उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक दिल दहला देने वाला Murder Case सामने आया है। रोहटा थाना क्षेत्र में एक पत्नी ने अपने 11 साल छोटे प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की निर्मम हत्या कर दी। पति अनिल की हत्या की प्लानिंग रचने वाली पत्नी काजल ने पुलिस के सामने कबूल किया कि वह अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती थी और पति अनिल इसमें रुकावट डाल रहा था। हत्या की यह सनसनीखेज वारदात 24 अक्टूबर की रात को हुई थी।Read also:-6 महीने भी नहीं बीते... मेरठ में नवविवाहिता का पंखे से लटका मिला शव, ससुर गिरफ्तार, शराबी पति फरार, मायके वालों ने कहा- 'मार डाला' "मैं अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती थी, लेकिन मेरा पति रुकावट डालता था।" यह कबूलनामा मेरठ की रहने वाली 36 वर्षीय काजल का है, जिसने अपने 19 साल के प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या की खौफनाक साजिश रच डाली। पुलिस के सामने काजल ने जो कहानी बयां की, उसे सुनकर सभी सन्न रह गए। उसने बताया, "हम दोनों ने पहले पति को नशे की 6 गोलियां दीं। वह बेहोश हो गया तो उसे बाइक पर बैठाकर नहर किनारे ले गए। वहां दुपट्टे से उसका गला घोट दिया। उसे मरा समझकर नहर में फेंक दिया।" यह जघन्य हत्याकांड मेरठ के रोहटा थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी पत्नी काजल, उसके प्रेमी आकाश और प्रेमी के दोस्त बादल को गिरफ्तार कर लिया है। घटना 24 अक्टूबर की है। गुमशुदगी से उठा हत्या का पर्दा रोहटा निवासी 32 वर्षीय अनिल राजमिस्त्री का काम करता था। उसकी शादी 8 साल पहले मुजफ्फरनगर की 36 वर्षीय काजल से हुई थी। उनके तीन बच्चे भी हैं, जिनमें दो बेटियां (6 और 4 साल) और एक बेटा (2 साल) है। पुलिस के मुताबिक, काजल का अपने पड़ोस में रहने वाले 19 वर्षीय चिनाई मजदूर आकाश से पिछले दो साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। 24 अक्टूबर को अनिल अचानक घर से गायब हो गया। जब वह दो दिन तक घर नहीं लौटा, तो 26 अक्टूबर को उसके भाई राजू ने रोहटा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पत्नी के फोन से खुला राज पुलिस ने जांच शुरू की और इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। अनिल की कॉल डिटेल से कुछ खास नहीं मिला। लेकिन जब पुलिस ने पत्नी काजल के फोन रिकॉर्ड की जांच की, तो परतें खुलने लगीं। काजल एक खास नंबर (आकाश) पर लगातार संपर्क में थी। पुलिस ने काजल को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की। पहले तो वह पुलिस को गुमराह करती रही, लेकिन जब पुलिस ने सबूत सामने रखे, तो वह टूट गई और उसने हत्या का पूरा राज उगल दिया। साजिश का पूरा कबूलनामा काजल ने बताया कि पति अनिल को उसके और आकाश के अफेयर के बारे में पता चल गया था, जिससे घर में रोज झगड़े होते थे। वह आकाश के साथ रहना चाहती थी, लेकिन पति अनिल रास्ते का रोड़ा बना हुआ था। इसलिए दोनों ने मिलकर उसे रास्ते से हटाने की ठान ली। 15 किमी दूर ले जाकर की हत्या आरोपी प्रेमी आकाश ने बताया कि 24 अक्टूबर की रात, योजना के मुताबिक काजल ने पति अनिल को खाने में नशे की 6 गोलियां मिलाकर दे दीं। जब अनिल बेहोश हो गया, तो काजल ने आकाश को बुलाया। आकाश अपने एक दोस्त बादल (निवासी डोला, बागपत) के साथ आया। तीनों ने मिलकर बेहोश अनिल को बाइक पर बैठाया और करीब 15 किमी दूर सिवालखास पुल के पास गंगनहर पर ले गए। वहां सुनसान जगह देखकर उन्होंने दुपट्टे से अनिल का गला घोंट दिया। जब अनिल ने हिलना-डुलना बंद कर दिया, तो तीनों ने उसे मरा समझकर गंगनहर के तेज बहाव में फेंक दिया। भाई को पहले से था शक मृतक के भाई राजू ने बताया कि उसे अपनी भाभी काजल पर पहले से ही शक था। इसीलिए 5 नवंबर को उसने पुलिस को दूसरी तहरीर दी, जिसमें उसने काजल, आकाश और बादल पर हत्या का संदेह जताया था। इसके बाद पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच तेज की और तीनों को गिरफ्तार कर लिया। नहर में शव की तलाश जारी पुलिस ने तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि नहर में पानी का बहाव तेज है, इसलिए शव को ढूंढने में मुश्किल आ रही है। गोताखोरों की मदद से गंगनहर में अनिल के शव की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है।
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में सनसनीखेज मामला सामने आया है। फलावदा थाना क्षेत्र के गडीना गांव में एक नवविवाहिता का शव संदिग्ध परिस्थितियों में घर के एक कमरे में पंखे से लटका मिला। घटना की सूचना मिलने पर मृतका के मायके वालों ने ससुराल पक्ष पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने और हत्या का गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है और मृतका के ससुर को हिरासत में ले लिया है, जबकि मुख्य आरोपी पति समेत परिवार के अन्य सदस्य फरार हैं।READ ALSO:-मेरठ की हवा 'खराब', ठंड से 'कंपकंपी'! पहाड़ों की बर्फबारी का सितम जारी, दिल्ली रोड पर AQI 255 पहुंचा शराब की लत और लगातार झगड़े मृतका की पहचान आशा (पुत्री तेजपाल) के रूप में हुई है, जो हस्तिनापुर के सैदपुर गांव की निवासी थी। आशा की शादी मात्र छह महीने पहले गडीना गांव के कुलदीप (पुत्र ईलम सिंह) से हुई थी। विवाद का कारण: मायके वालों के अनुसार, आशा का पति कुलदीप शराब पीने का आदी था, जिसके कारण शादी के कुछ समय बाद ही घर में अक्सर झगड़े होने लगे थे। मारपीट और पंचायत: मृतका के भाई मनोज ने बताया कि दो दिन पहले भी कुलदीप ने शराब के नशे में आशा के साथ बेरहमी से मारपीट की थी। इस घटना के बाद मायके वाले ससुराल पहुँचे थे, जहाँ पंचायत हुई थी। उस समय कुलदीप ने माफी मांगते हुए भविष्य में आशा को परेशान न करने का आश्वासन दिया था। शव मिलने के बाद हंगामा शुक्रवार देर शाम आशा का शव घर के एक कमरे में पंखे से लटका मिला। ससुराल वालों ने आनन-फानन में शव को पंखे से नीचे उतारा और मायके वालों को घटना की सूचना दी। मायके वालों का आरोप: सूचना मिलते ही आशा के भाई मनोज और अन्य परिजन मौके पर पहुँचे। आशा को मृत देखकर परिजनों में कोहराम मच गया और उन्होंने तत्काल ससुराल पक्ष पर हत्या करने और शव को आत्महत्या दिखाने के लिए पंखे पर लटकाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस कार्रवाई: मौके पर पहुँची पुलिस टीम ने स्थिति को नियंत्रित किया और मायके वालों की शिकायत दर्ज की। दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज पुलिस ने मायके वालों की तहरीर पर तत्काल दहेज हत्या (Dowry Death) का मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। हिरासत और गिरफ्तारी: पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कुलदीप के पिता ईलम सिंह को हिरासत में ले लिया है। वहीं, मुख्य आरोपी पति कुलदीप और परिवार के अन्य सदस्य फिलहाल मौके से फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस टीमें जुटी हैं। जांच का आधार: पुलिस का कहना है कि नवविवाहिता का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल पाएगा और उसके आधार पर आगे की वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन छह महीने पुरानी शादी में हुई इस दुखद घटना ने गडीना गांव में सनसनी फैला दी है। पुलिस ने मृतका के परिजनों को फरार आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है।
पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी का असर अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मैदानों में भी साफ दिखने लगा है। मेरठ शहर में सर्द हवाओं ने सिहरन बढ़ा दी है और दिन तथा रात के तापमान में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। इस बीच, प्रदूषण ने एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। शुक्रवार सुबह मेरठ का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 221 तक पहुंच गया, जबकि दिल्ली रोड इलाके में सबसे अधिक 255 AQI दर्ज हुआ। मौसम वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अगले दो दिन तक ठंड और Pollution दोनों में इजाफा हो सकता है।READ ALSO:-‘अंग्रेजी-फारसी में ईरानी बहू देती है गाली’… मुरादाबाद के यूट्यूबर पंकज-फायजा विवाद में सास का छलका दर्द, बोली- घर बेचकर विदेश भागना चाहते हैं पहाड़ी बर्फबारी का मैदानी असर पहाड़ी इलाकों, विशेषकर उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में हो रही ताजा बर्फबारी के कारण मैदानी क्षेत्रों में ठंडी और शुष्क हवाएँ (Siberian Winds) आ रही हैं। तापमान में गिरावट: Meerut शहर में दिन और रात के तापमान में कमी दर्ज की जा रही है, जिससे सुबह-शाम सर्दी बढ़ गई है। AQI में बढ़ोतरी: पिछले दो दिनों से प्रदूषण में थोड़ी कमी देखी जा रही थी, लेकिन हवा की दिशा बदलने और नमी बढ़ने के कारण प्रदूषण फिर से बढ़ गया है। विजिबिलिटी: शुक्रवार सुबह के समय शहर में स्मॉग (Smog) की हल्की परत देखी गई, हालांकि दिन में खिली धूप ने थोड़ी राहत दी। Lशहर में प्रदूषण के हॉटस्पॉट केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शुक्रवार सुबह 11 बजे मेरठ का औसत AQI 221 दर्ज किया गया, जो 'खराब' श्रेणी (Poor Category) में आता है। सबसे ज्यादा प्रदूषित इलाका: शहर में सबसे ज्यादा Pollution दिल्ली रोड इलाके में रिकॉर्ड किया गया, जहाँ AQI का स्तर 255 दर्ज हुआ, जो 'बहुत खराब' श्रेणी के करीब है। अन्य प्रभावित क्षेत्र: पल्लवपुरम, जयभीमनगर और बेगमपुल जैसे प्रमुख इलाकों में भी हवा की गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में बनी रही। स्वास्थ्य पर असर: 'खराब' श्रेणी का AQI संवेदनशील लोगों (बच्चों और बुजुर्गों) को सांस संबंधी तकलीफें दे सकता है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान मौसम वैज्ञानिक डॉ. यू.पी. शाही ने Meerut Weather को लेकर अगले दो दिनों के लिए गंभीर चेतावनी जारी की है। ठंड में इजाफा: डॉ. शाही के अनुसार, अगले दो दिन तक हवा का रुख ऐसा ही बना रहेगा। हवा में नमी के कारण सिहरन बढ़ेगी और तापमान में 2-3 डिग्री की और गिरावट संभव है। प्रदूषण का खतरा: धीमी हवाओं के कारण प्रदूषक तत्व सतह के पास जमा होते रहेंगे, जिससे सुबह-शाम की सर्दी के साथ-साथ Pollution का स्तर भी बढ़ सकता है। नागरिकों के लिए सलाह नागरिकों को सुबह और शाम के समय बाहरी शारीरिक गतिविधियों से बचने की सलाह दी गई है। Pollution से बचने के लिए मास्क का उपयोग अनिवार्य है। प्रशासन को भी Delhi Road जैसे हॉटस्पॉट पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए पानी के छिड़काव जैसे उपायों को तेज करना होगा।
उत्तर प्रदेश के मेरठ में गढ़ रोड पर पुलिया निर्माण कार्य के कारण भारी वाहनों के आवागमन पर लगाई गई पाबंदी फिलहाल जारी रहेगी। गढ़ गंगा मेले के कारण काम रोक दिया गया था और अब मेला समाप्त होने के बाद, ट्रैफिक पुलिस ने गुरुवार को फिर से रूट डायवर्जन प्लान जारी कर इसकी जानकारी दी है। यह प्लान साफ करता है कि भारी वाहन फिलहाल निर्धारित वैकल्पिक रूट से ही चलेंगे, जबकि छोटे व हल्के वाहन अस्थाई पुलिया से आवाजाही कर सकते हैं।READ ALSO:- पुलिया निर्माण के चलते रुका ट्रैफिक गढ़ रोड को चौड़ा करने के लिए पुलिया निर्माण का कार्य शुरू किया गया था। यह निर्माण कार्य बीच में ही रोकना पड़ा। मेले का प्रभाव: गढ़ गंगा मेले के आयोजन के कारण निर्माण कार्य रोक देना पड़ा था। साथ ही, खोदे गए नाले पर यात्रियों की सुविधा के लिए एक अस्थाई पुल भी बनाना पड़ा। वर्तमान स्थिति: अस्थाई पुल से केवल हल्के और छोटे वाहनों को ही आने-जाने की अनुमति है। भारी वाहनों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस को रूट डायवर्जन प्लान को सख्ती से लागू करना पड़ रहा है। जाम के बाद दोबारा जारी हुआ रूट प्लान गढ़ गंगा मेला समाप्त होने के बाद गुरुवार को कई भारी वाहन गलती से शहर के भीतर गढ़ रोड पर घुस गए। जाम की समस्या: भारी वाहनों के शहर में घुसने के कारण कई क्षेत्रों में भीषण जाम लग गया, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। प्रशासनिक हस्तक्षेप: मामला जब उच्च अधिकारियों तक पहुँचा, तो ट्रैफिक पुलिस ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और पूर्व में जारी किए गए डायवर्जन प्लान को दोबारा जारी कर दिया। ट्रैफिक पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह प्लान अभी भी प्रभावी रहेगा और सभी भारी वाहनों को इसका कड़ाई से पालन करना होगा। रूट डायवर्जन प्लान ट्रैफिक पुलिस द्वारा जारी किए गए दोबारा संशोधित रूट प्लान के अनुसार, विभिन्न दिशाओं से आने वाले भारी वाहनों और रोडवेज बसों का आवागमन निम्नलिखित रूटों से होगा: भारी वाहन व रोडवेज बस के लिए रूट प्लान रूट संख्या मूल गंतव्य मार्ग का विवरण रूट-1 हरिद्वार से गढ़ रोड तक हरिद्वार, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, खतौली, देहरादून आदि से आने वाली रोडवेज बसें एवं भारी वाहनों को हापुड़ अड्डा चौराहा से एल-ब्लॉक तिराहा की ओर डायवर्ट किया जाएगा। रूट-2 आगरा से हापुड़, बुलंदशहर तक ताज डिपो आगरा, अलीगढ़, हाथरस, इटावा आदि से आने वाली रोडवेज बसों एवं भारी वाहनों को एल ब्लॉक तिराहा से हापुड़ अड्डा होते हुए बेगमपुल की तरफ जाने दिया जाएगा। इसी रूट से उनका वापस आना भी सुनिश्चित होगा। प्रशासन की मांग स्थानीय निवासियों ने निर्माण कार्य पूरा होने तक ट्रैफिक पुलिस द्वारा इस रूट डायवर्जन को कड़ाई से लागू करने की मांग की है। सोशल मीडिया पर लोग पुलिस से शहर में जाम की समस्या को स्थाई रूप से हल करने के लिए प्रभावी उपाय करने की अपील कर रहे हैं। निर्माण कार्य जल्द शुरू होने की उम्मीद गढ़ रोड पर पुलिया चौड़ीकरण का कार्य जल्द ही फिर से शुरू होने की उम्मीद है। जब तक यह कार्य पूरा नहीं हो जाता, तब तक भारी वाहनों को शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। ट्रैफिक पुलिस इस दौरान जाम की समस्या को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात करेगी।
उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर के व्यस्त आबूलेन इलाके में गुरुवार (6 नवंबर 2025) को उस समय बड़ा हंगामा हो गया, जब एक ग्राहक को परोसे गए डोसे में कीड़ा मिला। यह घटना आबूलेन स्थित फ्लेवर रेस्टोरेंट के सामने एक लोकप्रिय 'मद्रासी डोसा' दुकान पर हुई। खाने में कीड़ा मिलने के बाद जब ग्राहक ने दुकानदार से इसकी शिकायत की, तो दुकानदार ने माफी मांगने के बजाय अभद्र व्यवहार और बदतमीजी शुरू कर दी, जिससे स्थिति बिगड़ गई।Read also:-मेरठ में खौफनाक 'पति-पत्नी और वो'! डेढ़ साल के अफेयर में रोड़ा बने पति को 3 गोलियां मारीं, प्रेमी ने फोन कर कहा- 'अंजलि, मैंने काम खत्म कर दिया' गुणवत्ता और स्वास्थ्य सुरक्षा का सवाल यह घटना सीधे तौर पर खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता (Food Quality) और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा (Public Health Safety) पर गंभीर सवाल खड़े करती है। स्थान: घटना मेरठ के सबसे प्रतिष्ठित और व्यस्त इलाकों में से एक, आबूलेन में हुई, जहाँ बड़ी संख्या में लोग खान-पान के लिए आते हैं। विवाद की जड़: ग्राहक ने जब डोसे में कीड़ा मिलने की शिकायत की, तो दुकानदार और उसके बेटे ने अपनी गलती मानने और माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया, बल्कि ग्राहक के साथ विवाद करने लगे। BJP नेता ने कराया दुकान को बंद घटना की जानकारी मिलते ही भाजपा के स्थानीय नेता अनिल चौधरी दबथुवा तत्काल मौके पर पहुंचे। उन्होंने मामले की गंभीरता को समझा और हस्तक्षेप किया। BJP नेता का रुख: अनिल चौधरी ने बताया कि दुकानदार और उसके बेटे ने न केवल माफी मांगने से इनकार किया, बल्कि उनके साथ भी बहस और विवाद शुरू कर दिया। पुलिस को बुलाया: स्थिति को नियंत्रित करने के लिए BJP नेता ने तत्काल पुलिस को मौके पर बुलाया। पुलिस के आने पर हंगामा शांत हुआ और नियम उल्लंघन के चलते दुकान को तत्काल बंद करवा दिया गया। मौजूद लोग: इस दौरान उनके साथ आकाश सिरोही, वीरपाल घनघस, ओमवीर प्रधान, सचिन पंघाल, प्रदीप सरपंच और निशु चौधरी सहित कई स्थानीय लोग मौजूद थे, जिन्होंने ग्राहक का समर्थन किया। खाद्य विभाग में शिकायत की तैयारी BJP नेता अनिल चौधरी ने इस मामले को व्यक्तिगत न मानते हुए, आम जनता की स्वास्थ्य सुरक्षा से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा बताया। स्वास्थ्य सुरक्षा: उन्होंने कहा, "सार्वजनिक स्थलों पर खाने-पीने की चीजों में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह सैकड़ों ग्राहकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है।" कानूनी कार्रवाई: उन्होंने घोषणा की कि जल्द ही इस संबंध में खाद्य विभाग (Food Safety Department) में एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। हड़कंप और मांग घटना के बाद आबूलेन इलाके में हड़कंप मच गया और डोसा दुकान के बाहर भारी भीड़ जमा हो गई। जनता की मांग: लोगों ने एक स्वर में खाद्य सुरक्षा विभाग (Food Safety Department) से ऐसे प्रतिष्ठानों पर तत्काल और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए इन दुकानों की गुणवत्ता की नियमित जांच होनी चाहिए। खाद्य विभाग की जांच अब गेंद खाद्य सुरक्षा विभाग के पाले में है। BJP नेता द्वारा औपचारिक शिकायत दर्ज कराने के बाद, विभाग से उम्मीद है कि वह दुकान पर छापा मारेगा, खाद्य नमूनों की जांच करेगा और खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन पाए जाने पर लाइसेंस रद्द करने जैसी कड़ी कार्रवाई करेगा।
मेरठ में व्यापारियों को सरकारी योजनाओं और लेबर कानूनों के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। गुरुवार, 6 नवंबर 2025 को, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, बेगम पुल व्यापार संघ ने श्रम कार्यालय (लेबर ऑफिस) मेरठ के साथ मिलकर एक 'व्यापारी जागरूकता शिविर' का सफल आयोजन किया। इस शिविर का मुख्य फोकस व्यापारियों को लेबर रजिस्ट्रेशन, पुराने रजिस्ट्रेशन को रिन्यूअल कराने और उनके कर्मचारियों के लिए उपलब्ध सरकारी योजनाओं से अवगत कराना था।READ ALSO:-मेरठ में 'मुस्कान हत्याकांड' का काला साया! पति की हत्यारी बेटी के कारण परिवार समाज से कटा, पिता डिप्रेशन में अस्पताल भर्ती, 'मकान बिकाऊ है' का पोस्टर लगा व्यापारियों को कानूनी अनुपालन की जरूरत आज के दौर में छोटे और बड़े दोनों तरह के व्यवसायों के लिए सरकारी नियमों और श्रम कानूनों का अनुपालन (Compliance) करना आवश्यक है। बेगम पुल व्यापार संघ ने महसूस किया कि कई व्यापारियों को श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन और सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं होती है, जिससे वे कई लाभों से वंचित रह जाते हैं। इसी आवश्यकता को देखते हुए इस शिविर का आयोजन किया गया था। ऑन-द-स्पॉट रजिस्ट्रेशन की सुविधा यह शिविर व्यापारियों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हुआ, क्योंकि श्रम विभाग की टीम ने मौके पर ही ऑनलाइन सेवाएं प्रदान कीं। सुविधाएं: शिविर में श्रम कार्यालय से आए अधिकारियों और लिपिकों ने व्यापारियों के नए रजिस्ट्रेशन और पुराने रजिस्ट्रेशन को रिन्यूअल कराने की प्रक्रिया हाथ के हाथ ऑनलाइन पूरी की। जागरूकता: व्यापारियों को उन सभी सरकारी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी गई, जो उनके कर्मचारियों के स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के लिए उपलब्ध हैं। अधिकारियों की उपस्थिति: कार्यक्रम में क्षेत्रीय संप्रवर्तन अधिकारी विनय जी और उनके साथ श्रम कार्यालय के लिपिक गण मौजूद रहे, जिन्होंने व्यापारियों की समस्याओं का तुरंत समाधान किया। संघ के पदाधिकारियों का उत्साह बेगम पुल व्यापार संघ के अध्यक्ष और शिविर संयोजक ने इस पहल पर खुशी जाहिर की और इसे व्यापारियों के हित में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। अध्यक्ष का मत: व्यापार संघ के अध्यक्ष राजेश सिंघल ने कहा कि, "हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यापारी कानूनी अनुपालन से पीछे न रहे और उनके कर्मचारी सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ उठा सकें। यह सहयोग आगे भी जारी रहेगा।" संयोजक का बयान: पूर्व अध्यक्ष और शिविर संयोजक पुनीत शर्मा ने इस आयोजन की सफलता पर संतोष व्यक्त किया। भारी संख्या में व्यापारियों की भागीदारी शिविर में बेगम पुल व्यापार संघ के पदाधिकारियों और बड़ी संख्या में स्थानीय व्यापारियों ने भाग लिया। व्यापारियों ने श्रम विभाग द्वारा मौके पर दी गई त्वरित ऑनलाइन सेवाओं की सराहना की। यह आयोजन दिखाता है कि छोटे व्यापारिक संघ भी सरकारी विभागों के साथ मिलकर स्थानीय स्तर पर कितनी बड़ी प्रशासनिक मदद कर सकते हैं। स्थानीय व्यापार को मजबूती इस तरह के जागरूकता शिविरों से व्यापारियों के बीच कानूनी अनुपालन को लेकर भय कम होता है और वे आसानी से सरकारी योजनाओं का लाभ उठा पाते हैं। यह पहल स्थानीय व्यापार को मजबूती देगी और कर्मचारियों के कल्याण को सुनिश्चित करेगी।
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र में अवैध संबंधों के कारण एक सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा हुआ है। डेढ़ साल से चल रहे अफेयर में बाधा बन रहे पति राहुल कुमार की हत्या उनकी पत्नी अंजलि ने अपने प्रेमी अजय के साथ मिलकर करा दी। प्रेमी अजय ने राहुल को धोखे से बुलाया और तीन गोलियां मारीं। हत्या को अंजाम देने के बाद अजय ने पत्नी अंजलि को फोन कर कहा, "अंजलि, मैंने काम खत्म कर दिया है।" पुलिस ने गुरुवार (6 नवंबर 2025) को इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए आरोपी पत्नी और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।READ ALSO:-मेरठ में 'मुस्कान हत्याकांड' का काला साया! पति की हत्यारी बेटी के कारण परिवार समाज से कटा, पिता डिप्रेशन में अस्पताल भर्ती, 'मकान बिकाऊ है' का पोस्टर लगा डेढ़ साल का अफेयर और पति को पता चलना मृतक राहुल कुमार अगवानपुर गांव का रहने वाला था। उनके पिता टेकचंद के अनुसार, राहुल उनका इकलौता बेटा था और उसके तीन छोटे बेटे (वंश, लक्की और लवी) हैं। परिवार के पास खेती-बाड़ी और अपना ट्रैक्टर है। थाना परीक्षितगढ़ पुलिस द्वारा ग्राम अगवानपुर में हुई हत्या का खुलासा, एक अभियुक्त व अभियुक्ता गिरफ्तार, कब्जे से आला कत्ल एक तमंचा मय कारतूस बरामद ।#UPPolice #MEERUTPOLICE pic.twitter.com/vMNzsK5VHH — MEERUT POLICE (@meerutpolice) November 6, 2025 अवैध संबंध: पुलिस जांच में सामने आया कि राहुल की पत्नी अंजलि और उसके प्रेमी अजय के बीच पिछले करीब डेढ़ साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। झगड़े की शुरुआत: आरोपी अजय ने पूछताछ में कबूल किया कि 15 दिन पहले जब वह अंजलि से मिलने उसके घर गया था, तो राहुल ने उन्हें साथ देख लिया। इसी दिन राहुल को उनके अवैध संबंधों के बारे में पता चला, जिसके बाद पति-पत्नी के बीच रोज-रोज झगड़े होने लगे थे। हत्या की प्लानिंग: अजय ने बताया कि अंजलि ने ही उसे राहुल को रास्ते से हटाने के लिए उकसाया और उसके साथ मिलकर मर्डर की प्लानिंग बनाई। 3 गोलियां मारी, खेत में मिला शव राहुल 1 नवंबर की रात करीब 8 बजे किसी से मिलने की बात कहकर घर से निकले थे, लेकिन देर रात तक नहीं लौटे। गुमशुदगी और शव: 1 नवंबर की रात में ही पिता टेकचंद ने चितवाना चौकी में गुमशुदगी की शिकायत दी थी। रविवार सुबह गांव के लोगों को जंगल में राहुल का शव पड़ा मिला। उनके सीने में 3 गोली लगी थीं और पास में तीन खोखे (कारतूस के खाली खोल) पड़े थे। अजय का कबूलनामा: पूछताछ में अजय ने खुलासा किया कि अंजलि के उकसाने पर उसने 1 नवंबर को राहुल को बहाने से बुलाया। उनके बीच झगड़ा होने लगा। गोलीबारी: झगड़े के बीच जैसे ही राहुल फोन पर बात करने में उलझा, अजय ने मौका पाकर तमंचा निकालकर उसे सामने से एक गोली मार दी। जब राहुल भागने लगा, तो उसे एक गोली पीछे से मारी गई। जमीन पर गिरने के बाद अजय ने एक गोली उसके सीने पर मार दी, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने सर्विलांस से खोला राज एसपी देहात अभिजीत सिंह ने बताया कि हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस टीम का गठन किया गया था। जांच का आधार: पुलिस ने सभी पहलुओं पर जांच करते हुए मृतक की पत्नी अंजलि के नंबर को सर्विलांस पर लिया। कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस पूरे मामले के खुलासे तक पहुँची। गिरफ्तारी और बरामदगी: पुलिस ने आरोपी पत्नी अंजलि और उसके प्रेमी अजय को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से हत्या में इस्तेमाल किया गया 315 बोर का तमंचा और 3 जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए हैं। कार्रवाई: राहुल के पिता टेकचंद की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया था। दोनों आरोपियों को जेल भेजा गया है। परिवारों पर गहरा असर प्रेम प्रसंग और अवैध संबंधों के कारण हुई इस जघन्य हत्या ने न केवल राहुल के तीन बच्चों को बेसहारा कर दिया है, बल्कि दोनों परिवारों पर भी गहरा असर डाला है। इस घटना से मेरठ के ग्रामीण क्षेत्रों में भय और तनाव का माहौल है। पुलिस इस मामले में जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है।
उत्तर प्रदेश के मेरठ में पति सौरभ की बर्बर हत्या के आरोप में जेल में बंद मुस्कान के कारण अब उसका पूरा परिवार सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहा है। मेरठ के ब्रह्मपुरी क्षेत्र में रहने वाले मुस्कान के माता-पिता की आजीविका पूरी तरह से ठप हो गई है और वे गहरे मानसिक तनाव में हैं। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि मुस्कान के पिता प्रमोद रस्तोगी ने अपने मकान पर 'मकान बिकाऊ है' का पोस्टर चस्पा कर दिया था, हालांकि बाद में इसे हटा लिया गया। बताया जा रहा है कि समाज और रिश्तेदारों से कटने के कारण यह परिवार अब मेरठ छोड़ने का मन बना रहा है।READ ALSO:-Bike Bot घोटाला: मुख्य आरोपी विजेंद्र हुड्डा पर ED का बड़ा शिकंजा! मेरठ में ताला तोड़कर घर में घुसी टीम, यूपी-हरियाणा में 40 ठिकानों पर रेड बर्बर हत्या और परिवार की सामाजिक कीमत मुस्कान का मामला कुछ समय पहले तब सुर्खियों में आया था जब उसने अपने पति सौरभ की हत्या अपने प्रेमी के साथ मिलकर की थी। हत्या का तरीका: मुस्कान और उसके प्रेमी पर आरोप है कि उन्होंने सौरभ की हत्या के बाद शव के टुकड़े किए और उन्हें एक नीले ड्रम में भर दिया था। इसके बाद ड्रम को सीमेंट से भरकर ठिकाने लगाने की कोशिश की गई थी। जेल में बंद: मुस्कान इस समय मेरठ जेल में बंद है और उस पर अपने पति की हत्या का संगीन आरोप है। परिवार का संकट: इस जघन्य अपराध के सामने आने के बाद मुस्कान का पूरा परिवार समाज और रिश्तेदारों से कट गया है, जिसकी भारी कीमत उन्हें चुकानी पड़ रही है। ठप हुआ कारोबार, डिप्रेशन में पिता अस्पताल में भर्ती जघन्य हत्याकांड का सीधा असर मुस्कान के परिवार की आजीविका पर पड़ा है। आजीविका पर असर: मुस्कान के पिता प्रमोद रस्तोगी पेशे से ज्वेलर्स हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि इस घटना के बाद उनका ज्वेलरी का कारोबार पूरी तरह ठप हो गया है। ग्राहक उनकी दुकान पर आना बंद कर चुके हैं। अन्य सदस्यों पर प्रभाव: मुस्कान का भाई भी अपनी नौकरी से हाथ धो बैठा है, और उसकी बहन के ट्यूशन सेंटर में बच्चों ने आना बंद कर दिया है। सामाजिक बहिष्कार: रिश्तेदारों से संपर्क टूट गया है, और उन्हें किसी भी सामाजिक कार्यक्रम में बुलावा नहीं आ रहा है, जिसके चलते पूरा परिवार गहरे तनाव में है। पिता की बिगड़ी तबीयत: पड़ोसियों के अनुसार, हाल ही में डिप्रेशन के कारण प्रमोद रस्तोगी की तबीयत बिगड़ गई। पड़ोसी संजय ने बताया कि वह कल सुबह भी चीखते-चिल्लाते फिर रहे थे और बुधवार को उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि उनकी वर्तमान तबीयत की जानकारी नहीं है। मकान बेचने की मजबूरी पड़ोसियों ने इस बात की पुष्टि की कि प्रमोद रस्तोगी ने कुछ दिनों पहले अपने घर पर 'मकान बिकाऊ है' का पोस्टर लगाया था, जो बाद में हटा लिया गया। यह कदम परिवार के गहरे तनाव और सामाजिक बहिष्कार से उत्पन्न पलायन की इच्छा को दर्शाता है। यह स्थिति प्रमोद रस्तोगी के मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल रही है। मामले पर गहन चर्चा मुस्कान हत्याकांड की खबरें लगातार मेरठ और आसपास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय बनी हुई हैं। लोग अपराध की निंदा करने के साथ ही इस बात पर भी चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि एक सदस्य के अपराध का दंड पूरे परिवार को चुकाना पड़ रहा है, जिससे सामाजिक बहिष्कार के नकारात्मक प्रभाव सामने आए हैं। परिवार के पुनर्वास की चुनौती मुस्कान के परिवार के सामने अब मेरठ छोड़ने और अपनी आजीविका फिर से शुरू करने की बड़ी चुनौती है। यह मामला न केवल कानूनी है, बल्कि सामाजिक बहिष्कार और मानसिक स्वास्थ्य संकट का भी उदाहरण है। मुस्कान फिलहाल मेरठ जेल में बंद है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।
बाइक बोट (Bike Bot) घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक विजेंद्र हुड्डा के लिए आज का दिन मुश्किल भरा रहा। गुरुवार (6 नवंबर 2025) को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 40 से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। पहले इस कार्रवाई को मोनाड यूनिवर्सिटी (Monad University) के फर्जी मार्कशीट घोटाले से जोड़ा जा रहा था, लेकिन बाद में खुलासा हुआ कि यह पूरी कार्रवाई बाइक बोट घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े व्यापक जांच का हिस्सा है। ED की दो बड़ी गाड़ियां विजेंद्र हुड्डा के कंकरखेड़ा स्थित आवास पर पहुंची और घंटों तक छानबीन जारी रही।READ ALSO:-Meerut Love Jihad: मेरठ में दो बच्चों की माँ ने पति पर लगाया गंभीर आरोप: 'हिंदू बनकर की Court Marriage, अब जबरन नमाज़ पढ़ने का दबाव' 'बाइक बोट' घोटाला और हुड्डा का राजनीतिक कनेक्शन विजेंद्र हुड्डा उस समय सुर्खियों में आए थे जब उन्हें बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने बिजनौर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया था। घोटाले का संबंध: हुड्डा का नाम इससे पहले देश के सबसे बड़े पोंजी स्कीम घोटालों में से एक बाइक बोट घोटाले में सामने आया था। लाखों निवेशकों से धोखाधड़ी करने के बाद, वह लंबे समय तक विदेश में रहे थे। राजनीतिक दांव: विदेश से लौटकर ही उन्होंने चुनाव लड़ा, जिसमें वह तीसरा स्थान हासिल करने में कामयाब रहे थे। चुनाव के तुरंत बाद ही मोनाड यूनिवर्सिटी से जुड़ा फर्जी मार्कशीट विवाद भी सामने आया था, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गई थीं। 4 घंटे तक चली गोपनीय छानबीन ED की टीम ने गुरुवार सुबह करीब 11 बजे कंकरखेड़ा थाने पहुँचकर लोकल पुलिस को साथ लिया और सीधे विजेंद्र हुड्डा के शिवलोकपुरी स्थित आवास पर पहुँची। छापेमारी की गोपनीयता: ED की टीम ने इस कार्रवाई को पूरी तरह गोपनीय बनाए रखा। टीम में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान भी शामिल थे, जिन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी। ताला खुलवाया गया: जिस मकान पर यह कार्रवाई चल रही थी, उस पर ताला लगा हुआ था। सुबह केयरटेकर के न आने पर, ED टीम ने ताला खुलवाने के लिए चाबी बनाने वाले को बुलवाया। लंबी पूछताछ: 4 घंटे से अधिक समय तक ED की टीम हुड्डा के मकान के अंदर छानबीन करती रही। बताया जाता है कि टीम ने दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और वित्तीय लेन-देन से जुड़े सबूत जुटाए हैं। हापुड़ में भी कार्रवाई: ED सूत्रों के अनुसार, 40 टीमों में से पांच टीमों ने हुड्डा की हापुड़ स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी और उनके पांच परिचितों के ठिकानों पर भी एक साथ छापा मारा है। देर रात मेरठ पहुंची थी टीम बताया जाता है कि ED की टीम छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम देने के लिए बुधवार देर रात ही कंकरखेड़ा पहुँच गई थी। बिजेंद्र हुड्डा के मकान को ढूंढने में समय लगने के कारण, सुबह तक इंतजार किया गया, जिसके बाद स्थानीय पुलिस की मदद से ताला खुलवाकर कार्रवाई शुरू की गई। हड़कंप का माहौल ED की इस बड़ी और व्यापक कार्रवाई से मेरठ, हापुड़ और पूरे वेस्ट यूपी की राजनीति और व्यापार जगत में हड़कंप का माहौल है। सोशल मीडिया पर बाइक बोट घोटाला और विजेंद्र हुड्डा के राजनीतिक कनेक्शन को लेकर चर्चाएँ तेज हो गई हैं। Impact & Next Step: मनी लॉन्ड्रिंग की जांच तेज यह कार्रवाई दर्शाती है कि ED बाइक बोट घोटाले में शामिल आरोपियों के मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के पहलू की गहन जांच कर रही है। विजेंद्र हुड्डा पर चल रही यह व्यापक कार्रवाई इस पोंजी स्कीम घोटाले के बाकी आरोपियों पर भी शिकंजा कसने का संकेत देती है।
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के मवाना कस्बे से लव जिहाद (Love Jihad) और धोखाधड़ी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। दो बच्चों की माँ एक विवाहिता ने अपने दूसरे पति पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला का आरोप है कि पति ने पहले खुद को हिंदू बताकर प्रेम जाल में फंसाया और कोर्ट मैरिज की। अब शादी के बाद वह उस पर और उसके बच्चों पर जबरन नमाज पढ़ने और मदरसे में पढ़ने का दबाव बना रहा है। महिला ने पति से अपनी जान को खतरा बताते हुए पुलिस से इंसाफ की गुहार लगाई है।READ ALSO:-UP Board Exam 2026: डेटशीट जारी! 18 फरवरी से शुरू होंगी 10वीं-12वीं की परीक्षाएं, 52 लाख छात्र होंगे शामिल, यहां देखें पूरा शेड्यूल धोखे से Court Marriage और पहली शादी पीड़िता ने मवाना थाना पुलिस में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। यह पूरा मामला प्रेम और धोखे से जुड़ी दो शादियों के जटिल संबंधों को उजागर करता है। पीड़िता का आरोप: मेरठ की रहने वाली इस महिला का आरोप है कि उसने लगभग एक साल पहले अपनी मर्जी से एक शख्स से Court Marriage की थी। विवाह के समय प्रस्तुत दस्तावेजों में आरोपी ने खुद को हिंदू बताया था और अपना घर पंजाब में होने की बात कही थी। विवाहित होने का खुलासा: मवाना थाना प्रभारी इंस्पेक्टर पूनम जादौन ने जांच के आधार पर बताया है कि पीड़िता खुद भी पहले से शादीशुदा थी और उसने अपने पहले पति को तलाक भी नहीं दिया है। उसके पहले पति से दो बच्चे भी हैं, जो पीड़िता के साथ ही रहते हैं। नमाज़ पढ़ने का दबाव और गर्भपात का आरोप पीड़िता का कहना है कि शादी के कुछ समय बाद ही पति की असलियत सामने आ गई। धार्मिक उत्पीड़न: महिला का आरोप है कि उसका दूसरा पति अब उस पर और उसके दो बच्चों पर जबरन नमाज पढ़ने और बच्चों को मदरसे में पढ़ने के लिए प्रताड़ित करता है। मना करने पर मारपीट करता है। दूसरी शादी का सच: पीड़िता को बाद में पता चला कि यह शख्स पहले से भी शादीशुदा है और उसके बच्चे भी हैं। गर्भपात का आरोप: पीड़िता का आरोप है कि जब वह गर्भवती हुई, तो आरोपी उसे एक निजी हॉस्पिटल ले गया और जबरन उसका गर्भपात करा दिया। उत्पीड़न और धमकी: जब वह पति के घर गई, तो उसकी पहली पत्नी ने उसे घर में घुसने नहीं दिया और उसके साथ मारपीट व बदसलूकी की गई। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी लगातार धमकी देकर उसका मानसिक उत्पीड़न कर रहा है। पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा मवाना थाना प्रभारी इंस्पेक्टर पूनम जादौन ने पुष्टि की कि महिला की तहरीर के आधार पर आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दर्ज धाराएं: आरोपी के खिलाफ धोखा देकर धर्म परिवर्तन कराने, शारीरिक शोषण करने, नमाज पढ़ने को मजबूर करने और मारपीट करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी की स्थिति: आरोपी व्यक्ति फिलहाल फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है। जांच का बिंदु: पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आरोपी ने किन दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट मैरिज की और क्या उसका उद्देश्य वास्तव में धर्म परिवर्तन कराना था। इंसाफ की मांग मेरठ में यह मामला सामने आने के बाद इलाके में तनाव है। सोशल मीडिया पर लोग इस घटना को 'लव जिहाद' का मामला बताकर महिला के लिए इंसाफ की मांग कर रहे हैं। पुलिस की त्वरित कार्रवाई पर भी लोगों की नज़र है ताकि आरोपी को जल्द पकड़ा जा सके। जीवन संकट में पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है कि अब उसके सामने जीवन को लेकर संकट खड़ा हो गया है। पुलिस के सामने आरोपी को जल्द पकड़ना और मामले की सच्चाई सामने लाना एक बड़ी चुनौती है ताकि पीड़िता को सुरक्षा और कानूनी सहायता मिल सके।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से एक बेहद चौंकाने वाला और सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां MNC में कार्यरत गुवाहाटी की रहने वाली नईमा यास्मीन सैकिया की हत्या के आरोप में उसके पति और मुजफ्फरनगर के इमाम शहजाद को गिरफ्तार किया गया है। नईमा की गला रेती हुई लाश 48 दिन पहले मेरठ के सिवालखास जंगल में मिली थी, जिसकी पहचान 25 दिन बाद हो सकी। गिरफ्तारी के बाद नईमा की बड़ी बहन मीनार यास्मीन ने आरोपी शहजाद पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी लाड़ली बहन की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है।READ ALSO:-UP Dial 112 Hitech Update: अब 30 नहीं, सिर्फ 7 मिनट में पहुँचेगी डॉयल 112! यूपी पुलिस लाई ELS तकनीक बिल्ली प्रेम से शुरू हुई थी धोखाधड़ी की कहानी नईमा यास्मीन सैकिया (गुवाहाटी, असम की मूल निवासी) दिल्ली में एक MNC में कार्यरत थी और एक एनिमल वेलफेयर एनजीओ से जुड़ी थी। इमाम का जाल: नईमा को बिल्लियाँ बहुत पसंद थीं और वह अपने साथ 5-6 बिल्लियाँ रखती थीं। आरोपी शहजाद (मुजफ्फरनगर की मस्जिद का इमाम) 2024 में इसी एनजीओ के माध्यम से उसके संपर्क में आया। झूठा परिचय: मीनार यास्मीन ने खुलासा किया कि शहजाद ने खुद को दिल्ली का बड़ा कारोबारी और अविवाहित ग्रेजुएट बताया था। जबकि असलियत यह थी कि वह पांचवीं पास था, पहले से शादीशुदा था और तीन बच्चों का पिता था। ऑनलाइन निकाह: शहजाद ने नईमा का ब्रेनवाश किया और 22 सितंबर 2024 को दोनों ने ऑनलाइन निकाह कर लिया। सारा सच सामने आने पर हत्या का प्लान निकाह के कुछ महीनों बाद शहजाद अपनी पहली पत्नी और बच्चों को छोड़ नईमा के साथ दिल्ली में रहने लगा। तीन महीने बाद जब वह नईमा को मुजफ्फरनगर अपने पुरखों का घर दिखाने लाया, तब नईमा के सामने सारा सच आ गया। क्रूरता और पैसों की मांग: सच जानने के बाद नईमा ने जब विरोध किया, तो शहजाद ने उससे पैसे छीनना, उसकी सैलरी ले लेना और मारपीट करना शुरू कर दिया। हत्या का कारण: नईमा ने जब शहजाद पर उसकी पहली पत्नी से मिलने पर रोक लगाई, तो आए दिन झगड़ा होने लगा। परेशान होकर शहजाद ने अपने दोस्त नदीम को 12 हजार रुपये देकर नईमा को रास्ते से हटाने का मन बना लिया। कत्ल की रात (16 सितंबर): SSP डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि शहजाद शॉपिंग के बहाने नईमा को मेरठ लाया। जानी गंगनहर पटरी मार्ग पर उसने जूस में नींद की गोलियां मिलाकर नईमा को पिला दीं। बेहोशी की हालत में दोस्त नदीम ने गला घोंटा और शहजाद ने छुरे से गला काटकर हत्या कर दी। बहन मीनार यास्मीन के गंभीर आरोप नईमा की हत्या के बाद उसकी बहन मीनार यास्मीन ने शहजाद पर धोखे और क्रूरता के गंभीर आरोप लगाए हैं। मीनार यास्मीन का बयान: "मेरी बहन की बॉडी भी मुझे नसीब नहीं हुई। आखिरी बार अपनी लाड़ली बहन का चेहरा भी नहीं देख पाई। उसने मेरी पढ़ी-लिखी बहन को फंसाकर धोखा दिया। शहजाद, इमाम नहीं हो सकता, वो फरेबी, झूठा और मक्कार है।" मोबाइल, ज्वैलरी, डॉक्यूमेंट गायब: मीनार ने यह भी बताया कि नईमा के पास जो गोल्ड ज्वैलरी और डॉक्यूमेंट थे, वे गायब हैं और उसका मोबाइल पुलिस के पास है या नहीं, उन्हें नहीं पता। इंसाफ की मांग इस जघन्य हत्याकांड ने सोशल मीडिया पर लोगों को झकझोर कर रख दिया है। लोग यूपी पुलिस द्वारा हत्यारोपी इमाम और उसके दोस्त की गिरफ्तारी पर इंसाफ की मांग कर रहे हैं। नईमा की बहन का भावुक बयान 'शहजाद फरेबी है' तेजी से वायरल हो रहा है। धोखाधड़ी के अन्य शिकार शहजाद और नदीम की गिरफ्तारी के बाद पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या शहजाद ने शादी के नाम पर नईमा जैसी अन्य लड़कियों को भी धोखा दिया है। इस मामले में पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज होने के बाद तेजी दिखाते हुए शहजाद और नदीम दोनों को अरेस्ट किया है।
उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर के निवासियों के लिए बुधवार का दिन राहत भरा रहा। दीपावली से ठीक पहले से बढ़ना शुरू हुए प्रदूषण के स्तर में आखिरकार सुधार दर्ज किया गया है। 26 दिनों के बाद शहर की हवा में बड़ा सुधार हुआ है और एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) गिरकर 150 के 'मध्यम' (Moderate) श्रेणी के करीब पहुँच गया है। सुबह के समय हल्की स्मॉग की परत छाई रही, लेकिन दोपहर में तेज़ धूप निकलने से मौसम साफ नजर आया, जिससे लोगों ने राहत की साँस ली।READ ALSO:-स्योहारा पुलिस का एक्शन: मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के 02 आरोपी गिरफ्तार 400 के करीब पहुंचा था AQI का स्तर मेरठ के निवासियों को दीपावली के बाद से लगातार प्रदूषण की मार झेलनी पड़ी थी। खतरनाक स्तर: 10 अक्टूबर के बाद पहली बार शहर का AQI 150 के आसपास दर्ज किया गया है। इससे पहले, प्रदूषण का स्तर लगातार 200 से 350 के 'बहुत खराब' (Very Poor) श्रेणी में बना हुआ था, जो कई बार 400 के करीब तक पहुँच गया था। स्वास्थ्य प्रभाव: प्रदूषण के कारण शहरवासियों को आँखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ जैसी शिकायतें हो रही थीं, और अस्थमा के मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ी थी। मेरठ के प्रमुख इलाकों में AQI का स्तर बुधवार को मेरठ के विभिन्न निगरानी स्टेशनों पर हवा की गुणवत्ता (Air Quality) में सुधार दर्ज किया गया है, जिससे यह 'मध्यम' या 'संतोषजनक' श्रेणी के करीब पहुँच गया है। क्षेत्र AQI स्तर (बुधवार) श्रेणी गंगानगर 137 मध्यम (Moderate) जयभीम नगर 164 मध्यम से खराब पल्लवपुरम 181 खराब (Poor) बेगमपुल 177 खराब (Poor) दिल्ली रोड 178 खराब (Poor) NCR में AQI की स्थिति: जबकि मेरठ में सुधार हुआ है, पड़ोसी NCR शहरों में स्थिति अभी भी 'खराब' बनी हुई है। NCR शहर AQI स्तर (बुधवार) गाज़ियाबाद 207 बागपत 142 मुजफ्फरनगर 154 शामली 151 मौसम विभाग का पूर्वानुमान चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मौसम वेधशाला के अनुसार, तापमान में गिरावट शुरू हो गई है। तापमान: बुधवार को अधिकतम तापमान 30.4°C और न्यूनतम तापमान 15.6°C दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिक डॉ. यू.पी. शाही ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में हल्की बारिश की संभावना है। बारिश से धूल के कण नीचे बैठने के कारण वायु गुणवत्ता में और सुधार देखने को मिल सकता है, जिससे Meerut के लोगों को स्वच्छ हवा मिलेगी। प्रदूषण से राहत लगातार 26 दिनों तक जहरीली हवा में सांस लेने के बाद, शहर की हवा में आए इस सुधार से लोगों ने राहत महसूस की है। सोशल मीडिया पर नागरिक उम्मीद जता रहे हैं कि यह सुधार स्थाई रहे और आगामी दिनों में बारिश से प्रदूषण पूरी तरह से साफ हो जाए।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के इंदिरापुरम क्षेत्र में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर द्वारा आत्महत्या किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। युवक का शव बुधवार सुबह शक्ति खंड-3 स्थित वन मॉल के एक OYO होटल के रूम नंबर- 203 में पंखे से लटकता मिला। मृतक की पहचान रजत प्रताप सिंह भाटी (27) के रूप में हुई है, जो मेरठ का रहने वाला था और नोएडा की एक प्राइवेट कंपनी में कार्यरत था। पुलिस को उसके चाचा ने बताया है कि एक लड़की के टॉर्चर से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया।READ ALSO:-मेरठ में दुखद हादसा: 'सराहनीय सेवा सम्मान' से सम्मानित दारोगा मिंतर सिंह की मौत, चलती बाइक की चेन टूटने से हुए थे घायल तीन दिन से होटल में रुका था रजत पुलिस ने बताया कि रजत प्रताप सिंह भाटी 2 नवंबर को इस होटल के रूम नंबर- 203 में रुका था और तभी से यहीं रह रहा था। रूम का एक दिन का किराया 3 हजार रुपए था। अंतिम रात: होटल स्टाफ और पुलिस के अनुसार, रजत ने मंगलवार की रात चार दोस्तों के साथ मिलकर रूम में पार्टी की थी। सुबह मिली सूचना: बुधवार सुबह 8:40 तक जब रूम का दरवाजा नहीं खुला और कर्मचारियों के खटखटाने पर कोई जवाब नहीं मिला, तो होटल स्टाफ ने इंदिरापुरम पुलिस को सूचना दी। शव की बरामदगी: पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा तोड़ा, तो रजत का शव पंखे से लटकता मिला। परिवार ने टॉर्चर का आरोप लगाया रजत की मौत की सूचना पर जब उनके चाचा इंद्रपाल सिंह मेरठ से गाजियाबाद पहुंचे, तो उन्होंने सीधे तौर पर आत्महत्या के पीछे एक लड़की के टॉर्चर को कारण बताया। चाचा का बयान: इंद्रपाल सिंह ने कहा, "मेरा भतीजा 3 दिन से इस होटल में रुका हुआ था। हमें पता चला है कि कोई लड़की उसे लगातार टॉर्चर कर रही थी। हमारा बेटा ऐसा कदम नहीं उठा सकता।" मंगलवार की बात: उन्होंने बताया कि मंगलवार शाम को उनकी रजत से बात हुई थी और वह उस समय तक बिल्कुल नॉर्मल था। जांच की मांग: चाचा ने पुलिस से होटल के सीसीटीवी फुटेज और भतीजे के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाकर सच सामने लाने की मांग की है। पुलिस जांच में जुटी एसएचओ इंदिरापुरम रविंद्र गौतम ने बताया कि पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। बरामदगी: पुलिस को होटल के रूम से लैपटॉप, मोबाइल फोन और शराब की एक बोतल मिली है। बताया जा रहा है कि युवक नशे का आदी भी था। दोस्तों की तलाश: पुलिस मंगलवार रात में रजत के साथ पार्टी करने आए चारों युवकों की भी तलाश कर रही है। जांच का फोकस: पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है ताकि पता चल सके कि रेंट पर रूम लेने से लेकर घटना होने तक रजत से कौन-कौन मिलने आया था। चाचा के आरोपों के आधार पर मोबाइल कॉल डिटेल भी निकाली जाएगी। यह घटना नोएडा के आईटी सेक्टर में कार्यरत युवाओं के बीच बढ़ते मानसिक तनाव और निजी संबंधों की जटिलताओं को दर्शाती है। पुलिस अब टॉर्चर के आरोप की सत्यता और रजत के अंतिम पलों का पता लगाने के लिए उसके दोस्तों और कॉल रिकॉर्ड्स पर निर्भर है।
मेरठ। स्वतंत्रता दिवस पर 'सराहनीय सेवा सम्मान' से सम्मानित हुए ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर मिंतर सिंह की मेरठ में एक दुखद सड़क हादसे के बाद उपचार के दौरान मौत हो गई। बुधवार सुबह कैलाशी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली, जिसके बाद उनके परिवार में कोहराम मच गया। मिंतर सिंह मूल रूप से शामली के रहने वाले थे।READ ALSO:-मेरठ CCSU में सरेआम गुंडई: छात्र को फोन कर यूनिवर्सिटी बुलाया, बियर के पैसे न देने पर हिस्ट्रीशीटर अक्षय बैंसला ने की फायरिंग, फिर चाकू से किया हमला चलती बाइक की चेन टूटने से हुआ था हादसा जानकारी के अनुसार, दो दिन पहले ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर मिंतर सिंह शामली से मेरठ लौट रहे थे। सरूरपुर थाना क्षेत्र की मुल्हैड़ा चौकी के पास उनकी बाइक की चेन अचानक टूटकर उलझ गई। इस अप्रत्याशित घटना से बाइक अनियंत्रित होकर फिसल गई और मिंतर सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें पसलियों में गंभीर चोटें आई थीं। दो दिन तक चला उपचार, फिर तोड़ा दम हादसे के तुरंत बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल मिंतर सिंह को कंकरखेड़ा स्थित कैलाशी अस्पताल में भर्ती कराया। उनके परिजनों को भी सूचना दी गई, जो खबर सुनते ही रोते-बिलखते अस्पताल पहुंच गए। पिछले दो दिनों से मिंतर सिंह का अस्पताल में उपचार चल रहा था, लेकिन बुधवार सुबह करीब 9 बजे उन्होंने जिंदगी की जंग हार गए और दम तोड़ दिया। परिवार में मचा कोहराम, अफसरों में शोक मिंतर कुमार का परिवार शामली में रहता है। उनके परिवार में पत्नी सुदेश देवी, दो बेटे सौरभ और गौरव, और एक बेटी टीना हैं। तीनों बच्चों की शादी हो चुकी है। मिंतर सिंह की अचानक हुई मौत से पूरे परिवार में गहरा सदमा और कोहराम पसरा है। सुबह जैसे ही उनकी मृत्यु की सूचना पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों को मिली, वे तुरंत अस्पताल पहुंचने लगे। प्रभारी ट्रैफिक संतोष कुमार सिंह पूरे समय मौके पर मौजूद रहे और कागजी कार्रवाई पूरी करवाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भिजवाया। 15 अगस्त पर मिला था 'सराहनीय सेवा सम्मान' यह और भी दुखद है कि मिंतर सिंह को कुछ ही दिन पहले, स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सम्मानित किया गया था। रेंज के 43 पुलिसकर्मियों में उनका नाम भी शामिल था, जिन्हें उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए 'सराहनीय सेवा सम्मान चिह्न' से नवाजा गया था। इस उपलब्धि पर मिंतर सिंह बेहद खुश और गौरवान्वित थे, और उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने भी उनकी सेवाओं की सराहना की थी।
मेरठ। मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (CCSU) परिसर में मंगलवार देर रात सरेआम गुंडई और खूनी संघर्ष का मामला सामने आया है। यूनिवर्सिटी के एक छात्र आर्यन पर जानलेवा हमला किया गया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया। पीड़ित छात्र ने कुख्यात हिस्ट्रीशीटर अक्षय बैंसला और उसके साथियों पर फायरिंग करने और चाकू से कई वार करने का आरोप लगाया है।Read also:-मेरठ में ट्रैफिक जाम से मिलेगी मुक्ति! इन 4 चौराहों पर बनेगी ई-रिक्शा लेन, सभी केबल होंगे भूमिगत; खर्च होंगे ₹15 करोड़ फोन कर बुलाया, फिर किया जानलेवा हमला पीड़ित छात्र आर्यन, जो गांव मोरा का निवासी है और मेरठ में रहकर पढ़ाई कर रहा है, ने पुलिस को आपबीती बताई। आर्यन का आरोप है कि मंगलवार रात परतापुर क्षेत्र के रहने वाले अक्षय बैंसला ने उसे फोन कर चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी परिसर में बुलाया था। जब आर्यन वहां पहुंचा, तो अक्षय बैसला ने उससे बियर पिलाने के लिए पैसे मांगे। आर्यन ने जब पैसे देने से इनकार कर दिया, तो अक्षय बैसला और उसके साथ आए साथियों ने उस पर जानलेवा हमला कर दिया। पीड़ित के अनुसार, आरोपियों ने पहले फायरिंग की और फिर उस पर चाकू से एक के बाद एक कई वार किए, जिससे वह लहूलुहान होकर गिर पड़ा। सूचना मिलते ही दौड़ी पुलिस, केस दर्ज गोली चलने और चाकूबाजी की सूचना मिलते ही मेडिकल थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने घायल छात्र को उपचार के लिए भर्ती कराया और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने पीड़ित की तहरीर के आधार पर लूट और हत्या के प्रयास में तीन नामजद (अक्षय बैंसला सहित) और कुछ अज्ञात छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। हिस्ट्रीशीटर है आरोपी, एंट्री थी बैन: SP सिटी इस पूरे प्रकरण पर एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी अक्षय बैसला एक 'हिस्ट्रीशीटर' है, जिसका पुराना आपराधिक इतिहास रहा है। एसपी सिटी ने कहा, "आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें गठित कर दी गई हैं। जल्द ही सभी आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी। पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच की जा रही है।" सभी आरोपी छात्रों का है आपराधिक इतिहास जांच में यह भी सामने आया है कि जिन छात्रों पर मुकदमा हुआ है, उन पर पहले भी इस प्रकार के हमले और विश्वविद्यालय में हुई अन्य घटनाओं से जुड़े मुकदमे दर्ज हैं। हैरानी की बात यह है कि मुख्य आरोपी अक्षय बैंसला का कुछ दिन पहले ही विश्वविद्यालय में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था।
उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में शहरी गतिशीलता (Urban Mobility) और Traffic प्रबंधन को सुधारने के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने एक बड़ी परियोजना शुरू की है। शहर के चार प्रमुख चौराहों—तेजगढ़ी, कमिश्नरी आवास चौराहा, हापुड़ अड्डा, और बच्चा पार्क—का चौड़ीकरण और विस्तारीकरण किया जाएगा। इस परियोजना पर लगभग 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसका मुख्य आकर्षण ई-रिक्शा के लिए अलग लेन (Dedicated E-Rickshaw Lane) और सभी बिजली के केबलों को भूमिगत (Underground) करना होगा। बढ़ती भीड़ और जाम से राहत की तैयारी मेरठ शहर में इन चार चौराहों पर दिनभर भारी ट्रैफिक रहता है, जिससे अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। E-Rickshaw की बढ़ती संख्या ने सामान्य यातायात के लिए भी मुश्किलें पैदा कर दी हैं। इन समस्याओं से निपटने के लिए मेडा ने इन चौराहों को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस करने का निर्णय लिया है। प्रमुख चौराहे: तेजगढ़ी, कमिश्नरी आवास चौराहा, हापुड़ अड्डा और बच्चा पार्क। उद्देश्य: यातायात को सुगम बनाना, Traffic लाइट पर रुकने का समय कम करना और पैदल यात्रियों के लिए सुरक्षित जगह बनाना। फ्री लेन और 10 फुट की ई-रिक्शा लेन इस परियोजना की तकनीकी बिड हाल ही में खोली गई थी, और गुरुवार को वित्तीय बिड खोलकर निर्माण कंपनी का चयन किया जाएगा, जिसके बाद जल्द ही वर्क आर्डर जारी किया जाएगा। लेफ्ट टर्न फ्री लेन: चौराहों पर अब बाईं तरफ मुड़ने के लिए वाहनों को रेड लाइट पर रुकना नहीं पड़ेगा। बाईं तरफ वाली सड़क पर जाने के लिए फ्री लेन (Free Left Turn Lane) बनाई जाएगी, जिससे वाहन बिना रुके अपनी गति से निकल जाएंगे। E-Rickshaw Lane: यातायात को सुव्यवस्थित करने के लिए E-Rickshaw के लिए अलग से 10 फुट चौड़ी लेन बनाई जाएगी। यह लेन विशेष रूप से ई-रिक्शा के आवागमन और यात्रियों को बैठाने या उतारने के लिए होगी। नो एंट्री नियम: यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कार, बाइक समेत अन्य वाहन ई-रिक्शा लेन में प्रवेश न करें और न ही ई-रिक्शा सामान्य वाहनों की लेन में जाएं। सभी केबल होंगे भूमिगत परियोजना का एक और महत्वपूर्ण पहलू चौराहों के सौंदर्य और सुरक्षा में सुधार करना है। अतिक्रमण मुक्त फुटपाथ: चिह्नित चारों चौराहों पर फुटपाथों को अतिक्रमण मुक्त करके नया रूप दिया जाएगा। सुरक्षा रेलिंग: सभी फुटपाथ पर दोनों तरफ रेलिंग लगाई जाएगी, ताकि कोई भी वाहन चालक उस पर गाड़ी न चला सके और न ही कोई दुकानदार दुकान खोलकर अतिक्रमण कर सके। भूमिगत केबल: चौराहों के 100 मीटर के दायरे में बिजली के खंभे समेत सभी खंभे या अन्य उपकरण हटा दिए जाएंगे। उनसे संबंधित सभी केबल को भूमिगत (Underground Cable) किया जाएगा, जिससे चौराहे साफ-सुथरे और सुरक्षित दिखें। ई-रिक्शा पार्किंग: ई-रिक्शा को भी चौराहे से 100 मीटर दूर ही, अपनी निर्धारित लेन में खड़े होने की अनुमति होगी। हापुड़ अड्डा का री-टेंडर मेडा के इस कदम से मेरठ के नागरिकों को जाम से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि, एक छोटा झटका लगा है: री-टेंडर: चार चौराहों के लिए एक साथ टेंडर आमंत्रित किए गए थे, लेकिन हापुड़ अड्डा चौराहे से संबंधित कार्य के लिए कंपनियां तकनीकी बिड का मानक पूरा नहीं कर सकीं। इसलिए, अब हापुड़ अड्डा के लिए अलग से रीटेंडर किया जाएगा।
मेरठ पुलिस ने 48 दिन पुराने Meerut Murder Case का खुलासा कर दिया है, जो मुजफ्फरनगर के चरथावल की रहने वाली नईमा यासमीन सैकिया की नृशंस हत्या से जुड़ा है। इस हत्या का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि उसका पति शहजाद निकला, जो मुजफ्फरनगर की एक मस्जिद का इमाम है। शादीशुदा इमाम ने धोखा देकर निकाह किया और जब पत्नी को उसकी सच्चाई पता चली और उसने विरोध किया, तो इमाम ने अपने दोस्त के साथ मिलकर बेरहमी से उसका गला रेत दिया। पुलिस ने इमाम शहजाद और उसके दोस्त नदीम दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।READ ALSO:-Bijnor News: IIT से B-Tech, UPSC में 2 बार असफलता; युवती ने गंगा में लगाई छलांग, 36 घंटे बाद भी सुराग नहीं फर्जी पहचान और ऑनलाइन निकाह शहजाद पहले से शादीशुदा था और उसकी पत्नी तथा 3 बच्चे हैं। इसके बावजूद उसने एक तलाकशुदा महिला नईमा यासमीन सैकिया (असम के डिब्रूगढ़ की रहने वाली) को अपने जाल में फंसाया। धोखाधड़ी: शहजाद ने सोशल मीडिया पर नईमा से नजदीकी बढ़ाई, खुद को कपड़ों का कारोबारी बताया, और अपनी पहली शादी की बात पूरी तरह छिपा ली। ऑनलाइन निकाह: नईमा ने शहजाद पर भरोसा कर उससे ऑनलाइन निकाह कर लिया। झगड़े का कारण: जैसे-जैसे समय बीतता गया, शहजाद की हकीकत खुलने लगी। नईमा को पता चला कि शहजाद शादीशुदा है और वह केवल 5वीं तक पढ़ा है। इसी के बाद दोनों के बीच झगड़ा बढ़ने लगा। गला काटने का भयावह प्लान शहजाद ने अपनी पहली पत्नी और बच्चों को मेरठ के घर में रखा था और नईमा के साथ वह मुजफ्फरनगर में किराए पर रह रहा था। नईमा ने शहजाद पर बंदिशें लगानी शुरू कर दीं और उसे पहली पत्नी से मिलने पर भी रोक दिया। इस बढ़ते तनाव से परेशान होकर शहजाद ने नईमा को रास्ते से हटाने का मन बना लिया। साजिश: शहजाद ने अपने दोस्त नदीम (मेरठ के मोहल्ला ऊंचा कस्बा हाल का निवासी) को ₹12,000 देकर हत्या की साजिश में शामिल किया। हत्या का दिन: 16 सितंबर को शहजाद शॉपिंग के बहाने नईमा को बस से मेरठ लेकर आया, जहाँ दोस्त नदीम भी उसके साथ शामिल हो गया। क्रूरता: वे नईमा को जानी थाना क्षेत्र के गंगनहर पटरी मार्ग पर ले गए। धोखे से जूस में नींद की गोलियां मिलाकर उसे पिला दीं। बेहोशी की हालत में नदीम ने रस्सी से उसका गला घोंटा, और शहजाद ने छुरे से वार कर गला काट दिया। मुजफ्फरनगर में दर्ज कराई गुमशुदगी मेरठ के जानी थाना क्षेत्र में 17 सितंबर को सिवालखास जंगल में गंगनहर पटरी पर बुर्के में मिली महिला की लाश ने पुलिस को 48 दिन तक उलझाए रखा। शव की पहचान: SSP डॉ. विपिन ताडा ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि पहचान न होने पर शव को अज्ञात में मॉर्च्युरी भेज दिया गया था। छानबीन के दौरान आसपास के जिलों से संपर्क किया गया और 8 अक्टूबर को मुजफ्फरनगर के चरथावल थाने में दर्ज नईमा यासमीन सैकिया की गुमशुदगी से फोटो का मिलान किया गया, तब जाकर शव की पहचान हुई। पति पर शक: पूछताछ में शक गहराया, क्योंकि गुमशुदगी दर्ज होने के बाद भी शहजाद कह रहा था कि नईमा असम भाग गई है। हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर शहजाद और नदीम ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। इमाम के धोखे पर गुस्सा सोशल मीडिया पर एक इमाम द्वारा धोखा देकर निकाह करने और फिर हत्या करने की इस क्रूर कहानी पर लोग गुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं। हत्यारोपियों को सख्त सजा देने की मांग उठ रही है। धोखा और हत्या हत्यारोपियों को मीडिया के सामने पेश कर जेल भेज दिया गया है। पुलिस इस मामले में इस्तेमाल किए गए हथियारों और अन्य साक्ष्यों की तलाश कर रही है। यह मामला दिखाता है कि धोखे से किए गए संबंधों का अंत कितना भयावह हो सकता है।
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के भावनपुर थाना क्षेत्र से मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक गंभीर मामला सामने आया है। यहाँ एक नाबालिग लड़के के साथ कुकर्म किए जाने की घटना सामने आई है। UP Police ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल कार्रवाई की और आरोपी युवक को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपी को अब न्यायालय में पेश करने की तैयारी है।READ ALSO:-Meerut: 'मैं तुम्हारा रिश्तेदार बोल रहा हूं...' एक अनजान कॉल, एक फर्जी मैसेज और खाते से 85 हजार रुपये गायब! जानें ठगी का नया तरीका लालच देकर अपने घर बुलाया यह घिनौनी वारदात भावनपुर थाना क्षेत्र के एक गाँव की है। घटना का विवरण: गाँव के ही एक युवक ने मासूमियत का फायदा उठाते हुए नाबालिग किशोर को बहला-फुसलाकर अपने घर बुलाया। लालच: नाबालिग को अपने जाल में फंसाने के लिए आरोपी ने उसे चॉकलेट का लालच दिया था। अपराध: घर बुलाने के बाद आरोपी युवक ने नाबालिग के साथ कुकर्म किया। परिजनों की शिकायत पर पुलिस की त्वरित कार्रवाई यह घटना तब सामने आई जब पीड़ित किशोर ने हिम्मत जुटाकर अपने परिजनों को इस भयावह घटना की जानकारी दी। शिकायत: परिजनों ने बिना समय गंवाए किशोर को लेकर भावनपुर थाने पहुंचे और घटना की विस्तृत शिकायत दर्ज कराई। मेडिकल: थाने में शिकायत दर्ज होते ही थाना पुलिस ने नाबालिग किशोर का तुरंत मेडिकल परीक्षण कराया, जो मामले की जांच के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था। गिरफ्तारी: शिकायत के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी युवक को कुछ ही घंटों के भीतर हिरासत में ले लिया। सीओ सदर देहात ने दी जानकारी सीओ सदर देहात (Circle Officer Sadar Dehat) शिव प्रताप ने इस मामले पर आधिकारिक बयान जारी किया। मुकदमा दर्ज: सीओ सदर देहात ने बताया कि नाबालिग से कुकर्म की सूचना मिलते ही आरोपी युवक के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं और POCSO एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। न्यायालय में पेशी: गिरफ्तार आरोपी को अब न्यायालय में पेश किया जा रहा है, जहाँ से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा जाएगा। पुलिस इस मामले में कानूनी प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ा रही है। सुरक्षा पर उठे सवाल इस घटना ने स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। सोशल मीडिया पर भी लोग मासूमों के प्रति बढ़ते अपराधों पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं और आरोपी को सख्त सजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। इस तरह की घटनाएं बच्चों की सुरक्षा और सामाजिक परिवेश पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। जल्द चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी UP Police अब मामले में जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके। पुलिस इस बात की भी जांच करेगी कि आरोपी का कोई आपराधिक इतिहास रहा है या नहीं और क्या उसने पहले भी किसी अन्य बच्चे को निशाना बनाया है।
उत्तर प्रदेश के मेरठ में साइबर ठगी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस बार साइबर ठगों ने रिश्तेदार बनकर एक व्यक्ति के खाते से 85 हजार रुपये उड़ा दिए। ठग ने पीड़ित को विश्वास दिलाया कि उसने उसके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए हैं, जिसके बाद पीड़ित ने बिना जांच किए अपने खाते से पैसे वापस भेज दिए। धोखाधड़ी का एहसास होने पर पीड़ित ने तुरंत 1930 पर शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलने के बाद साइबर टीम ने मामले की जांच शुरू कर दी है। READ ALSO:-रील का 'खूनी' जुनून! मेरठ हाईवे पर चलती कार को बनाया 'पटाखा लॉन्चर', पेट्रोल पंप के पास मौत को दावत, SSP बोले- 'बख्शे नहीं जाएंगे' अनजान कॉल और झूठा भरोसे का मैसेज रेलवे रोड थाना क्षेत्र के आनंदपुरी में रहने वाले वंश जैन और उनके भाई मोहित इस ठगी का शिकार हुए हैं। ठगी का जाल: वंश जैन ने बताया कि उनके भाई मोहित के मोबाइल नंबर पर एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को उनका रिश्तेदार बताया और मोहित से कहा कि उसने गलती से उनके खाते में 85 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए हैं। भरोसे का दांव: ठग ने मोहित को और भरोसा दिलाने के लिए एक फर्जी मैसेज भी भेजा, जिसमें 85 हजार रुपये ट्रांसफर होने की बात लिखी थी। बिना जांच किए ट्रांसफर करना पड़ा भारी मोहित को उस व्यक्ति की बातों और मैसेज पर इतना भरोसा हो गया कि उन्होंने बिना बैंक खाते की जांच किए यह नहीं सोचा कि वह व्यक्ति फर्जी हो सकता है। पैसे ट्रांसफर: मोहित को लगा कि गलती से आए पैसे वापस करना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने तुरंत अपने खाते से 85 हजार रुपये उस अनजान नंबर से जुड़े खाते में ट्रांसफर कर दिए। फ्रॉड का खुलासा: पैसे ट्रांसफर होने के तुरंत बाद कॉल कट गई और दोबारा नहीं मिली। वंश जैन को शक होने पर जब उन्होंने बैंक खाते की जांच कराई, तो पता चला कि उनके खाते में कोई रकम नहीं आई थी। इस तरह उन्हें साइबर ठगी का शिकार होने का पता चला। 1930 पर शिकायत और पुलिस जांच ठगी होने के बाद पीड़ित परिवार ने त्वरित कार्रवाई की। तत्काल शिकायत: वंश जैन ने बताया कि उन्होंने धोखाधड़ी होने के तुरंत बाद राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर डायल करके अपनी शिकायत दर्ज कराई। थाना पुलिस की कार्रवाई: 1930 पर शिकायत के बाद उन्हें क्षेत्रीय थाने जाने के लिए कहा गया। रेलवे रोड थाना पुलिस ने पीड़ित की लिखित शिकायत पर तुरंत बैंक से संपर्क किया और उस खाते की डिटेल्स निकलवाई जिसमें पैसा ट्रांसफर हुआ था। पुलिस की जांच: रेलवे रोड पुलिस अब इस बात का पता लगा रही है कि क्या वह रकम एक ही खाते में ट्रांसफर हुई है या साइबर ठगों ने उसे तुरंत कई अन्य खातों में भेज दिया है। साइबर टीम इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश में जुट गई है। साइबर जागरूकता की जरूरत मेरठ में साइबर फ्रॉड की यह घटना एक बार फिर लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी देती है। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि अनजान नंबर से आने वाली किसी भी कॉल पर भरोसा न करें, खासकर जब पैसे ट्रांसफर करने की बात हो। किसी भी लेनदेन से पहले हमेशा अपने बैंक खाते की आधिकारिक पुष्टि अवश्य करें।
उत्तर प्रदेश के मेरठ में कुछ लापरवाह युवकों द्वारा नेशनल हाईवे-58 पर एक बेहद खतरनाक स्टंट करने का मामला सामने आया है। युवकों ने चलती कार की बोनट पर स्काईशॉट पटाखे रखकर उन्हें छोड़ा, और इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। यह खतरनाक करतूत सुभारती चौकी से महज 500 मीटर की दूरी पर हुई, जिससे पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने वीडियो बनाने वाले युवकों की पहचान करने के लिए जांच शुरू कर दी है।READ ALSO:-Meerut की नई 'स्मार्ट' सड़क: बागपत-रेलवे रोड लिंक रोड पर न रात का अंधेरा होगा, न अपराध का डर! सोलर लाइट और CCTV से होगी लैस भीड़भाड़ वाले इलाके में जानलेवा स्टंट यह घटना सुभारती विश्वविद्यालय कैंपस के पास मार्श रिसोर्ट और फूड कोर्ट के सामने देर रात हुई। यह इलाका अक्सर भीड़भाड़ वाला रहता है, जिससे यह स्टंट और भी ज्यादा खतरनाक हो जाता है। घटना का विवरण: देर रात तीन 'जेड ब्लैक' कारों में सवार कुछ युवकों ने रील बनाने के लिए यह स्टंट किया। उन्होंने एक कार की बोनट पर स्काईशॉट पटाखों की पूरी पेटी रखी और उसमें आग लगा दी। कार चलाते हुए पटाखे: युवकों ने कार चलाते हुए पटाखे छोड़ने शुरू कर दिए और बताया जा रहा है कि उन्होंने करीब एक से डेढ़ किलोमीटर तक यह खतरनाक स्टंट किया। सोशल मीडिया पर अपलोड: इस पूरी करतूत का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया, जिसके बाद यह तेज़ी से वायरल हो गया। पुलिस जांच में जुटी, बड़ी दुर्घटना का खतरा वीडियो वायरल होते ही मेरठ पुलिस हरकत में आई है। इस स्टंट ने हाईवे पर एक बड़ी दुर्घटना के खतरे को जन्म दिया था। आसपास का खतरा: जिस जगह पर युवकों ने पटाखे छोड़े, उसके ठीक पास पेट्रोल पंप और अन्य वाहन भी मौजूद थे। यदि कोई ज्वलनशील पदार्थ ले जाने वाला वाहन पास होता, तो हाईवे पर बड़ा हादसा हो सकता था। कारों की पहचान: वीडियो में तीन कारें दिखाई दे रही हैं, जिनमें से एक कार पर लाल और नीली (Red and Blue) लाइट लगी हुई है। सभी गाड़ियों में हूटर भी लगे हैं, जिससे यह संदेह होता है कि युवक खुद को किसी महत्वपूर्ण पद से जुड़ा हुआ दिखाने की कोशिश कर रहे थे। CCTV फुटेज: सुभारती चौकी पुलिस ने आसपास की सीसीटीवी फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है, हालांकि अभी तक युवकों की पहचान नहीं हो पाई है। सख्त कार्रवाई की चेतावनी एसएसपी (SSP) डॉ. विपिन ताडा ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। एसएसपी का बयान: एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि संबंधित थाने के प्रभारी को जांच सौंपी गई है। युवकों की पहचान: प्राथमिक जांच में वीडियो बनाने वाले युवक स्थानीय प्रतीत हो रहे हैं। उन्होंने साफ चेतावनी दी है कि युवकों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मोटिवेशन: पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि पटाखों के इस्तेमाल के पीछे उनका मकसद क्या था और क्या यह किसी विशेष त्योहार से जुड़ा हुआ था। सोशल मीडिया पर गलत ट्रेंड यह घटना युवाओं में सोशल मीडिया पर 'लाइक और व्यूज' पाने के लिए खतरनाक स्टंट करने के बढ़ते चलन को दर्शाती है। पुलिस की सख्त कार्रवाई ऐसे गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार को रोकने के लिए एक चेतावनी के रूप में काम करेगी।
मेरठ शहर के लिए एक बड़ी खबर है। बागपत रोड को रेलवे रोड से जोड़ने वाला लिंक रोड अब जल्द ही सौर ऊर्जा (Solar Energy) से जगमगाएगा। राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी की देखरेख में इस लिंक रोड पर सांसद निधि से सोलर लाइटें लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रोशनी के साथ ही इस पूरे रूट को हाई-टेक सर्विलांस सिस्टम (Surveillance System) से लैस करने की भी योजना है, ताकि हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जा सके और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।Read also:-यूपी में सबसे प्रदूषित शहर बना मेरठ, हवा हुई 'विषाक्त'! पल्लवपुरम में PM 2.5 का स्तर 500 के पार सेना और निजी संपत्तियों की बाधा हुई दूर यह लिंक रोड परियोजना लंबे समय से जैन नगर क्षेत्र में सेना की आपत्ति और निजी संपत्तियों के अधिग्रहण के कारण अटकी हुई थी। सेना का सहयोग: शुरुआती प्रयासों में जैन नगर से रास्ता तलाश लिया गया था, लेकिन सेना ने इस पर आपत्ति दर्ज करा दी थी। राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी के निरंतर प्रयासों से सेना की आपत्ति का सफलतापूर्वक निस्तारण किया गया। संपत्ति अधिग्रहण: सेना की आपत्ति हटने के बाद भी, बागपत रोड की तरफ से रास्ता नहीं मिल पा रहा था। मेडा (मेरठ विकास प्राधिकरण) ने बागपत रोड की तरफ रास्ते के लिए दो निजी संपत्तियों को चिन्हित किया, जिनमें एक अस्पताल भी शामिल था। सांसद वाजपेयी ने इस समस्या का भी समाधान ढूंढा और पिछले दिनों मेडा ने रास्ते में आ रहे हॉस्पिटल और निजी प्रॉपर्टी के हिस्से को क्रय (Acquire) कर लिया। 44 सोलर लाइटें लगाएगा नेडा लिंक रोड के लिए सबसे बड़ी चुनौती अब रात की सुरक्षा और प्रकाश व्यवस्था की थी, जिस पर तत्काल काम शुरू कर दिया गया है। रोशनी की व्यवस्था: लिंक रोड के शेष काम की योजना में नेडा (NEDA - Non-Conventional Energy Development Agency) का सहयोग लिया जा रहा है। सांसद निधि से यहाँ कुल 44 सोलर लाइटें लगाई जाएंगी, जिनका इंस्टॉलेशन नेडा द्वारा किया जाएगा। सर्विलांस सिस्टम: सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, पूरे रूट पर सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाया जाएगा। सामुदायिक भागीदारी: इस लिंक रोड के लिए संघर्ष करने वाली स्थानीय समिति को भी निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी है। राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी यह पूरा विकास कार्य राज्यसभा सांसद डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी की व्यक्तिगत देखरेख में किया जा रहा है, जिन्होंने इस प्रोजेक्ट की बाधाओं को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अधिकारी बैठक: इस संबंध में आगे की रणनीति तय करने के लिए शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है, जिसमें नेडा और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। लक्ष्य: इस लिंक रोड को जल्द से जल्द पूरी तरह से क्रियाशील बनाना है, ताकि बागपत रोड और रेलवे रोड के बीच यातायात सुगम हो सके। जनता को मिली बड़ी राहत इस लिंक रोड के बनने से मेरठ के निवासियों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि इससे बागपत रोड और रेलवे रोड के बीच की दूरी कम होगी और यातायात जाम से मुक्ति मिलेगी। स्थानीय लोगों ने डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी के प्रयासों की सराहना की है, जिनके कारण सेना और निजी संपत्ति अधिग्रहण की बड़ी बाधाएं दूर हो पाईं। सुरक्षा और कनेक्टिविटी में सुधार इस लिंक रोड का सौर ऊर्जा से जगमगाना और सर्विलांस सिस्टम से लैस होना, न केवल कनेक्टिविटी में सुधार करेगा, बल्कि क्षेत्र की सुरक्षा को भी मजबूत करेगा। शुक्रवार की बैठक के बाद, इस परियोजना के शेष हिस्सों पर तेजी से काम शुरू होने की उम्मीद है।
बॉलीवुड और भारतीय टेलीविजन जगत के महान और बहुमुखी कलाकार सतीश शाह (Satish Shah) का आज (शनिवार, 25 अक्टूबर 2025) दुखद निधन हो गया है। अपनी लाजवाब कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को हंसाने वाले सतीश शाह ने 74 वर्ष की उम्र में मुंबई में अपनी आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, और किडनी फेलियर को उनकी मौत का कारण बताया जा रहा है। उनके निधन की पुष्टि प्रोड्यूसर और IFTDA के अध्यक्ष अशोक पंडित ने की है। चरित्र अभिनेता और कॉमेडियन का सफर सतीश शाह का अभिनय करियर पाँच दशकों से अधिक लंबा रहा, जिसमें उन्होंने 400 से ज्यादा फिल्मों और कई सफल टीवी सीरियल्स में काम किया। उनका जन्म 1951 में हुआ था और उन्होंने पुणे के FTII (Film and Television Institute of India) से प्रशिक्षण लिया था। टीवी जगत का आइकॉन: उन्हें सबसे ज्यादा पहचान हिट कॉमेडी सीरियल 'साराभाई वर्सेज साराभाई' में इंद्रावदन साराभाई (Indravadan Sarabhai) के किरदार से मिली। इस शो में उनके डायलॉग और एक्सप्रेशन आज भी कल्ट क्लासिक माने जाते हैं। 'ये जो है जिंदगी' (1984) में 55 अलग-अलग किरदार निभाकर उन्होंने घर-घर में अपनी पहचान बनाई थी। फिल्मी करियर की शुरुआत: उन्होंने 1983 की डार्क कॉमेडी फिल्म 'जाने भी दो यारों' में एक 'लाश' (Dead Body) का आइकॉनिक किरदार निभाया था, जिसने उन्हें रातोंरात पहचान दिलाई थी। प्रमुख फिल्में: उनकी कुछ यादगार बॉलीवुड फिल्मों में 'हम आपके हैं कौन', 'मुझसे शादी करोगी', 'कल हो ना हो' और शाहरुख खान अभिनीत 'मैं हूँ ना' शामिल हैं, जहाँ उन्होंने अपनी कॉमिक टाइमिंग से जान डाल दी। Read Also : थामा, और 'स्त्री 2' के म्यूजिक कंपोजर सचिन सांघवी गिरफ्तार, शादी और गाना देने का झांसा देकर 20 साल की युवती से यौन उत्पीड़न का आरोप किडनी फेलियर और निधन की पुष्टि मिली जानकारी के मुताबिक, अभिनेता सतीश शाह पिछले कुछ समय से किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्होंने आज दोपहर करीब 2:30 बजे अंतिम सांस ली। आधिकारिक रूप से किडनी फेलियर को उनकी मृत्यु का कारण बताया गया है। शाह के निधन की खबर सामने आने के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। इंडस्ट्री में शोक की लहर मशहूर निर्माता अशोक पंडित ने सतीश शाह के निधन की पुष्टि करते हुए कहा, "जी हाँ, सतीश शाह नहीं रहे। वो मेरे अच्छे मित्र थे। किडनी फेलियर के चलते उनका निधन हो गया है। इंडस्ट्री के लिए यह एक बड़ी क्षति है।" Public Reaction or Social Media: श्रद्धांजलि सतीश शाह के निधन की खबर से उनके फैंस स्तब्ध हैं। सोशल मीडिया पर उनके फैंस और फिल्मी सितारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है और उनके सबसे यादगार किरदारों को याद कर रहे हैं। 'साराभाई वर्सेज साराभाई' की कास्ट और क्रू ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। सिनेमा में हास्य की क्षति सतीश शाह का निधन हिंदी सिनेमा में चरित्र अभिनय और हास्य की एक पीढ़ी का अंत है। उनकी अभिनय शैली और हास्य टाइमिंग हमेशा दर्शकों के दिलों में ज़िंदा रहेगी।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर मेरठ के लिए परिवहन के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर के साथ ही मेरठ को अपनी पहली 'मेरठ मेट्रो' मिलने जा रही है। यह न केवल शहर के अंदर कनेक्टिविटी को सुधारेगी, बल्कि दिल्ली और गाजियाबाद जैसे शहरों से भी मेरठ के सफर को आसान और तेज बना देगी। आइए, मेरठ मेट्रो से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी पर एक विस्तृत नजर डालते हैं: Meerut Metro की कब होगी शुरुआत? (Kab Shuru Hogi) मेरठ मेट्रो का संचालन, दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (जिसे 'नमो भारत' ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है) के साथ ही शुरू होना प्रस्तावित है। हालिया अपडेट: खबरों के अनुसार, 30 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नमो भारत ट्रेन के आखिरी चरण (मेरठ साउथ से मोदीपुरम) और मेरठ मेट्रो का उद्घाटन किया जा सकता है। लक्ष्य: पूरी परियोजना (RRTS के साथ) को जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। प्राथमिकता खंड (साहिबाबाद से दुहाई) का परिचालन अक्टूबर 2023 में पहले ही शुरू हो चुका है। खासियत: यह देश का पहला ऐसा ट्रैक होगा जिस पर एक ही ट्रैक पर हाई-स्पीड नमो भारत ट्रेन और तीन कोच वाली मेरठ मेट्रो ट्रेन, दोनों एक साथ चलेंगी। रूट मैप (Route Map) और स्टेशन मेरठ मेट्रो कॉरिडोर दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर का ही हिस्सा है। यह मुख्यतः मेरठ के शहरी क्षेत्र में सेवा प्रदान करेगी। कॉरिडोर का नाम: मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम (Meerut South to Modipuram) कुल लंबाई: लगभग 23 किमी स्टेशनों की संख्या: इस कॉरिडोर में कुल 13 स्टेशन हैं। केवल मेट्रो स्टेशन: इनमें से 10 स्टेशन केवल मेरठ मेट्रो के लिए होंगे। RRTS और मेट्रो दोनों के लिए स्टेशन (Integrated Stations): मेरठ साउथ, बेगमपुल, और मोदीपुरम स्टेशन RRTS और मेरठ मेट्रो, दोनों की सेवाओं के लिए इंटीग्रेटेड (एकीकृत) होंगे। प्रमुख स्टेशन (संभावित): मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौर्ली, मेरठ नॉर्थ, और मोदीपुरम। किराया (Kiraya) मेरठ मेट्रो का किराया दूरी के आधार पर तय किया जाएगा। यह किराया नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (NCRTC) द्वारा जारी किया जाएगा। नमो भारत (RRTS) का किराया (दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के लिए): मानक (Standard) कोच: ₹20 से शुरू होकर अधिकतम ₹150 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। प्रीमियम (Premium) कोच: ₹30 से शुरू होकर अधिकतम ₹225 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। मेरठ मेट्रो का अनुमानित किराया: चूंकि मेरठ मेट्रो की यात्रा दूरी RRTS की तुलना में कम होगी (शहर के भीतर), इसका किराया ₹20 से ₹50 के बीच होने की संभावना है, जो यात्रियों द्वारा तय की गई दूरी पर निर्भर करेगा। मेरठ मेट्रो की आगे की योजना (Aage Ka Plan) मेरठ मेट्रो का पहला चरण (मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम) पूरा होने के बाद, आगे की योजनाओं में शहर के विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ाना शामिल है: दूसरा कॉरिडोर प्रस्तावित: मेरठ मेट्रो के लिए दूसरा कॉरिडोर भी प्रस्तावित है, जिसका रूट श्रद्धापुरी एक्सटेंशन से जाग्रति विहार तक हो सकता है। इस पर अभी विस्तृत काम शुरू होना बाकी है। टाउनशिप और TOD: मेरठ में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) मॉडल पर आधारित नई टाउनशिप का विकास किया जा रहा है। ये टाउनशिप RRTS/मेट्रो स्टेशनों के आस-पास होंगी, जिससे लोग अपने कार्यस्थल (Walk to Work) और जरूरी सुविधाओं तक आसानी से पहुँच सकेंगे। इससे 2029 तक 20,000 से अधिक रोजगार उत्पन्न होने का अनुमान है। फीडर सेवाएं: स्टेशनों से अंतिम-मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों के लिए फीडर सेवाओं को मजबूत करने की योजना है। मेरठ मेट्रो न केवल शहर के ट्रैफिक को कम करेगी बल्कि दिल्ली-एनसीआर से मेरठ की कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगी, जिससे यहां के निवासियों के लिए समय और पैसे दोनों की बचत होगी। यह परियोजना मेरठ को देश के सबसे आधुनिक परिवहन नेटवर्क वाले शहरों की श्रेणी में खड़ा कर देगी।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर, जिसे अब 'नमो भारत' (NaMo Bharat) ट्रेन के नाम से जाना जाता है, अब अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही पूरी तरह से यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा।Read also:-Delhi–Meerut RRTS Opening Date 2025: नमो भारत रैपिड रेल से दिल्ली से मेरठ सफर सिर्फ 55 मिनट में वो दिन अब दूर नहीं, जब मेरठ का निवासी दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में शॉपिंग करने और गाजियाबाद का व्यापारी मेरठ में अपने बिजनेस को विस्तार देने का सपना सिर्फ 60 मिनट में पूरा कर सकेगा। देश के सबसे महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS), अब हकीकत बनने की दहलीज पर है। 82 किलोमीटर का यह हाई-स्पीड कॉरिडोर लगभग तैयार है और रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2025 की शुरुआत में प्रधानमंत्री द्वारा इसका उद्घाटन किया जा सकता है। संभावित उद्घाटन की तारीखें: मीडिया रिपोर्ट्स और निर्माण कार्य की प्रगति के अनुसार, पूरे कॉरिडोर (सराय काले खां से मोदीपुरम तक) का उद्घाटन अक्टूबर 2025 में होने की प्रबल संभावना है। ऐसी खबरें हैं कि अक्टूबर 2025 की शुरुआत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का शुभारंभ कर सकते हैं। पूरा कॉरिडोर: यह 82 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां को मेरठ के मोदीपुरम डिपो से जोड़ेगा, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय एक घंटे से भी कम हो जाएगा। वर्तमान में परिचालन: 20 अक्टूबर 2023 से प्राथमिकता कॉरिडोर (साहिबाबाद से दुहाई डिपो) और हाल ही में न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक का खंड पहले से ही चालू है, जिसने लाखों यात्रियों को बड़ी राहत दी है। मेरठ मेट्रो: एक ही पटरी पर रैपिड और मेट्रो का तालमेल मेरठ शहर के भीतर यात्रियों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए मेरठ मेट्रो भी 'नमो भारत' ट्रेन के साथ ही उसी ट्रैक पर चलेगी। शुरुआत: मेरठ मेट्रो का उद्घाटन भी अक्टूबर 2025 में रैपिड रेल के साथ ही होने की उम्मीद है। रूट: यह मेट्रो सेवा मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो के बीच 23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर चलेगी, जिसमें 13 स्टेशन होंगे। विशेषता: यह भारत की पहली ऐसी परियोजना है जहाँ क्षेत्रीय रैपिड रेल और स्थानीय मेट्रो ट्रेनें एक ही ट्रैक को साझा करेंगी, लेकिन इनके परिचालन के समय अलग-अलग होंगे। स्टेशन लिस्ट: कहाँ-कहाँ रुकेगी आपकी 'नमो भारत'? दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर पर कुल 16 स्टेशन होंगे। दिल्ली (3) गाजियाबाद (6) मेरठ (7) सराय काले खां साहिबाबाद मेरठ साउथ (कॉमन) न्यू अशोक नगर गाजियाबाद शताब्दी नगर (कॉमन) आनंद विहार गुलधर बेगमपुल (कॉमन) दुहाई मोदीपुरम (कॉमन) दुहाई डिपो परतापुर (सिर्फ मेट्रो) मुरादनगर रिठानी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर दक्षिण ब्रहमपुरी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर उत्तर मेरठ सेंट्रल (सिर्फ मेट्रो) भैंसाली (सिर्फ मेट्रो) एमईएस कॉलोनी (सिर्फ मेट्रो) डोरली (सिर्फ मेट्रो) मेरठ नॉर्थ (सिर्फ मेट्रो) मोदीपुरम डिपो (सिर्फ मेट्रो) (कॉमन स्टेशन वे हैं जहाँ 'नमो भारत' रैपिड रेल और मेरठ मेट्रो दोनों रुकेंगी।) किराया विवरण: कितना होगा आपकी यात्रा का खर्च? 'नमो भारत' ट्रेन में दो तरह के कोच हैं: स्टैंडर्ड कोच और प्रीमियम कोच। यात्रियों को अपनी सुविधा अनुसार टिकट खरीदने का विकल्प मिलेगा। किराया सीमा: किराया ₹20 से शुरू होता है और अधिकतम ₹225 तक जा सकता है। एक प्रमुख रूट का किराया (उदाहरण): न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक: स्टैंडर्ड कोच में ₹150 और प्रीमियम कोच में ₹225। आनंद विहार से मेरठ साउथ तक का सफर लगभग 35 मिनट में पूरा होगा, जिसका किराया इसी सीमा में होगा। भुगतान विकल्प: यात्री QR कोड-आधारित पेपर टिकट और NCMC (नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड) का उपयोग करके यात्रा कर सकेंगे। निर्माण प्रगति और तकनीकी विशेषताएँ आरआरटीएस परियोजना का लगभग 75% से अधिक सिविल कार्य पूरा हो चुका है। स्पीड और रोलिंग स्टॉक: 'नमो भारत' ट्रेन की डिज़ाइन गति 180 किमी/घंटा है, जबकि परिचालन गति 160 किमी/घंटा होगी। ट्रेनों में महिलाओं के लिए एक आरक्षित कोच, प्रीमियम कोच, और सभी के लिए आधुनिक सुविधाएं (Wi-Fi, लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग पोर्ट) उपलब्ध हैं। हरित ऊर्जा पहल: NCRTC ने अपने स्टेशनों और डिपो पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं, जो परियोजना को स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। फाइनल अप्रूवल: दिल्ली से मेरठ तक पूरे कॉरिडोर के वाणिज्यिक परिचालन के लिए अंतिम चरण की सुरक्षा मंजूरी मिलना बाकी है, जिसके बाद इसे तुरंत खोल दिया जाएगा। यह कॉरिडोर एनसीआर के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो न केवल यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि रोजगार, व्यापार और रियल एस्टेट को भी नई ऊंचाइयां देगा।
मेरठ, 19 सितंबर 2025 मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए 30 सितंबर का दिन एक नए युग की शुरुआत करने जा रहा है। इस ऐतिहासिक तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की पहली रैपिड रेल 'नमो भारत' के संपूर्ण कॉरिडोर और मेरठ मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री इस उद्घाटन को यादगार बनाते हुए दिल्ली से 'नमो भारत' ट्रेन में सवार होकर मेरठ के मोदीपुरम तक का सफर तय करेंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।READ ALSO:-सितंबर में 'प्रलयंकारी' मानसून: हिमाचल-उत्तराखंड में बादल फटने और लैंडस्लाइड से तबाही जारी, 424 की मौत दिल्ली से मेरठ तक ट्रेन में PM, फिर विशाल जनसभा योजना के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से रैपिड ट्रेन के जरिए मेरठ पहुंचेंगे। यह यात्रा अपने आप में एक संदेश होगी कि दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी अब मिनटों में सिमट गई है। मोदीपुरम स्टेशन पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री का काफिला शताब्दीनगर के लिए रवाना होगा, जहाँ वे एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस रैली में मेरठ समेत आसपास के सभी जिलों से लाखों लोगों के जुटने की उम्मीद है, जिसके लिए तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। शहर में हाई अलर्ट, घर-घर किरायेदारों की जांच प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर पूरा प्रशासनिक और पुलिस अमला हाई अलर्ट पर है। गुरुवार को एडीजी भानु भास्कर ने एक उच्च-स्तरीय बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और कड़े इंतजामों के निर्देश दिए। सुरक्षा एजेंसियां कोई भी ढिलाई नहीं बरतना चाहतीं। पुलिस और एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) की टीमों ने गुरुवार देर रात शताब्दी नगर, रिझानी और रिठानी जैसे इलाकों में घर-घर जाकर सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान किरायेदारों और बाहर से आकर रह रहे लोगों के नाम, पते और मोबाइल नंबर दर्ज किए गए। देर रात बिजली गुल होने के बावजूद यह अभियान टॉर्च की रोशनी में जारी रहा, जो सुरक्षा की गंभीरता को दर्शाता है। यह सुरक्षा इसलिए भी कड़ी की गई है क्योंकि प्रधानमंत्री के दौरे से ठीक पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी 20 से 22 सितंबर तक मेरठ में रहेंगी और दो विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में हिस्सा लेंगी। मेरठ की नई लाइफलाइन: जानिए मेट्रो और नमो भारत का नेटवर्क यह प्रोजेक्ट मेरठ की कनेक्टिविटी को पूरी तरह से बदल देगा। नमो भारत (रैपिड रेल): दिल्ली से मेरठ तक का पूरा 82 किलोमीटर का ट्रैक अब पूरी तरह से चालू हो जाएगा। मेरठ मेट्रो: कुल लंबाई: 23 किलोमीटर (18 किमी एलिवेटेड, 5 किमी भूमिगत) कुल स्टेशन: 13 (मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, डौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो)। भूमिगत स्टेशन: मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपul। एक ही टिकट पर दोनों में सफर: यात्रियों की सुविधा के लिए चार स्टेशनों- मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम को कॉमन स्टेशन बनाया गया है, जहाँ यात्री नमो भारत और मेट्रो के बीच आसानी से स्विच कर सकेंगे।
इस वर्ष दीपावली की सही तिथि को लेकर पंचांगों में भिन्नता के कारण आम लोगों में बना कन्फ्यूजन अब दूर हो गया है। कुछ पंचांगों में 20 अक्टूबर तो कुछ में 21 अक्टूबर को दिवाली बताई जा रही थी। इस भ्रम की स्थिति को समाप्त करते हुए देश की सर्वोच्च धार्मिक संस्थाओं में से एक, श्री काशी विद्वत परिषद, ने स्पष्ट कर दिया है कि संपूर्ण देश में दीपावली का महापर्व सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को ही मनाया जाएगा।READ ALSO:-यूपी में कुदरत का डबल अटैक: पूर्वांचल में 'जल प्रलय' ने तोड़ा 136 साल का रिकॉर्ड, अब पश्चिमी यूपी के 23 जिलों में भारी बारिश-ओलों का अलर्ट! क्यों 20 अक्टूबर है सही तिथि? काशी विद्वत परिषद के ज्योतिष प्रकोष्ठ के मंत्री और बीएचयू के प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय के अनुसार, सनातन धर्म में पर्वों का निर्धारण तिथियों की गणितीय गणना और शास्त्रों के आधार पर होता है। दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को प्रदोष काल में मनाई जाती है। प्रदोष काल का अर्थ है सूर्यास्त के बाद का समय। इस वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगी और यह 21 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। 20 अक्टूबर को, जब सूर्यास्त होगा, तब अमावस्या तिथि विद्यमान रहेगी और पूरे प्रदोष काल को कवर करेगी। लक्ष्मी पूजन और दीपदान के लिए यह शास्त्र सम्मत और शुभ मुहूर्त है। 21 अक्टूबर को, अमावस्या तिथि शाम 4 बजकर 26 मिनट पर ही समाप्त हो जाएगी, जबकि सूर्यास्त लगभग 5 बजकर 40 मिनट पर होगा। इसका अर्थ है कि सूर्यास्त और प्रदोष काल के समय अमावस्या तिथि नहीं रहेगी, बल्कि प्रतिपदा तिथि लग चुकी होगी। ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने भी स्पष्ट किया कि ब्रह्म पुराण के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की रात्रि में ही देवी लक्ष्मी और कुबेर भ्रमण करते हैं। यह रात्रि व्यापिनी और प्रदोष व्यापिनी अमावस्या 20 अक्टूबर को ही प्राप्त हो रही है। अतः इसी दिन लक्ष्मी-कुबेर पूजन और दीपोत्सव मनाना श्रेष्ठ है। 21 अक्टूबर को होगी स्नान-दान की अमावस्या विद्वानों ने यह भी स्पष्ट किया कि 21 अक्टूबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि होने के कारण इस दिन स्नान, दान और पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करना उत्तम रहेगा। इसलिए, 21 अक्टूबर की तिथि धार्मिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन दीपावली का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। इस स्पष्टीकरण के बाद अब लोगों को अपने त्योहार की तैयारियों को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में रहने की आवश्यकता नहीं है।
बेहतर अनुभव के लिए हमारी ऐप अपने होम स्क्रीन पर जोड़ें।