फिजिकल आधार कार्ड से मिलेगी मुक्ति! होटल, एयरपोर्ट जैसे स्थानों पर अब QR कोड स्कैन कर डिजिटल आधार से होगी पहचान की पुष्टि
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी जानकारी, होटल-एयरपोर्ट पर वेरिफिकेशन होगा आसान, UIDAI का दावा - डेटा पूरी तरह सुरक्षित, ऐप जल्द होगा सबके लिए उपलब्ध।
Apr 10, 2025, 00:00 IST
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अब होटल, एयरपोर्ट या किसी अन्य स्थान पर अपनी पहचान सत्यापित करने के लिए फिजिकल आधार कार्ड या उसकी फोटोकॉपी साथ रखने की जरूरत जल्द ही खत्म हो सकती है। केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक नए आधार मोबाइल एप्लिकेशन को लॉन्च करने की घोषणा की है, जो पहचान के सत्यापन की प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल बना देगा।READ ALSO:-UP में बिजली निजीकरण का विरोध: लखनऊ में हजारों कर्मचारियों का शक्ति प्रदर्शन, पुलिस से नोकझोंक, जाम से जनता हलकान
कैसे काम करेगा नया आधार ऐप?
इस नए ऐप की मदद से उपयोगकर्ता कुछ आसान चरणों में अपनी पहचान डिजिटल रूप से वेरिफाई कर सकेंगे:
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QR कोड स्कैनिंग: उपयोगकर्ता को अपने मोबाइल में मौजूद इस नए आधार ऐप से वेरिफायर (जैसे होटल या एयरपोर्ट काउंटर) द्वारा प्रदान किया गया QR कोड स्कैन करना होगा। यह प्रक्रिया काफी हद तक UPI भुगतान के लिए QR कोड स्कैन करने जैसी ही होगी।
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जानकारी का चयन: QR कोड स्कैन करने के बाद, ऐप उपयोगकर्ता से पूछेगा कि वे अपनी कौन-कौन सी आधार डिटेल्स (जैसे केवल नाम और फोटो, या नाम, पता, जन्मतिथि आदि) वेरिफायर के साथ साझा करना चाहते हैं। यह नियंत्रण पूरी तरह से उपयोगकर्ता के हाथ में होगा।
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फेस वेरिफिकेशन: उपयोगकर्ता द्वारा जानकारी साझा करने की अनुमति देने के बाद, ऐप के माध्यम से ही उनका फेस वेरिफिकेशन (चेहरे का सत्यापन) किया जाएगा। इसके लिए ऐप फेस आईडी तकनीक का इस्तेमाल करेगा।
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सत्यापन पूर्ण: फेस वेरिफिकेशन सफलतापूर्वक पूरा होते ही, उपयोगकर्ता द्वारा चुनी गई जानकारी वेरिफायर के सिस्टम में डिजिटल रूप से साझा हो जाएगी और पहचान का सत्यापन पूरा हो जाएगा।
सुरक्षा और उपयोगकर्ता नियंत्रण पर जोर
इस ऐप को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा विकसित किया गया है और इसमें उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। UIDAI का दावा है कि ऐप पर उपयोगकर्ता का डेटा 100% सुरक्षित रहेगा। इसे डेटा लीक और फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ऐप का इंटरफेस भी उपयोगकर्ता के अनुकूल और चलाने में आसान बताया गया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उपयोगकर्ता का इस पर पूरा नियंत्रण होगा कि वह कितनी और कौन सी जानकारी साझा करना चाहता है।
वर्तमान स्थिति और उपलब्धता
यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर "AadhaarFaceRD" नाम से लॉन्च किया गया है। हालांकि, केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि फिलहाल यह ऐप केवल टेस्टिंग मोड में है और इसका उपयोग 'आधार संवाद' से जुड़े कुछ लोग ही कर पा रहे हैं। इन शुरुआती उपयोगकर्ताओं से मिलने वाले फीडबैक के आधार पर ऐप में आवश्यक सुधार किए जाएंगे। पूरी तरह से परीक्षण और सुधार के बाद ही इसे आम जनता के उपयोग के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
इस नई पहल से न केवल पहचान सत्यापन की प्रक्रिया तेज और सुगम होगी, बल्कि फिजिकल दस्तावेजों की आवश्यकता कम होने से लोगों को काफी सुविधा भी मिलेगी।
