दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी की महिलाओं और ट्रांसजेंडर्स को बड़ी सौगात देते हुए 'पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड' योजना की शुरुआत की है। 2 नवंबर 2025 (रविवार) को आधिकारिक रूप से लॉन्च हुई इस पहल के तहत, दिल्ली की 12 साल से अधिक उम्र की सभी महिलाओं और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को डीटीसी (DTC) और क्लस्टर बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा मिलेगी। यह योजना दिल्ली में नारी शक्ति को अधिक सम्मान देने और सार्वजनिक परिवहन (Public Transport) के उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।READ ALSO:-दुलारचंद यादव हत्याकांड में बड़ा एक्शन, अनंत सिंह 14 दिन के लिए बेऊर जेल भेजे गए; PM रिपोर्ट में 'गोली' नहीं, 'सदमे' से मौत का खुलासा! परिवहन को सुविधाजनक बनाने का उद्देश्य यह योजना दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (DTC) और क्लस्टर बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन की गई है। लॉन्च की तारीख: इस योजना को पहले भाई दूज (23 अक्टूबर 2025) पर लॉन्च करने की योजना थी, लेकिन कुछ कारणों से इसे 2 नवंबर को आधिकारिक रूप से लॉन्च किया गया। मकसद: इस योजना का मुख्य उद्देश्य दिल्ली में महिलाओं के लिए यात्रा को आसान और सुरक्षित बनाना है, जिससे वे बिना किसी आर्थिक चिंता के सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कर सकें। लाभार्थी: 12 साल से अधिक उम्र की सभी बेटियां, बहनें और माताएं, साथ ही ट्रांसजेंडर व्यक्ति इस योजना के लिए पात्र होंगे। फ्री यात्रा और पात्रता ‘पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड’ योजना के तहत लाभार्थियों को DTC और क्लस्टर बसों में समय या उपयोग की कोई सीमा के बिना मुफ्त यात्रा प्रदान की जाएगी। कार्ड का उपयोग: यह कार्ड एक स्मार्ट कार्ड के रूप में काम करेगा, जिसका उपयोग करके महिलाएं आसानी से बसों में यात्रा कर सकेंगी। पात्रता सीमा: इस योजना का लाभ केवल दिल्ली के निवासियों को मिलेगा। अन्य राज्यों की महिलाओं को इसका लाभ नहीं दिया जाएगा। ‘पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड’ के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया: लाभार्थी निम्नलिखित आसान चरणों का पालन करके ‘पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड’ के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं: पोर्टल पर लॉगिन: DTC की आधिकारिक साइट (dtc.delhi.gov.in) या पिंक सहेली पोर्टल पर लॉगिन करें। आवेदन: आवेदन के दौरान अपना नाम, जन्मतिथि, आधार नंबर, पता और मोबाइल नंबर भरें। KYC वेरिफिकेशन: पहचान के प्रमाण (PoI) के लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी, राशन कार्ड या जन्म प्रमाणपत्र जैसे ज़रूरी दस्तावेज़ अपलोड करके KYC वेरिफिकेशन पूरा करें। कार्ड जारी: KYC वेरिफिकेशन के बाद, स्मार्ट कार्ड जारी किया जाएगा। डिलीवरी और एक्टिवेशन: बैंक कार्ड को आपके पते पर भेजेगा। कार्ड प्राप्त होने पर उसे ऑनलाइन सक्रिय (Activate) करना होगा। दिल्ली सरकार की ओर से महत्व दिल्ली सरकार ने इस पहल को महिलाओं के सशक्तिकरण (Empowerment) की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है। सार्वजनिक परिवहन (Public Transport) में इस तरह की सुविधा मिलने से महिला कार्यबल (Female Workforce) की गतिशीलता और सुरक्षा में सुधार होगा। परिवहन क्षेत्र पर प्रभाव 'पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड' की शुरुआत से DTC और क्लस्टर बसों में महिला यात्रियों की संख्या में और वृद्धि होने की उम्मीद है। यह कदम दिल्ली में महिलाओं के लिए परिवहन के तरीकों को बदलने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
राजधानी दिल्ली के नाम को बदलने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। चांदनी चौक से भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने दिल्ली का नाम बदलकर 'इंद्रप्रस्थ' रखने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में शनिवार (आज) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक औपचारिक पत्र लिखा है। भाजपा सांसद ने अपनी मांग को दिल्ली की प्राचीनतम सांस्कृतिक धरोहर और महाभारत काल से जुड़े इतिहास से जोड़ा है। यह कदम दिल्ली के इतिहास और आधुनिक पहचान को लेकर एक नई बहस शुरू करता है।READ ALSO:-आंध्र प्रदेश: एकादशी पर श्रीकाकुलम के वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़, 9 श्रद्धालुओं की मौत, मरने वालों में 8 महिलाएं और 1 बच्चा पांडवों की गौरवशाली राजधानी प्रवीण खंडेलवाल ने गृह मंत्री अमित शाह को लिखे अपने पत्र में तर्क दिया है कि दिल्ली का वर्तमान नाम 'दिल्ली' मध्यकालीन समय में विकसित हुआ, जबकि इसका मूल गौरवशाली इतिहास पांडवों के काल से जुड़ा है। सांस्कृतिक धरोहर: खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली केवल एक महानगर नहीं है, बल्कि भारतीय सभ्यता की आत्मा, धर्म, नीति और लोककल्याण की परंपरा का केंद्र रही है। ऐतिहासिक संबंध: उन्होंने जोर देकर कहा कि इतिहास साक्षी है कि महाभारत काल में पांडवों ने यहीं यमुना तट पर अपनी राजधानी 'इंद्रप्रस्थ' बसाई थी। नाम का विकास: सांसद ने बताया कि मौर्य से गुप्त काल तक इंद्रप्रस्थ व्यापार, संस्कृति और प्रशासन का प्रमुख केंद्र रहा। 'दिल्ली' नाम 11वीं-12वीं सदी में तोमर राजाओं द्वारा इसे 'डिल्लिका' कहे जाने से विकसित हुआ। एयरपोर्ट और स्टेशन का नाम बदलने की मांग भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने अपनी मांग को केवल शहर के नाम तक सीमित नहीं रखा है, बल्कि दिल्ली के प्रमुख परिवहन केंद्रों के नाम बदलने का भी सुझाव दिया है: पुरानी दिल्ली स्टेशन: इसका नाम बदलकर 'इंद्रप्रस्थ जंक्शन' रखा जाए। दिल्ली एयरपोर्ट: इसका नाम बदलकर 'इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल एयरपोर्ट' रखा जाए। इसके अतिरिक्त, खंडेलवाल ने मांग की है कि दिल्ली के प्रमुख स्थानों पर पांडवों की मूर्तियां स्थापित की जाएं। उन्होंने कहा कि इससे युवा पीढ़ी को पांडवों की संस्कृति, सभ्यता और गौरवशाली परंपराओं के बारे में पता चलेगा। विजय गोयल ने भी उठाया 'Dilli' बनाम 'Delhi' का मुद्दा नाम से जुड़ा यह मुद्दा हाल ही में एक और भाजपा नेता ने उठाया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने 28 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में 'Delhi' की अंग्रेजी स्पेलिंग पर आपत्ति जताई थी। गोयल का बयान: उन्होंने कहा था कि पूरा देश इसे 'दिल्ली' बोलता है, लेकिन अंग्रेजी में इसे 'Delhi' लिखा जाता है, जो उच्चारण और पहचान का सम्मान नहीं करता। मांग: गोयल ने मांग की थी कि 1 नवंबर को जब दिल्ली सरकार नया आधिकारिक लोगो जारी करे, तो उसमें 'Delhi' की जगह 'Dilli' लिखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, यह केवल नाम बदलने की बात नहीं है, बल्कि हमारी आत्मा, परंपरा और इतिहास से जुड़ा एक कदम है। दिल्ली के नाम की 4 रोचक कहानियां दिल्ली का नाम कैसे पड़ा, इसे लेकर कई ऐतिहासिक मान्यताएं हैं, जिनमें महाभारत काल की कहानी प्रमुख है: खांडवप्रस्थ से इंद्रप्रस्थ: लोककथाओं के अनुसार, पांडवों को कौरवों से हस्तिनापुर का बंटवारा होने पर खांडवप्रस्थ (भयानक जंगल) दिया गया था, जिसे पांडवों ने राजधानी के तौर पर बसाया और उसका नाम इंद्रप्रस्थ रखा। ढीली कील: एक अन्य लोककथा के अनुसार, तोमर राजाओं के समय एक विशाल कील ढीली रह गई थी, जिससे 'ढीली' और फिर 'दिल्ली' नाम प्रचलित हुआ। खंडेलवाल की मांग एक बार फिर केंद्र सरकार को राजधानी के नामों को भारतीय इतिहास और संस्कृति के अनुरूप बदलने की बहस में ला खड़ा करती है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Delhi NCR) में हवा की गुणवत्ता (Air Quality) लगातार बिगड़ती जा रही है, जिसने पूरे क्षेत्र को स्वास्थ्य संकट में डाल दिया है। कड़ाके की ठंड ने अभी ठीक से दस्तक भी नहीं दी है, लेकिन प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा पर पहुंच चुका है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक, देश की राजधानी दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) रेड जोन यानी 'बेहद खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया है। प्रदूषण के इस जहर के कारण अस्पताल में बढ़े केस देखे जा रहे हैं, खासकर सांस संबंधी बीमारियों वाले मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है।READ ALSO:-यूपी में 'मोंथा' का तांडव: 23 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट, कई शहरों में टूटा अक्टूबर की सर्दी का रिकॉर्ड, पारा 10 डिग्री तक लुढ़का हर तरफ प्रदूषण का जहर Delhi NCR का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहाँ लोगों को साँस लेने के लिए साफ हवा मिल रही हो। 301 से 400 के बीच के AQI को 'बेहद खराब' बताया जाता है, जिसका अर्थ है कि लंबे समय तक ऐसी हवा में रहने से स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। धुंध की चादर: प्रदूषण बढ़ने के साथ-साथ अब हवा में सुबह और शाम के वक्त धुंध (Smog) की चादर भी साफ नजर आ रही है। शारीरिक परेशानी: अधिक समय खुली हवा में बिताने पर लोगों को गले में जलन, साँस लेने में समस्या, तथा आंखों से पानी आने और जलन की शिकायत हो रही है। गाज़ियाबाद-नोएडा में भी स्थिति खराब हालात सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि एनसीआर के प्रमुख शहरों गाज़ियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के भी ठीक नहीं हैं। इन सभी इलाकों का AQI 'खराब' श्रेणी में पहुंच गया है, जिससे लोग प्रदूषित हवा में साँस लेने को मजबूर हैं। पार्क सूने: सुबह और शाम के वक्त पार्कों में कसरत करने या समूह में बैठने वाले बुजुर्ग अब न के बराबर दिखाई दे रहे हैं, क्योंकि जहरीली हवा उन्हें घरों में छिपने को मजबूर कर रही है। AQI स्थिति (उदाहरण): दिल्ली (औसत): 'बेहद खराब' श्रेणी (रेड जोन के करीब) गाज़ियाबाद: 'खराब' श्रेणी में उच्च स्तर नोएडा/ग्रेटर नोएडा: 'खराब' श्रेणी में डॉक्टर्स ने दी गंभीर चेतावनी गाज़ियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश कुमार ने इस स्थिति को देखते हुए नागरिकों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है। अस्पताल में मरीजों का इजाफा: डॉ. कुमार ने बताया कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद अस्पताल में साँस संबंधी केस (अस्थमा, ब्रोंकाइटिस) की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। खतरा: उन्होंने चेतावनी दी कि बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं के लिए यह प्रदूषण सबसे ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि इन वर्गों पर इसका असर सबसे पहले और गहरा होता है। सुरक्षा उपाय: डॉक्टर्स ने कहा है कि सुबह और शाम के वक्त जब प्रदूषण का स्तर ज्यादा होता है, तब जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकलना चाहिए। बाहर निकलने पर मास्क का इस्तेमाल करना कारगर साबित हो सकता है। गंभीर श्रेणी का अनुमान डॉ. राकेश कुमार ने अनुमान जताया है कि आने वाले दिनों में ठंड बढ़ने के साथ प्रदूषण स्तर में और बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे AQI 'गंभीर' (Severe) श्रेणी की ओर बढ़ सकता है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने इमरजेंसी की स्थिति को देखते हुए डॉक्टर्स की ड्यूटी और अस्थमा मरीजों के लिए सभी इंतजामों को 'अलर्ट मोड' में रखा है।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने छठ महापर्व के बाद दिल्ली लौट रहे यात्रियों की भारी भीड़ और असुविधा को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। अब दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) सुबह 6 बजे के बजाय और भी जल्दी शुरू होगी। DMRC ने 30 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक, पांच दिनों के लिए दो प्रमुख स्टेशनों से मेट्रो ट्रेनों के परिचालन को सुबह 5:15 बजे से शुरू करने का ऐलान किया है। यह विशेष व्यवस्था लाखों यात्रियों के लिए बड़ी राहत लेकर आई है।READ ALSO:-गाजियाबाद में 31 साल का इंतजार खत्म: 'अजंतापुरम योजना' को मिली ले-आउट की मंजूरी, 4000 परिवारों के घर का सपना होगा पूरा छठ के बाद दिल्ली लौटने वालों की भारी भीड़ छठ महापर्व के मौके पर अपने घर गए लोग अब वापस दिल्ली लौटना शुरू कर चुके हैं। भीड़ का कारण: बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश से आने वाली ज्यादातर लंबी दूरी की ट्रेनें नई दिल्ली और आनंद विहार रेलवे स्टेशनों पर पहुँचती हैं। यात्रियों की परेशानी: सुबह के समय इन रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो रही थी। यात्रियों को मेट्रो के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा था। DMRC का निर्णय: यात्रियों की इस परेशानी और असुविधा को देखते हुए DMRC ने ट्रेनों को जल्दी चलाने का निर्णय लिया है। केवल दो स्टेशनों से मिलेगी ये विशेष सुविधा DMRC ने एक नोटिस जारी कर इस विशेष व्यवस्था की जानकारी दी है। यह सुविधा केवल दो मुख्य रेलवे स्टेशन मेट्रो स्टेशनों से शुरू की गई है, जहाँ यात्रियों की आवाजाही सबसे अधिक है: आनंद विहार रेलवे स्टेशन मेट्रो स्टेशन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन मेट्रो स्टेशन नया समय: इन दोनों स्टेशनों से अब मेट्रो ट्रेनें सुबह 5:15 बजे से चलेंगी। पुराना समय: इससे पहले आनंद विहार और नई दिल्ली रेलवे स्टेशनों से मेट्रो सुबह करीब 6 बजे मिला करती थी। अवधि: यह विशेष सुविधा आज यानी 30 अक्टूबर से शुरू होकर 3 नवंबर तक जारी रहेगी। यात्रियों को लंबा इंतजार नहीं DMRC के इस फैसले से यात्रियों में काफी खुशी है, क्योंकि अब उन्हें अपने गंतव्य तक पहुँचने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ रहा है। रेलवे की व्यवस्थाएं: आपको बता दें कि रेलवे ने भी यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनें चलाई हैं और मूलभूत सुविधाएं (पानी, वॉशरूम) सुनिश्चित की हैं। DMRC का यह कदम रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों के उतरने के बाद उनकी आगे की यात्रा को सुगम बनाएगा। परिवहन की बढ़ी हुई गतिशीलता दिल्ली मेट्रो का यह निर्णय छठ जैसे बड़े त्योहार के बाद राष्ट्रीय राजधानी की परिवहन गतिशीलता (Mobility) को सुचारू बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह दिखाता है कि DMRC यात्रियों की आपातकालीन जरूरतों और त्योहारों के दौरान होने वाले यातायात दबाव को गंभीरता से ले रहा है।
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण (Pollution) से निपटने के लिए किए गए क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) के दूसरे ट्रायल की विफलता पर आम आदमी पार्टी (AAP) ने BJP सरकार पर करारा हमला बोला है। AAP के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bharadwaj) ने पूरी कवायद को "फर्जीवाड़ा" करार दिया है और आरोप लगाया है कि सरकार केवल जनता को दिखाने के लिए पैसे खर्च कर रही है, जबकि कोई परिणाम नहीं निकल रहा।READ ALSO:-क्लाउड सीडिंग का दूसरा ट्रायल सफल, IIT कानपुर ने किया ऐलान; Meerut से मयूर विहार तक 8 फ्लेयर्स से हुई सीडिंग, अब बारिश का इंतजार ट्रायल और बारिश का दावा IIT कानपुर ने BJP सरकार के साथ मिलकर मंगलवार (28 अक्टूबर 2025) को क्लाउड सीडिंग का दूसरा ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा किया था। अधिकारियों का दावा: ट्रायल के बाद अधिकारियों और मंत्री मजिंदर सिरसा ने उम्मीद जताई थी कि 15 मिनट से 4 घंटे के भीतर दिल्ली के मेरठ, खेकड़ा, बुराड़ी और मयूर विहार जैसे क्षेत्रों में बारिश हो सकती है। विफलता: लेकिन घंटों बीत जाने के बाद भी कृत्रिम बारिश का कोई नामोनिशान नहीं दिखा। सौरभ भारद्वाज का तीखा तंज बारिश नहीं होने पर AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने BJP पर निशाना साधते हुए बयान दिया: 'फर्जीवाड़ा' का आरोप: सौरभ भारद्वाज ने कहा, "क्लाउड सीडिंग का कोई नामोनिशान नहीं है। कल थोड़ी बहुत बारिश हुई थी (सामान्य), [लेकिन] आज जो बादल थे वो भी गायब हो गए।" उन्होंने इस पूरे प्रोजेक्ट को फर्जीवाड़ा बताया। इंद्र देवता का तंज: उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, "इंद्र देवता सरकार का साथ नहीं दे रहे हैं। 'देवता इंद्र करेंगें वर्षा, सरकार दिखाएगी खर्चा।'" दावों की पोल: सौरभ भारद्वाज ने याद दिलाया कि अधिकारियों ने क्लाउड सीडिंग के बाद 15 मिनट से 4 घंटे में बारिश की बात कही थी, जो पूरी नहीं हुई। IIT कानपुर और BJP का बचाव IIT कानपुर का रुख: IIT कानपुर के डायरेक्टर प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि ट्रायल का उद्देश्य केवल उपकरणों की जांच करना था। उन्होंने माना था कि सफलता के लिए बादलों में कम से कम 50% नमी की आवश्यकता होती है, जो उस समय 15% से भी कम थी। BJP का पलटवार: BJP नेताओं ने AAP पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पलटवार किया है, और AAP शासित पंजाब में पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण न करने के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया है। प्रदूषण की राजनीति तेज क्लाउड सीडिंग की विफलता ने दिल्ली में प्रदूषण की राजनीति को और तेज कर दिया है। AAP के नेता अब BJP पर निजी अस्पतालों से सांठगांठ करने का आरोप भी लगा रहे हैं। दिल्ली के नागरिकों को अब भी प्रदूषित हवा से राहत के लिए प्राकृतिक बारिश का इंतजार है।
नई दिल्ली: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI Airport) से यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 (T1) और टर्मिनल-3 (T3) के बीच की दूरी, जो यात्रियों के लिए एक बड़ी असुविधा थी, जल्द ही मेट्रो सेवा के जरिए खत्म होने वाली है। इस कदम के बाद यात्रियों को एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल जाने के लिए टैक्सी या कैब पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।READ ALDO:-अंडरगारमेंट में छिपा रखे थे 1Kg सोने के 6 बिस्किट, IGI एयरपोर्ट पर 'हाव-भाव' ने पकड़वा दी यांगून से आई महिला T1 और T3 की दूरी थी बड़ी समस्या वर्तमान में, दिल्ली एयरपोर्ट के तीन टर्मिनलों में से T2 और T3 तो एक-दूसरे के बिल्कुल पास हैं, लेकिन T1 इनसे कई किलोमीटर दूर स्थित है। इस दूरी की वजह से यात्रियों को, खासकर उन लोगों को जिन्हें एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल पर ट्रांजिट फ्लाइट पकड़नी होती है, काफी असुविधा का सामना करना पड़ता था। अब दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने इस समस्या का स्थायी समाधान निकाल लिया है। एरोसिटी पर बनेगा इंटीग्रेटेड स्टेशन डीआईएएल (DIAL) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) विदेह कुमार जयपुरियार ने इस योजना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि एरोसिटी और T1 के बीच संपर्क सुनिश्चित करने के लिए एक नया 'इकीकृत मेट्रो स्टेशन' (Integrated Metro Station) बनाया जाएगा। जयपुरियार के मुताबिक, पहले योजना थी कि गोल्डन लाइन (Golden Line) सिर्फ एरोसिटी तक ही आएगी, लेकिन अब इस योजना में बदलाव किया गया है। नए फैसले के तहत, गोल्डन लाइन को T1 तक बढ़ाया जाएगा। यात्रियों को कैसे होगा फायदा? इस नई योजना के तहत, एरोसिटी में एक बड़ा इंटीग्रेटेड स्टेशन विकसित किया जा रहा है। यह स्टेशन यात्रियों को दो लाइनों का सीधा कनेक्शन देगा: गोल्डन लाइन: जो यात्रियों को T1 से सीधे एरोसिटी स्टेशन तक लाएगी। एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन: जो पहले से ही एरोसिटी पर मौजूद है। इसका मतलब है कि यात्री अब T1 से मेट्रो में बैठकर सीधे एरोसिटी पहुंचेंगे और वहीं से बिना स्टेशन से बाहर निकले, एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पकड़कर T3 या दिल्ली के अन्य हिस्सों (जैसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन) तक बिना रुकावट पहुंच सकेंगे। देश का पहला एयरपोर्ट, जो पूरा मेट्रो से जुड़ेगा इस प्रोजेक्ट पर दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) और DIAL मिलकर काम कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह कनेक्टिविटी अगले कुछ वर्षों में पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगी। इस नई मेट्रो लाइन के शुरू होने के बाद, IGI एयरपोर्ट देश का पहला ऐसा हवाई अड्डा बन जाएगा, जिसके सभी टर्मिनल सीधे मेट्रो नेटवर्क से जुड़े होंगे, जो दिल्ली एयरपोर्ट की आधुनिकता और यात्री सुविधा में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा।
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI Airport) एयरपोर्ट पर कस्टम विभाग के अधिकारियों ने सोने की तस्करी के एक बड़े प्रयास को विफल कर दिया है। अधिकारियों ने यांगून (Yangon) से आई एक महिला यात्री को पकड़ा है, जिसने लगभग एक किलोग्राम सोना (997.5 ग्राम) अत्यंत गोपनीय तरीके से अपने अंडरगारमेंट में छिपा रखा था। संतोषजनक जवाब न दे पाने पर अधिकारियों ने सोना जब्त कर लिया और महिला को गिरफ्तार कर लिया।READ ALSO:-कुरनूल बस हादसा जांच में बड़ा खुलासा- Flipkart को भेजे जा रहे 234 मोबाइल फोन किसी 'बम' की तरह फटे, 19 यात्रियों की हुई मौत गोल्ड स्मगलिंग का नया तरीका यह घटना शुक्रवार (24 अक्टूबर 2025) की है। यह मामला दिखाता है कि तस्कर हवाई अड्डों पर कस्टम अधिकारियों की नज़रों से बचने के लिए लगातार नए और गोपनीय तरीके अपना रहे हैं। गोल्ड स्मगलिंग अंतरराष्ट्रीय रैकेट द्वारा नियंत्रित होती है, जो उच्च आयात शुल्क (Import Duty) से बचने के लिए अक्सर महिलाओं का इस्तेमाल करते हैं। संदेह के घेरे में महिला के हाव-भाव शुक्रवार को उड़ान संख्या 8एम 620 (Flight No. 8M 620) से यह महिला यात्री यांगून से दिल्ली के टर्मिनल 3 पर उतरी। संदेह: इमिग्रेशन क्लियरेंस के बाद, महिला यात्री जब ग्रीन चैनल पार कर रही थी, तब कस्टम अधिकारियों को उसके हाव-भाव (Demeanor) पर संदेह हुआ। अक्सर तस्कर घबराहट या असामान्य व्यवहार के कारण संदेह के घेरे में आ जाते हैं। तलाशी: संदेह के आधार पर महिला यात्री को रोककर उससे पूछताछ की गई। उसके जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर, अधिकारियों ने उसकी व्यक्तिगत तलाशी (Personal Search) ली। सोना बरामद: तलाशी के दौरान, अधिकारियों ने महिला यात्री के अंडरगारमेंट में छिपाकर रखे गए 997.5 ग्राम वजन के सोने के छह बिस्किट बरामद किए। बरामद किए गए सोने की कीमत लाखों रुपये में आँकी गई है। कस्टम विभाग की सक्रियता कस्टम अधिकारियों ने बरामद किए गए सोने को सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 (Customs Act, 1962) के तहत जब्त कर लिया है। अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले में महिला से पूछताछ कर रहे हैं ताकि सोने की तस्करी के इस रैकेट के मास्टरमाइंड तक पहुँचा जा सके। कार्रवाई: अधिकारियों ने महिला यात्री को गिरफ्तार कर लिया है और अब इस बात की जांच की जा रही है कि वह पहले भी इस तरह की तस्करी में शामिल थी या नहीं। चेतावनी: IGI Airport पर कस्टम विभाग लगातार सक्रिय है और त्योहारी सीजन से पहले तस्करी के प्रयासों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है। तस्करी के तरीके पर हैरानी सोने की तस्करी के इस तरीके को सुनकर सोशल मीडिया यूजर्स ने हैरानी और मज़ाक दोनों व्यक्त किया है। हालांकि, अधिकांश लोग कस्टम अधिकारियों की सतर्कता की सराहना कर रहे हैं। इस तरह के हाई-प्रोफाइल मामलों में अक्सर गोल्ड स्मगलिंग (Gold Smuggling) के पीछे के अंतर्राष्ट्रीय कनेक्शनों पर सवाल उठते हैं। आगे की जांच महिला यात्री की गिरफ्तारी और सोने की बरामदगी से कस्टम विभाग को इस रैकेट के अन्य सदस्यों और भारत में उनकी डिलीवरी चेन का पता लगाने में मदद मिल सकती है। IGI Airport पर सुरक्षा और जांच प्रक्रियाओं को और सख्त किया जाएगा।
दिल्ली में वायु प्रदूषण (Air Pollution) के बढ़ते संकट से निपटने के लिए IIT कानपुर ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। संस्थान को पहली बार ‘कृत्रिम बारिश’ (Artificial Rain) कराने के लिए क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) की अनुमति मिली, और इस तकनीक का दिल्ली के बुराड़ी क्षेत्र में सफलतापूर्वक टेस्ट किया गया है। मौसम को सुहाना बनाने के साथ-साथ यह तकनीक दिल्ली की जहरीली हवा में प्रदूषण को कम करने में भी बहुत काम आएगी। IIT कानपुर की टीम ने चार घंटे में अपना परीक्षण पूरा कर लिया और अब बारिश कराने के लिए बादलों का इंतजार है।READ ALSO:-बिना ड्राइवर दौड़ेगी दिल्ली मेट्रो! फेज-4 के बाद 160 KM ऑटोमेटेड रूट, ड्राइवरलेस नेटवर्क में दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा शहर बनेगी दिल्ली IIT कानपुर की वर्षों की तैयारी IIT कानपुर (IIT Kanpur) काफी समय से कृत्रिम बारिश की इस स्वदेशी तकनीक (Indigenous Technology) को तैयार करने और इसका परीक्षण करने का प्रयास कर रहा था। तकनीक: इसमें नमी वाले बादलों में क्लाउड सीडिंग की जाती है, जिससे उस जगह पर बारिश कराई जा सकती है। अनुमति: दिल्ली सरकार ने आखिरकार दिवाली के बाद प्रदूषण से निपटने के लिए इस तकनीक के इस्तेमाल की अनुमति दे दी। मिशन पूरा: अनुमति मिलने के बाद, IIT कानपुर की एयर स्ट्रिप से एक एयरक्राफ्ट ने 2 बजे उड़ान भरी और सफलतापूर्वक क्लाउड सीडिंग टेस्ट करके 6 बजे तक अपने बेस पर वापस आ गया। बुराड़ी में सफल टेस्ट, बादल न होने से बारिश नहीं IIT कानपुर के डायरेक्टर मनींद्र अग्रवाल ने इस टेस्ट की जानकारी दी है। टेस्ट की सफलता: उन्होंने बताया कि दिल्ली के बुराड़ी क्षेत्र में इसका सफल टेस्ट किया गया। इस दौरान सभी सिस्टम्स (Aircraft, Seeding Equipment, and Tracking Mechanisms) की कार्यक्षमता को अच्छे से चेक कर लिया गया। बारिश क्यों नहीं हुई?: मनींद्र अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि 'वहाँ पर बादल नहीं थे, इसलिए बारिश नहीं हो पाई'। आगे की योजना: उन्होंने कहा, "अब जब भी बादल होंगे, तब क्लाउड सीडिंग के द्वारा बारिश करवा दी जाएगी।" CM रेखा गुप्ता ने किया तारीख का ऐलान दिल्ली की मुख्यमंत्री (CM) रेखा गुप्ता ने इस ऐतिहासिक पहल पर ट्वीट करते हुए प्रमुख घोषणाएं कीं: संभावित बारिश की तारीख: CM रेखा गुप्ता ने बताया कि मौसम विभाग (IMD) ने 28, 29 और 30 अक्टूबर को बादलों की उपस्थिति की संभावना जताई है। "यदि परिस्थितियाँ अनुकूल रहीं तो 29 अक्टूबर को दिल्ली पहली कृत्रिम बारिश का अनुभव करेगी।" ऐतिहासिक पहल: मुख्यमंत्री ने इस पहल को न सिर्फ तकनीकी दृष्टि से ऐतिहासिक बताया, बल्कि प्रदूषण से निपटने का एक वैज्ञानिक तरीका स्थापित करने की दिशा में सरकार का महत्वपूर्ण उद्देश्य बताया। लक्ष्य: सरकार का उद्देश्य इस नवाचार के माध्यम से राजधानी की हवा को स्वच्छ और वातावरण को संतुलित बनाना है। प्रदूषण से राहत की उम्मीद IIT कानपुर की इस तकनीक ने Delhi Pollution से त्रस्त नागरिकों के लिए उम्मीद की एक नई किरण जगाई है। यह पहल दिल्ली के प्रदूषण से निपटने में एक गेम चेंजर साबित हो सकती है, जहाँ हर साल अक्टूबर और नवंबर में हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' या 'गंभीर' श्रेणी में पहुँच जाती है। अब सभी की निगाहें 29 अक्टूबर पर टिकी हैं।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) अब अपनी आने वाली फेज-4 परियोजना में ड्राइवरलेस यानी बिना ड्राइवर की ट्रेनों को शुरू करने की तैयारी में है। यह कदम मेट्रो संचालन को और ज्यादा तेज़, सुरक्षित और सटीक बनाने के लिए उठाया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य मानवीय गलती की संभावना को कम करना है। इस विस्तार के साथ, दिल्ली दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ड्राइवरलेस मेट्रो नेटवर्क वाला शहर बनने की ओर अग्रसर है।Read also:-बिहार में महागठबंधन का बड़ा ऐलान! तेजस्वी यादव CM चेहरा, मुकेश सहनी होंगे डिप्टी CM; NDA से पूछा- 'आपका चेहरा कौन? फेज-4 भी होगा फुली ऑटोमेटेड DMRC के सीनियर अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि आने वाला फेज-4 भी Unattended Train Operation (UTO) सिस्टम यानी ड्राइवरलेस तकनीक से लैस होगा। विस्तार: DMRC के मुताबिक, जब फेज-4 पूरी तरह तैयार हो जाएगा और एरोसिटी-तुगलकाबाद गोल्डन लाइन के साथ-साथ पिंक और मैजेंटा लाइन के एक्सटेंशन पर भी ड्राइवरलेस ट्रेनें चलने लगेंगी, तब दिल्ली मेट्रो लगभग 160 किलोमीटर के पूरी तरह ऑटोमेटेड रूट के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ड्राइवरलेस मेट्रो नेटवर्क बन जाएगा। उद्देश्य: इस तकनीक का मुख्य लाभ यह है कि यह ट्रेन कोच की उपलब्धता और दक्षता में काफी सुधार करती है, मेंटेनेंस को आसान बनाती है, और ऑपरेटरों का काम का बोझ कम करती है। ड्राइवरलेस मेट्रो की शुरुआत दिल्ली मेट्रो देश में ड्राइवरलेस ट्रेनें चलाने वाला पहला नेटवर्क है: पहली शुरुआत: देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो 28 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैजेंटा लाइन (जनकपुरी वेस्ट-बॉटैनिकल गार्डन) पर शुरू की थी। वर्तमान स्थिति: फिलहाल पिंक लाइन (लाइन-7) और मैजेंटा लाइन (लाइन-8) पर ऐसी सेवाएं चल रही हैं। मौजूदा ट्रेनें: DMRC अधिकारी के मुताबिक, अभी पिंक लाइन पर 43 और मैजेंटा लाइन पर 26 ड्राइवरलेस ट्रेनें सफलतापूर्वक चल रही हैं। फेज-4 प्रोजेक्ट: इन कॉरिडोर पर दौड़ेगी बिना ड्राइवर की मेट्रो फेज-4 में कई महत्वपूर्ण कॉरिडोर शामिल हैं, जो दिल्ली-एनसीआर के कनेक्टिविटी को बदल देंगे: लाइन कॉरिडोर तकनीक पिंक लाइन मजलिस पार्क से मौजपुर ड्राइवरलेस मैजेंटा लाइन जनकपुरी वेस्ट से आरके आश्रम मार्ग ड्राइवरलेस गोल्डन लाइन दिल्ली एरोसिटी से तुगलकाबाद ड्राइवरलेस गोल्डन लाइन लाजपत नगर से साकेत G ब्लॉक ड्राइवरलेस ग्रीन लाइन इंदरलोक से इंद्रप्रस्थ ड्राइवरलेस रेड लाइन रिठाला से कुंडली ड्राइवरलेस टेक्नोलॉजी और सुरक्षा का संगम DMRC का यह फैसला आधुनिक परिवहन तकनीक और यात्रियों की सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। UTO सिस्टम मेट्रो संचालन में एक नए युग की शुरुआत करेगा, जहां मानवीय त्रुटि की गुंजाइश लगभग खत्म हो जाएगी और मेट्रो संचालन अधिक विश्वसनीय बन जाएगा, जिससे दिल्ली शहर की वैश्विक पहचान और मजबूत होगी।
दिवाली के त्योहार के दो दिन बाद भी दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण (Air Pollution) का स्तर 'गंभीर' (Severe) श्रेणी में बना हुआ है। मंगलवार की रात और आज बुधवार (22 अक्टूबर 2025) की सुबह राष्ट्रीय राजधानी एक बार फिर घने स्मॉग (Smog) और धुंध की चादर में लिपटी नजर आई। पटाखों के अनियंत्रित इस्तेमाल और स्थिर हवा के कारण Delhi AQI कई इलाकों में 400 के खतरनाक आंकड़े को पार कर गया है। विशेषज्ञों ने इसे स्वास्थ्य के लिए 'खतरनाक' बताया है। LG 8 Kg 5 Star Smart Inverter Technology Fully Automatic Top Load Washing Machine 36% OFF EMI सिर्फ ₹1,756 प्रति माह से शुरू DEAL देखें Background: रिकॉर्ड तोड़ प्रदूषण और GRAP-2 दिवाली (20 अक्टूबर) की रात प्रदूषण का स्तर पिछले तीन साल में सबसे खराब रहा था। कोर्ट के आदेश के बावजूद हुई आतिशबाजी ने हवा में PM2.5 और PM10 के कणों को कई गुना बढ़ा दिया था। AQI स्तर: सोमवार को Delhi का औसत AQI 345 था, जो मंगलवार की सुबह 451 तक पहुँच गया, जो 'गंभीर' श्रेणी को दर्शाता है। Red Zone: CPCB के 38 निगरानी स्टेशनों में से 36 ने प्रदूषण का स्तर 'रेड जोन' में दर्ज किया था। सबसे खराब: नरेला (AQI 551), बवाना (427), और वज़ीरपुर (408) जैसे इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित रहे। सरकारी एक्शन: बिगड़ते हालात को देखते हुए Delhi NCR में पहले ही GRAP-2 (Graded Response Action Plan का दूसरा चरण) लागू कर दिया गया है। Samsung Galaxy M36 5G (Serene Green, 8 GB RAM, 256 GB Storage) 33% OFF EMI सिर्फ ₹2,917 प्रति माह से शुरू DEAL देखें Latest Update: आज का मौसम और प्रदूषण का पूर्वानुमान मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, आज दिल्ली और NCR में मौसम शुष्क बना रहेगा, लेकिन प्रदूषण से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। तापमान: अधिकतम तापमान 31-33 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 18-22 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। हवा की स्थिति: हवा की गति बेहद कम है, जिससे प्रदूषक हवा में जमा हो रहे हैं और बिखर नहीं पा रहे हैं। धुंध की चेतावनी: IMD ने चेतावनी दी है कि आज सुबह घना कोहरा और धुंध (Smog) बनी रहेगी। हवा की गुणवत्ता अगले चार दिनों तक 'बहुत खराब' या 'गंभीर' श्रेणी में बनी रह सकती है। स्वास्थ्य जोखिम: बढ़ते प्रदूषण के कारण नागरिकों को आँखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ की शिकायतें आ रही हैं। HP 15, 13th Gen Intel Core i3-1315U LAPTOP 33% OFF EMI सिर्फ ₹11,830 प्रति माह से शुरू DEAL देखें Official Statements: जन भागीदारी की मांग अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे GRAP-2 के तहत लागू पाबंदियों का सख्ती से पालन करें। निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण, खुले में कूड़ा जलाने पर रोक और डीजल जनरेटर के सीमित उपयोग जैसे नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। Impact & Next Step: आगे की चुनौती दिवाली के बाद यह प्रदूषण संकट दिल्ली के लिए वार्षिक चुनौती बन गया है। जब तक मौसमी परिस्थितियाँ (तेज हवाएं या बारिश) अनुकूल नहीं होतीं, तब तक AQI में सुधार की संभावना कम है। /* AQI-Weather Widget CSS for embedding */ :root { --color-text: #333; 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AQI डेटा लोड हो रहा है... // 🔑 आपकी AQICN API Key यहाँ है const API_TOKEN = "d5b8f6e2c6c3aabefb71c7727e60188310e7026a"; // शहर की लिस्ट (AQICN के लिए फ़ॉर्मेटिंग ध्यान में रखें) const cities = [ "New Delhi", "Mumbai", "Pune", "Bengaluru", "Gurugram", "Noida", "Ghaziabad", "Meerut", "Hapur", "Bijnor", "Muzaffarnagar", "Bhopal" ]; let currentCity = "New Delhi"; // 📍 Helper function to calculate pointer position on the bar function calculatePointerPosition(aqi) { const max_aqi_scale = 500; const max_bar_width = 100; let position = (aqi / max_aqi_scale) * max_bar_width; if (position < 2) position = 2; if (position > 98) position = 98; return position; } // 🎨 Helper function to get AQI status text and color based on value function getAQIStatus(aqi) { // Updated translation for Hindi speakers if (aqi
नई दिल्ली/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दिवाली पर हुई जमकर आतिशबाजी का असर अब सीधे हवा में दिख रहा है। पटाखों के धुएं और पहले से मौजूद प्रदूषकों ने मिलकर एनसीआर समेत प्रदेश के कई बड़े शहरों की हवा को 'रेड ज़ोन' में पहुंचा दिया है। स्थिति यह है कि हवा अब सांस लेने लायक नहीं रह गई है, और सुबह कई इलाकों में धुंध (स्मॉग) छाई रही।Read also:-Bijnor News: साथ जीने की उम्मीद टूटी, प्रेमी युगल ने जहर खाकर दी जान, दो बच्चों की माँ थी महिला; क्षेत्र में पसरा सन्नाटा नोएडा-गाजियाबाद देश के सबसे प्रदूषित शहरों में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सोमवार रात 10 बजे नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 313 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है। इसी के साथ नोएडा देश के पांच सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो गया। गाजियाबाद की स्थिति भी बेहद चिंताजनक रही, जहां AQI 310 दर्ज किया गया। मेरठ में भी AQI 300 पार, प्रशासन के दावे फेल मेरठ में भी लोगों ने दिवाली धूमधाम से मनाई, लेकिन आतिशबाजी ने शहर की हवा को और अधिक दूषित कर दिया। प्रदूषण विभाग के अनुसार, शहर का AQI फिर से 300 के पार पहुंच गया, जिसका मुख्य कारण पटाखों का धुआं ही रहा। शाम होते ही जैसे ही पटाखे जलने शुरू हुए, आसमान में धुएं की मोटी चादर दिखाई देने लगी, जिससे हवा का स्तर 'गंभीर' श्रेणी के करीब पहुंच गया। प्रशासन द्वारा अवैध पटाखों पर रोक और ग्रीन पटाखों की बिक्री की अनुमति के बावजूद, धुआं करने वाले पटाखों की खूब बिक्री हुई और लोगों ने इन्हें जमकर फोड़ा। अन्य शहरों का हाल भी बेहाल एनसीआर के अन्य शहरों में भी हवा की गुणवत्ता खराब रही, जिसमें हापुड़ (294), मेरठ (266 - नोट: लेख में मेरठ का AQI 300 पार और 266 दोनों बताया गया है, यहां CPCB का डेटा 266 दिया गया है) और बागपत (256) का AQI 'खराब' श्रेणी के उच्चतम स्तर पर रिकॉर्ड किया गया। क्या हैं ग्रैप (GRAP) के स्टेज? प्रदूषण की गंभीरता को समझने के लिए इन चरणों को जानना जरूरी है: स्टेज I: 'खराब' (AQI 201-300) स्टेज II: 'बहुत खराब' (AQI 301-400) - नोएडा और गाजियाबाद वर्तमान में इस स्टेज में हैं। स्टेज III: 'गंभीर' (AQI 401-450) स्टेज IV: 'गंभीर प्लस' (AQI >450) अगले 2 दिन और भी खतरनाक CPCB का पूर्वानुमान है कि अगले 2 दिनों में हवा की गुणवत्ता और भी खराब हो सकती है। यह स्थिति विशेष रूप से सांस संबंधी रोगियों, बच्चों और बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और अस्वस्थता जैसी समस्याएं हो सकती हैं। डॉक्टरों की चेतावनी: N95 मास्क जरूरी गाजियाबाद के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. शरद जोशी ने मौजूदा हालात पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बचाव के लिए सभी को, विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों को, बाहरी गतिविधियों के दौरान N95 या कम से कम डबल सर्जिकल मास्क पहनने की सख्त सलाह दी है। पटाखों के अलावा ये भी हैं प्रदूषण के 'विलेन' आतिशबाजी के अलावा भी प्रदूषण के कई बड़े कारण हैं। मेरठ जैसे शहरों में टूटी सड़कों से उड़ती धूल, देहात क्षेत्र में चलते कोल्हू और फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं भी प्रदूषण के स्तर को लगातार बढ़ा रहा है। सड़कों की धूल: वायु प्रदूषण में पीएम-10 का 86% और पीएम-2.5 का 72% हिस्सा सड़कों की धूल से आ रहा है। वाहनों का धुआं: पीएम-2.5 में 20% हिस्सेदारी वाहनों से निकलने वाले धुएं की है। उद्योग: सल्फर डाइऑक्साइड (58%) का सबसे बड़ा स्रोत इंडस्ट्री हैं। पराली का संकट भी शुरू उत्तर और मध्य भारत में दिवाली के बाद पराली (फसलों के अवशेष) जलाने का सिलसिला शुरू हो जाता है, जिससे प्रदूषण की रफ्तार तेज हो जाती है। हालांकि, 2015 में NGT ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था और CAQM अधिनियम 2021 के तहत पराली जलाने पर 30,000 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है, लेकिन यह समस्या अभी भी बनी हुई है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Delhi NCR) में वायु प्रदूषण का संकट दिवाली से ठीक पहले गंभीर हो गया है। बढ़ते प्रदूषण स्तर को देखते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने रविवार शाम ग्रैप (GRAP) के स्टेज-II को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्णय लिया है। रविवार (19 अक्टूबर 2025) शाम 7 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 302 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' (Very Poor) श्रेणी में आता है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पूर्वानुमान जताया है कि आने वाले दिनों में यह स्थिति और बिगड़ सकती है।READ ALSO:-Diwali Safety: मेरठ फायर ब्रिगेड ने जारी किए इमरजेंसी नंबर, 17 ड्यूटी प्वाइंट तैयार; आग लगने पर तुरंत करें डायल Stage-I के बाद स्थिति हुई गंभीर Delhi NCR में प्रदूषण का यह स्तर खतरनाक मौसमी परिस्थितियों और धीमी हवाओं के कारण बढ़ा है। पिछली कार्रवाई: CAQM ने 14 अक्टूबर से ही प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए GRAP का स्टेज-I लागू कर दिया था। स्टेज-II लागू होने के बाद अब स्टेज-I की सभी कार्रवाइयाँ भी सख्ती से जारी रहेंगी। स्थिति: दिल्ली के 38 निगरानी स्टेशनों में से 12 में वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। आनंद विहार का AQI 430, 'गंभीर' श्रेणी के करीब दिल्ली-NCR के कई इलाकों में AQI 'बहुत खराब' से 'गंभीर' श्रेणी की ओर बढ़ रहा है। सबसे प्रदूषित: आनंद विहार में AQI सबसे अधिक 430 रहा, जो 401 के पार होते ही 'गंभीर' (Severe) श्रेणी में आ जाता है। अन्य गंभीर क्षेत्र (AQI 300+): वजीरपुर (364), विवेक विहार (351), द्वारका (335) और आरके पुरम (323)। आसपास के क्षेत्र (AQI 300+): सिरी फोर्ट, दिलशाद गार्डन और जहांगीरपुरी में 318, पंजाबी बाग में 313, नेहरू नगर में 310, अशोक विहार में 305 और बवाना में 304 AQI दर्ज किया गया। स्टेज-II में CAQM की प्रमुख पाबंदियां: GRAP-II लागू होने के बाद निम्नलिखित गतिविधियों पर सख्त निगरानी और प्रतिबंध लगाए जाएंगे: निर्माण कार्य: निर्माण (Construction) और ध्वस्तीकरण (Demolition) गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। सड़क सफाई: सड़कों की नियमित सफाई और धूल को दबाने के लिए पानी का छिड़काव बढ़ाया जाएगा। वाहन प्रदूषण: वाहनों से होने वाले उत्सर्जन पर नियंत्रण के लिए चालान की कार्रवाई तेज की जाएगी। कचरा जलाना: खुले में कचरा या कूड़ा जलाने पर सख्त प्रतिबंध लागू रहेगा। जनता से अपील: CAQM ने लोगों से GRAP स्टेज-I और II के नागरिक चार्टर का पालन करने की अपील की है। मौसम और स्वास्थ्य पर असर मौसम विभाग (IMD) ने सोमवार सुबह धुंध (Mist) छाए रहने का अनुमान जताया है। तापमान: शहर में अधिकतम तापमान 33.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 20.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आर्द्रता: शाम 5:30 बजे सापेक्ष आर्द्रता 91 प्रतिशत तक बढ़ गई, जिससे प्रदूषक तत्व हवा में और जमा हो जाते हैं। स्वास्थ्य चेतावनी: 'बहुत खराब' AQI का मतलब है कि हर व्यक्ति प्रभावित हो सकता है। बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन रोगी को बाहरी गतिविधियों से बचना चाहिए। आगे की कार्रवाई की चेतावनी CAQM ने सभी संबंधित एजेंसियों को प्रदूषण नियंत्रण उपायों की कड़ाई से निगरानी करने का निर्देश दिया है। आयोग ने साफ कहा है कि यदि वायु गुणवत्ता और बिगड़ती है और 'गंभीर' (401 से 500) श्रेणी में पहुँचती है, तो GRAP स्टेज-III लागू करने पर विचार किया जाएगा।
दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR) में ठंड की शुरुआत के साथ ही वायु गुणवत्ता (Air Quality) फिर से खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। हवा की गुणवत्ता इतनी खराब हो चुकी है कि अब लोगों को सांस लेने में भारी दिक्कत होने लगी है, जिस पर पर्यावरण विशेषज्ञ गहरी चिंता जता रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के आठ शहर देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की टॉप-लिस्ट में शामिल हैं, जो एक गंभीर स्वास्थ्य संकट की ओर इशारा करता है।Read also:-गुजरात कैबिनेट विस्तार: BJP ने 10 मंत्रियों की छुट्टी कर 19 नए चेहरों को दिया मौका, भारतीय क्रिकेटर की पत्नी भी बनीं मंत्री Background: टॉप 8 प्रदूषित शहरों में NCR का कब्ज़ा दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण का यह स्तर मुख्य रूप से पराली जलाने, वाहनों के उत्सर्जन और हवा की धीमी गति के कारण बढ़ता है। Air Quality खराब होने का यह वार्षिक पैटर्न एक बार फिर शुरू हो गया है। गंभीर स्थिति: CPCB के अनुसार, गुरुवार को Delhi NCR के कई शहरों में एवरेज AQI (Air Quality Index) 200 के पार 'खराब' और 300 के करीब 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया। स्वास्थ्य खतरा: 200 से 300 के बीच का AQI 'खराब' या 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है, जिससे संवेदनशील लोगों को सांस की गंभीर बीमारियाँ होने का खतरा रहता है। Latest Update: गाज़ियाबाद बना देश का सबसे प्रदूषित शहर गुरुवार को जारी CPCB की रैंकिंग के अनुसार, गाज़ियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा। सबसे प्रदूषित शहर: गाज़ियाबाद का एवरेज AQI 307 दर्ज किया गया, जिसने इसे देश के सबसे प्रदूषित शहर की सूची में शीर्ष पर ला दिया। (301 से 400 के बीच का AQI 'बहुत खराब' माना जाता है।) टॉप 10 रैंकिंग (गुरुवार, AQI): गाज़ियाबाद: 307 बल्लभगढ़: 296 नोएडा: 288 भिवाणी: 277 ग्रेटर नोएडा: 272 गुरुग्राम: 260 दिल्ली: 245 हापुड़: 236 भोपाल: 233 हनुमानगढ़: 229 फोकस: लिस्ट के पहले 8 शहर Delhi NCR के हैं, जो क्षेत्रीय प्रदूषण के गंभीर फैलाव को दर्शाता है। Official Statements: विशेषज्ञों की चिंता स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस बढ़ते प्रदूषण पर गंभीर चिंता जताई है। स्वास्थ्य सलाह: विशेषज्ञों ने नागरिकों को सुबह और शाम के समय बाहरी गतिविधियों से बचने की सलाह दी है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को। कारण: हवा की धीमी गति, जो प्रदूषकों को ज़मीन के करीब रोक देती है, और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं इस वृद्धि के मुख्य कारण हैं। सरकारी कदम: बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए Delhi NCR में पहले ही GRAP-1 (Graded Response Action Plan) की पाबंदियां लागू की जा चुकी हैं, जिसमें निर्माण स्थलों पर सख्त धूल नियंत्रण और खुले में कचरा जलाने पर प्रतिबंध शामिल है। Public Reaction or Social Media: #Pollution का ट्रेंड सोशल मीडिया पर #Pollution और #AirQuality हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जहाँ लोग Delhi NCR की जहरीली हवा पर निराशा और गुस्सा व्यक्त कर रहे हैं। नागरिक सरकार से पराली जलाने और औद्योगिक प्रदूषण पर तत्काल और कड़े कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। Impact & Next Step: आगे और बिगड़ेंगे हालात मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी दिनों में AQI में और गिरावट आ सकती है, खासकर दिवाली से पहले। यदि यह 'गंभीर' श्रेणी (400 के पार) में पहुँचता है, तो GRAP के अगले चरण की पाबंदियां लागू होंगी, जिसमें डीजल वाहनों के प्रतिबंध जैसे कड़े नियम शामिल हैं।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (Delhi NCR) में वायु प्रदूषण का संकट एक बार फिर गहरा गया है। ठंड की दस्तक के साथ ही हवा की गुणवत्ता 'बेहद खराब' (Very Poor) श्रेणी में पहुँच गई है। गुरुवार (16 अक्टूबर 2025) की सुबह कई निगरानी केंद्रों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 300 के खतरनाक स्तर को पार कर गया। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पूरे Delhi NCR में GRAP-1 (Graded Response Action Plan) की पाबंदियां तत्काल प्रभाव से लागू कर दी हैं।READ ALSO:-यूपी में अब गांव-गांव दौड़ेगी रोडवेज, किराया भी 20% सस्ता! योगी सरकार का दिवाली तोहफा, 'मुख्यमंत्री ग्रामीण जनता बस सेवा' को मिली हरी झंडी Background: पिछले 3 दिन से हवा 'खराब' Delhi NCR में वायु प्रदूषण के स्तर में यह वृद्धि अचानक नहीं है। पिछले तीन दिनों से दिल्ली का औसतन AQI लगातार 200 के पार 'खराब' श्रेणी में दर्ज किया जा रहा था। गुरुवार की सुबह तो कई इलाके 'बेहद खराब' श्रेणी में आ गए। सबसे प्रदूषित इलाके: आनंद विहार में सबसे अधिक AQI (339) दर्ज किया गया, जिसके बाद वजीरपुर (342) और द्वारका सेक्टर-8 (338) का स्थान रहा। मुख्य प्रदूषक: हवा में पीएम 2.5 (PM2.5) और पीएम 10 (PM10) का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ा हुआ है। Latest Update: GRAP-1 की पाबंदियां और कारण प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, CAQM ने मंगलवार को ही GRAP-1 को लागू कर दिया था। ये पाबंदियां बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए एक प्रारंभिक कदम हैं। GRAP-1 के तहत मुख्य पाबंदियां: धूल नियंत्रण: निर्माण (Construction) और विध्वंस (Demolition) स्थलों पर धूल नियंत्रण के सख्त उपाय अनिवार्य। ईंधन प्रतिबंध: सड़कों के किनारे भोजनालयों और व्यावसायिक रसोई में कोयले और लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध। अपशिष्ट जलाना: कचरा, बायोमास या नगरपालिका ठोस अपशिष्ट को खुले में जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध।प्रदूषण के कारण: इस मौसम में प्रदूषण बढ़ने के मुख्य कारणों में पड़ोसी राज्यों (पंजाब, हरियाणा) में पराली जलाना, वाहनों से होने वाला उत्सर्जन, धीमी हवाओं के कारण प्रदूषकों का ठहराव और निर्माण गतिविधियों से उड़ने वाली धूल शामिल हैं। Official Statements: आगे 'बहुत खराब' श्रेणी की चेतावनी मौसम विभाग (IMD) और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (EWS) के पूर्वानुमानों से संकेत मिलता है कि Delhi NCR में प्रदूषण का स्तर अगले कुछ दिनों में 'बेहद खराब' श्रेणी में बना रह सकता है। पूर्वानुमान: EWS के अनुसार, शुक्रवार (17 अक्टूबर) को AQI 303-304 तक जा सकता है, जो 'बेहद खराब' श्रेणी का निचला स्तर है। स्वास्थ्य सलाह: विशेषज्ञों ने नागरिकों, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन संबंधी बीमारियों वाले लोगों को घर के अंदर रहने और बाहरी शारीरिक गतिविधियों से बचने की सलाह दी है। Impact & Next Step: दिवाली से पहले चुनौती Delhi NCR में दिवाली से ठीक पहले प्रदूषण का यह बिगड़ता स्तर एक बड़ी चुनौती है। यदि AQI 400 के पार 'गंभीर' (Severe) श्रेणी में पहुँचता है, तो GRAP के अगले चरण (Stage-2) की पाबंदियां लागू की जाएंगी। सरकार को प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता है, और नागरिकों को भी GRAP-1 के तहत जारी 'नागरिक चार्टर' का पालन करना अनिवार्य है।
उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (UP NCR) में दिवाली से पहले ही हवा की गुणवत्ता बेहद खराब हो गई है। प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा को पार कर गया है, जिसके कारण गाजियाबाद में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 261 तक पहुंच गया है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, गाजियाबाद में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का पहला चरण (GRAP-1) तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। पड़ोसी शहर नोएडा भी इस सूची में दूसरे स्थान पर है, जहां AQI 251 रिकॉर्ड किया गया है।READ ALSO:-केदारनाथ का सफर अब 9 घंटे नहीं, सिर्फ 40 मिनट में! 16 KM की चढ़ाई से मिलेगी मुक्ति, अडानी ग्रुप बनाएगा 4000 करोड़ का रोपवे। दिवाली से पहले प्रदूषण का प्रकोप दिल्ली-एनसीआर में हर साल दिवाली के आसपास प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ जाता है। पराली जलाने की घटनाएं, वाहनों का धुआं और मौसम में बदलाव इसके मुख्य कारण हैं। इस साल, अक्टूबर के मध्य में ही प्रदूषण का यह स्तर चिंता का विषय है। GRAP-1 का लागू होना यह दर्शाता है कि स्थानीय प्रशासन स्थिति की गंभीरता को पहचानते हुए आपातकालीन कदम उठा रहा है। GRAP-1 लागू होने से क्षेत्र में निर्माण गतिविधियों और प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर कुछ प्रतिबंध लग जाते हैं। AQI का खतरनाक स्तर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को गाजियाबाद का AQI (261) 'खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया, जबकि नोएडा का AQI (251) भी इसी श्रेणी में रहा। 201 से 300 के बीच का AQI 'खराब' माना जाता है, जो लंबे समय तक रहने पर लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। इस स्तर की हवा में सांस लेने से अस्थमा और फेफड़ों से जुड़ी अन्य बीमारियों के रोगियों को गंभीर समस्या हो सकती है। डॉक्टरों की चेतावनी: क्या करें और क्या न करें? प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने UP NCR के निवासियों के लिए सख्त चेतावनी जारी की है। मास्क अनिवार्य: डॉक्टरों का कहना है कि लोग बिना मास्क (Mask) के घर से बाहर न निकलें। N95 या उससे बेहतर गुणवत्ता वाले मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। बाहरी गतिविधियों से बचें: खासकर सुबह और शाम के समय, जब प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक होता है, बाहरी गतिविधियों, जॉगिंग या कसरत से पूरी तरह बचें। जोखिम वाले लोग सावधान: जिन लोगों को पहले से ही सांस या दिल से जुड़ी कोई बीमारी है, छोटे बच्चों और बुजुर्गों को अनावश्यक रूप से बाहर जाने से बचना चाहिए। हाइड्रेटेड रहें: शरीर को अंदर से साफ रखने के लिए खूब पानी पिएं और विटामिन-सी से भरपूर आहार लें। प्रशासनिक कदम और आगे की राह गाजियाबाद में GRAP-1 लागू होने के बाद, प्रशासन ने प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर निगरानी बढ़ा दी है। निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के नियमों का सख्ती से पालन कराया जा रहा है, और खुले में कूड़ा जलाने पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है। यदि AQI का स्तर और बिगड़ता है (301 से ऊपर), तो GRAP का दूसरा चरण लागू किया जा सकता है, जिसमें और कड़े प्रतिबंध शामिल होंगे, जैसे डीजल जनरेटरों पर प्रतिबंध। प्रशासन और जनता दोनों को मिलकर इस UP Air Pollution की समस्या का सामना करना होगा।
नई दिल्ली। इस साल फरवरी में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDLS) पर हुई दर्दनाक भगदड़, जिसमें 18 यात्रियों की जान चली गई थी, के जख्म अभी भी ताजे हैं। उस हादसे से सबक लेते हुए भारतीय रेलवे ने आने वाले दिवाली और छठ महापर्व से ठीक पहले एक ऐसा जबरदस्त इंतजाम किया है, जिससे अब त्योहारों पर घर जाने वाले यात्रियों को धक्का-मुक्की और अफरा-तफरी का सामना नहीं करना पड़ेगा।READ ALSO:-बिजनौर में खाकी पर जानलेवा हमला! वारंट लेकर गई पुलिस टीम को पीटा, वर्दी फाड़ी; चौकी इंचार्ज का गला दबाकर हत्या की कोशिश! रेलवे ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के अजमेरी गेट की तरफ एक विशाल, अत्याधुनिक यात्री सुविधा केंद्र (होल्डिंग एरिया) का उद्घाटन किया है। यह 'वेटिंग-महल' एक साथ 7,000 यात्रियों को संभालने की क्षमता रखता है, ताकि स्टेशन के मुख्य कॉन्कोर्स और प्लेटफॉर्म पर अनावश्यक भीड़ जमा न हो। क्यों पड़ी इस 'होल्डिंग एरिया' की जरूरत? यह कदम सीधे तौर पर 15 फरवरी, 2025 की देर रात हुई उस भयावह भगदड़ का परिणाम है। जांच में सामने आया था कि यात्री ‘प्रयागराज एक्सप्रेस’ और ‘प्रयागराज स्पेशल’ ट्रेन के नाम को लेकर भ्रमित हो गए थे। ट्रेन छूटने के डर से मची अफरा-तफरी ने एक बड़ी त्रासदी का रूप ले लिया था। इसी घटना के बाद रेल मंत्रालय ने देश के 5 सबसे व्यस्त स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग एरिया बनाने का आदेश दिया था, जिसकी पहली बड़ी मिसाल नई दिल्ली स्टेशन पर देखने को मिली है। 🚉 यात्री सुविधा केंद्र यात्रियों की आसान, सुरक्षित और सुव्यवस्थित आवाजाही के लिए नई पहल। यह क्षेत्र- 🔹 प्री-टिकटिंग एरिया 🔹 टिकटिंग एरिया 🔹 पोस्ट-टिकटिंग एरिया में विभाजित है; जिससे प्लेटफ़ॉर्म पर अचानक बढ़ने वाली भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा। 🎟️ अनारक्षित टिकट काउंटर… pic.twitter.com/WitBfeYjOw — Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) October 11, 2025 क्या-क्या हैं इस नए सुविधा केंद्र में खास? केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा निरीक्षण किए गए इस सुविधा केंद्र को यात्रियों की हर छोटी-बड़ी जरूरत को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसे तीन हिस्सों- प्री-टिकटिंग, टिकटिंग और पोस्ट-टिकटिंग एरिया में बांटा गया है। विशाल क्षमता: 2,860 वर्ग मीटर में फैले इस एरिया में 7,000 यात्री आराम से ट्रेन का इंतजार कर सकते हैं। आधुनिक टिकटिंग: भीड़ कम करने के लिए 22 मॉडर्न टिकट काउंटर और 25 ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग मशीनें (ATVM) लगाई गई हैं। आरामदायक इंतजार: यात्रियों के बैठने के लिए 200 सीटों की व्यवस्था है और गर्मी से राहत देने के लिए 18 हाई-वॉल्यूम लो-स्पीड (HVLS) पंखे लगाए गए हैं। स्वच्छता और सुविधाएं: 652 वर्गमीटर का विशाल शौचालय ब्लॉक है, जिसमें 150 महिला और 150 पुरुष टॉयलेट हैं। साथ ही पीने के लिए RO का पानी उपलब्ध है। सूचना और सुरक्षा: यात्रियों तक हर जानकारी पहुंचाने के लिए 24 स्पीकर वाला पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम, 3 LED डिस्प्ले और सुरक्षा के लिए 18 CCTV कैमरे, 5 लगेज स्कैनर और 5 मेटल डिटेक्टर गेट लगाए गए हैं। बेहतर कनेक्टिविटी: फुट ओवर ब्रिज (FOB-1) को सीधे मेट्रो स्टेशन तक बढ़ा दिया गया है, ताकि यात्री ट्रेन से उतरकर बिना स्टेशन पर भीड़ बढ़ाए सीधे मेट्रो पकड़ सकें। क्या बोले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव? सुविधा केंद्र का निरीक्षण करने के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का व्यवस्थित मूवमेंट हो, इसके लिए यह सुविधा केंद्र बनाया गया है। यहां बेहतरीन सुविधाएं दी गई हैं ताकि यात्री आराम से अपनी ट्रेन का इंतजार कर सकें। जिनके पास रिजर्व्ड टिकट है, वे सीधे जा सकते हैं और जिनके पास नहीं है, वे यहां आकर टिकट खरीद सकते हैं। यह व्यवस्था सुनिश्चित करेगी कि स्टेशन पर अचानक भीड़ इकट्ठी न हो और दिवाली-छठ पर यात्रियों को एक सुरक्षित और बेहतर अनुभव मिले।"
नई दिल्ली/गाजियाबाद। मानसून की विदाई के बाद भी उत्तर भारत में मौसम का यू-टर्न जारी है। इस हफ्ते सोमवार को हुई झमाझम बारिश के बाद दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तापमान इतना गिर गया है कि लोगों ने अक्टूबर में ही हल्की ठंड महसूस करनी शुरू कर दी है। मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि यह तो बस शुरुआत है, क्योंकि पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असली असर अब मैदानी इलाकों में दिखना शुरू होगा।READ ALSO:-गाजियाबाद में 'सड़क पर संग्राम': कपड़े खरीदने के विवाद में चले लात-घूंसे, बाजार बना जंग का मैदान, VIDEO वायरल सोमवार की बारिश ने बदला मौसम का मिजाज इस हफ्ते की शुरुआत यानी 6 अक्टूबर (सोमवार) को दिल्ली-एनसीआर में हुई तेज बारिश ने मौसम का पूरा गणित ही बदल दिया। दिनभर छाए रहे काले बादलों और बारिश ने कई इलाकों में जलभराव तो किया ही, साथ ही पारे को भी कई डिग्री नीचे गिरा दिया। मंगलवार को भी पंजाब और चंडीगढ़ समेत कई इलाकों में बरसात हुई, जिससे ठंडक और बढ़ गई। Daily Weather Briefing English (08.10.2025) Increase in rainfall activity with isolated heavy falls likely over South Peninsular India for next 4-5 days. YouTube : https://t.co/em1IViJrjX Facebook : https://t.co/lC8NKl137R pic.twitter.com/LkP4X85CsZ — India Meteorological Department (@Indiametdept) October 8, 2025 पहाड़ों पर बर्फबारी, मैदानों में ठंडी हवाएं मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, इस ठंडक की असली वजह पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की ऊंची चोटियों पर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। वहां से आ रही 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली बर्फीली हवाएं पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी यूपी के मैदानी इलाकों को ठंडा कर रही हैं। IMD का अलर्ट: इन राज्यों में गुरुवार-शुCRवार को फिर बारिश भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि राहत की उम्मीद फिलहाल नहीं है। विभाग ने गुरुवार (9 अक्टूबर) और शुक्रवार (10 अक्टूबर) को कुछ राज्यों में फिर से बारिश का अलर्ट जारी किया है। मुख्य रूप से दिल्ली, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में गरज-चमक के साथ बरसात हो सकती है। वीकेंड पर भी राहत नहीं, क्यों बदला मौसम का पैटर्न? IMD का अनुमान है कि इस वीकेंड (शनिवार-रविवार) पर भी एनसीआर के कुछ जिलों में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है, जिससे मौसम और सुहाना हो जाएगा। मौसम में इस अप्रत्याशित बदलाव का कारण एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) है। आमतौर पर मानसून के बाद पश्चिमी विक्षोभ इतने सक्रिय नहीं होते, लेकिन इस बार इसके प्रभाव से बेमौसम बारिश और समय से पहले ठंड का दौर देखने को मिल रहा है।
नई दिल्ली: उमस और पसीने वाली गर्मी से परेशान दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए बीती रात राहत की फुहारें लेकर आई। रविवार देर रात कई इलाकों में हुई झमाझम बारिश ने न सिर्फ तापमान गिराया, बल्कि मौसम में एक सुखद ठंडक भी घोल दी है। अगर आप इस बदले हुए मौसम का लुत्फ उठा रहे हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है! मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, यह राहत का सिलसिला अभी 48 घंटे और जारी रहने वाला है।RREAD ALSO:-मेरठ सेंट्रल मार्केट पर सुप्रीम कोर्ट का 'फाइनल काउंटडाउन', अफसरों की अटकी सांसें, आज होगी आर-पार की सुनवाई! अगले 48 घंटे: छाते और चाय का दौर मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के कारण सोमवार और मंगलवार को भी दिल्ली-एनसीआर के आसमान में बादलों का डेरा रहेगा। इस दौरान रुक-रुक कर हल्की से मध्यम बारिश होने की पूरी संभावना है। धूप के दर्शन नहीं होंगे, जिससे अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के नीचे ही बना रहेगा और आपको गर्मी का एहसास नहीं होगा। सोमवार शाम को कुछ इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश का एक और दौर देखने को मिल सकता है। बुधवार से बदलेगा मौसम का मिजाज बुधवार, 8 अक्टूबर, इस हफ्ते का टर्निंग पॉइंट साबित होगा। मौसम विभाग के अनुसार, इस दिन से पश्चिमी विक्षोभ का असर खत्म हो जाएगा, जिसके बाद बादल छंटने लगेंगे और आसमान साफ हो जाएगा। धूप की वापसी: बुधवार से दिल्ली में एक बार फिर धूप खिलनी शुरू हो जाएगी। बढ़ेगा तापमान: धूप निकलने के साथ ही अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होगी और हफ्ते के अंत तक यह 32 से 33 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जिससे दिन में गर्मी का एहसास लौटेगा। हालांकि, न्यूनतम तापमान 21 डिग्री के आसपास बने रहने से सुबह-शाम मौसम आरामदायक रहेगा। सिर्फ दिल्ली ही नहीं, पूरे उत्तर भारत पर असर मौसम में यह बदलाव सिर्फ दिल्ली तक ही सीमित नहीं है। इस पश्चिमी विक्षोभ का व्यापक असर देखने को मिल रहा है: पहाड़ों पर बर्फबारी: उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में बर्फबारी का अलर्ट जारी किया गया है। मैदानी इलाकों में बारिश: बिहार और बंगाल के लिए रेड और येलो अलर्ट जारी किए गए हैं, जबकि राजस्थान, मध्य प्रदेश और झारखंड में भी बारिश की संभावना बनी हुई है। तो कुल मिलाकर, दिल्ली वालों के लिए हफ्ते की शुरुआत भीगी-भीगी और खुशनुमा रहने वाली है, लेकिन सप्ताह के मध्य से उन्हें एक बार फिर गर्मी का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।
कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने देश सेवा का जज्बा रखने वाले युवाओं के लिए बड़ा ऐलान किया है। दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल (कार्यकारी) के 7565 पदों पर भर्ती के लिए विस्तृत विज्ञापन जारी हो गया है। आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और योग्य उम्मीदवार 21 अक्टूबर तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।READ ALSO:-उत्तर प्रदेश में फिर लौटेंगी मानसूनी गतिविधियां: तेज धूप और उमस से बढ़ी गर्मी, 25 सितंबर से पूर्वी जिलों में बारिश की उम्मीद नई दिल्ली। सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए यह एक शानदार खबर है। अगर आप 12वीं पास हैं और पुलिस की वर्दी पहनकर देश की सेवा करना चाहते हैं, तो कर्मचारी चयन आयोग (SSC) आपको यह मौका दे रहा है। दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के 7565 पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया का बिगुल बज चुका है। सोमवार को जारी विज्ञापन के साथ ही ऑनलाइन आवेदन के लिए पोर्टल भी खोल दिया गया है। भर्ती एक नजर में कुल पद: 7565 पद का नाम: कांस्टेबल (कार्यकारी) न्यूनतम योग्यता: 12वीं पास आयु सीमा: 18 से 25 वर्ष आवेदन की अंतिम तिथि: 21 अक्टूबर 2025 परीक्षा का मोड: ऑनलाइन (कंप्यूटर आधारित) चयन प्रक्रिया: तीन चरणों की चुनौती दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल बनने के लिए उम्मीदवारों को तीन मुख्य चरणों से गुजरना होगा: कंप्यूटर आधारित परीक्षा (CBE): सबसे पहले, उम्मीदवारों को एक ऑनलाइन लिखित परीक्षा देनी होगी। यह परीक्षा आपके ज्ञान और तार्किक क्षमता का आकलन करेगी। शारीरिक दक्षता व माप-तौल परीक्षा (PE&MT): लिखित परीक्षा में सफल होने वाले उम्मीदवारों को फिजिकल टेस्ट के लिए बुलाया जाएगा, जिसमें दौड़, लंबी कूद और ऊंची कूद जैसे इवेंट शामिल होंगे। मेडिकल और दस्तावेज़ सत्यापन: अंतिम चरण में उम्मीदवारों का मेडिकल परीक्षण और उनके दस्तावेजों का सत्यापन किया जाएगा। विशेष लाभ: आयोग ने उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करते हुए स्नातक (Graduation) और परास्नातक (Post-Graduation) डिग्री धारकों के लिए 2% से 5% तक अतिरिक्त अंकों का प्रावधान रखा है। साथ ही, विशेष श्रेणी के उम्मीदवारों को भी 5 से 10 प्रतिशत तक अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे। परीक्षा का पैटर्न और सिलेबस सफलता की कुंजी सही रणनीति और परीक्षा पैटर्न की समझ में है। यह परीक्षा कुल 100 अंकों की होगी, जिसके लिए 90 मिनट का समय दिया जाएगा। कुल प्रश्न: 100 कुल अंक: 100 समय: 90 मिनट नेगेटिव मार्किंग: ✅ हाँ, प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक काटे जाएंगे। विषय-वार अंक वितरण: विषय प्रश्नों की संख्या अधिकतम अंक सामान्य ज्ञान/करेंट अफेयर्स 50 50 रीजनिंग (तर्कशक्ति) 25 25 गणित (संख्यात्मक योग्यता) 15 15 कंप्यूटर ज्ञान 10 10 कौन कर सकता है आवेदन? (पात्रता) शैक्षणिक योग्यता: उम्मीदवार का किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं (इंटरमीडिएट) उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। आयु सीमा: आवेदक की आयु 18 से 25 वर्ष के बीच होनी चाहिए। (आरक्षित वर्गों को नियमानुसार छूट मिलेगी)। अनिवार्य: पुरुष उम्मीदवारों के पास लाइट मोटर व्हीकल (LMV) का वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है। 🗓️ महत्वपूर्ण तिथियां: कैलेंडर पर निशान लगा लें! आवेदन शुरू: 22 सितम्बर 2025 आवेदन की अंतिम तिथि: 21 अक्टूबर 2025 ऑनलाइन शुल्क भुगतान की अंतिम तिथि: 22 अक्टूबर 2025 आवेदन फॉर्म में सुधार: 29 से 31 अक्टूबर 2025 परीक्षा की संभावित तिथि: दिसंबर 2025 / जनवरी 2026 यह युवाओं के लिए दिल्ली पुलिस का हिस्सा बनकर एक स्थिर और सम्मानित करियर बनाने का एक बेहतरीन अवसर है। इच्छुक उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे अंतिम तिथि का इंतजार किए बिना जल्द से जल्द आवेदन करें।
बॉलीवुड और भारतीय टेलीविजन जगत के महान और बहुमुखी कलाकार सतीश शाह (Satish Shah) का आज (शनिवार, 25 अक्टूबर 2025) दुखद निधन हो गया है। अपनी लाजवाब कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को हंसाने वाले सतीश शाह ने 74 वर्ष की उम्र में मुंबई में अपनी आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से किडनी से जुड़ी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, और किडनी फेलियर को उनकी मौत का कारण बताया जा रहा है। उनके निधन की पुष्टि प्रोड्यूसर और IFTDA के अध्यक्ष अशोक पंडित ने की है। चरित्र अभिनेता और कॉमेडियन का सफर सतीश शाह का अभिनय करियर पाँच दशकों से अधिक लंबा रहा, जिसमें उन्होंने 400 से ज्यादा फिल्मों और कई सफल टीवी सीरियल्स में काम किया। उनका जन्म 1951 में हुआ था और उन्होंने पुणे के FTII (Film and Television Institute of India) से प्रशिक्षण लिया था। टीवी जगत का आइकॉन: उन्हें सबसे ज्यादा पहचान हिट कॉमेडी सीरियल 'साराभाई वर्सेज साराभाई' में इंद्रावदन साराभाई (Indravadan Sarabhai) के किरदार से मिली। इस शो में उनके डायलॉग और एक्सप्रेशन आज भी कल्ट क्लासिक माने जाते हैं। 'ये जो है जिंदगी' (1984) में 55 अलग-अलग किरदार निभाकर उन्होंने घर-घर में अपनी पहचान बनाई थी। फिल्मी करियर की शुरुआत: उन्होंने 1983 की डार्क कॉमेडी फिल्म 'जाने भी दो यारों' में एक 'लाश' (Dead Body) का आइकॉनिक किरदार निभाया था, जिसने उन्हें रातोंरात पहचान दिलाई थी। प्रमुख फिल्में: उनकी कुछ यादगार बॉलीवुड फिल्मों में 'हम आपके हैं कौन', 'मुझसे शादी करोगी', 'कल हो ना हो' और शाहरुख खान अभिनीत 'मैं हूँ ना' शामिल हैं, जहाँ उन्होंने अपनी कॉमिक टाइमिंग से जान डाल दी। Read Also : थामा, और 'स्त्री 2' के म्यूजिक कंपोजर सचिन सांघवी गिरफ्तार, शादी और गाना देने का झांसा देकर 20 साल की युवती से यौन उत्पीड़न का आरोप किडनी फेलियर और निधन की पुष्टि मिली जानकारी के मुताबिक, अभिनेता सतीश शाह पिछले कुछ समय से किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्होंने आज दोपहर करीब 2:30 बजे अंतिम सांस ली। आधिकारिक रूप से किडनी फेलियर को उनकी मृत्यु का कारण बताया गया है। शाह के निधन की खबर सामने आने के बाद बॉलीवुड इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। इंडस्ट्री में शोक की लहर मशहूर निर्माता अशोक पंडित ने सतीश शाह के निधन की पुष्टि करते हुए कहा, "जी हाँ, सतीश शाह नहीं रहे। वो मेरे अच्छे मित्र थे। किडनी फेलियर के चलते उनका निधन हो गया है। इंडस्ट्री के लिए यह एक बड़ी क्षति है।" Public Reaction or Social Media: श्रद्धांजलि सतीश शाह के निधन की खबर से उनके फैंस स्तब्ध हैं। सोशल मीडिया पर उनके फैंस और फिल्मी सितारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है और उनके सबसे यादगार किरदारों को याद कर रहे हैं। 'साराभाई वर्सेज साराभाई' की कास्ट और क्रू ने भी उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है। सिनेमा में हास्य की क्षति सतीश शाह का निधन हिंदी सिनेमा में चरित्र अभिनय और हास्य की एक पीढ़ी का अंत है। उनकी अभिनय शैली और हास्य टाइमिंग हमेशा दर्शकों के दिलों में ज़िंदा रहेगी।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहर मेरठ के लिए परिवहन के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर के साथ ही मेरठ को अपनी पहली 'मेरठ मेट्रो' मिलने जा रही है। यह न केवल शहर के अंदर कनेक्टिविटी को सुधारेगी, बल्कि दिल्ली और गाजियाबाद जैसे शहरों से भी मेरठ के सफर को आसान और तेज बना देगी। आइए, मेरठ मेट्रो से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी पर एक विस्तृत नजर डालते हैं: Meerut Metro की कब होगी शुरुआत? (Kab Shuru Hogi) मेरठ मेट्रो का संचालन, दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस (जिसे 'नमो भारत' ट्रेन के नाम से भी जाना जाता है) के साथ ही शुरू होना प्रस्तावित है। हालिया अपडेट: खबरों के अनुसार, 30 सितंबर 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नमो भारत ट्रेन के आखिरी चरण (मेरठ साउथ से मोदीपुरम) और मेरठ मेट्रो का उद्घाटन किया जा सकता है। लक्ष्य: पूरी परियोजना (RRTS के साथ) को जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। प्राथमिकता खंड (साहिबाबाद से दुहाई) का परिचालन अक्टूबर 2023 में पहले ही शुरू हो चुका है। खासियत: यह देश का पहला ऐसा ट्रैक होगा जिस पर एक ही ट्रैक पर हाई-स्पीड नमो भारत ट्रेन और तीन कोच वाली मेरठ मेट्रो ट्रेन, दोनों एक साथ चलेंगी। रूट मैप (Route Map) और स्टेशन मेरठ मेट्रो कॉरिडोर दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर का ही हिस्सा है। यह मुख्यतः मेरठ के शहरी क्षेत्र में सेवा प्रदान करेगी। कॉरिडोर का नाम: मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम (Meerut South to Modipuram) कुल लंबाई: लगभग 23 किमी स्टेशनों की संख्या: इस कॉरिडोर में कुल 13 स्टेशन हैं। केवल मेट्रो स्टेशन: इनमें से 10 स्टेशन केवल मेरठ मेट्रो के लिए होंगे। RRTS और मेट्रो दोनों के लिए स्टेशन (Integrated Stations): मेरठ साउथ, बेगमपुल, और मोदीपुरम स्टेशन RRTS और मेरठ मेट्रो, दोनों की सेवाओं के लिए इंटीग्रेटेड (एकीकृत) होंगे। प्रमुख स्टेशन (संभावित): मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौर्ली, मेरठ नॉर्थ, और मोदीपुरम। किराया (Kiraya) मेरठ मेट्रो का किराया दूरी के आधार पर तय किया जाएगा। यह किराया नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (NCRTC) द्वारा जारी किया जाएगा। नमो भारत (RRTS) का किराया (दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर के लिए): मानक (Standard) कोच: ₹20 से शुरू होकर अधिकतम ₹150 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। प्रीमियम (Premium) कोच: ₹30 से शुरू होकर अधिकतम ₹225 तक हो सकता है (पूरे कॉरिडोर के लिए)। मेरठ मेट्रो का अनुमानित किराया: चूंकि मेरठ मेट्रो की यात्रा दूरी RRTS की तुलना में कम होगी (शहर के भीतर), इसका किराया ₹20 से ₹50 के बीच होने की संभावना है, जो यात्रियों द्वारा तय की गई दूरी पर निर्भर करेगा। मेरठ मेट्रो की आगे की योजना (Aage Ka Plan) मेरठ मेट्रो का पहला चरण (मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम) पूरा होने के बाद, आगे की योजनाओं में शहर के विकास और कनेक्टिविटी को बढ़ाना शामिल है: दूसरा कॉरिडोर प्रस्तावित: मेरठ मेट्रो के लिए दूसरा कॉरिडोर भी प्रस्तावित है, जिसका रूट श्रद्धापुरी एक्सटेंशन से जाग्रति विहार तक हो सकता है। इस पर अभी विस्तृत काम शुरू होना बाकी है। टाउनशिप और TOD: मेरठ में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) मॉडल पर आधारित नई टाउनशिप का विकास किया जा रहा है। ये टाउनशिप RRTS/मेट्रो स्टेशनों के आस-पास होंगी, जिससे लोग अपने कार्यस्थल (Walk to Work) और जरूरी सुविधाओं तक आसानी से पहुँच सकेंगे। इससे 2029 तक 20,000 से अधिक रोजगार उत्पन्न होने का अनुमान है। फीडर सेवाएं: स्टेशनों से अंतिम-मील कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों के लिए फीडर सेवाओं को मजबूत करने की योजना है। मेरठ मेट्रो न केवल शहर के ट्रैफिक को कम करेगी बल्कि दिल्ली-एनसीआर से मेरठ की कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगी, जिससे यहां के निवासियों के लिए समय और पैसे दोनों की बचत होगी। यह परियोजना मेरठ को देश के सबसे आधुनिक परिवहन नेटवर्क वाले शहरों की श्रेणी में खड़ा कर देगी।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ RRTS कॉरिडोर, जिसे अब 'नमो भारत' (NaMo Bharat) ट्रेन के नाम से जाना जाता है, अब अपने अंतिम चरण में है और जल्द ही पूरी तरह से यात्रियों के लिए खोल दिया जाएगा।Read also:-Delhi–Meerut RRTS Opening Date 2025: नमो भारत रैपिड रेल से दिल्ली से मेरठ सफर सिर्फ 55 मिनट में वो दिन अब दूर नहीं, जब मेरठ का निवासी दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में शॉपिंग करने और गाजियाबाद का व्यापारी मेरठ में अपने बिजनेस को विस्तार देने का सपना सिर्फ 60 मिनट में पूरा कर सकेगा। देश के सबसे महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS), अब हकीकत बनने की दहलीज पर है। 82 किलोमीटर का यह हाई-स्पीड कॉरिडोर लगभग तैयार है और रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2025 की शुरुआत में प्रधानमंत्री द्वारा इसका उद्घाटन किया जा सकता है। संभावित उद्घाटन की तारीखें: मीडिया रिपोर्ट्स और निर्माण कार्य की प्रगति के अनुसार, पूरे कॉरिडोर (सराय काले खां से मोदीपुरम तक) का उद्घाटन अक्टूबर 2025 में होने की प्रबल संभावना है। ऐसी खबरें हैं कि अक्टूबर 2025 की शुरुआत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का शुभारंभ कर सकते हैं। पूरा कॉरिडोर: यह 82 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां को मेरठ के मोदीपुरम डिपो से जोड़ेगा, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय एक घंटे से भी कम हो जाएगा। वर्तमान में परिचालन: 20 अक्टूबर 2023 से प्राथमिकता कॉरिडोर (साहिबाबाद से दुहाई डिपो) और हाल ही में न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक का खंड पहले से ही चालू है, जिसने लाखों यात्रियों को बड़ी राहत दी है। मेरठ मेट्रो: एक ही पटरी पर रैपिड और मेट्रो का तालमेल मेरठ शहर के भीतर यात्रियों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए मेरठ मेट्रो भी 'नमो भारत' ट्रेन के साथ ही उसी ट्रैक पर चलेगी। शुरुआत: मेरठ मेट्रो का उद्घाटन भी अक्टूबर 2025 में रैपिड रेल के साथ ही होने की उम्मीद है। रूट: यह मेट्रो सेवा मेरठ साउथ से मोदीपुरम डिपो के बीच 23 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर चलेगी, जिसमें 13 स्टेशन होंगे। विशेषता: यह भारत की पहली ऐसी परियोजना है जहाँ क्षेत्रीय रैपिड रेल और स्थानीय मेट्रो ट्रेनें एक ही ट्रैक को साझा करेंगी, लेकिन इनके परिचालन के समय अलग-अलग होंगे। स्टेशन लिस्ट: कहाँ-कहाँ रुकेगी आपकी 'नमो भारत'? दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर पर कुल 16 स्टेशन होंगे। दिल्ली (3) गाजियाबाद (6) मेरठ (7) सराय काले खां साहिबाबाद मेरठ साउथ (कॉमन) न्यू अशोक नगर गाजियाबाद शताब्दी नगर (कॉमन) आनंद विहार गुलधर बेगमपुल (कॉमन) दुहाई मोदीपुरम (कॉमन) दुहाई डिपो परतापुर (सिर्फ मेट्रो) मुरादनगर रिठानी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर दक्षिण ब्रहमपुरी (सिर्फ मेट्रो) मोदीनगर उत्तर मेरठ सेंट्रल (सिर्फ मेट्रो) भैंसाली (सिर्फ मेट्रो) एमईएस कॉलोनी (सिर्फ मेट्रो) डोरली (सिर्फ मेट्रो) मेरठ नॉर्थ (सिर्फ मेट्रो) मोदीपुरम डिपो (सिर्फ मेट्रो) (कॉमन स्टेशन वे हैं जहाँ 'नमो भारत' रैपिड रेल और मेरठ मेट्रो दोनों रुकेंगी।) किराया विवरण: कितना होगा आपकी यात्रा का खर्च? 'नमो भारत' ट्रेन में दो तरह के कोच हैं: स्टैंडर्ड कोच और प्रीमियम कोच। यात्रियों को अपनी सुविधा अनुसार टिकट खरीदने का विकल्प मिलेगा। किराया सीमा: किराया ₹20 से शुरू होता है और अधिकतम ₹225 तक जा सकता है। एक प्रमुख रूट का किराया (उदाहरण): न्यू अशोक नगर से मेरठ साउथ तक: स्टैंडर्ड कोच में ₹150 और प्रीमियम कोच में ₹225। आनंद विहार से मेरठ साउथ तक का सफर लगभग 35 मिनट में पूरा होगा, जिसका किराया इसी सीमा में होगा। भुगतान विकल्प: यात्री QR कोड-आधारित पेपर टिकट और NCMC (नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड) का उपयोग करके यात्रा कर सकेंगे। निर्माण प्रगति और तकनीकी विशेषताएँ आरआरटीएस परियोजना का लगभग 75% से अधिक सिविल कार्य पूरा हो चुका है। स्पीड और रोलिंग स्टॉक: 'नमो भारत' ट्रेन की डिज़ाइन गति 180 किमी/घंटा है, जबकि परिचालन गति 160 किमी/घंटा होगी। ट्रेनों में महिलाओं के लिए एक आरक्षित कोच, प्रीमियम कोच, और सभी के लिए आधुनिक सुविधाएं (Wi-Fi, लैपटॉप/मोबाइल चार्जिंग पोर्ट) उपलब्ध हैं। हरित ऊर्जा पहल: NCRTC ने अपने स्टेशनों और डिपो पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए हैं, जो परियोजना को स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। फाइनल अप्रूवल: दिल्ली से मेरठ तक पूरे कॉरिडोर के वाणिज्यिक परिचालन के लिए अंतिम चरण की सुरक्षा मंजूरी मिलना बाकी है, जिसके बाद इसे तुरंत खोल दिया जाएगा। यह कॉरिडोर एनसीआर के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो न केवल यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि रोजगार, व्यापार और रियल एस्टेट को भी नई ऊंचाइयां देगा।
मेरठ, 19 सितंबर 2025 मेरठ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए 30 सितंबर का दिन एक नए युग की शुरुआत करने जा रहा है। इस ऐतिहासिक तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की पहली रैपिड रेल 'नमो भारत' के संपूर्ण कॉरिडोर और मेरठ मेट्रो को हरी झंडी दिखाएंगे। खास बात यह है कि प्रधानमंत्री इस उद्घाटन को यादगार बनाते हुए दिल्ली से 'नमो भारत' ट्रेन में सवार होकर मेरठ के मोदीपुरम तक का सफर तय करेंगे। उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।READ ALSO:-सितंबर में 'प्रलयंकारी' मानसून: हिमाचल-उत्तराखंड में बादल फटने और लैंडस्लाइड से तबाही जारी, 424 की मौत दिल्ली से मेरठ तक ट्रेन में PM, फिर विशाल जनसभा योजना के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से रैपिड ट्रेन के जरिए मेरठ पहुंचेंगे। यह यात्रा अपने आप में एक संदेश होगी कि दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी अब मिनटों में सिमट गई है। मोदीपुरम स्टेशन पर उतरने के बाद प्रधानमंत्री का काफिला शताब्दीनगर के लिए रवाना होगा, जहाँ वे एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस रैली में मेरठ समेत आसपास के सभी जिलों से लाखों लोगों के जुटने की उम्मीद है, जिसके लिए तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। शहर में हाई अलर्ट, घर-घर किरायेदारों की जांच प्रधानमंत्री के इस दौरे को लेकर पूरा प्रशासनिक और पुलिस अमला हाई अलर्ट पर है। गुरुवार को एडीजी भानु भास्कर ने एक उच्च-स्तरीय बैठक कर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और कड़े इंतजामों के निर्देश दिए। सुरक्षा एजेंसियां कोई भी ढिलाई नहीं बरतना चाहतीं। पुलिस और एलआईयू (स्थानीय अभिसूचना इकाई) की टीमों ने गुरुवार देर रात शताब्दी नगर, रिझानी और रिठानी जैसे इलाकों में घर-घर जाकर सघन चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान किरायेदारों और बाहर से आकर रह रहे लोगों के नाम, पते और मोबाइल नंबर दर्ज किए गए। देर रात बिजली गुल होने के बावजूद यह अभियान टॉर्च की रोशनी में जारी रहा, जो सुरक्षा की गंभीरता को दर्शाता है। यह सुरक्षा इसलिए भी कड़ी की गई है क्योंकि प्रधानमंत्री के दौरे से ठीक पहले राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी 20 से 22 सितंबर तक मेरठ में रहेंगी और दो विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में हिस्सा लेंगी। मेरठ की नई लाइफलाइन: जानिए मेट्रो और नमो भारत का नेटवर्क यह प्रोजेक्ट मेरठ की कनेक्टिविटी को पूरी तरह से बदल देगा। नमो भारत (रैपिड रेल): दिल्ली से मेरठ तक का पूरा 82 किलोमीटर का ट्रैक अब पूरी तरह से चालू हो जाएगा। मेरठ मेट्रो: कुल लंबाई: 23 किलोमीटर (18 किमी एलिवेटेड, 5 किमी भूमिगत) कुल स्टेशन: 13 (मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, डौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो)। भूमिगत स्टेशन: मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपul। एक ही टिकट पर दोनों में सफर: यात्रियों की सुविधा के लिए चार स्टेशनों- मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम को कॉमन स्टेशन बनाया गया है, जहाँ यात्री नमो भारत और मेट्रो के बीच आसानी से स्विच कर सकेंगे।
इस वर्ष दीपावली की सही तिथि को लेकर पंचांगों में भिन्नता के कारण आम लोगों में बना कन्फ्यूजन अब दूर हो गया है। कुछ पंचांगों में 20 अक्टूबर तो कुछ में 21 अक्टूबर को दिवाली बताई जा रही थी। इस भ्रम की स्थिति को समाप्त करते हुए देश की सर्वोच्च धार्मिक संस्थाओं में से एक, श्री काशी विद्वत परिषद, ने स्पष्ट कर दिया है कि संपूर्ण देश में दीपावली का महापर्व सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को ही मनाया जाएगा।READ ALSO:-यूपी में कुदरत का डबल अटैक: पूर्वांचल में 'जल प्रलय' ने तोड़ा 136 साल का रिकॉर्ड, अब पश्चिमी यूपी के 23 जिलों में भारी बारिश-ओलों का अलर्ट! क्यों 20 अक्टूबर है सही तिथि? काशी विद्वत परिषद के ज्योतिष प्रकोष्ठ के मंत्री और बीएचयू के प्रोफेसर विनय कुमार पांडेय के अनुसार, सनातन धर्म में पर्वों का निर्धारण तिथियों की गणितीय गणना और शास्त्रों के आधार पर होता है। दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को प्रदोष काल में मनाई जाती है। प्रदोष काल का अर्थ है सूर्यास्त के बाद का समय। इस वर्ष कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगी और यह 21 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगी। 20 अक्टूबर को, जब सूर्यास्त होगा, तब अमावस्या तिथि विद्यमान रहेगी और पूरे प्रदोष काल को कवर करेगी। लक्ष्मी पूजन और दीपदान के लिए यह शास्त्र सम्मत और शुभ मुहूर्त है। 21 अक्टूबर को, अमावस्या तिथि शाम 4 बजकर 26 मिनट पर ही समाप्त हो जाएगी, जबकि सूर्यास्त लगभग 5 बजकर 40 मिनट पर होगा। इसका अर्थ है कि सूर्यास्त और प्रदोष काल के समय अमावस्या तिथि नहीं रहेगी, बल्कि प्रतिपदा तिथि लग चुकी होगी। ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि द्विवेदी ने भी स्पष्ट किया कि ब्रह्म पुराण के अनुसार, कार्तिक अमावस्या की रात्रि में ही देवी लक्ष्मी और कुबेर भ्रमण करते हैं। यह रात्रि व्यापिनी और प्रदोष व्यापिनी अमावस्या 20 अक्टूबर को ही प्राप्त हो रही है। अतः इसी दिन लक्ष्मी-कुबेर पूजन और दीपोत्सव मनाना श्रेष्ठ है। 21 अक्टूबर को होगी स्नान-दान की अमावस्या विद्वानों ने यह भी स्पष्ट किया कि 21 अक्टूबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि होने के कारण इस दिन स्नान, दान और पितरों के लिए श्राद्ध कर्म करना उत्तम रहेगा। इसलिए, 21 अक्टूबर की तिथि धार्मिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन दीपावली का मुख्य पर्व 20 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। इस स्पष्टीकरण के बाद अब लोगों को अपने त्योहार की तैयारियों को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में रहने की आवश्यकता नहीं है।
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