बिजनौर (शकील अहमद ब्यूरो चीफ बिजनौर)
बिजनौर: जिले के हल्दौर थाना क्षेत्र में बुधवार देर रात मामूली विवाद ने एक खूनी संघर्ष का रूप ले लिया, जिसमें एक युवक की जान चली गई और भारतीय सेना का एक जवान जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है। इस घटना के बाद इलाके में भारी तनाव व्याप्त है और गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क पर उतरकर इंसाफ की मांग की है।READ ALSO:- मेरठ: आधी रात काली मंदिर से दुर्गा प्रतिमा हटाने पर भड़का वाल्मीकि समाज; पुलिस पर 'आस्था तोड़ने' और 'तोड़फोड़' का गंभीर आरोप, छावनी बना इलाका!
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बॉलीवुड और भारतीय टेलीविजन जगत के महान और बहुमुखी कलाकार सतीश शाह (Satish Shah) का आज (शनिवार, 25 अक्टूबर 2025) दुखद निधन हो गया है। अपनी लाजवाब कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को हंसाने वाले सतीश शाह ने 74 वर्ष की उम्र में मुंबई में अपनी आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, और किडनी फेलियर को उनकी मौत का कारण बताया जा रहा है। उनके निधन की पुष्टि प्रोड्यूसर और IFTDA के अध्यक्ष अशोक पंडित ने की है। चरित्र अभिनेता और कॉमेडियन का सफर सतीश शाह का अभिनय करियर पाँच दशकों से अधिक लंबा रहा, जिसमें उन्होंने 400 से ज्यादा फिल्मों और कई सफल टीवी सीरियल्स में काम किया। उनका जन्म 1951 में हुआ था और उन्होंने पुणे के FTII (Film and Television Institute of India) से प्रशिक्षण लिया था। टीवी जगत का आइकॉन: उन्हें सबसे ज्यादा पहचान हिट कॉमेडी सीरियल 'साराभाई वर्सेज साराभाई' में इंद्रावदन साराभाई (Indravadan Sarabhai) के किरदार से मिली। इस शो में उनके डायलॉग और एक्सप्रेशन आज भी कल्ट क्लासिक माने जाते हैं। 'ये जो है जिंदगी' (1984) में 55 अलग-अलग किरदार निभाकर उन्होंने घर-घर में अपनी पहचान बनाई थी। फिल्मी करियर की शुरुआत: उन्होंने 1983 की डार्क कॉमेडी फिल्म 'जाने भी दो यारों' में एक 'लाश' (Dead Body) का आइकॉनिक किरदार निभाया था, जिसने उन्हें रातोंरात पहचान दिलाई थी। प्रमुख फिल्में: उनकी कुछ यादगार बॉलीवुड फिल्मों में 'हम आपके हैं कौन', 'मुझसे शादी करोगी', 'कल हो ना हो' और शाहरुख खान अभिनीत 'मैं हूँ ना' शामिल हैं, जहाँ उन्होंने अपनी कॉमिक टाइमिंग से जान डाल दी। Read Also : थामा, और 'स्त्री 2' के म्यूजिक कंपोजर सचिन सांघवी गिरफ्तार, शादी और गाना देने का झांसा देकर 20 साल की युवती से यौन उत्पीड़न का आरोप किडनी फेलियर और निधन की पुष्टि मिली जानकारी के मुताबिक, अभिनेता सतीश शाह पिछले कुछ समय से किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्होंने आज दोपहर करीब 2:30 बजे अंतिम सांस ली। आधिकारिक रूप से किडनी फेलियर को उनकी मृत्यु का कारण बताया गया है। शाह के निधन की खबर सामने आने के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। इंडस्ट्री में शोक की लहर मशहूर निर्माता अशोक पंडित ने सतीश शाह के निधन की पुष्टि करते हुए कहा, "जी हाँ, सतीश शाह नहीं रहे। वो मेरे अच्छे मित्र थे। किडनी फेलियर के चलते उनका निधन हो गया है। इंडस्ट्री के लिए यह एक बड़ी क्षति है।" Public Reaction or Social Media: श्रद्धांजलि सतीश शाह के निधन की खबर से उनके फैंस स्तब्ध हैं। सोशल मीडिया पर उनके फैंस और फिल्मी सितारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है और उनके सबसे यादगार किरदारों को याद कर रहे हैं। 'साराभाई वर्सेज साराभाई' की कास्ट और क्रू ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। सिनेमा में हास्य की क्षति सतीश शाह का निधन हिंदी सिनेमा में चरित्र अभिनय और हास्य की एक पीढ़ी का अंत है। उनकी अभिनय शैली और हास्य टाइमिंग हमेशा दर्शकों के दिलों में ज़िंदा रहेगी।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर मेरठ के लिए परिवहन के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर के साथ ही मेरठ को अपनी पहली 'मेरठ मेट्रो' मिलने जा रही है। यह न केवल शहर के अंदर कनेक्टिविटी को सुधारेगी, बल्कि दिल्ली और गाजियाबाद जैसे शहरों से भी मेरठ के सफर को आसान और तेज बना देगी। आइए, मेरठ मेट्रो से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी पर एक विस्तृत नजर डालते हैं: Meerut Metro की कब होगी शुरुआत? (Kab Shuru Hogi) मेरठ मेट्रो का संचालन, दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (जिसे 'नमो भारत' ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है) के साथ ही शुरू होना प्रस्तावित है। हालिया अपडेट: खबरों के अनुसार, 30 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नमो भारत ट्रेन के आखिरी चरण (मेरठ साउथ से मोदीपुरम) और मेरठ मेट्रो का उद्घाटन किया जा सकता है। लक्ष्य: पूरी परियोजना (RRTS के साथ) को जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। प्राथमिकता खंड (साहिबाबाद से दुहाई) का परिचालन अक्टूबर 2023 में पहले ही शुरू हो चुका है। खासियत: यह देश का पहला ऐसा ट्रैक होगा जिस पर एक ही ट्रैक पर हाई-स्पीड नमो भारत ट्रेन और तीन कोच वाली मेरठ मेट्रो ट्रेन, दोनों एक साथ चलेंगी। रूट मैप (Route Map) और स्टेशन मेरठ मेट्रो कॉरिडोर दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर का ही हिस्सा है। यह मुख्यतः मेरठ के शहरी क्षेत्र में सेवा प्रदान करेगी। कॉरिडोर का नाम: मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम (Meerut South to Modipuram) कुल लंबाई: लगभग 23 किमी स्टेशनों की संख्या: इस कॉरिडोर में कुल 13 स्टेशन हैं। केवल मेट्रो स्टेशन: इनमें से 10 स्टेशन केवल मेरठ मेट्रो के लिए होंगे। RRTS और मेट्रो दोनों के लिए स्टेशन (Integrated Stations): मेरठ साउथ, बेगमपुल, और मोदीपुरम स्टेशन RRTS और मेरठ मेट्रो, दोनों की सेवाओं के लिए इंटीग्रेटेड (एकीकृत) होंगे। प्रमुख स्टेशन (संभावित): मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौर्ली, मेरठ नॉर्थ, और मोदीपुरम। किराया (Kiraya) मेरठ मेट्रो का किराया दूरी के आधार पर तय किया जाएगा। यह किराया नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (NCRTC) द्वारा जारी किया जाएगा। नमो भारत (RRTS) का किराया (दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के लिए): मानक (Standard) कोच: ₹20 से शुरू होकर अधिकतम ₹150 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। प्रीमियम (Premium) कोच: ₹30 से शुरू होकर अधिकतम ₹225 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। मेरठ मेट्रो का अनुमानित किराया: चूंकि मेरठ मेट्रो की यात्रा दूरी RRTS की तुलना में कम होगी (शहर के भीतर), इसका किराया ₹20 से ₹50 के बीच होने की संभावना है, जो यात्रियों द्वारा तय की गई दूरी पर निर्भर करेगा। मेरठ मेट्रो की आगे की योजना (Aage Ka Plan) मेरठ मेट्रो का पहला चरण (मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम) पूरा होने के बाद, आगे की योजनाओं में शहर के विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ाना शामिल है: दूसरा कॉरिडोर प्रस्तावित: मेरठ मेट्रो के लिए दूसरा कॉरिडोर भी प्रस्तावित है, जिसका रूट श्रद्धापुरी एक्सटेंशन से जाग्रति विहार तक हो सकता है। इस पर अभी विस्तृत काम शुरू होना बाकी है। टाउनशिप और TOD: मेरठ में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) मॉडल पर आधारित नई टाउनशिप का विकास किया जा रहा है। ये टाउनशिप RRTS/मेट्रो स्टेशनों के आस-पास होंगी, जिससे लोग अपने कार्यस्थल (Walk to Work) और जरूरी सुविधाओं तक आसानी से पहुँच सकेंगे। इससे 2029 तक 20,000 से अधिक रोजगार उत्पन्न होने का अनुमान है। फीडर सेवाएं: स्टेशनों से अंतिम-मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों के लिए फीडर सेवाओं को मजबूत करने की योजना है। मेरठ मेट्रो न केवल शहर के ट्रैफिक को कम करेगी बल्कि दिल्ली-एनसीआर से मेरठ की कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगी, जिससे यहां के निवासियों के लिए समय और पैसे दोनों की बचत होगी। यह परियोजना मेरठ को देश के सबसे आधुनिक परिवहन नेटवर्क वाले शहरों की श्रेणी में खड़ा कर देगी।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर, जिसे अब 'नमो भारत' (NaMo Bharat) ट्रेन के नाम से जाना जाता है, अब अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही पूरी तरह से यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा।Read also:-Delhi–Meerut RRTS Opening Date 2025: नमो भारत रैपिड रेल से दिल्ली से मेरठ सफर सिर्फ 55 मिनट में वो दिन अब दूर नहीं, जब मेरठ का निवासी दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में शॉपिंग करने और गाजियाबाद का व्यापारी मेरठ में अपने बिजनेस को विस्तार देने का सपना सिर्फ 60 मिनट में पूरा कर सकेगा। देश के सबसे महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS), अब हकीकत बनने की दहलीज पर है। 82 किलोमीटर का यह हाई-स्पीड कॉरिडोर लगभग तैयार है और रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2025 की शुरुआत में प्रधानमंत्री द्वारा इसका उद्घाटन किया जा सकता है। संभावित उद्घाटन की तारीखें: मीडिया रिपोर्ट्स और निर्माण कार्य की प्रगति के अनुसार, पूरे कॉरिडोर (सराय काले खां से मोदीपुरम तक) का उद्घाटन अक्टूबर 2025 में होने की प्रबल संभावना है। ऐसी खबरें हैं कि अक्टूबर 2025 की शुरुआत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का शुभारंभ कर सकते हैं। पूरा कॉरिडोर: यह 82 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां को मेरठ के मोदीपुरम डिपो से जोड़ेगा, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय एक घंटे से भी कम हो जाएगा। वर्तमान में परिचालन: 20 अक्टूबर 2023 से प्राथमिकता कॉरिडोर (साहिबाबाद से दुहाई डिपो) और हाल ही में न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक का खंड पहले से ही चालू है, जिसने लाखों यात्रियों को बड़ी राहत दी है। मेरठ मेट्रो: एक ही पटरी पर रैपिड और मेट्रो का तालमेल मेरठ शहर के भीतर यात्रियों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए मेरठ मेट्रो भी 'नमो भारत' ट्रेन के साथ ही उसी ट्रैक पर चलेगी। शुरुआत: मेरठ मेट्रो का उद्घाटन भी अक्टूबर 2025 में रैपिड रेल के साथ ही होने की उम्मीद है। रूट: यह मेट्रो सेवा मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो के बीच 23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर चलेगी, जिसमें 13 स्टेशन होंगे। विशेषता: यह भारत की पहली ऐसी परियोजना है जहाँ क्षेत्रीय रैपिड रेल और स्थानीय मेट्रो ट्रेनें एक ही ट्रैक को साझा करेंगी, लेकिन इनके परिचालन के समय अलग-अलग होंगे। स्टेशन लिस्ट: कहाँ-कहाँ रुकेगी आपकी 'नमो भारत'? दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर पर कुल 16 स्टेशन होंगे। दिल्ली (3) गाजियाबाद (6) मेरठ (7) सराय काले खां साहिबाबाद मेरठ साउथ (कॉमन) न्यू अशोक नगर गाजियाबाद शताब्दी नगर (कॉमन) आनंद विहार गुलधर बेगमपुल (कॉमन) दुहाई मोदीपुरम (कॉमन) दुहाई डिपो परतापुर (सिर्फ मेट्रो) मुरादनगर रिठानी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर दक्षिण ब्रहमपुरी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर उत्तर मेरठ सेंट्रल (सिर्फ मेट्रो) भैंसाली (सिर्फ मेट्रो) एमईएस कॉलोनी (सिर्फ मेट्रो) डोरली (सिर्फ मेट्रो) मेरठ नॉर्थ (सिर्फ मेट्रो) मोदीपुरम डिपो (सिर्फ मेट्रो) (कॉमन स्टेशन वे हैं जहाँ 'नमो भारत' रैपिड रेल और मेरठ मेट्रो दोनों रुकेंगी।) किराया विवरण: कितना होगा आपकी यात्रा का खर्च? 'नमो भारत' ट्रेन में दो तरह के कोच हैं: स्टैंडर्ड कोच और प्रीमियम कोच। यात्रियों को अपनी सुविधा अनुसार टिकट खरीदने का विकल्प मिलेगा। किराया सीमा: किराया ₹20 से शुरू होता है और अधिकतम ₹225 तक जा सकता है। एक प्रमुख रूट का किराया (उदाहरण): न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक: स्टैंडर्ड कोच में ₹150 और प्रीमियम कोच में ₹225। आनंद विहार से मेरठ साउथ तक का सफर लगभग 35 मिनट में पूरा होगा, जिसका किराया इसी सीमा में होगा। भुगतान विकल्प: यात्री QR कोड-आधारित पेपर टिकट और NCMC (नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड) का उपयोग करके यात्रा कर सकेंगे। निर्माण प्रगति और तकनीकी विशेषताएँ आरआरटीएस परियोजना का लगभग 75% से अधिक सिविल कार्य पूरा हो चुका है। स्पीड और रोलिंग स्टॉक: 'नमो भारत' ट्रेन की डिज़ाइन गति 180 किमी/घंटा है, जबकि परिचालन गति 160 किमी/घंटा होगी। ट्रेनों में महिलाओं के लिए एक आरक्षित कोच, प्रीमियम कोच, और सभी के लिए आधुनिक सुविधाएं (Wi-Fi, लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग पोर्ट) उपलब्ध हैं। हरित ऊर्जा पहल: NCRTC ने अपने स्टेशनों और डिपो पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं, जो परियोजना को स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। फाइनल अप्रूवल: दिल्ली से मेरठ तक पूरे कॉरिडोर के वाणिज्यिक परिचालन के लिए अंतिम चरण की सुरक्षा मंजूरी मिलना बाकी है, जिसके बाद इसे तुरंत खोल दिया जाएगा। यह कॉरिडोर एनसीआर के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो न केवल यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि रोजगार, व्यापार और रियल एस्टेट को भी नई ऊंचाइयां देगा।
मेरठ, 19 सितंबर 2025 मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए 30 सितंबर का दिन एक नए युग की शुरुआत करने जा रहा है। इस ऐतिहासिक तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की पहली रैपिड रेल 'नमो भारत' के संपूर्ण कॉरिडोर और मेरठ मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री इस उद्घाटन को यादगार बनाते हुए दिल्ली से 'नमो भारत' ट्रेन में सवार होकर मेरठ के मोदीपुरम तक का सफर तय करेंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।READ ALSO:-सितंबर में 'प्रलयंकारी' मानसून: हिमाचल-उत्तराखंड में बादल फटने और लैंडस्लाइड से तबाही जारी, 424 की मौत दिल्ली से मेरठ तक ट्रेन में PM, फिर विशाल जनसभा योजना के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से रैपिड ट्रेन के जरिए मेरठ पहुंचेंगे। यह यात्रा अपने आप में एक संदेश होगी कि दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी अब मिनटों में सिमट गई है। मोदीपुरम स्टेशन पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री का काफिला शताब्दीनगर के लिए रवाना होगा, जहाँ वे एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस रैली में मेरठ समेत आसपास के सभी जिलों से लाखों लोगों के जुटने की उम्मीद है, जिसके लिए तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। शहर में हाई अलर्ट, घर-घर किरायेदारों की जांच प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर पूरा प्रशासनिक और पुलिस अमला हाई अलर्ट पर है। गुरुवार को एडीजी भानु भास्कर ने एक उच्च-स्तरीय बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और कड़े इंतजामों के निर्देश दिए। सुरक्षा एजेंसियां कोई भी ढिलाई नहीं बरतना चाहतीं। पुलिस और एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) की टीमों ने गुरुवार देर रात शताब्दी नगर, रिझानी और रिठानी जैसे इलाकों में घर-घर जाकर सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान किरायेदारों और बाहर से आकर रह रहे लोगों के नाम, पते और मोबाइल नंबर दर्ज किए गए। देर रात बिजली गुल होने के बावजूद यह अभियान टॉर्च की रोशनी में जारी रहा, जो सुरक्षा की गंभीरता को दर्शाता है। यह सुरक्षा इसलिए भी कड़ी की गई है क्योंकि प्रधानमंत्री के दौरे से ठीक पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी 20 से 22 सितंबर तक मेरठ में रहेंगी और दो विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में हिस्सा लेंगी। मेरठ की नई लाइफलाइन: जानिए मेट्रो और नमो भारत का नेटवर्क यह प्रोजेक्ट मेरठ की कनेक्टिविटी को पूरी तरह से बदल देगा। नमो भारत (रैपिड रेल): दिल्ली से मेरठ तक का पूरा 82 किलोमीटर का ट्रैक अब पूरी तरह से चालू हो जाएगा। मेरठ मेट्रो: कुल लंबाई: 23 किलोमीटर (18 किमी एलिवेटेड, 5 किमी भूमिगत) कुल स्टेशन: 13 (मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, डौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो)। भूमिगत स्टेशन: मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपul। एक ही टिकट पर दोनों में सफर: यात्रियों की सुविधा के लिए चार स्टेशनों- मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम को कॉमन स्टेशन बनाया गया है, जहाँ यात्री नमो भारत और मेट्रो के बीच आसानी से स्विच कर सकेंगे।
इस वर्ष दीपावली की सही तिथि को लेकर पंचांगों में भिन्नता के कारण आम लोगों में बना कन्फ्यूजन अब दूर हो गया है। कुछ पंचांगों में 20 अक्टूबर तो कुछ में 21 अक्टूबर को दिवाली बताई जा रही थी। इस भ्रम की स्थिति को समाप्त करते हुए देश की सर्वोच्च धार्मिक संस्थाओं में से एक, श्री काशी विद्वत परिषद, ने स्पष्ट कर दिया है कि संपूर्ण देश में दीपावली का महापर्व सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को ही मनाया जाएगा।READ ALSO:-यूपी में कुदरत का डबल अटैक: पूर्वांचल में 'जल प्रलय' ने तोड़ा 136 साल का रिकॉर्ड, अब पश्चिमी यूपी के 23 जिलों में भारी बारिश-ओलों का अलर्ट! क्यों 20 अक्टूबर है सही तिथि? काशी विद्वत परिषद के ज्योतिष प्रकोष्ठ के मंत्री और बीएचयू के प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय के अनुसार, सनातन धर्म में पर्वों का निर्धारण तिथियों की गणितीय गणना और शास्त्रों के आधार पर होता है। दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को प्रदोष काल में मनाई जाती है। प्रदोष काल का अर्थ है सूर्यास्त के बाद का समय। इस वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगी और यह 21 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। 20 अक्टूबर को, जब सूर्यास्त होगा, तब अमावस्या तिथि विद्यमान रहेगी और पूरे प्रदोष काल को कवर करेगी। लक्ष्मी पूजन और दीपदान के लिए यह शास्त्र सम्मत और शुभ मुहूर्त है। 21 अक्टूबर को, अमावस्या तिथि शाम 4 बजकर 26 मिनट पर ही समाप्त हो जाएगी, जबकि सूर्यास्त लगभग 5 बजकर 40 मिनट पर होगा। इसका अर्थ है कि सूर्यास्त और प्रदोष काल के समय अमावस्या तिथि नहीं रहेगी, बल्कि प्रतिपदा तिथि लग चुकी होगी। ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने भी स्पष्ट किया कि ब्रह्म पुराण के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की रात्रि में ही देवी लक्ष्मी और कुबेर भ्रमण करते हैं। यह रात्रि व्यापिनी और प्रदोष व्यापिनी अमावस्या 20 अक्टूबर को ही प्राप्त हो रही है। अतः इसी दिन लक्ष्मी-कुबेर पूजन और दीपोत्सव मनाना श्रेष्ठ है। 21 अक्टूबर को होगी स्नान-दान की अमावस्या विद्वानों ने यह भी स्पष्ट किया कि 21 अक्टूबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि होने के कारण इस दिन स्नान, दान और पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करना उत्तम रहेगा। इसलिए, 21 अक्टूबर की तिथि धार्मिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन दीपावली का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। इस स्पष्टीकरण के बाद अब लोगों को अपने त्योहार की तैयारियों को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में रहने की आवश्यकता नहीं है।
उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक दिल दहला देने वाला Murder Case सामने आया है। रोहटा थाना क्षेत्र में एक पत्नी ने अपने 11 साल छोटे प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की निर्मम हत्या कर दी। पति अनिल की हत्या की प्लानिंग रचने वाली पत्नी काजल ने पुलिस के सामने कबूल किया कि वह अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती थी और पति अनिल इसमें रुकावट डाल रहा था। हत्या की यह सनसनीखेज वारदात 24 अक्टूबर की रात को हुई थी।Read also:-6 महीने भी नहीं बीते... मेरठ में नवविवाहिता का पंखे से लटका मिला शव, ससुर गिरफ्तार, शराबी पति फरार, मायके वालों ने कहा- 'मार डाला' "मैं अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती थी, लेकिन मेरा पति रुकावट डालता था।" यह कबूलनामा मेरठ की रहने वाली 36 वर्षीय काजल का है, जिसने अपने 19 साल के प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या की खौफनाक साजिश रच डाली। पुलिस के सामने काजल ने जो कहानी बयां की, उसे सुनकर सभी सन्न रह गए। उसने बताया, "हम दोनों ने पहले पति को नशे की 6 गोलियां दीं। वह बेहोश हो गया तो उसे बाइक पर बैठाकर नहर किनारे ले गए। वहां दुपट्टे से उसका गला घोट दिया। उसे मरा समझकर नहर में फेंक दिया।" यह जघन्य हत्याकांड मेरठ के रोहटा थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी पत्नी काजल, उसके प्रेमी आकाश और प्रेमी के दोस्त बादल को गिरफ्तार कर लिया है। घटना 24 अक्टूबर की है। गुमशुदगी से उठा हत्या का पर्दा रोहटा निवासी 32 वर्षीय अनिल राजमिस्त्री का काम करता था। उसकी शादी 8 साल पहले मुजफ्फरनगर की 36 वर्षीय काजल से हुई थी। उनके तीन बच्चे भी हैं, जिनमें दो बेटियां (6 और 4 साल) और एक बेटा (2 साल) है। पुलिस के मुताबिक, काजल का अपने पड़ोस में रहने वाले 19 वर्षीय चिनाई मजदूर आकाश से पिछले दो साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। 24 अक्टूबर को अनिल अचानक घर से गायब हो गया। जब वह दो दिन तक घर नहीं लौटा, तो 26 अक्टूबर को उसके भाई राजू ने रोहटा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पत्नी के फोन से खुला राज पुलिस ने जांच शुरू की और इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। अनिल की कॉल डिटेल से कुछ खास नहीं मिला। लेकिन जब पुलिस ने पत्नी काजल के फोन रिकॉर्ड की जांच की, तो परतें खुलने लगीं। काजल एक खास नंबर (आकाश) पर लगातार संपर्क में थी। पुलिस ने काजल को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की। पहले तो वह पुलिस को गुमराह करती रही, लेकिन जब पुलिस ने सबूत सामने रखे, तो वह टूट गई और उसने हत्या का पूरा राज उगल दिया। साजिश का पूरा कबूलनामा काजल ने बताया कि पति अनिल को उसके और आकाश के अफेयर के बारे में पता चल गया था, जिससे घर में रोज झगड़े होते थे। वह आकाश के साथ रहना चाहती थी, लेकिन पति अनिल रास्ते का रोड़ा बना हुआ था। इसलिए दोनों ने मिलकर उसे रास्ते से हटाने की ठान ली। 15 किमी दूर ले जाकर की हत्या आरोपी प्रेमी आकाश ने बताया कि 24 अक्टूबर की रात, योजना के मुताबिक काजल ने पति अनिल को खाने में नशे की 6 गोलियां मिलाकर दे दीं। जब अनिल बेहोश हो गया, तो काजल ने आकाश को बुलाया। आकाश अपने एक दोस्त बादल (निवासी डोला, बागपत) के साथ आया। तीनों ने मिलकर बेहोश अनिल को बाइक पर बैठाया और करीब 15 किमी दूर सिवालखास पुल के पास गंगनहर पर ले गए। वहां सुनसान जगह देखकर उन्होंने दुपट्टे से अनिल का गला घोंट दिया। जब अनिल ने हिलना-डुलना बंद कर दिया, तो तीनों ने उसे मरा समझकर गंगनहर के तेज बहाव में फेंक दिया। भाई को पहले से था शक मृतक के भाई राजू ने बताया कि उसे अपनी भाभी काजल पर पहले से ही शक था। इसीलिए 5 नवंबर को उसने पुलिस को दूसरी तहरीर दी, जिसमें उसने काजल, आकाश और बादल पर हत्या का संदेह जताया था। इसके बाद पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच तेज की और तीनों को गिरफ्तार कर लिया। नहर में शव की तलाश जारी पुलिस ने तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि नहर में पानी का बहाव तेज है, इसलिए शव को ढूंढने में मुश्किल आ रही है। गोताखोरों की मदद से गंगनहर में अनिल के शव की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है।
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में एक यूट्यूबर परिवार का घरेलू विवाद अब पुलिस और सोशल मीडिया तक पहुंच चुका है। दो साल पहले सोशल मीडिया के जरिए जुड़े और प्रेम विवाह के बंधन में बंधे यूट्यूबर पंकज दिवाकर और उनकी ईरानी पत्नी फायजा ने परिवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके जवाब में पंकज की मां ने बहू पर घर की संपत्ति बेचने का दबाव बनाने और गालियां देने का पलटवार किया है। Moradabad के सिविल थाना क्षेत्र के इस मामले ने घरेलू हिंसा और सांस्कृतिक टकराव का नया पहलू सामने ला दिया है।READ ALSO:-Bijnor Suicide: बिजनौर में दवा व्यापारी सोहित ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या, पुलिस जांच में जुटी प्रेम विवाह के बाद दहेज और उत्पीड़न के आरोप पंकज दिवाकर ने सिविल थाना क्षेत्र के आशियाना के रहने वाले हैं, जिन्होंने एक NRI युवती फायजा से शादी की थी। शादी के बाद से ही परिवार में विवाद शुरू हो गया। बहू के आरोप: ईरानी पत्नी फायजा ने ससुराल पक्ष पर दहेज उत्पीड़न, ब्लैकमेलिंग और यहां तक कि जान से मारने की धमकी जैसे संगीन आरोप लगाए हैं। सास का पलटवार: वहीं, पंकज की मां कुंता देवी का कहना है कि बहू फायजा झूठे आरोप लगाकर घर की संपत्ति बेचने का दबाव बना रही है। विदेशी भाषा का विवाद: कुंता देवी ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया कि उनकी बहू अंग्रेजी और फारसी (ईरानी भाषा) में गालियां देती है, जिनका अर्थ परिवार के सदस्यों को समझ नहीं आता। उन्होंने कहा कि "अंग्रेजी-फारसी में ईरानी बूह देती गाली"। विदेश सेटल होने की जिद और घर बेचने का दबाव विवाद की जड़ में अब पति-पत्नी का विदेश जाने का इरादा और परिवार की संपत्ति शामिल है। पंकज दिवाकर का बयान: यूट्यूबर पंकज दिवाकर का कहना है कि यह एक पारिवारिक मामला है, जिसे वह अनावश्यक रूप से बढ़ाना नहीं चाहते हैं। उन्होंने साफ किया कि वह और उनकी पत्नी फायजा ईरान जाकर एक नई जिंदगी शुरू करने की तैयारी में हैं। मां का आरोप: पंकज की मां कुंता देवी का आरोप है कि बेटा और बहू विदेश जाकर बसने के लिए मकान बेचने पर अड़े हैं। कुंता देवी ने बताया कि उनका बेटा पहले भी दो बार ईरान जा चुका है और लाखों रुपए लेकर गया था। अब उनके पास पैसे नहीं हैं, इसलिए पति-पत्नी मकान बेचने को बोल रहे हैं। पुलिस की मध्यस्थता और सुरक्षा आश्वासन मामला महिला थाना पहुंच गया है, जहां पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाकर सच्चाई जानने की कोशिश की। SP सिटी का बयान: मुरादाबाद के एसपी सिटी रणविजय सिंह ने जानकारी दी कि परिवार में विवाद हुआ है और NRI पत्नी व परिवार के अन्य सदस्यों के बीच विवाद होने के बाद दोनों पक्ष उनके ऑफिस पहुँचे थे। शांति और सुरक्षा: एसपी सिटी ने बताया कि पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर मामले को शांत करा दिया है। फायजा द्वारा अनुरोध किया गया था कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, जिसके बाद स्थानीय थाने के SHO और महिला थाने की प्रभारी को सख्त हिदायत दी गई है कि वे लगातार जाकर स्थिति का जायजा लें। विधिक सहायता: पुलिस ने आश्वासन दिया है कि फायजा को हर तरह की विधिक सहायता दी जाएगी और यदि वह अपने देश वापस जाना चाहती है तो पुलिस इसमें पूरी मदद करेगी। सहमति: दोनों पक्षों ने थाने में सहमति दी है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि यदि कोई भी हरकत अपराध की श्रेणी में आती है तो तत्काल संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाएगी। यूट्यूबर परिवार का भविष्य इस घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विवाद ने मुरादाबाद में यूट्यूबर परिवार को सुर्खियों में ला दिया है। अब देखना यह है कि पंकज दिवाकर और उनकी पत्नी फायजा ईरान जाकर नई जिंदगी शुरू करने के अपने फैसले पर कायम रहते हैं या नहीं, और क्या कुंता देवी पर मकान बेचने का दबाव बनाने का आरोप सही साबित होता है।
बिजनौर (शकील अहमद ब्यूरो चीफ बिजनौर) उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक बेहद दर्दनाक सड़क हादसा सामने आया है। गुरुवार शाम किरतपुर थाना क्षेत्र के गांव सराय इम्मा में एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्रॉली की चपेट में आने से आठ वर्षीय मासूम अयान की दुखद मृत्यु हो गई। इस हादसे में दो महिलाएं भी गंभीर रूप से घायल हुई हैं। घटना के बाद ट्रैक्टर चालक मौके से फरार हो गया। इस पूरे हादसे का खौफनाक CCTV फुटेज सामने आया है, जिसमें अनियंत्रित ट्रैक्टर बच्चे और महिलाओं को कुचलता हुआ दिखाई दे रहा है।READ ALSO:-मेरठ ट्रैफिक अलर्ट: गढ़ रोड पर भारी वाहनों की 'No Entry' जारी, जाम से बचने के लिए घर से निकलने से पहले देखें रूट प्लान खुशियों के बीच मातम यह हृदय विदारक घटना गुरुवार शाम किरतपुर थाना क्षेत्र के गांव सराय इम्मा में उस वक्त हुई, जब परिवार खुशियाँ मना रहा था। घटना का कारण: गांव के अलीमुद्दीन की पुत्री के यहां बच्चा होने की खुशी में उनकी पत्नी आसमा, भाई की पत्नी गुलशन और सलीम का आठ वर्षीय पुत्र अयान गांव में मिठाई बाँट रहे थे। दुर्घटना: ये तीनों यासीन के घर के सामने खड़े थे। तभी एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्रॉली को आता देख तीनों ने दीवार के सहारे खुद को बचाने की कोशिश की और दीवार से सटकर खड़े हो गए। मासूम अयान ने रास्ते में तोड़ा दम बचाव की कोशिश के बावजूद यह हादसा हुआ, जिसके बाद परिवार में मातम छा गया। हादसा: अनियंत्रित ट्रैक्टर-ट्रॉली ने तीनों को दीवार से सटाकर जोरदार टक्कर मार दी, जिससे तीनों उसकी चपेट में आ गए। गंभीर चोटें: हादसे में मासूम अयान गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि महिलाएं आसमा और गुलशन भी चोटिल हुईं। इलाज के लिए रेफर: परिजन अयान को तुरंत किरतपुर के एक स्थानीय अस्पताल ले गए। वहाँ से बच्चे की हालत गंभीर होने के कारण उसे बिजनौर रेफर कर दिया गया। दुखद अंत: हालांकि, मासूम अयान ने बिजनौर ले जाने के दौरान रास्ते में ही दम तोड़ दिया। पुलिस जांच और चालक की तलाश हादसे के बाद ट्रैक्टर चालक मौके से फरार हो गया। बिजनौर पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। CCTV फुटेज: इस पूरी घटना का CCTV फुटेज पुलिस के हाथ लगा है, जो हादसे की भयावहता को दर्शाता है। पुलिस अब फुटेज के आधार पर फरार ट्रैक्टर चालक की पहचान कर उसकी तलाश में जुट गई है। FIR दर्ज: परिजनों की शिकायत के आधार पर किरतपुर थाना क्षेत्र में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस का आश्वासन: पुलिस ने परिजनों को जल्द से जल्द आरोपी चालक को गिरफ्तार करने और कठोर कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। गुस्से का माहौल इस दर्दनाक घटना और CCTV फुटेज के सामने आने के बाद इलाके में भारी तनाव और गुस्से का माहौल है। सोशल मीडिया पर लोग तेज रफ्तार और लापरवाह वाहन चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। परिवार में पसरा मातम मासूम अयान की मौत से अलीमुद्दीन के परिवार में खुशियों का माहौल मातम में बदल गया है। बिजनौर पुलिस के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती जल्द से जल्द आरोपी चालक को गिरफ्तार कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना है।
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