ऊर्जा मंत्री से मांग, विद्युत संविदा कर्मचारियों को दिए जाएं सुरक्षा उपकरण

मेरठ के विद्युत निविदा कर्मचारी संघ ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से अनेक मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है जिसमें कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण दिलाने की भी मांग की गई है। 
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 सुरक्षा उपकरण नहीं होने के कारण हर साल विद्युत कर्मचारियों की जान चली जाती है। कर्मचारियों को उनकी महनत के अनुसार मानदेय भी नहीं दिया जा रहा है। इस सभी सवालों को लेकर निविदा-संविदा कर्मचारी सेवा समिति ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से 10 सूत्रीय मंगों को लेकर ज्ञापन दिया। इस ज्ञापन में समिति ने अनेक मांगे रखी हैं। 

 

निविदा-संविदा कर्मचारी सेवा समिति (Tender-Contract Staff Service Committee) के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह के अनुसार विद्युत विभाग में नियमित कार्य के लिए किए जा रहे अनुबंध को समाप्त कर विभागीय संविदा या मस्टर रोल प्रणाली लागू की जाए। उन्होंने कहा कि विद्युत विभाग में कर्मचारी के साथ मानदेय में भेदभाव किया जा रहा है। बताया कि सैनिक कल्याण निगम के कर्मचारियों का अनुबंध 24 हजार रुपये प्रतिमाह है, जबकि कार्यरत टेक्नीशियन लाइनमैन का अनुबंध केवल 12 हजार रुपये प्रतिमाह किया गया है। जबिक अहम भूमिका टेक्नीशियन लाइनमैन की होती है। इस लिए इस प्राणाी को खत्म कर एक समान प्रणाली लागू की जाए। बताया कि सुप्रीम सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा समान कार्य समान वेतन के आदेश हैं। प्रदेश में पावर कॉरपोरेशन में आदेश लागू किया जाए।

 

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न्यूनतम वेतन 24 हजार, दुर्घटना से मृत्यु पर 25 लाख मिलें 

समिति ने मांग कि है कि विद्युत संविदा कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 24 हजार प्रति माह किया जाए। वहीं, किसी दुर्घटना से मृत्यु होने पर क्षतिपूर्ति राशि 25 लाख रुपये दिए जाएं। मांग पत्र में कहा गया है कि यूपी पावर कॉरपोरेशन में विभिन्न क्षेत्रों में डिस्कॉम अलग-अलग कंपनियों को संविदा कर्मचारी का अनुबंध किए गए हैं। अनुबंध के अनुसार कर्मचारी का समय पर वेतनमान का भुगतान नहीं कर रही है तथा कार्य कर रहे पूर्व कर्मचारियों को हटाकर उनके स्थान पर 25 से 30000 की अवैध वसूली कर नए कर्मचारियों को नियुक्त कर रही है। इतना ही नहीं, पुराने कर्मचारियों से स्थानांतरण के नाम पर अवैध वसूली हो रही है इस मामले की गंभीरता से जांच कराई जाए।

 

फीडर की संख्या के अनुसार हो कर्मचारियों की तैनाती 

राष्ट्रीय महामंत्री अमित खारी के अनुसार प्रत्येक बिजलीघरों पर फीडर की संख्या अधिक है। वहीं, कर्मचारियों की संख्या कम है। सरकार के 24 घंटे विद्यतु आपूर्ति के लक्ष्य को पूरा करने में कर्मचारियों को बहुत कठनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। अत: प्रत्येक बिजलीघर पर फीडर के अनुसार गैंग की तैनाती करी जाए। उन्होंने बताया कि  2009 से लेकर 2015 के बीच में विभिन्न ठेकेदारों के द्वारा संविदा कर्मचारियों के अनुबंध किए गए थे उसके उपरांत कर्मचारियों के वेतन से पीएफ की कटौती की गई थी। मगर वह ईपीएफ का भुगतान अभी तक कर्मचारियों को नहीं किया गया है। इसकी भी उच्च स्तरीय टीम  से जांच कराई जाए। पढ़ें - Earthquake : भारत मे सुबह-सुबह भूकंप से हिली धरती, तीव्रता 4.7 मैग्नीट्यूड।

 

कर्मचारियों को पूर्ण सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए जाएं 

प्रत्येक बिजली घर पर कार्य करने वाले संविदा कर्मचारियों को पूर्ण रूप से सुरक्षा सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। इसका कई बार उच्च अधिकारियों को भी अवगत करा कराया गया है। उसके उपरांत भी बिजलीघर पर सीढ़ी, टूल किट, कर्मचारियों का आई कार्ड व ड्रेस का वितरण नहीं किया गया है। सुरक्षा उपकरण नहीं होने से उनकी जान जोखिम में रहती है। इतना ही नहीं, हर साल कर्मचारियों को दुर्घटना का शिकार होना पड़ता है।  पढ़ें - 9/11 Terrorists attack : आज के दिन ही आतंकवादी हमले से हुआ था अमेरिका का सीना छलनी।

 

ज्ञापन देने वालों में समिति के राष्ट्रीय महामंत्री अमित खारी, रेयाज अली मुदासर अली, विक्रम कुमार जिला अध्यक्ष, सचिन कुमार महामंत्री जिला, नरेन्द्र त्यागी सचिव, रिंकू, सुशील समय सिंह,  अंकुर, बहादुर, दीपक, प्रवीण शर्मा, गजराज सिंह, बबलू आदि मौजूद रहे ।

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