महिलाओं का सम्मान हमारी संस्कृति : प्रोफ़ेसर नरेंद्र कुमार तनेजा

Chaudhary charan singh University meerut में कुलपति ने महिला अध्यन केंद्र व हेल्थ क्लब का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने वर्तमान समय में महिलाओं की विशेष भूमिका पर प्रकाश डाला ।
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ccs university meerut
मेरठ में स्थित चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी (Chaudhary Charan Singh University Meerut) में सोमवार को विवि के कुलपति प्रो. नरेंद्र कुमार तनेजा (VC Prof. Narendra Kumar Taneja) ने रानी लक्ष्मीबाई महिला छात्रावास में महिला अध्ययन केंद्र और महिला हेल्थ क्लब का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में कुलपति ने कहा कि महिलाओं का सम्मान भारतीय संस्कृति की पुरानी परंपरा है। अबला नारी शब्द हमारी शब्दावली में ही नहीं है यदि हमारी शब्दावली में अबला नारी शब्द होता प्राचीन व वैदिक काल में और स्वाधीनता से पूर्व रानी लक्ष्मीबाई सहित अनेक वीरांगना कैसे होती। महिलाओं के विकास में आने वाली बाधाओं को दूर करने का प्रयत्न करना चाहिए।

 

उन्होंने कहा कि हेल्थ क्लब से बालिकाओं के  स्वास्थ्य के साथ मानसिक वह बौद्धिक स्तर भी बढ़ेगा। वहीं, महिलाएं समाज में महत्वपूर्ण स्थान पा सकेंगी। कुलपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए हमारा विश्वविद्यालय प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का कार्य छात्रों में छिपी प्रतिभा को पहचानकर उसे निखारने का भी है। उन्होंने कहा कि छात्रों की समस्याओं का हल करने वाला एजेंट बने।

 

भारतीय संस्कृति में शिक्षक वह है जो बच्चे के माता-पिता की तरह स्वयं सीखता है, गांव से सिखाता है उसकी दुर्बलता व विशेषता को पहचानते हुए उसे निखारने का काम करता है। उन्होंने कहा कि आज हमारे देश में 50% आबादी महिलाओं की है जो सामाजिक दूरियों को तोड़ते हुए सांस्कृतिक विशेषता को प्रस्तुत कर रही हैं। हमें सोच बदलकर महिलाओं को आदर देकर सम्मानित करना होगा। read also : विज्ञान मंथन परीक्षा में पास छात्रों को DRDO, ISRO में मिलेगा प्रशिक्षण, 2 हजार रुपये प्रतिमाह स्कॉलरशिप, डिटेल देखें।
ccsu meerut
ccs university में टेबल टेनिस खेलकर हेल्थ क्लब का शुभारंभ करते वीसी।

महिलाएं पुरुषों से एक कदम आगे बढ़कर काम कर रहीं

 

प्रति कुलपति प्रो. वाई विमला ( Prof. wi vimla) ने कहा कि केवल उच्च पदों पर बैठना ही महिला सशक्तिकरण नहीं है, बल्कि उनका सम्मान उनको बराबर की हिस्सेदारी देना महिला सशक्तिकरण कहलाता है। आज ऐसा कोई क्षेत्र नहीं जहां पर महिलाएं अपना 100% ना दे रही हों, बल्कि वह पुरुषों से एक कदम आगे बढ़कर काम कर रहीं हैं।  read more : 11 सितंबर 1893 : स्वामी विवेकानंद का सिकागो में वह भाषण, जिसने पूरब को पश्चिम से मिलाया।

 

इस मौके पर महिला अध्ययन केंद्र के समन्वयक प्रो. बिंदु शर्मा ने सभी का स्वागत किया। डॉ. अनिल ने सभी का आभार जताया। मंच संचालन डॉ. अलका तिवारी ने किया।  इस दौरान प्रोफेसर भूपेंद्र राणा, प्रोफेसर वीरपाल सिंह, एसीएमओ डॉ. पूजा, प्रोफेसर नवीन चंद लोहनी, प्रोफेसर एवी कौर, प्रोफेसर आराधना गुप्ता, डॉ. संजय भारद्वाज, डॉ. विवेक त्यागी, डॉ. निशा मनीष, इंजीनियर मनीष मिश्रा, डॉ. गुलाब सिंह रूहल, डॉ. पीके बंसल और  प्रेस प्रवक्ता मितेन्द्र कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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