PNB का करोड़ों ग्राहकों को बड़ा तोहफा! मिनिमम बैलेंस का 'बंधन' खत्म, अब ज़ीरो बैलेंस पर भी कोई जुर्माना नहीं
पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के ग्राहकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब बैंक के बचत खातों में न्यूनतम औसत बैलेंस (Minimum Average Balance - MAB) नहीं रखने पर कोई जुर्माना नहीं वसूला जाएगा। यह नया नियम 1 जुलाई, 2025 से सभी प्रकार के बचत बैंक खातों पर लागू हो गया है।
Updated: Jul 3, 2025, 13:48 IST
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अगर आपका बैंक खाता पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में है, तो अब आपके चेहरे पर मुस्कान खिलने वाली है। बैंक ने अपने करोड़ों ग्राहकों को एक शानदार तोहफा देते हुए खाते में न्यूनतम औसत बैलेंस (Minimum Average Balance - MAB) रखने की अनिवार्यता को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। अब आपके खाते में महीने भर चाहे जितनी भी रकम हो, बैंक आपसे कोई जुर्माना नहीं वसूलेगा। यह ऐतिहासिक फैसला 1 जुलाई, 2025 से पूरे देश में लागू हो चुका है।Read also:-रेलवे का 'बाहुबली' ऐप: 'RailOne' करेगा हर मुश्किल आसान, टिकट से लेकर खाना तक, सब कुछ एक क्लिक पर!
1 जुलाई से राहत, अब नहीं कटेगा कोई चार्ज
बैंक द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, यह नया नियम सभी प्रकार के बचत बैंक खातों पर लागू होगा, चाहे आपका खाता किसी मेट्रो शहर की ब्रांच में हो, छोटे शहर में हो या किसी ग्रामीण इलाके में। इस फैसले से उन आम लोगों, छात्रों, किसानों और छोटे बचतकर्ताओं को सबसे ज़्यादा फायदा मिलेगा, जिन्हें अक्सर अपने खाते में एक न्यूनतम राशि बनाए रखने में मुश्किल होती थी।
बैंक द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, यह नया नियम सभी प्रकार के बचत बैंक खातों पर लागू होगा, चाहे आपका खाता किसी मेट्रो शहर की ब्रांच में हो, छोटे शहर में हो या किसी ग्रामीण इलाके में। इस फैसले से उन आम लोगों, छात्रों, किसानों और छोटे बचतकर्ताओं को सबसे ज़्यादा फायदा मिलेगा, जिन्हें अक्सर अपने खाते में एक न्यूनतम राशि बनाए रखने में मुश्किल होती थी।
पहले जेब पर कितना पड़ता था बोझ?
इस नए नियम से पहले, PNB भी अन्य बैंकों की तरह मिनिमम बैलेंस मेंटेन न करने पर ग्राहकों से अच्छा-खासा जुर्माना वसूलता था। यह जुर्माना खाते के प्रकार और लोकेशन के आधार पर 10 रुपये से लेकर 600 रुपये प्रति माह या उससे भी अधिक हो सकता था। इस वजह से कई लोगों के खाते से धीरे-धीरे पैसे कटते रहते थे और उन्हें इसका पता भी नहीं चलता था। अब यह झंझट पूरी तरह से खत्म हो गया है।
इस नए नियम से पहले, PNB भी अन्य बैंकों की तरह मिनिमम बैलेंस मेंटेन न करने पर ग्राहकों से अच्छा-खासा जुर्माना वसूलता था। यह जुर्माना खाते के प्रकार और लोकेशन के आधार पर 10 रुपये से लेकर 600 रुपये प्रति माह या उससे भी अधिक हो सकता था। इस वजह से कई लोगों के खाते से धीरे-धीरे पैसे कटते रहते थे और उन्हें इसका पता भी नहीं चलता था। अब यह झंझट पूरी तरह से खत्म हो गया है।
समझिए मिनिमम एवरेज बैलेंस का पूरा गणित
कई लोग कन्फ्यूज रहते हैं कि आखिर यह मिनिमम बैलेंस होता क्या है।
- यह एक औसत है: यह आपके खाते में महीने के हर दिन मौजूद बैलेंस का एक औसत होता है। बैंक महीने के हर दिन की क्लोजिंग बैलेंस राशि को जोड़ता है और फिर उसे महीने के कुल दिनों (जैसे 30 या 31) से भाग देता है।
- उदाहरण से समझें: मान लीजिए बैंक का नियम 5,000 रुपये का MAB रखने का था।
- आपने 15 दिनों तक खाते में ₹10,000 रखे। (कुल = 15 x 10,000 = 1,50,000)
- अगले 15 दिनों तक खाते में सिर्फ ₹2,000 रखे। (कुल = 15 x 2,000 = 30,000)
- महीने का कुल बैलेंस हुआ: 1,50,000 + 30,000 = ₹1,80,000
- मासिक औसत बैलेंस: 1,80,000 ÷ 30 दिन = ₹6,000
इस स्थिति में आपका औसत ₹5,000 से ज़्यादा है, तो कोई जुर्माना नहीं लगता। लेकिन अगर यह औसत ₹5,000 से कम हो जाता, तो बैंक पेनल्टी लगा देता। अब PNB में इसी नियम को खत्म कर दिया गया है।
SBI पहले ही दे चुका है यह राहत
गौरतलब है कि देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), अपने ग्राहकों को यह सुविधा मार्च 2020 से ही दे रहा है। SBI ने अपने सभी नियमित बचत खातों पर मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगने वाले जुर्माने को खत्म कर दिया था। अब PNB ने भी उसी राह पर चलते हुए यह ग्राहक-हितैषी कदम उठाया है, जिससे बैंकिंग सेक्टर में एक सकारात्मक माहौल बना है।
गौरतलब है कि देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (SBI), अपने ग्राहकों को यह सुविधा मार्च 2020 से ही दे रहा है। SBI ने अपने सभी नियमित बचत खातों पर मिनिमम बैलेंस न रखने पर लगने वाले जुर्माने को खत्म कर दिया था। अब PNB ने भी उसी राह पर चलते हुए यह ग्राहक-हितैषी कदम उठाया है, जिससे बैंकिंग सेक्टर में एक सकारात्मक माहौल बना है।
आम आदमी को क्या फायदे होंगे?
- मानसिक बोझ कम: खाते में पैसे कम होने का डर खत्म होगा।
- बचत को बढ़ावा: अब लोग बिना किसी जुर्माने के डर के छोटी से छोटी रकम भी बैंक में रख सकेंगे।
- वित्तीय समावेशन: ज़्यादा से ज़्यादा लोग बैंकिंग प्रणाली से जुड़ेंगे।
- पारदर्शिता: छिपे हुए चार्जेस का एक बड़ा स्रोत अब बंद हो गया है।
यह फैसला दिखाता है कि सरकारी बैंक अब ग्राहकों की सुविधा को प्राथमिकता दे रहे हैं। अब देखना यह होगा कि क्या PNB और SBI के इस कदम के बाद निजी क्षेत्र के अन्य बैंक भी अपने ग्राहकों को यह राहत देते हैं या नहीं।
