UP Election 2022: शिवपाल के घर पहुंचे ओवैसी-राजभर और चंद्रशेखर, छोटे दलों में गठबंधन होने की उम्मीद बढ़ी

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AIMIM
UP Election 2022: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे प्रदेश की सियासत गरमाती जा रही है। राजनीतिक दल भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए हर तरह की जोड़तोड़ में जुटे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर (Chandrashekhar Azad) प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) से मिलने उनके घर पहुंच गए। इस दौरान चारों नेताओं ने आगे की चुनावी रणनीति पर चर्चा की।

 

खबरों के मुताबिक बुधवार शाम करीब छह बजे उनके आवास पर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर पहुंचे थे, इन तीनों के बीच बातचीत शुरू हुई थी कि आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण भी वहां पहुंच गए।

 

गठबंधन की खबरों ने जोर पकड़ा

हालांकि इस मुलाकात को लेकर इनमें से किसी भी नेता ने अभी तक कुछ नहीं कहा है, लेकिन जिस तरह से चुनावी माहौल में यह मीटिंग हुई है उससे इन सभी दलों के गठबंधन की खबरों ने जोर पकड़ लिया है। बता दें कि AIMIM और सुभासपा के बीच पहले ही यूपी चुनावों को लेकर गठबंधन हो चुका है। दरअसल, ओवैसी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी की अगुवाई में भागीदारी संकल्प मोर्चा बनाया गया है। इसमें अब सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को लेकर मंथन हो रहा है। उधर शिवपाल यादव भी लगातार छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर जोर देते रहे हैं। हालांकि प्रसपआ अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव अभी तक मोर्चा में शामिल होने से इनकार कर रहे हैं।

 

ऐसे में इस मुलाकात के चर्चा है कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के चीफ शिवपाल यादव प्रदेश में सियासी जमीन तलाश रहे हैं और विधानसभा चुनाव में गठबंधन कर चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि राजभर और ओवैसी के साथ शिवपाल की अब तक कई बार बैठक हो चुकी है, लेकिन सीट शेयरिंग को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। हालांकि, इसकी एक बड़ी वजह समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) बताए जा रहे हैं।

 

शिवपाल ने अखिलेश को दिया 11 अक्टूबर तक का वक्त

शिवपाल यादव सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा हैं और उन्होंने आपसी मतभेद के बाद समाजवादी पार्टी से अलग होकर पार्टी बनाई थी। हालांकि वे अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी से गठबंधन करना चाहते हैं, लेकिन अभी तक अखिलेश की तरफ से सकारात्मक जवाब उन्हें नहीं मिला है। इसके चलते मंगलवार को शिवपाल का दर्द भी छलका था। उन्होंने कहा था कि वे अपनी तरफ से सपा से गठबंधन के लिए पूरी कोशिश कर चुके हैं, लेकिन अखिलेश की तरह से कोई जवाब नहीं मिल रह है। जिसके बाद उन्होंने अखिलेश को 11 अक्टूबर तक जवाब देने का समय दिया था। उन्होंने कहा था कि यदि 11 अक्टूबर तक अखिलेश का कोई जवाब नहीं आया तो वे सभी 403 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे। वहीं असदुदीन ओवैसी पर पूछे गये सवाल पर शिवपाल ने कहा कि ओवैसी देश के बड़े नेता हैं उनपर वे कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।

 

शेयरिंग का फॉर्मूला तय होना बाकी

उधर वहीं, ओवैसी और राजभर ने भी शिवपाल को गठबंधन को लेकर अपना स्टैंड साफ करने को कह दिया है ताकि सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो सके। एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश की 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। ओवैसी की पार्टी ने 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिली थी। हालांकि बिहार में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में उसे सीमांचल की पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी। 

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