IDBI बैंक जल्द बनेगा प्राइवेट! सरकार-एलआईसी की हिस्सेदारी बिकने को तैयार, सितंबर में लग सकती है बोली

 40 से 50 हजार करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी, विनिवेश प्रक्रिया अंतिम चरण में, शेयर खरीद समझौते को मिली मंजूरी
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IDBI
आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) जल्द ही एक निजी बैंक में तब्दील होने वाला है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आईडीबीआई बैंक के विनिवेश की प्रक्रिया अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गई है। इसके शेयर खरीद सौदे (Share Purchase Agreement - SPA) को अंतर मंत्रालयी समूह (IMG) ने भी अपनी हरी झंडी दे दी है। इस महत्वपूर्ण मंजूरी के बाद, उम्मीद है कि सितंबर के पहले सप्ताह में वित्तीय बोलियां आमंत्रित की जाएंगी। वर्तमान में, केंद्र सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के पास आईडीबीआई बैंक की कुल 95% हिस्सेदारी है।READ ALSO:-https://khabreelal.com/business/gold-prices-fall-by-rs-2900-and-silver-by-rs-1582-this/cid16987181.htm

 

कब लगेगी अंतिम बोली?
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की है कि आईएमजी ने इस संबंध में दो बैठकें कीं और हाल ही में शेयर खरीद समझौते को मंजूरी दे दी है। अब इसे विनिवेश सचिवों के कोर ग्रुप के समक्ष रखा जाएगा। इसके बाद ही वित्तीय बोलियां आमंत्रित किए जाने की उम्मीद है, जो सितंबर के पहले सप्ताह में हो सकती हैं।

 

शेयर खरीद समझौता एक कानूनी रूप से बाध्यकारी दस्तावेज होता है। इसमें उन नियमों और शर्तों का विस्तृत उल्लेख होता है, जिनके तहत किसी कंपनी के शेयर विक्रेता से खरीदार को हस्तांतरित किए जाते हैं। ऐसे विनिवेश सौदों में, एसपीए दोनों पक्षों के हितों की रक्षा करने और मूल्य निर्धारण, प्रतिनिधित्व और देनदारियों जैसे प्रमुख खंडों को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 

देरी की वजह और सरकार का लक्ष्य
सूत्रों के अनुसार, ड्राफ्ट एसपीए पर तीन शॉर्टलिस्ट किए गए बोलीदाताओं द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरणों के कारण पहले थोड़ी देरी हुई थी। हालांकि, सरकार इस बात को लेकर आशावादी है कि बाकी की प्रक्रिया अब सुचारू रूप से आगे बढ़ेगी। संभावित खरीदारों की ओर से रुचि की अभिव्यक्तियां (EoI) मूल रूप से जनवरी 2024 में प्रस्तुत की गई थीं।

 OMEGA

आईडीबीआई बैंक में सरकार और एलआईसी की बड़ी हिस्सेदारी है। इस विनिवेश के तहत, आईडीबीआई बैंक की 60.72% हिस्सेदारी बेची जाएगी। सरकार ने इस विनिवेश प्रक्रिया से 40 हजार करोड़ रुपये से 50 हजार करोड़ रुपये जुटाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। यह कदम सरकार के विनिवेश कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में सरकार की हिस्सेदारी कम करना और राजस्व जुटाना है।
SONU

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