@khabreelal_news जयपुर में बेकाबू डंपर का 'मौत का तांडव', 17 गाड़ियों को रौंदा, 13 की मौत और 10 घायल; ड्राइवर नशे में था
— MK Vashisth (@vadhisth) November 3, 2025
हरमाड़ा के लोहा मंडी पर हुआ भीषण हादसा। डंपर ड्राइवर कल्याण मीणा नशे में ओवरस्पीड चला रहा था। मृतकों में 5 साल की बच्ची और चाचा-भतीजी शामिल। pic.twitter.com/wDmMLfVlgu
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बॉलीवुड और भारतीय टेलीविजन जगत के महान और बहुमुखी कलाकार सतीश शाह (Satish Shah) का आज (शनिवार, 25 अक्टूबर 2025) दुखद निधन हो गया है। अपनी लाजवाब कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को हंसाने वाले सतीश शाह ने 74 वर्ष की उम्र में मुंबई में अपनी आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, और किडनी फेलियर को उनकी मौत का कारण बताया जा रहा है। उनके निधन की पुष्टि प्रोड्यूसर और IFTDA के अध्यक्ष अशोक पंडित ने की है। चरित्र अभिनेता और कॉमेडियन का सफर सतीश शाह का अभिनय करियर पाँच दशकों से अधिक लंबा रहा, जिसमें उन्होंने 400 से ज्यादा फिल्मों और कई सफल टीवी सीरियल्स में काम किया। उनका जन्म 1951 में हुआ था और उन्होंने पुणे के FTII (Film and Television Institute of India) से प्रशिक्षण लिया था। टीवी जगत का आइकॉन: उन्हें सबसे ज्यादा पहचान हिट कॉमेडी सीरियल 'साराभाई वर्सेज साराभाई' में इंद्रावदन साराभाई (Indravadan Sarabhai) के किरदार से मिली। इस शो में उनके डायलॉग और एक्सप्रेशन आज भी कल्ट क्लासिक माने जाते हैं। 'ये जो है जिंदगी' (1984) में 55 अलग-अलग किरदार निभाकर उन्होंने घर-घर में अपनी पहचान बनाई थी। फिल्मी करियर की शुरुआत: उन्होंने 1983 की डार्क कॉमेडी फिल्म 'जाने भी दो यारों' में एक 'लाश' (Dead Body) का आइकॉनिक किरदार निभाया था, जिसने उन्हें रातोंरात पहचान दिलाई थी। प्रमुख फिल्में: उनकी कुछ यादगार बॉलीवुड फिल्मों में 'हम आपके हैं कौन', 'मुझसे शादी करोगी', 'कल हो ना हो' और शाहरुख खान अभिनीत 'मैं हूँ ना' शामिल हैं, जहाँ उन्होंने अपनी कॉमिक टाइमिंग से जान डाल दी। Read Also : थामा, और 'स्त्री 2' के म्यूजिक कंपोजर सचिन सांघवी गिरफ्तार, शादी और गाना देने का झांसा देकर 20 साल की युवती से यौन उत्पीड़न का आरोप किडनी फेलियर और निधन की पुष्टि मिली जानकारी के मुताबिक, अभिनेता सतीश शाह पिछले कुछ समय से किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्होंने आज दोपहर करीब 2:30 बजे अंतिम सांस ली। आधिकारिक रूप से किडनी फेलियर को उनकी मृत्यु का कारण बताया गया है। शाह के निधन की खबर सामने आने के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। इंडस्ट्री में शोक की लहर मशहूर निर्माता अशोक पंडित ने सतीश शाह के निधन की पुष्टि करते हुए कहा, "जी हाँ, सतीश शाह नहीं रहे। वो मेरे अच्छे मित्र थे। किडनी फेलियर के चलते उनका निधन हो गया है। इंडस्ट्री के लिए यह एक बड़ी क्षति है।" Public Reaction or Social Media: श्रद्धांजलि सतीश शाह के निधन की खबर से उनके फैंस स्तब्ध हैं। सोशल मीडिया पर उनके फैंस और फिल्मी सितारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है और उनके सबसे यादगार किरदारों को याद कर रहे हैं। 'साराभाई वर्सेज साराभाई' की कास्ट और क्रू ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। सिनेमा में हास्य की क्षति सतीश शाह का निधन हिंदी सिनेमा में चरित्र अभिनय और हास्य की एक पीढ़ी का अंत है। उनकी अभिनय शैली और हास्य टाइमिंग हमेशा दर्शकों के दिलों में ज़िंदा रहेगी।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर मेरठ के लिए परिवहन के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर के साथ ही मेरठ को अपनी पहली 'मेरठ मेट्रो' मिलने जा रही है। यह न केवल शहर के अंदर कनेक्टिविटी को सुधारेगी, बल्कि दिल्ली और गाजियाबाद जैसे शहरों से भी मेरठ के सफर को आसान और तेज बना देगी। आइए, मेरठ मेट्रो से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी पर एक विस्तृत नजर डालते हैं: Meerut Metro की कब होगी शुरुआत? (Kab Shuru Hogi) मेरठ मेट्रो का संचालन, दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (जिसे 'नमो भारत' ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है) के साथ ही शुरू होना प्रस्तावित है। हालिया अपडेट: खबरों के अनुसार, 30 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नमो भारत ट्रेन के आखिरी चरण (मेरठ साउथ से मोदीपुरम) और मेरठ मेट्रो का उद्घाटन किया जा सकता है। लक्ष्य: पूरी परियोजना (RRTS के साथ) को जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। प्राथमिकता खंड (साहिबाबाद से दुहाई) का परिचालन अक्टूबर 2023 में पहले ही शुरू हो चुका है। खासियत: यह देश का पहला ऐसा ट्रैक होगा जिस पर एक ही ट्रैक पर हाई-स्पीड नमो भारत ट्रेन और तीन कोच वाली मेरठ मेट्रो ट्रेन, दोनों एक साथ चलेंगी। रूट मैप (Route Map) और स्टेशन मेरठ मेट्रो कॉरिडोर दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर का ही हिस्सा है। यह मुख्यतः मेरठ के शहरी क्षेत्र में सेवा प्रदान करेगी। कॉरिडोर का नाम: मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम (Meerut South to Modipuram) कुल लंबाई: लगभग 23 किमी स्टेशनों की संख्या: इस कॉरिडोर में कुल 13 स्टेशन हैं। केवल मेट्रो स्टेशन: इनमें से 10 स्टेशन केवल मेरठ मेट्रो के लिए होंगे। RRTS और मेट्रो दोनों के लिए स्टेशन (Integrated Stations): मेरठ साउथ, बेगमपुल, और मोदीपुरम स्टेशन RRTS और मेरठ मेट्रो, दोनों की सेवाओं के लिए इंटीग्रेटेड (एकीकृत) होंगे। प्रमुख स्टेशन (संभावित): मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौर्ली, मेरठ नॉर्थ, और मोदीपुरम। किराया (Kiraya) मेरठ मेट्रो का किराया दूरी के आधार पर तय किया जाएगा। यह किराया नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (NCRTC) द्वारा जारी किया जाएगा। नमो भारत (RRTS) का किराया (दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के लिए): मानक (Standard) कोच: ₹20 से शुरू होकर अधिकतम ₹150 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। प्रीमियम (Premium) कोच: ₹30 से शुरू होकर अधिकतम ₹225 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। मेरठ मेट्रो का अनुमानित किराया: चूंकि मेरठ मेट्रो की यात्रा दूरी RRTS की तुलना में कम होगी (शहर के भीतर), इसका किराया ₹20 से ₹50 के बीच होने की संभावना है, जो यात्रियों द्वारा तय की गई दूरी पर निर्भर करेगा। मेरठ मेट्रो की आगे की योजना (Aage Ka Plan) मेरठ मेट्रो का पहला चरण (मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम) पूरा होने के बाद, आगे की योजनाओं में शहर के विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ाना शामिल है: दूसरा कॉरिडोर प्रस्तावित: मेरठ मेट्रो के लिए दूसरा कॉरिडोर भी प्रस्तावित है, जिसका रूट श्रद्धापुरी एक्सटेंशन से जाग्रति विहार तक हो सकता है। इस पर अभी विस्तृत काम शुरू होना बाकी है। टाउनशिप और TOD: मेरठ में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) मॉडल पर आधारित नई टाउनशिप का विकास किया जा रहा है। ये टाउनशिप RRTS/मेट्रो स्टेशनों के आस-पास होंगी, जिससे लोग अपने कार्यस्थल (Walk to Work) और जरूरी सुविधाओं तक आसानी से पहुँच सकेंगे। इससे 2029 तक 20,000 से अधिक रोजगार उत्पन्न होने का अनुमान है। फीडर सेवाएं: स्टेशनों से अंतिम-मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों के लिए फीडर सेवाओं को मजबूत करने की योजना है। मेरठ मेट्रो न केवल शहर के ट्रैफिक को कम करेगी बल्कि दिल्ली-एनसीआर से मेरठ की कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगी, जिससे यहां के निवासियों के लिए समय और पैसे दोनों की बचत होगी। यह परियोजना मेरठ को देश के सबसे आधुनिक परिवहन नेटवर्क वाले शहरों की श्रेणी में खड़ा कर देगी।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर, जिसे अब 'नमो भारत' (NaMo Bharat) ट्रेन के नाम से जाना जाता है, अब अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही पूरी तरह से यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा।Read also:-Delhi–Meerut RRTS Opening Date 2025: नमो भारत रैपिड रेल से दिल्ली से मेरठ सफर सिर्फ 55 मिनट में वो दिन अब दूर नहीं, जब मेरठ का निवासी दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में शॉपिंग करने और गाजियाबाद का व्यापारी मेरठ में अपने बिजनेस को विस्तार देने का सपना सिर्फ 60 मिनट में पूरा कर सकेगा। देश के सबसे महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS), अब हकीकत बनने की दहलीज पर है। 82 किलोमीटर का यह हाई-स्पीड कॉरिडोर लगभग तैयार है और रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2025 की शुरुआत में प्रधानमंत्री द्वारा इसका उद्घाटन किया जा सकता है। संभावित उद्घाटन की तारीखें: मीडिया रिपोर्ट्स और निर्माण कार्य की प्रगति के अनुसार, पूरे कॉरिडोर (सराय काले खां से मोदीपुरम तक) का उद्घाटन अक्टूबर 2025 में होने की प्रबल संभावना है। ऐसी खबरें हैं कि अक्टूबर 2025 की शुरुआत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का शुभारंभ कर सकते हैं। पूरा कॉरिडोर: यह 82 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां को मेरठ के मोदीपुरम डिपो से जोड़ेगा, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय एक घंटे से भी कम हो जाएगा। वर्तमान में परिचालन: 20 अक्टूबर 2023 से प्राथमिकता कॉरिडोर (साहिबाबाद से दुहाई डिपो) और हाल ही में न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक का खंड पहले से ही चालू है, जिसने लाखों यात्रियों को बड़ी राहत दी है। मेरठ मेट्रो: एक ही पटरी पर रैपिड और मेट्रो का तालमेल मेरठ शहर के भीतर यात्रियों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए मेरठ मेट्रो भी 'नमो भारत' ट्रेन के साथ ही उसी ट्रैक पर चलेगी। शुरुआत: मेरठ मेट्रो का उद्घाटन भी अक्टूबर 2025 में रैपिड रेल के साथ ही होने की उम्मीद है। रूट: यह मेट्रो सेवा मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो के बीच 23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर चलेगी, जिसमें 13 स्टेशन होंगे। विशेषता: यह भारत की पहली ऐसी परियोजना है जहाँ क्षेत्रीय रैपिड रेल और स्थानीय मेट्रो ट्रेनें एक ही ट्रैक को साझा करेंगी, लेकिन इनके परिचालन के समय अलग-अलग होंगे। स्टेशन लिस्ट: कहाँ-कहाँ रुकेगी आपकी 'नमो भारत'? दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर पर कुल 16 स्टेशन होंगे। दिल्ली (3) गाजियाबाद (6) मेरठ (7) सराय काले खां साहिबाबाद मेरठ साउथ (कॉमन) न्यू अशोक नगर गाजियाबाद शताब्दी नगर (कॉमन) आनंद विहार गुलधर बेगमपुल (कॉमन) दुहाई मोदीपुरम (कॉमन) दुहाई डिपो परतापुर (सिर्फ मेट्रो) मुरादनगर रिठानी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर दक्षिण ब्रहमपुरी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर उत्तर मेरठ सेंट्रल (सिर्फ मेट्रो) भैंसाली (सिर्फ मेट्रो) एमईएस कॉलोनी (सिर्फ मेट्रो) डोरली (सिर्फ मेट्रो) मेरठ नॉर्थ (सिर्फ मेट्रो) मोदीपुरम डिपो (सिर्फ मेट्रो) (कॉमन स्टेशन वे हैं जहाँ 'नमो भारत' रैपिड रेल और मेरठ मेट्रो दोनों रुकेंगी।) किराया विवरण: कितना होगा आपकी यात्रा का खर्च? 'नमो भारत' ट्रेन में दो तरह के कोच हैं: स्टैंडर्ड कोच और प्रीमियम कोच। यात्रियों को अपनी सुविधा अनुसार टिकट खरीदने का विकल्प मिलेगा। किराया सीमा: किराया ₹20 से शुरू होता है और अधिकतम ₹225 तक जा सकता है। एक प्रमुख रूट का किराया (उदाहरण): न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक: स्टैंडर्ड कोच में ₹150 और प्रीमियम कोच में ₹225। आनंद विहार से मेरठ साउथ तक का सफर लगभग 35 मिनट में पूरा होगा, जिसका किराया इसी सीमा में होगा। भुगतान विकल्प: यात्री QR कोड-आधारित पेपर टिकट और NCMC (नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड) का उपयोग करके यात्रा कर सकेंगे। निर्माण प्रगति और तकनीकी विशेषताएँ आरआरटीएस परियोजना का लगभग 75% से अधिक सिविल कार्य पूरा हो चुका है। स्पीड और रोलिंग स्टॉक: 'नमो भारत' ट्रेन की डिज़ाइन गति 180 किमी/घंटा है, जबकि परिचालन गति 160 किमी/घंटा होगी। ट्रेनों में महिलाओं के लिए एक आरक्षित कोच, प्रीमियम कोच, और सभी के लिए आधुनिक सुविधाएं (Wi-Fi, लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग पोर्ट) उपलब्ध हैं। हरित ऊर्जा पहल: NCRTC ने अपने स्टेशनों और डिपो पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं, जो परियोजना को स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। फाइनल अप्रूवल: दिल्ली से मेरठ तक पूरे कॉरिडोर के वाणिज्यिक परिचालन के लिए अंतिम चरण की सुरक्षा मंजूरी मिलना बाकी है, जिसके बाद इसे तुरंत खोल दिया जाएगा। यह कॉरिडोर एनसीआर के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो न केवल यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि रोजगार, व्यापार और रियल एस्टेट को भी नई ऊंचाइयां देगा।
मेरठ, 19 सितंबर 2025 मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए 30 सितंबर का दिन एक नए युग की शुरुआत करने जा रहा है। इस ऐतिहासिक तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की पहली रैपिड रेल 'नमो भारत' के संपूर्ण कॉरिडोर और मेरठ मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री इस उद्घाटन को यादगार बनाते हुए दिल्ली से 'नमो भारत' ट्रेन में सवार होकर मेरठ के मोदीपुरम तक का सफर तय करेंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।READ ALSO:-सितंबर में 'प्रलयंकारी' मानसून: हिमाचल-उत्तराखंड में बादल फटने और लैंडस्लाइड से तबाही जारी, 424 की मौत दिल्ली से मेरठ तक ट्रेन में PM, फिर विशाल जनसभा योजना के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से रैपिड ट्रेन के जरिए मेरठ पहुंचेंगे। यह यात्रा अपने आप में एक संदेश होगी कि दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी अब मिनटों में सिमट गई है। मोदीपुरम स्टेशन पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री का काफिला शताब्दीनगर के लिए रवाना होगा, जहाँ वे एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस रैली में मेरठ समेत आसपास के सभी जिलों से लाखों लोगों के जुटने की उम्मीद है, जिसके लिए तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। शहर में हाई अलर्ट, घर-घर किरायेदारों की जांच प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर पूरा प्रशासनिक और पुलिस अमला हाई अलर्ट पर है। गुरुवार को एडीजी भानु भास्कर ने एक उच्च-स्तरीय बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और कड़े इंतजामों के निर्देश दिए। सुरक्षा एजेंसियां कोई भी ढिलाई नहीं बरतना चाहतीं। पुलिस और एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) की टीमों ने गुरुवार देर रात शताब्दी नगर, रिझानी और रिठानी जैसे इलाकों में घर-घर जाकर सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान किरायेदारों और बाहर से आकर रह रहे लोगों के नाम, पते और मोबाइल नंबर दर्ज किए गए। देर रात बिजली गुल होने के बावजूद यह अभियान टॉर्च की रोशनी में जारी रहा, जो सुरक्षा की गंभीरता को दर्शाता है। यह सुरक्षा इसलिए भी कड़ी की गई है क्योंकि प्रधानमंत्री के दौरे से ठीक पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी 20 से 22 सितंबर तक मेरठ में रहेंगी और दो विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में हिस्सा लेंगी। मेरठ की नई लाइफलाइन: जानिए मेट्रो और नमो भारत का नेटवर्क यह प्रोजेक्ट मेरठ की कनेक्टिविटी को पूरी तरह से बदल देगा। नमो भारत (रैपिड रेल): दिल्ली से मेरठ तक का पूरा 82 किलोमीटर का ट्रैक अब पूरी तरह से चालू हो जाएगा। मेरठ मेट्रो: कुल लंबाई: 23 किलोमीटर (18 किमी एलिवेटेड, 5 किमी भूमिगत) कुल स्टेशन: 13 (मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, डौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो)। भूमिगत स्टेशन: मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपul। एक ही टिकट पर दोनों में सफर: यात्रियों की सुविधा के लिए चार स्टेशनों- मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम को कॉमन स्टेशन बनाया गया है, जहाँ यात्री नमो भारत और मेट्रो के बीच आसानी से स्विच कर सकेंगे।
इस वर्ष दीपावली की सही तिथि को लेकर पंचांगों में भिन्नता के कारण आम लोगों में बना कन्फ्यूजन अब दूर हो गया है। कुछ पंचांगों में 20 अक्टूबर तो कुछ में 21 अक्टूबर को दिवाली बताई जा रही थी। इस भ्रम की स्थिति को समाप्त करते हुए देश की सर्वोच्च धार्मिक संस्थाओं में से एक, श्री काशी विद्वत परिषद, ने स्पष्ट कर दिया है कि संपूर्ण देश में दीपावली का महापर्व सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को ही मनाया जाएगा।READ ALSO:-यूपी में कुदरत का डबल अटैक: पूर्वांचल में 'जल प्रलय' ने तोड़ा 136 साल का रिकॉर्ड, अब पश्चिमी यूपी के 23 जिलों में भारी बारिश-ओलों का अलर्ट! क्यों 20 अक्टूबर है सही तिथि? काशी विद्वत परिषद के ज्योतिष प्रकोष्ठ के मंत्री और बीएचयू के प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय के अनुसार, सनातन धर्म में पर्वों का निर्धारण तिथियों की गणितीय गणना और शास्त्रों के आधार पर होता है। दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को प्रदोष काल में मनाई जाती है। प्रदोष काल का अर्थ है सूर्यास्त के बाद का समय। इस वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगी और यह 21 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। 20 अक्टूबर को, जब सूर्यास्त होगा, तब अमावस्या तिथि विद्यमान रहेगी और पूरे प्रदोष काल को कवर करेगी। लक्ष्मी पूजन और दीपदान के लिए यह शास्त्र सम्मत और शुभ मुहूर्त है। 21 अक्टूबर को, अमावस्या तिथि शाम 4 बजकर 26 मिनट पर ही समाप्त हो जाएगी, जबकि सूर्यास्त लगभग 5 बजकर 40 मिनट पर होगा। इसका अर्थ है कि सूर्यास्त और प्रदोष काल के समय अमावस्या तिथि नहीं रहेगी, बल्कि प्रतिपदा तिथि लग चुकी होगी। ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने भी स्पष्ट किया कि ब्रह्म पुराण के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की रात्रि में ही देवी लक्ष्मी और कुबेर भ्रमण करते हैं। यह रात्रि व्यापिनी और प्रदोष व्यापिनी अमावस्या 20 अक्टूबर को ही प्राप्त हो रही है। अतः इसी दिन लक्ष्मी-कुबेर पूजन और दीपोत्सव मनाना श्रेष्ठ है। 21 अक्टूबर को होगी स्नान-दान की अमावस्या विद्वानों ने यह भी स्पष्ट किया कि 21 अक्टूबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि होने के कारण इस दिन स्नान, दान और पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करना उत्तम रहेगा। इसलिए, 21 अक्टूबर की तिथि धार्मिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन दीपावली का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। इस स्पष्टीकरण के बाद अब लोगों को अपने त्योहार की तैयारियों को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में रहने की आवश्यकता नहीं है।
दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण कार धमाके के बाद उत्तर प्रदेश में आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS) पूरी तरह से सक्रिय हो गया है। यूपी एटीएस छापेमारी पश्चिमी उत्तर प्रदेश और लखनऊ के कई जिलों में की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, ATS ने सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर सहित विभिन्न स्थानों से कम से कम सात संदिग्धों को हिरासत में लिया है। इन सभी से एक गोपनीय स्थान पर ले जाकर गहन पूछताछ की जा रही है। यह कार्रवाई उस 'व्हाइट कॉलर' आतंकी मॉड्यूल के तार तलाशने के लिए की जा रही है, जिसका सरगना डॉ. उमर मोहम्मद था, जिसने दिल्ली में खुद को कार के साथ उड़ा लिया था।READ ALSO:- डॉक्टर्स के नेटवर्क पर शिकंजा: लखनऊ और सहारनपुर कनेक्शन जांच एजेंसियों को शक है कि आतंकी हमले की यह साजिश एक बड़े और संगठित नेटवर्क का हिस्सा थी, जिसमें उच्च शिक्षित पेशेवर शामिल थे। सहारनपुर में हिरासत: सहारनपुर में डॉ. अदील (आदिल अहमद राथर) के तीन करीबियों को ATS ने हिरासत में लिया है। डॉ. आदिल वही डॉक्टर है जिसकी गिरफ्तारी के बाद फरीदाबाद में 360 किलोग्राम विस्फोटक और AK-47 बरामद हुई थी। ATS अब इन करीबियों के बैंक खाते और कॉल डिटेल्स खंगाल रही है ताकि फंडिंग और संपर्क का पता लगाया जा सके। लखनऊ में छापेमारी: यूपी एटीएस छापेमारी लखनऊ के मड़ियांव इलाके में डॉ. परवेज अंसारी के घर पर भी हुई। बताया जा रहा है कि परवेज अंसारी के घर से कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जो फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल से उनके संभावित लिंक की जांच में मदद कर सकते हैं। मुजफ्फरनगर और मदरसों पर नजर एटीएस की एक टीम ने मुजफ्फरनगर जिले के बुढ़ाना स्थित दाऊद अरबिया दारुल उलूम मदरसे में भी छापा मारा। सूत्रों के अनुसार, यहाँ के संचालक से आतंकी सुलेमान और सोहेल से जुड़े इनपुट मांगे गए। सुलेमान और सोहेल वे आतंकी हैं, जिन्हें हाल ही में गुजरात एटीएस ने गिरफ्तार किया था और वे आईएसकेपी (ISKP) से जुड़े थे। यूपी एटीएस ने अब तक हिरासत में लिए गए सात संदिग्धों से डॉ. उमर मोहम्मद के साथ उनके संबंध, विस्फोटक सामग्री के लॉजिस्टिक्स और किसी आगामी हमले की योजना के बारे में पूछताछ कर रही है। दिल्ली धमाके के बाद यूपी एटीएस छापेमारी की यह व्यापक कार्रवाई दिखाती है कि आतंकी नेटवर्क की जड़ें राष्ट्रीय राजधानी से बाहर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों तक फैली हुई हैं। उच्च शिक्षित डॉक्टरों और मदरसों के कनेक्शन की जांच से स्पष्ट होता है कि सुरक्षा एजेंसियां अब 'व्हाइट कॉलर' आतंकवाद के खतरे को गंभीरता से ले रही हैं। एनआईए और एटीएस मिलकर इस मॉड्यूल की पूरी श्रृंखला को तोड़ने और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं।
दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण धमाके (Delhi Blast) में शामिल आतंकी डॉ. मोहम्मद उमर की पहली तस्वीर जांच एजेंसियों के हाथ लगी है। इस ब्लास्ट ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजधानी की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोमवार शाम 6.52 बजे लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास चलती कार में हुए इस धमाके में 2 महिलाओं समेत 9 लोगों की मौत हो गई थी और 24 लोग घायल हुए थे। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में UAPA (अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट) के तहत FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।Read also:-धर्मेंद्र के निधन की 'फेक न्यूज' से हड़कंप! रक्षा मंत्री ने दी श्रद्धांजलि, तो बेटी ईशा बोलीं- 'पापा रिकवर कर रहे, गलत खबरें न फैलाएं' धमाके की भयावहता और शुरुआती जांच ब्लास्ट इतना भीषण था कि इसकी आवाज एक किलोमीटर तक सुनाई दी। मरने वालों की उम्र 21 से 58 साल के बीच है। कई शव बुरी तरह जल गए और कुछ के शरीर के टुकड़े दूर-दूर तक बिखर गए। ब्लास्ट का स्थान: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास चलती कार में। क्षति: धमाके से आसपास खड़ी 6 कारें, 2 ई-रिक्शा और 1 ऑटो भी जल गए। जांच का फोकस: सुरक्षा एजेंसियां ने आत्मघाती हमले के एंगल से भी जांच शुरू कर दी है, हालांकि मौके से आरडीएक्स के सबूत नहीं मिले हैं। डॉ. मोहम्मद उमर और सफेद I-20 कार जांच एजेंसियों को डॉ. मोहम्मद उमर की पहली तस्वीर और ब्लास्ट से ठीक पहले का CCTV फुटेज मिला है, जो इस मामले में निर्णायक मोड़ ला सकता है। CCTV फुटेज: फुटेज में एक सफेद I-20 कार पार्किंग से निकलती दिख रही है, जिसमें आतंकी उमर के होने का शक है। यह कार हरियाणा के गुरुग्राम में सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड थी। कार का कनेक्शन: पुलिस ने सलमान को हिरासत में ले लिया है। सलमान ने यह कार पुलवामा के तारिक को बेची थी, जिसकी तलाश जारी है। उमर का फरीदाबाद मॉड्यूल कनेक्शन: पुलिस का मानना है कि उमर फरीदाबाद मॉड्यूल का हिस्सा हो सकता है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद से लखनऊ तक अभियान चलाकर 2900kg विस्फोटक (संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट) जब्त किया था। इस कार्रवाई में फरीदाबाद से डॉक्टर मुजम्मिल शकील और लखनऊ से महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद को गिरफ्तार किया गया है। गंभीर खुलासा: ढाई घंटे कार में बैठा रहा आतंकी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, आतंकी डॉ. उमर पार्किंग में खड़ी i-20 कार में लगभग ढाई से तीन घंटे तक बैठा रहा। निर्देश का इंतजार: वह एक पल के लिए भी कार से बाहर नहीं निकला था। पुलिस सूत्रों का अनुमान है कि वह या तो किसी का इंतजार कर रहा था, या पार्किंग में बैठकर हमले के निर्देश मिलने का इंतजार कर रहा था। कार में तीन लोग: पुलिस के मुताबिक, जिस कार में धमाका हुआ, उसमें तीन लोग थे। शवों पर स्प्लिंटर के निशान नहीं जांच एजेंसियों के लिए सबसे बड़ा सवाल विस्फोट की प्रकृति को लेकर है। डॉक्टरों की रिपोर्ट: शवों की जांच करने वाले एलएनजेपी अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि आमतौर पर आईईडी विस्फोट में मृतकों के शरीर काले पड़ जाते हैं और उन पर छर्रे/स्प्लिंटर की चोटें मिलती हैं, लेकिन इस धमाके में ऐसा नहीं दिखा है। UAPA के तहत FIR: दिल्ली पुलिस ने UAPA के तहत FIR दर्ज कर ली है। गृह मंत्री अमित शाह इस ब्लास्ट को लेकर इंटेलीजेंस ब्यूरो चीफ समेत सुरक्षा एजेंसियों के बड़े अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग करेंगे। आत्मघाती हमले के एंगल से जांच ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत और 24 लोगों के घायल होने की घटना से दिल्ली में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियां अब आत्मघाती हमले के एंगल से भी जांच कर रही हैं। यह घटना देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है, और जल्द ही पूरे मामले की शुरुआती रिपोर्ट सामने आने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर RSS की कानूनी प्रामाणिकता (Legal Authenticity) और उसके पंजीकरण (Registration) की आवश्यकता पर उठ रहे सवालों का स्पष्ट जवाब दिया है। रविवार को बेंगलुरु में आयोजित '100 ईयर ऑफ संघ जर्नी: न्यू हॉरिजन' कार्यक्रम के दौरान प्रश्न-उत्तर सत्र में भागवत ने दो टूक कहा कि संघ को कानूनी बाध्यताओं से बचने के लिए नहीं, बल्कि स्वतंत्र भारत के कानूनों में अनिवार्य न होने के कारण पंजीकृत (Register) नहीं कराया गया है। उन्होंने यहाँ तक कहा कि "कई चीजें बिना रजिस्ट्रेशन के मौजूद हैं और यहाँ तक कि हिंदू धर्म भी रजिस्टर नहीं है।"Read also:-बिजनौर: किरतपुर के रामा डिग्री कॉलेज में BCA छात्र के अपहरण का प्रयास, CCTV में कैद हुई घटना ब्रिटिश काल से उठ रहे सवाल मोहन भागवत ने कहा कि यह सवाल कई बार उठाया जा चुका है और जो लोग संघ के आलोचक हैं, वे इसे बार-बार दोहराते रहते हैं। उन्होंने संगठन की स्थापना के इतिहास का हवाला दिया: Why Sangh is not a registered organisation? - Is it by chance, choice or to avoid legal issues?#RSSNewHorizons #RSS100Years pic.twitter.com/u9u5N6jAfy — RSS (@RSSorg) November 9, 2025 ब्रिटिश सरकार से असहयोग: उन्होंने प्रश्न किया, "संघ की शुरुआत 1925 में हुई थी। क्या आप उम्मीद करते हैं कि हम ब्रिटिश सरकार के साथ रजिस्टर होंगे - वही सरकार जिसके खिलाफ हमारे सरसंघचालक लड़ रहे थे?" स्वतंत्र भारत में अनिवार्यता नहीं: उन्होंने जोर देकर कहा कि आजादी के बाद स्वतंत्र भारत के कानूनों में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य नहीं है। कानूनी मान्यता और आयकर विभाग का मामला मोहन भागवत ने स्पष्ट किया कि बिना रजिस्ट्रेशन के भी संघ एक कानूनी और मान्यता प्राप्त संगठन है। कानूनी दर्जा: उन्होंने कहा कि गैर-पंजीकृत व्यक्तियों के संगठनों को भी कानूनी दर्जा दिया गया है, और RSS को इसी श्रेणी में रखा गया है। आयकर विभाग: उन्होंने एक पुराने मामले का जिक्र किया, जब आयकर विभाग ने एक बार उनसे इनकम टैक्स भरने को कहा था और मुकदमा भी चला। अदालत ने फैसला सुनाया कि RSS व्यक्तियों का एक समूह है और उनकी गुरु दक्षिणा (दान) इनकम टैक्स से मुक्त है। तीन बार प्रतिबंध: भागवत ने कहा, "हमें तीन बार प्रतिबंधित किया गया, जिसका मतलब है कि सरकार हमें मान्यता देती है। अगर हमारा कोई वजूद ही नहीं था, तो उन्होंने किस पर प्रतिबंध लगाया? हर बार अदालतों ने प्रतिबंध हटा दिया और इस बात पर जोर दिया कि आरएसएस एक कानूनी संगठन है।" रजिस्ट्रेशन की नहीं है आवश्यकता RSS प्रमुख ने दोहराया कि कानूनी और तथ्यात्मक रूप से संघ एक मजबूत संगठन है और संविधान के दायरे में काम करता है। संवैधानिक दायरे में: उन्होंने स्पष्ट किया कि विधानसभा और संसद में अक्सर आरएसएस के पक्ष और विपक्ष में सवाल उठाए जाते हैं और बयान दिए जाते हैं, जो यह सिद्ध करता है कि संघ एक मान्यता प्राप्त संगठन है। अंतिम निष्कर्ष: उन्होंने जोर देकर कहा, "हम असंवैधानिक नहीं हैं - हम संविधान के दायरे में काम करते हैं। इसलिए, हमें रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं है।" हिंदू समाज को एकजुट करना उद्देश्य अगले दो दशकों के लिए RSS के दृष्टिकोण पर बोलते हुए मोहन भागवत ने संगठन का एकमात्र लक्ष्य दोहराया: एकमात्र लक्ष्य: "हम पूरे हिंदू समाज को एकजुट और संगठित करना चाहते हैं, ताकि यह एक समृद्ध और मजबूत भारत का निर्माण कर सके।" धर्म का ज्ञान: उन्होंने कहा कि ऐसा राष्ट्र धर्म के ज्ञान को दुनिया के साथ साझा कर सकेगा, जिससे दुनिया सुखी, आनंदित और शांतिपूर्ण बन सकेगी। मिशन पूरा होने पर: भागवत ने अंत में कहा कि, "एक बार जब हम इस लक्ष्य को पूरा कर लेंगे, तो हमारे पास आगे बढ़ने के लिए कुछ नहीं बचेगा।" भागवत ने स्पष्ट किया, "कानूनी और तथ्यात्मक रूप से हम एक संगठन हैं। हम असंवैधानिक नहीं हैं - हम संविधान के दायरे में काम करते हैं। इसलिए, हमें रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं है।" संघ का लक्ष्य: संगठित हिंदू समाज अगले दो दशकों के लिए आरएसएस के दृष्टिकोण पर, भागवत ने कहा कि उनका एकमात्र लक्ष्य पूरे हिंदू समाज को एकजुट और संगठित करना है। उन्होंने कहा, "हम पूरे हिंदू समाज को एकजुट और संगठित करना चाहते हैं, क्वालिटी और अनुशासन प्रदान करना चाहते हैं, ताकि यह एक समृद्ध और मजबूत भारत का निर्माण कर सके।" उन्होंने आगे कहा कि एक ऐसा राष्ट्र जो धर्म के ज्ञान को दुनिया के साथ साझा कर सके और इसे सुखी व शांतिपूर्ण बना सके। भागवत ने अंत में कहा, "समाज को संगठित करने के लिए जो भी आवश्यक होगा, हम करेंगे। हमारा मिशन एक संगठित और सशक्त हिंदू समाज का निर्माण करना है।"
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