लखनऊ के केसरी खेड़ा में भीषण अग्निकांड: 200 से ज़्यादा झुग्गियां खाक, घंटों बाद भी सुलगती रहीं बस्ती
शॉर्ट सर्किट से आधी रात में भड़की आग, दमकल की दर्जनों गाड़ियां मौके पर; बिजली विभाग की लापरवाही पर फूटा लोगों का गुस्सा
Updated: Apr 23, 2025, 09:45 IST
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लखनऊ: राजधानी लखनऊ के केसरी खेड़ा इलाके में मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात एक भीषण अग्निकांड ने 200 से अधिक परिवारों को बेघर कर दिया। रात करीब पौने तीन बजे बिजली के एक खंभे में हुए शार्ट सर्किट से चिंगारी भड़की, जिसने पास की एक झुग्गी को अपनी चपेट में ले लिया। हवा और ज्वलनशील पदार्थों के कारण आग तेज़ी से एक झोपड़ी से दूसरी झोपड़ी में फैलती चली गई और देखते ही देखते पूरी झुग्गी बस्ती धधक उठी।Read also:-कारों के हॉर्न में बजेगा तबला-ढोलक और बांसुरी! गडकरी की अनोखी योजना जल्द बनेगी कानून
आग की भयानक लपटें आसमान छूने लगीं और बस्ती में चीख-पुकार मच गई। दहशत में आए लोग अपना सामान छोड़कर जान बचाने के लिए घरों से बाहर भागे।
अग्निकांड की सूचना मिलते ही सरोजनी नगर फायर स्टेशन से सीएफओ दो दमकल गाड़ियों के साथ तुरंत मौके पर रवाना हुए। स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए शहर के सभी दमकल स्टेशनों से अतिरिक्त गाड़ियां बुलाई गईं। एफएसओ मंगेश कुमार के नेतृत्व में फायर ब्रिगेड की करीब एक दर्जन से ज़्यादा गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाने और बचाव कार्य शुरू किया। दमकल कर्मियों को आग पर काबू पाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
स्थानीय लोगों ने इस भीषण अग्निकांड के लिए सीधे तौर पर बिजली विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि तीन दिन पहले भी इसी बिजली के पोल में शार्ट सर्किट हुआ था, जिसकी सूचना विभाग को दी गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अगर समय रहते इस समस्या को ठीक कर दिया जाता तो शायद यह बड़ा हादसा टाला जा सकता था।
बुधवार सुबह सात घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आग पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका था। कई झुग्गियां अभी भी सुलग रही थीं और उनसे धुआं निकल रहा था। दमकलकर्मी लगातार पानी की बौछार कर आग के बचे हुए हिस्सों को बुझाने का प्रयास कर रहे थे। इस घटना में 200 से अधिक झुग्गियां जलकर राख हो गई हैं, जिससे सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं और उनका आशियाना और सामान पूरी तरह नष्ट हो गया है। हालांकि, प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस अग्निकांड में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, जो एक राहत भरी खबर है। प्रशासन द्वारा प्रभावित परिवारों के लिए राहत और पुनर्वास के प्रयास शुरू किए जा रहे हैं।
