रेलवे का बड़ा तोहफा: चार्टिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव, वेटिंग टिकट वालों की अब 8 घंटे पहले कन्फर्म होगी ट्रेन टिकट!
भारतीय रेलवे ने अपने चार्टिंग सिस्टम में एक बड़ा बदलाव किया है, जिससे वेटिंग टिकट वाले यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। अब ट्रेन के रवाना होने से 8 घंटे पहले रिजर्वेशन चार्ट तैयार किया जाएगा। यह कदम उन यात्रियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होगा जो दूर-दराज के इलाकों से ट्रेन पकड़ने आते हैं।
Jun 29, 2025, 19:53 IST
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भारतीय रेलवे ने यात्रियों, खासकर वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों के लिए एक बड़ा बदलाव किया है। अब ट्रेन के चलने से 8 घंटे पहले रिजर्वेशन चार्ट तैयार कर दिया जाएगा, जिससे वेटिंग टिकट की स्थिति का पता लगाने के लिए अब आखिरी मिनट तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह निर्णय लाखों यात्रियों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है।READ ALSO:-मेरठ: मनचले के एडिटेड वीडियो से ब्लैकमेलिंग और उत्पीड़न का शिकार हुई युवती, आरोपी ने तीन बार तुड़वाया रिश्ता; पुलिस ने दर्ज किया केस
क्यों बदला चार्टिंग का समय?
पहले, ट्रेनों का रिजर्वेशन चार्ट ट्रेन के रवाना होने से सिर्फ 4 घंटे पहले बनता था। इससे वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को अपने टिकट के कन्फर्म होने या न होने का पता आखिरी समय तक नहीं चल पाता था। कई बार तो यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर आकर ही पता चलता था कि उनका टिकट कन्फर्म नहीं हुआ है, जिससे उन्हें वैकल्पिक यात्रा का कोई मौका नहीं मिलता था। यह उन यात्रियों के लिए और भी बड़ी परेशानी थी जो दूर-दराज के इलाकों या ग्रामीण क्षेत्रों से आते थे।
पहले, ट्रेनों का रिजर्वेशन चार्ट ट्रेन के रवाना होने से सिर्फ 4 घंटे पहले बनता था। इससे वेटिंग लिस्ट वाले यात्रियों को अपने टिकट के कन्फर्म होने या न होने का पता आखिरी समय तक नहीं चल पाता था। कई बार तो यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर आकर ही पता चलता था कि उनका टिकट कन्फर्म नहीं हुआ है, जिससे उन्हें वैकल्पिक यात्रा का कोई मौका नहीं मिलता था। यह उन यात्रियों के लिए और भी बड़ी परेशानी थी जो दूर-दराज के इलाकों या ग्रामीण क्षेत्रों से आते थे।
नए नियम के तहत:
- सुबह 2 बजे से पहले रवाना होने वाली ट्रेनों के लिए चार्ट एक दिन पहले रात 9 बजे ही बन जाएगा।
- बाकी सभी ट्रेनों के लिए चार्ट ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान समय से 8 घंटे पहले तैयार कर लिया जाएगा।
इस बदलाव से यात्रियों को अपने टिकट की स्थिति जानने और अगर टिकट कन्फर्म नहीं होता है तो समय रहते कोई और व्यवस्था करने का पर्याप्त समय मिल जाएगा।
भविष्य का रेलवे: दिसंबर 2025 तक आ रहा है सुपरफास्ट बुकिंग सिस्टम
भारतीय रेलवे केवल चार्टिंग सिस्टम में ही नहीं, बल्कि अपनी पूरी बुकिंग प्रक्रिया को भी आधुनिक बना रहा है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे जल्द ही एक नया और अत्याधुनिक पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (PRS) लॉन्च करने वाला है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (CRIS) संभाल रहा है और यह दिसंबर 2025 तक शुरू होने की उम्मीद है।
भारतीय रेलवे केवल चार्टिंग सिस्टम में ही नहीं, बल्कि अपनी पूरी बुकिंग प्रक्रिया को भी आधुनिक बना रहा है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, रेलवे जल्द ही एक नया और अत्याधुनिक पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (PRS) लॉन्च करने वाला है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम (CRIS) संभाल रहा है और यह दिसंबर 2025 तक शुरू होने की उम्मीद है।
यह नया PRS सिस्टम यात्रियों के लिए गेम चेंजर साबित होगा:
- तेज बुकिंग: वर्तमान में प्रति मिनट 32,000 टिकट बुक होते हैं, लेकिन नया सिस्टम एक मिनट में 1.5 लाख से अधिक टिकट बुक कर सकेगा, जो लगभग पांच गुना ज्यादा है।
- बेहतर पूछताछ: टिकट पूछताछ सिस्टम की क्षमता भी 4 लाख प्रति मिनट से बढ़कर 40 लाख प्रति मिनट हो जाएगी। इसका मतलब है कि लाखों यात्री वास्तविक समय में अपनी बुकिंग की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
तत्काल टिकट के लिए आधार अनिवार्यता और बढ़ता यात्रीभार
एक और महत्वपूर्ण बदलाव 1 जुलाई 2025 से लागू होगा: तत्काल बुकिंग के लिए आधार लिंक करना अनिवार्य होगा। तत्काल कोटे में टिकट बुक करने के लिए यात्रियों को बुकिंग के समय अपनी आधार डिटेल्स देनी होंगी। यह कदम तत्काल टिकटों की धांधली रोकने और वास्तविक यात्रियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
एक और महत्वपूर्ण बदलाव 1 जुलाई 2025 से लागू होगा: तत्काल बुकिंग के लिए आधार लिंक करना अनिवार्य होगा। तत्काल कोटे में टिकट बुक करने के लिए यात्रियों को बुकिंग के समय अपनी आधार डिटेल्स देनी होंगी। यह कदम तत्काल टिकटों की धांधली रोकने और वास्तविक यात्रियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
भारतीय रेलवे लगातार विस्तार कर रहा है। रेलवे को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026 में करीब 7.57 बिलियन यात्री सफर करेंगे, जो वित्त वर्ष 2025 के 7.27 बिलियन से अधिक है। ये सभी बदलाव भारतीय रेलवे को और अधिक कुशल, पारदर्शी और यात्री-केंद्रित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
