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बॉलीवुड और भारतीय टेलीविजन जगत के महान और बहुमुखी कलाकार सतीश शाह (Satish Shah) का आज (शनिवार, 25 अक्टूबर 2025) दुखद निधन हो गया है। अपनी लाजवाब कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को हंसाने वाले सतीश शाह ने 74 वर्ष की उम्र में मुंबई में अपनी आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, और किडनी फेलियर को उनकी मौत का कारण बताया जा रहा है। उनके निधन की पुष्टि प्रोड्यूसर और IFTDA के अध्यक्ष अशोक पंडित ने की है। चरित्र अभिनेता और कॉमेडियन का सफर सतीश शाह का अभिनय करियर पाँच दशकों से अधिक लंबा रहा, जिसमें उन्होंने 400 से ज्यादा फिल्मों और कई सफल टीवी सीरियल्स में काम किया। उनका जन्म 1951 में हुआ था और उन्होंने पुणे के FTII (Film and Television Institute of India) से प्रशिक्षण लिया था। टीवी जगत का आइकॉन: उन्हें सबसे ज्यादा पहचान हिट कॉमेडी सीरियल 'साराभाई वर्सेज साराभाई' में इंद्रावदन साराभाई (Indravadan Sarabhai) के किरदार से मिली। इस शो में उनके डायलॉग और एक्सप्रेशन आज भी कल्ट क्लासिक माने जाते हैं। 'ये जो है जिंदगी' (1984) में 55 अलग-अलग किरदार निभाकर उन्होंने घर-घर में अपनी पहचान बनाई थी। फिल्मी करियर की शुरुआत: उन्होंने 1983 की डार्क कॉमेडी फिल्म 'जाने भी दो यारों' में एक 'लाश' (Dead Body) का आइकॉनिक किरदार निभाया था, जिसने उन्हें रातोंरात पहचान दिलाई थी। प्रमुख फिल्में: उनकी कुछ यादगार बॉलीवुड फिल्मों में 'हम आपके हैं कौन', 'मुझसे शादी करोगी', 'कल हो ना हो' और शाहरुख खान अभिनीत 'मैं हूँ ना' शामिल हैं, जहाँ उन्होंने अपनी कॉमिक टाइमिंग से जान डाल दी। Read Also : थामा, और 'स्त्री 2' के म्यूजिक कंपोजर सचिन सांघवी गिरफ्तार, शादी और गाना देने का झांसा देकर 20 साल की युवती से यौन उत्पीड़न का आरोप किडनी फेलियर और निधन की पुष्टि मिली जानकारी के मुताबिक, अभिनेता सतीश शाह पिछले कुछ समय से किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्होंने आज दोपहर करीब 2:30 बजे अंतिम सांस ली। आधिकारिक रूप से किडनी फेलियर को उनकी मृत्यु का कारण बताया गया है। शाह के निधन की खबर सामने आने के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। इंडस्ट्री में शोक की लहर मशहूर निर्माता अशोक पंडित ने सतीश शाह के निधन की पुष्टि करते हुए कहा, "जी हाँ, सतीश शाह नहीं रहे। वो मेरे अच्छे मित्र थे। किडनी फेलियर के चलते उनका निधन हो गया है। इंडस्ट्री के लिए यह एक बड़ी क्षति है।" Public Reaction or Social Media: श्रद्धांजलि सतीश शाह के निधन की खबर से उनके फैंस स्तब्ध हैं। सोशल मीडिया पर उनके फैंस और फिल्मी सितारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है और उनके सबसे यादगार किरदारों को याद कर रहे हैं। 'साराभाई वर्सेज साराभाई' की कास्ट और क्रू ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। सिनेमा में हास्य की क्षति सतीश शाह का निधन हिंदी सिनेमा में चरित्र अभिनय और हास्य की एक पीढ़ी का अंत है। उनकी अभिनय शैली और हास्य टाइमिंग हमेशा दर्शकों के दिलों में ज़िंदा रहेगी।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर मेरठ के लिए परिवहन के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर के साथ ही मेरठ को अपनी पहली 'मेरठ मेट्रो' मिलने जा रही है। यह न केवल शहर के अंदर कनेक्टिविटी को सुधारेगी, बल्कि दिल्ली और गाजियाबाद जैसे शहरों से भी मेरठ के सफर को आसान और तेज बना देगी। आइए, मेरठ मेट्रो से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी पर एक विस्तृत नजर डालते हैं: Meerut Metro की कब होगी शुरुआत? (Kab Shuru Hogi) मेरठ मेट्रो का संचालन, दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (जिसे 'नमो भारत' ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है) के साथ ही शुरू होना प्रस्तावित है। हालिया अपडेट: खबरों के अनुसार, 30 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नमो भारत ट्रेन के आखिरी चरण (मेरठ साउथ से मोदीपुरम) और मेरठ मेट्रो का उद्घाटन किया जा सकता है। लक्ष्य: पूरी परियोजना (RRTS के साथ) को जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। प्राथमिकता खंड (साहिबाबाद से दुहाई) का परिचालन अक्टूबर 2023 में पहले ही शुरू हो चुका है। खासियत: यह देश का पहला ऐसा ट्रैक होगा जिस पर एक ही ट्रैक पर हाई-स्पीड नमो भारत ट्रेन और तीन कोच वाली मेरठ मेट्रो ट्रेन, दोनों एक साथ चलेंगी। रूट मैप (Route Map) और स्टेशन मेरठ मेट्रो कॉरिडोर दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर का ही हिस्सा है। यह मुख्यतः मेरठ के शहरी क्षेत्र में सेवा प्रदान करेगी। कॉरिडोर का नाम: मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम (Meerut South to Modipuram) कुल लंबाई: लगभग 23 किमी स्टेशनों की संख्या: इस कॉरिडोर में कुल 13 स्टेशन हैं। केवल मेट्रो स्टेशन: इनमें से 10 स्टेशन केवल मेरठ मेट्रो के लिए होंगे। RRTS और मेट्रो दोनों के लिए स्टेशन (Integrated Stations): मेरठ साउथ, बेगमपुल, और मोदीपुरम स्टेशन RRTS और मेरठ मेट्रो, दोनों की सेवाओं के लिए इंटीग्रेटेड (एकीकृत) होंगे। प्रमुख स्टेशन (संभावित): मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौर्ली, मेरठ नॉर्थ, और मोदीपुरम। किराया (Kiraya) मेरठ मेट्रो का किराया दूरी के आधार पर तय किया जाएगा। यह किराया नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (NCRTC) द्वारा जारी किया जाएगा। नमो भारत (RRTS) का किराया (दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के लिए): मानक (Standard) कोच: ₹20 से शुरू होकर अधिकतम ₹150 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। प्रीमियम (Premium) कोच: ₹30 से शुरू होकर अधिकतम ₹225 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। मेरठ मेट्रो का अनुमानित किराया: चूंकि मेरठ मेट्रो की यात्रा दूरी RRTS की तुलना में कम होगी (शहर के भीतर), इसका किराया ₹20 से ₹50 के बीच होने की संभावना है, जो यात्रियों द्वारा तय की गई दूरी पर निर्भर करेगा। मेरठ मेट्रो की आगे की योजना (Aage Ka Plan) मेरठ मेट्रो का पहला चरण (मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम) पूरा होने के बाद, आगे की योजनाओं में शहर के विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ाना शामिल है: दूसरा कॉरिडोर प्रस्तावित: मेरठ मेट्रो के लिए दूसरा कॉरिडोर भी प्रस्तावित है, जिसका रूट श्रद्धापुरी एक्सटेंशन से जाग्रति विहार तक हो सकता है। इस पर अभी विस्तृत काम शुरू होना बाकी है। टाउनशिप और TOD: मेरठ में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) मॉडल पर आधारित नई टाउनशिप का विकास किया जा रहा है। ये टाउनशिप RRTS/मेट्रो स्टेशनों के आस-पास होंगी, जिससे लोग अपने कार्यस्थल (Walk to Work) और जरूरी सुविधाओं तक आसानी से पहुँच सकेंगे। इससे 2029 तक 20,000 से अधिक रोजगार उत्पन्न होने का अनुमान है। फीडर सेवाएं: स्टेशनों से अंतिम-मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों के लिए फीडर सेवाओं को मजबूत करने की योजना है। मेरठ मेट्रो न केवल शहर के ट्रैफिक को कम करेगी बल्कि दिल्ली-एनसीआर से मेरठ की कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगी, जिससे यहां के निवासियों के लिए समय और पैसे दोनों की बचत होगी। यह परियोजना मेरठ को देश के सबसे आधुनिक परिवहन नेटवर्क वाले शहरों की श्रेणी में खड़ा कर देगी।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर, जिसे अब 'नमो भारत' (NaMo Bharat) ट्रेन के नाम से जाना जाता है, अब अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही पूरी तरह से यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा।Read also:-Delhi–Meerut RRTS Opening Date 2025: नमो भारत रैपिड रेल से दिल्ली से मेरठ सफर सिर्फ 55 मिनट में वो दिन अब दूर नहीं, जब मेरठ का निवासी दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में शॉपिंग करने और गाजियाबाद का व्यापारी मेरठ में अपने बिजनेस को विस्तार देने का सपना सिर्फ 60 मिनट में पूरा कर सकेगा। देश के सबसे महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS), अब हकीकत बनने की दहलीज पर है। 82 किलोमीटर का यह हाई-स्पीड कॉरिडोर लगभग तैयार है और रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2025 की शुरुआत में प्रधानमंत्री द्वारा इसका उद्घाटन किया जा सकता है। संभावित उद्घाटन की तारीखें: मीडिया रिपोर्ट्स और निर्माण कार्य की प्रगति के अनुसार, पूरे कॉरिडोर (सराय काले खां से मोदीपुरम तक) का उद्घाटन अक्टूबर 2025 में होने की प्रबल संभावना है। ऐसी खबरें हैं कि अक्टूबर 2025 की शुरुआत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का शुभारंभ कर सकते हैं। पूरा कॉरिडोर: यह 82 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां को मेरठ के मोदीपुरम डिपो से जोड़ेगा, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय एक घंटे से भी कम हो जाएगा। वर्तमान में परिचालन: 20 अक्टूबर 2023 से प्राथमिकता कॉरिडोर (साहिबाबाद से दुहाई डिपो) और हाल ही में न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक का खंड पहले से ही चालू है, जिसने लाखों यात्रियों को बड़ी राहत दी है। मेरठ मेट्रो: एक ही पटरी पर रैपिड और मेट्रो का तालमेल मेरठ शहर के भीतर यात्रियों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए मेरठ मेट्रो भी 'नमो भारत' ट्रेन के साथ ही उसी ट्रैक पर चलेगी। शुरुआत: मेरठ मेट्रो का उद्घाटन भी अक्टूबर 2025 में रैपिड रेल के साथ ही होने की उम्मीद है। रूट: यह मेट्रो सेवा मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो के बीच 23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर चलेगी, जिसमें 13 स्टेशन होंगे। विशेषता: यह भारत की पहली ऐसी परियोजना है जहाँ क्षेत्रीय रैपिड रेल और स्थानीय मेट्रो ट्रेनें एक ही ट्रैक को साझा करेंगी, लेकिन इनके परिचालन के समय अलग-अलग होंगे। स्टेशन लिस्ट: कहाँ-कहाँ रुकेगी आपकी 'नमो भारत'? दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर पर कुल 16 स्टेशन होंगे। दिल्ली (3) गाजियाबाद (6) मेरठ (7) सराय काले खां साहिबाबाद मेरठ साउथ (कॉमन) न्यू अशोक नगर गाजियाबाद शताब्दी नगर (कॉमन) आनंद विहार गुलधर बेगमपुल (कॉमन) दुहाई मोदीपुरम (कॉमन) दुहाई डिपो परतापुर (सिर्फ मेट्रो) मुरादनगर रिठानी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर दक्षिण ब्रहमपुरी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर उत्तर मेरठ सेंट्रल (सिर्फ मेट्रो) भैंसाली (सिर्फ मेट्रो) एमईएस कॉलोनी (सिर्फ मेट्रो) डोरली (सिर्फ मेट्रो) मेरठ नॉर्थ (सिर्फ मेट्रो) मोदीपुरम डिपो (सिर्फ मेट्रो) (कॉमन स्टेशन वे हैं जहाँ 'नमो भारत' रैपिड रेल और मेरठ मेट्रो दोनों रुकेंगी।) किराया विवरण: कितना होगा आपकी यात्रा का खर्च? 'नमो भारत' ट्रेन में दो तरह के कोच हैं: स्टैंडर्ड कोच और प्रीमियम कोच। यात्रियों को अपनी सुविधा अनुसार टिकट खरीदने का विकल्प मिलेगा। किराया सीमा: किराया ₹20 से शुरू होता है और अधिकतम ₹225 तक जा सकता है। एक प्रमुख रूट का किराया (उदाहरण): न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक: स्टैंडर्ड कोच में ₹150 और प्रीमियम कोच में ₹225। आनंद विहार से मेरठ साउथ तक का सफर लगभग 35 मिनट में पूरा होगा, जिसका किराया इसी सीमा में होगा। भुगतान विकल्प: यात्री QR कोड-आधारित पेपर टिकट और NCMC (नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड) का उपयोग करके यात्रा कर सकेंगे। निर्माण प्रगति और तकनीकी विशेषताएँ आरआरटीएस परियोजना का लगभग 75% से अधिक सिविल कार्य पूरा हो चुका है। स्पीड और रोलिंग स्टॉक: 'नमो भारत' ट्रेन की डिज़ाइन गति 180 किमी/घंटा है, जबकि परिचालन गति 160 किमी/घंटा होगी। ट्रेनों में महिलाओं के लिए एक आरक्षित कोच, प्रीमियम कोच, और सभी के लिए आधुनिक सुविधाएं (Wi-Fi, लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग पोर्ट) उपलब्ध हैं। हरित ऊर्जा पहल: NCRTC ने अपने स्टेशनों और डिपो पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं, जो परियोजना को स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। फाइनल अप्रूवल: दिल्ली से मेरठ तक पूरे कॉरिडोर के वाणिज्यिक परिचालन के लिए अंतिम चरण की सुरक्षा मंजूरी मिलना बाकी है, जिसके बाद इसे तुरंत खोल दिया जाएगा। यह कॉरिडोर एनसीआर के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो न केवल यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि रोजगार, व्यापार और रियल एस्टेट को भी नई ऊंचाइयां देगा।
मेरठ, 19 सितंबर 2025 मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए 30 सितंबर का दिन एक नए युग की शुरुआत करने जा रहा है। इस ऐतिहासिक तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की पहली रैपिड रेल 'नमो भारत' के संपूर्ण कॉरिडोर और मेरठ मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री इस उद्घाटन को यादगार बनाते हुए दिल्ली से 'नमो भारत' ट्रेन में सवार होकर मेरठ के मोदीपुरम तक का सफर तय करेंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।READ ALSO:-सितंबर में 'प्रलयंकारी' मानसून: हिमाचल-उत्तराखंड में बादल फटने और लैंडस्लाइड से तबाही जारी, 424 की मौत दिल्ली से मेरठ तक ट्रेन में PM, फिर विशाल जनसभा योजना के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से रैपिड ट्रेन के जरिए मेरठ पहुंचेंगे। यह यात्रा अपने आप में एक संदेश होगी कि दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी अब मिनटों में सिमट गई है। मोदीपुरम स्टेशन पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री का काफिला शताब्दीनगर के लिए रवाना होगा, जहाँ वे एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस रैली में मेरठ समेत आसपास के सभी जिलों से लाखों लोगों के जुटने की उम्मीद है, जिसके लिए तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। शहर में हाई अलर्ट, घर-घर किरायेदारों की जांच प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर पूरा प्रशासनिक और पुलिस अमला हाई अलर्ट पर है। गुरुवार को एडीजी भानु भास्कर ने एक उच्च-स्तरीय बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और कड़े इंतजामों के निर्देश दिए। सुरक्षा एजेंसियां कोई भी ढिलाई नहीं बरतना चाहतीं। पुलिस और एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) की टीमों ने गुरुवार देर रात शताब्दी नगर, रिझानी और रिठानी जैसे इलाकों में घर-घर जाकर सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान किरायेदारों और बाहर से आकर रह रहे लोगों के नाम, पते और मोबाइल नंबर दर्ज किए गए। देर रात बिजली गुल होने के बावजूद यह अभियान टॉर्च की रोशनी में जारी रहा, जो सुरक्षा की गंभीरता को दर्शाता है। यह सुरक्षा इसलिए भी कड़ी की गई है क्योंकि प्रधानमंत्री के दौरे से ठीक पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी 20 से 22 सितंबर तक मेरठ में रहेंगी और दो विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में हिस्सा लेंगी। मेरठ की नई लाइफलाइन: जानिए मेट्रो और नमो भारत का नेटवर्क यह प्रोजेक्ट मेरठ की कनेक्टिविटी को पूरी तरह से बदल देगा। नमो भारत (रैपिड रेल): दिल्ली से मेरठ तक का पूरा 82 किलोमीटर का ट्रैक अब पूरी तरह से चालू हो जाएगा। मेरठ मेट्रो: कुल लंबाई: 23 किलोमीटर (18 किमी एलिवेटेड, 5 किमी भूमिगत) कुल स्टेशन: 13 (मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, डौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो)। भूमिगत स्टेशन: मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपul। एक ही टिकट पर दोनों में सफर: यात्रियों की सुविधा के लिए चार स्टेशनों- मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम को कॉमन स्टेशन बनाया गया है, जहाँ यात्री नमो भारत और मेट्रो के बीच आसानी से स्विच कर सकेंगे।
इस वर्ष दीपावली की सही तिथि को लेकर पंचांगों में भिन्नता के कारण आम लोगों में बना कन्फ्यूजन अब दूर हो गया है। कुछ पंचांगों में 20 अक्टूबर तो कुछ में 21 अक्टूबर को दिवाली बताई जा रही थी। इस भ्रम की स्थिति को समाप्त करते हुए देश की सर्वोच्च धार्मिक संस्थाओं में से एक, श्री काशी विद्वत परिषद, ने स्पष्ट कर दिया है कि संपूर्ण देश में दीपावली का महापर्व सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को ही मनाया जाएगा।READ ALSO:-यूपी में कुदरत का डबल अटैक: पूर्वांचल में 'जल प्रलय' ने तोड़ा 136 साल का रिकॉर्ड, अब पश्चिमी यूपी के 23 जिलों में भारी बारिश-ओलों का अलर्ट! क्यों 20 अक्टूबर है सही तिथि? काशी विद्वत परिषद के ज्योतिष प्रकोष्ठ के मंत्री और बीएचयू के प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय के अनुसार, सनातन धर्म में पर्वों का निर्धारण तिथियों की गणितीय गणना और शास्त्रों के आधार पर होता है। दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को प्रदोष काल में मनाई जाती है। प्रदोष काल का अर्थ है सूर्यास्त के बाद का समय। इस वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगी और यह 21 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। 20 अक्टूबर को, जब सूर्यास्त होगा, तब अमावस्या तिथि विद्यमान रहेगी और पूरे प्रदोष काल को कवर करेगी। लक्ष्मी पूजन और दीपदान के लिए यह शास्त्र सम्मत और शुभ मुहूर्त है। 21 अक्टूबर को, अमावस्या तिथि शाम 4 बजकर 26 मिनट पर ही समाप्त हो जाएगी, जबकि सूर्यास्त लगभग 5 बजकर 40 मिनट पर होगा। इसका अर्थ है कि सूर्यास्त और प्रदोष काल के समय अमावस्या तिथि नहीं रहेगी, बल्कि प्रतिपदा तिथि लग चुकी होगी। ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने भी स्पष्ट किया कि ब्रह्म पुराण के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की रात्रि में ही देवी लक्ष्मी और कुबेर भ्रमण करते हैं। यह रात्रि व्यापिनी और प्रदोष व्यापिनी अमावस्या 20 अक्टूबर को ही प्राप्त हो रही है। अतः इसी दिन लक्ष्मी-कुबेर पूजन और दीपोत्सव मनाना श्रेष्ठ है। 21 अक्टूबर को होगी स्नान-दान की अमावस्या विद्वानों ने यह भी स्पष्ट किया कि 21 अक्टूबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि होने के कारण इस दिन स्नान, दान और पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करना उत्तम रहेगा। इसलिए, 21 अक्टूबर की तिथि धार्मिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन दीपावली का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। इस स्पष्टीकरण के बाद अब लोगों को अपने त्योहार की तैयारियों को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में रहने की आवश्यकता नहीं है।
शादियों का सीजन पूरे जोर पर है और अगर आप इस बीच सोने की खरीदारी करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके लिए लेटेस्ट रेट्स की जानकारी बहुत अहम है। लगातार चार दिनों की गिरावट के बाद, आज यानी 7 नवंबर 2025 की सुबह देश में सोने की कीमतों में आखिरकार ब्रेक लग गया और कीमतों ने बढ़त दर्ज की। वहीं, चांदी के दामों में भी तेजी आई है। यह बदलाव वैश्विक अनिश्चितता और डॉलर में आई कमजोरी के कारण हुआ है।READ ALSO:-"डोसे में कीड़ा"! मेरठ के आबूलेन पर आधी रात को बवाल, ग्राहक से बदतमीजी दुकानदार को पड़ी महंगी, BJP नेता ने बुलाई पुलिस Gold Price Today 7 November (22K, 24K) – अलग-अलग शहरों में सोने का नया रेट राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,22,730 प्रति 10 ग्राम हो गई है, जबकि 22 कैरेट सोने का भाव ₹1,12,510 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया। देश के अन्य बड़े शहरों में भी Gold Price Today में बढ़ोतरी देखने को मिली है: शहर 22 कैरेट सोना (₹ प्रति 10 ग्राम) 24 कैरेट सोना (₹ प्रति 10 ग्राम) दिल्ली ₹1,12,510 ₹1,22,730 मुंबई ₹1,12,360 ₹1,22,580 अहमदाबाद ₹1,12,410 ₹1,22,630 चेन्नई ₹1,12,360 ₹1,22,580 कोलकाता ₹1,12,360 ₹1,22,580 हैदराबाद ₹1,12,360 ₹1,22,580 जयपुर ₹1,12,510 ₹1,22,730 भोपाल ₹1,12,410 ₹1,22,630 लखनऊ ₹1,12,510 ₹1,22,730 चांदी का भाव भी बढ़ा (Silver Price Today) सोने की तरह ही चांदी के दामों में भी आज बढ़ोतरी हुई है। 7 नवंबर को चांदी की कीमत ₹1,52,600 प्रति किलोग्राम दर्ज की गई। वैश्विक स्तर पर चांदी का हाजिर भाव $48.60 प्रति औंस है। विशेषज्ञों का मानना है कि Gold-Silver Price Today पर वैश्विक और घरेलू दोनों फैक्टर्स असर डालते हैं। क्यों बढ़ा सोने का भाव? (मार्केट कारण) सोने की कीमत में आई इस अचानक तेजी के पीछे दो बड़े वैश्विक कारक जिम्मेदार हैं: अमेरिकी सरकारी शटडाउन (US Government Shutdown): अमेरिका में चल रहे सरकारी शटडाउन ने वैश्विक वित्तीय बाजारों में बड़ी अनिश्चितता पैदा कर दी है। निवेशक ऐसे माहौल में सुरक्षित निवेश (Safe-haven) की ओर रुख कर रहे हैं। सोने और चांदी जैसी कीमती धातुओं में निवेश बढ़ने का यह एक प्रमुख कारण है। डॉलर में गिरावट: अमेरिकी शटडाउन के कारण डॉलर कमजोर हुआ है। जब डॉलर कमजोर होता है, तो डॉलर-आधारित सोने की कीमतें आमतौर पर बढ़ जाती हैं, क्योंकि यह अन्य मुद्राओं वाले खरीदारों के लिए सस्ता हो जाता है, जिससे मांग बढ़ती है। तुलना और मार्केट ट्रेंड Gold-Silver Price Today में आई यह बढ़त निवेशकों के लिए एक संकेत है कि बाजार अभी भी अस्थिर है। चार दिनों की लगातार गिरावट ने सोने की कीमतों में एक अच्छा करेक्शन दिया था, जिसने खरीदारों को आकर्षित किया। शादियों के सीजन के कारण घरेलू मांग भी लगातार मजबूत बनी हुई है। एक्सपर्ट कमेंट या निवेशक व्यू विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी बाजारों में अमेरिकी शटडाउन, डॉलर की चाल और निवेशकों का रुझान सीधे तौर पर भारतीय बाजार को प्रभावित करता रहेगा। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे मौजूदा अनिश्चितता के माहौल में सोने और चांदी में निवेश को बनाए रखें, क्योंकि ये दोनों धातुएं महंगाई और आर्थिक जोखिमों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करती हैं।
भारतीय सर्राफा बाजार में सोने और चांदी के भाव में लगातार गिरावट का दौर जारी है। गुरु नानक जयंती (बुधवार, 5 नवंबर 2025) के मौके पर निवेशक यह जानने को उत्सुक हैं कि क्या आज भी सोने-चांदी के भाव और नीचे आएंगे। वैश्विक अस्थिरता के बावजूद, हालिया गिरावट ने बाजार में थोड़ी मजबूती की उम्मीद जगाई है। अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम और अमेरिकी आर्थिक आँकड़ों के चलते आज भी Gold Rate Today में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।READ ALSO:-नदियों में एक्सपायर्ड फूड फेंकने पर 'परमानेंट बैन'! FSSAI का सख्त आदेश, अब FSO की निगरानी में होगी वीडियो रिकॉर्डिंग साल 2025 में जबरदस्त उछाल के बाद गिरावट साल 2025 की शुरुआत से ही Gold Rate ने जबरदस्त तेजी दिखाई थी। जियो-पॉलिटिकल अनिश्चितता और शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के कारण सोना सुरक्षित निवेश के रूप में उभरा था। सोने की वृद्धि: इस साल की शुरुआत से अब तक सोने की कीमत में लगभग 60% की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। चांदी की वृद्धि: वहीं, चांदी की कीमतों में भी लगभग 65% की वृद्धि हो चुकी है। हालांकि, मंगलवार को मजबूत डॉलर (Dollar) और सुरक्षित निवेश (Safe Haven) की मांग घटने के कारण कीमतों में तेज गिरावट देखने को मिली। 5 नवंबर को भारत में Gold और चांदी का भाव मंगलवार को सर्राफा बाजार में गिरावट जारी रही, जिसका असर आज गुरु नानक जयंती पर भी महसूस किया जा सकता है। निवेशकों की कड़ी नजर अमेरिकी टैरिफ सुनवाई और आर्थिक आँकड़ों पर है। सोने का प्रकार मंगलवार (4 नवंबर) का रेट (प्रति ग्राम) गिरावट (प्रति ग्राम) 24 कैरेट Gold ₹12,246 ↓ ₹71 22 कैरेट Gold ₹11,225 ↓ ₹65 18 कैरेट Gold ₹9,184 ↓ ₹54 चांदी का भाव (4 नवंबर): मात्रा मंगलवार (4 नवंबर) का रेट गिरावट 1 किलो चांदी ₹1,51,000 ↓ ₹3,000 100 ग्राम चांदी ₹15,100 - 10 ग्राम चांदी ₹1,510 - क्या आज भी गिरेगा सोने-चांदी का दाम? बाजार विश्लेषकों का मानना है कि बुधवार को Gold Rate में और गिरावट आ सकती है। इसके पीछे दो प्रमुख कारण हैं: वैश्विक रुझान: सोने की कीमतों में हालिया गिरावट मुख्य रूप से मजबूत डॉलर और वैश्विक स्तर पर सुरक्षित निवेश मांग में कमी का नतीजा है, जो आज भी जारी रहने की संभावना है। अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम: चीन ने सोने के खुदरा विक्रेताओं के लिए लंबे समय से चली आ रही कर छूट नीति को समाप्त कर दिया है। चीन दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है और इस नीति के खत्म होने से वहाँ सोने की खरीदारी में कमी आ सकती है, जिसका असर वैश्विक और भारतीय सोने की कीमतों पर पड़ना लाजमी है। निवेशकों के लिए रणनीति गुरु नानक जयंती के दिन Gold Rate में संभावित और गिरावट, त्योहारों के सीजन में खरीदारी की योजना बना रहे ग्राहकों के लिए अच्छी खबर हो सकती है। हालांकि, निवेशकों को अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों के जारी होने तक अस्थिरता के लिए तैयार रहना होगा।
दिवाली के बाद, सोने और चांदी की कीमतों में इस हफ्ते (25 अक्टूबर से 1 नवंबर 2025 तक) एक मिश्रित रुझान देखने को मिला है। जहाँ एक ओर Gold Rate Today में ₹748 की गिरावट आई है, वहीं दूसरी ओर चांदी की कीमतों में ₹2,092 की बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के अनुसार, सोने के भाव ₹1.21 लाख के करीब आ गए हैं, जबकि चांदी ने ₹1.49 लाख प्रति किलोग्राम का स्तर छू लिया है। साप्ताहिक मूल्य परिवर्तन (IBJA 24K Gold और Silver Price): धातु दर (1 नवंबर 2025) दर (25 अक्टूबर 2025) साप्ताहिक बदलाव सोना (24K/10 ग्राम) ₹1,20,770 ₹1,21,518 ↓ ₹748 (सस्ता) चांदी (1 किलो) ₹1,49,125 ₹1,47,033 ↑ ₹2,092 (महंगा) इस साल रिकॉर्ड तेजी सोने और चांदी के भावों में इस साल की शुरुआत से ही ऐतिहासिक तेजी देखने को मिली है, जिसने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। सोने में वृद्धि: 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का भाव ₹76,162 था। 1 नवंबर 2025 को यह बढ़कर ₹1,20,770 हो गया है। इस प्रकार, इस साल अब तक सोने की कीमत में ₹44,608 की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। चांदी में वृद्धि: चांदी के भाव में भी इस दौरान ₹63,108 की भारी बढ़ोतरी दर्ज हुई है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत ₹86,017 थी, जो अब ₹1,49,125 प्रति किलो हो गई है। IBJA दरें और उनका उपयोग IBJA द्वारा जारी किए गए ये रेट्स पूरे देश के लिए आधार दर (Base Rate) माने जाते हैं। मूल्य में शामिल नहीं: इन IBJA दरों में 3% GST, ज्वैलरी मेकिंग चार्ज, और ज्वैलर्स का मार्जिन शामिल नहीं होता है, इसलिए शहरों के खुदरा दाम अलग होते हैं। सरकारी उपयोग: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इन रेट्स का उपयोग सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) के रेट तय करने के लिए करता है। इसके अलावा, कई बैंक गोल्ड लोन के लिए दरें निर्धारित करने में भी इन IBJA दरों का इस्तेमाल करते हैं। सोना खरीदते समय इन 2 बातों का रखें ध्यान उपभोक्ताओं को अपनी मेहनत की कमाई का निवेश करते समय हमेशा इन दो बातों का ध्यान रखना चाहिए: सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें: हमेशा भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का हॉलमार्क (Hallmark) लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। हॉलमार्क पर लगा अल्फान्यूमेरिक (जैसे AZ4524) नंबर सोने की शुद्धता (कैरेट) की गारंटी देता है। कीमत क्रॉस चेक करें: सोने का सही वजन और खरीदने के दिन की कीमत को कई विश्वसनीय स्रोतों (जैसे IBJA की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है। शहरों में सोने के अलग दाम होने की 4 वजह देश के अलग-अलग शहरों में Gold Rate अलग-अलग होने के पीछे चार मुख्य कारण जिम्मेदार हैं: परिवहन लागत: सोना एक भौतिक वस्तु है जिसका आयात बंदरगाहों से होता है। अंदरूनी इलाकों तक इसे ले जाने में ईंधन, सुरक्षा और स्टाफ का खर्च शामिल होता है, जो अंतिम कीमत में जुड़ जाता है। खरीदारी की मात्रा (मांग): दक्षिण भारत में सोने की मांग कुल खपत का लगभग 40% है। अधिक मांग वाले शहरों में विक्रेता बल्क में खरीद के कारण कम रेट पर बेच सकते हैं, जबकि टियर-2 शहरों में दाम ज्यादा होते हैं। लोकल ज्वैलरी एसोसिएशन: तमिलनाडु में 'ज्वेलर्स एंड डायमंड ट्रेडर्स एसोसिएशन' जैसे स्थानीय संगठन सोने का दैनिक खुदरा भाव निर्धारित करते हैं, जिससे शहर-दर-शहर मामूली अंतर आता है। सोने का खरीद मूल्य (स्टॉक): यदि किसी ज्वैलर्स ने स्टॉक पुराने और सस्ते भाव पर खरीदा हो, तो वे ग्राहकों से कम रेट चार्ज कर सकते हैं, जिससे खरीद मूल्य एक बड़ा फैक्टर बन जाता है।
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