एक पोर्टल से आधार, पैन, वोटर आईडी और ड्राइविंग लाइसेंस में बदलाव कर सकेंगे लोग

 आधार, पैन, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट में जानकारी बदलने के लिए नहीं काटने होंगे अलग-अलग दफ्तरों के चक्कर, एक पोर्टल से होगा काम
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government is bringing Unified Digital Identity System
केंद्र सरकार एक ऐसी महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है जिससे अब लोगों को अपने विभिन्न पहचान पत्रों जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट में नाम, पता या मोबाइल नंबर जैसे विवरण अपडेट कराने के लिए अलग-अलग सरकारी दफ्तरों और कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सरकार यूनिफाइड डिजिटल आईडेंटिटी सिस्टम (Unified Digital Identity System) लागू करने की तैयारी में है, जिसके तहत एक केंद्रीकृत ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जा रहा है जो नागरिकों को यह सुविधा प्रदान करेगा।READ ALSO:-भारत की बेटी, पाकिस्तान की बहू बॉर्डर पर फंसी: 'मैं इंडियन हूं इसलिए नहीं आ सकती, पर बच्चे जा सकते हैं पाकिस्तान'

 

इस नए सिस्टम के लागू होने के बाद भारतीय नागरिक एक ही ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपने सभी ज़रूरी पहचान पत्रों में अपनी व्यक्तिगत जानकारी को आसानी से और तेज़ी से अपडेट कर सकेंगे। पोर्टल पर किए गए बदलाव संबंधित सभी दस्तावेजों में स्वचालित रूप से अपडेट हो जाएंगे, जिससे प्रक्रियाओं में लगने वाला समय और मेहनत बचेगी।

 

पोर्टल कैसे करेगा काम और क्या होगी प्रक्रिया?
विकसित किए जा रहे इस डिजिटल पोर्टल को अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके इस तरह से डिज़ाइन किया जा रहा है कि यह आधार, पैन, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जैसे देश के सभी प्रमुख पहचान पत्रों के डेटाबेस के साथ निर्बाध रूप से एकीकृत (seamlessly integrated) रहे। उपयोगकर्ताओं को किसी जानकारी को अपडेट करने के लिए पोर्टल पर लॉग इन करने के बाद विशिष्ट विकल्प चुनने होंगे। उदाहरण के लिए, यदि कोई उपयोगकर्ता अपना पंजीकृत मोबाइल नंबर बदलना चाहता है, तो उसके लिए एक अलग और स्पष्ट विकल्प उपलब्ध होगा। इसी प्रकार, पता बदलने या नाम में सुधार करने के लिए भी अलग-अलग विकल्प मौजूद रहेंगे।

 

जानकारी को अपडेट करने के लिए उपयोगकर्ताओं को मांगे गए संबंधित दस्तावेज़ों की स्कैन कॉपी या तस्वीरें पोर्टल पर अपलोड करनी होंगी। सिस्टम इन दस्तावेज़ों का सत्यापन करेगा और जानकारी को अपडेट करेगा। अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह दावा किया जा रहा है कि पोर्टल के माध्यम से किया गया बदलाव मात्र तीन कार्य दिवसों के भीतर सभी संबंधित दस्तावेजों में स्वचालित रूप से अपडेट हो जाएगा, जो वर्तमान प्रक्रिया की तुलना में काफी तेज़ होगा।

 

बदलाव के बाद नया पहचान-पत्र कैसे मिलेगा?
जानकारी अपडेट होने के बाद यदि नागरिक अपने अपडेटेड विवरण के साथ नया भौतिक पहचान पत्र प्राप्त करना चाहते हैं, तो उसके लिए भी इसी केंद्रीकृत पोर्टल पर सुविधा उपलब्ध होगी। इसके लिए उपयोगकर्ताओं को पोर्टल पर एक विशिष्ट विकल्प का चयन करना होगा और निर्धारित मामूली शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करना होगा।

 

एक बार आवेदन और शुल्क जमा हो जाने के बाद, अपडेटेड जानकारी के साथ नया पहचान पत्र स्पीड पोस्ट या पंजीकृत डाक जैसी सुरक्षित माध्यमों से सात कार्य दिवसों के भीतर सीधे आवेदक के पंजीकृत आवासीय पते पर पहुंचा दिया जाएगा। यह सुविधा उन लोगों के लिए बेहद सुविधाजनक होगी जो सरकारी कार्यालयों में जाने में असमर्थ हैं या समय बचाना चाहते हैं।

 

जो नागरिक ऑनलाइन माध्यम से नया पहचान पत्र घर पर मंगवाने के बजाय स्वयं किसी निर्धारित सरकारी कार्यालय या केंद्र से इसे प्राप्त करना चाहेंगे, उनके लिए भी पोर्टल पर विकल्प मौजूद रहेगा। इस विकल्प का चयन करने पर, सिस्टम द्वारा संसाधित होने के बाद आवेदक को उसके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक सूचना भेजी जाएगी, जिसमें अपडेटेड पहचान पत्र प्राप्त करने की संभावित तिथि और समय की जानकारी दी जाएगी। इससे उन्हें कार्यालय में बेवजह इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

 

वर्तमान स्थिति: ट्रायल रन जारी, जल्द शुरू होने की उम्मीद
परियोजना की वर्तमान स्थिति के बारे में अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, यूनिफाइड डिजिटल आईडेंटिटी सिस्टम का विकास कार्य अंतिम चरणों में है और वर्तमान में इसका सघन ट्रायल रन (Trial Run) किया जा रहा है। अधिकारियों ने स्वीकार किया कि सिस्टम को लागू करने में कुछ तकनीकी और कानूनी चुनौतियां थीं, विशेष रूप से विभिन्न पहचान पत्रों के डेटाबेस को एक साथ लाना और डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करना। हालांकि, इन चुनौतियों का समाधान अंतिम चरण में है और डेटा को सुरक्षित रखने के लिए एक मजबूत और फुल प्रूफ व्यवस्था बनाई जा रही है।

 

अब तक किए गए ट्रायल रन के परिणाम काफी उत्साहजनक बताए जा रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, ट्रायल रन में 92% से अधिक की उच्च सटीकता दर हासिल हुई है। सरकार का लक्ष्य इस सटीकता दर को बढ़ाकर 98% या उससे अधिक करना है। एक बार यह उच्च सटीकता दर हासिल हो जाने और सभी तकनीकी व कानूनी पहलुओं का निराकरण हो जाने के बाद, सिस्टम को सीमित पैमाने पर परीक्षण के लिए लागू किया जाएगा। इस परीक्षण की सफलता के कुछ ही महीनों के भीतर इस महत्वपूर्ण पोर्टल को देश के आम नागरिकों के लिए पूरी तरह से शुरू कर दिया जाएगा।

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फिलहाल इस महत्वाकांक्षी पोर्टल का आधिकारिक नाम तय नहीं किया गया है। अंतिम परीक्षण पूरा होने और सिस्टम के पूरी तरह से तैयार हो जाने के बाद ही इसके नाम की घोषणा की जाएगी। इस यूनिफाइड डिजिटल आईडेंटिटी सिस्टम से निश्चित रूप से नागरिकों को पहचान पत्रों से संबंधित सेवाओं को प्राप्त करने में अभूतपूर्व आसानी होगी और डिजिटल इंडिया की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
SONU

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