैली में बदलाव करके अपने दिल को स्वस्थ और मजबूत रख सकते हैं:
- पोषण से भरपूर आहार: अपने भोजन में खूब सारी हरी सब्ज़ियां, ताज़े फल, साबुत अनाज, कम फैट वाला दूध, मछली और मेवे शामिल करें। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों और अधिक नमक व चीनी से बचें।
- नियमित शारीरिक गतिविधि: रोज़ाना कम से कम 30 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करें, जैसे कि तेज चलना, जॉगिंग, साइकिलिंग या तैराकी। योग और वर्कआउट भी दिल के लिए बहुत फायदेमंद हैं।
- धूम्रपान और शराब से दूरी: ये आदतें दिल के लिए बेहद हानिकारक हैं। इन्हें पूरी तरह से छोड़ना आपके दिल की सेहत के लिए सबसे अच्छा कदम होगा।
- तनाव प्रबंधन: तनाव को कम करने के तरीके ढूंढें। मेडिटेशन, गहरी साँस लेने के व्यायाम, संगीत सुनना, किताबें पढ़ना या अपने पसंदीदा शौक पूरे करना तनाव कम करने में मदद कर सकते हैं।
- नियमित स्वास्थ्य जांच: अपने ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर की नियमित रूप से जांच करवाएं। यदि ये नियंत्रण में नहीं हैं, तो डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लें और जीवनशैली में बदलाव करें।
याद रखें, आपका दिल अनमोल है। इसके संकेतों को समझें और समय रहते सही कदम उठाकर इसे स्वस्थ और खुश रखें!
