UP : फिजिकल रैगिंग पर सख्ती के चलते इंस्टाग्राम पर होने लगी मेडिकल छात्रों की रैगिंग, अब कॉलेज ने की ये कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक मेडिकल कॉलेज से छात्रों की ई-रैगिंग की खबर सामने आई है, जिसमें जूनियर छात्रों को फोन कॉल और फर्जी इंस्टाग्राम आईडी के जरिए परेशान किया गया। मामला काफी पुराना बताया जा रहा है, जिसे लेकर अब कार्रवाई की गई है।
Feb 8, 2025, 08:00 IST
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तमाम सख्ती के बावजूद मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में रैगिंग के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। फिजिकल रैगिंग पर सख्ती के बाद अब सीनियर छात्रों ने ई-रैगिंग का तरीका अपना लिया है। कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में भी ऐसा ही मामला सामने आया है। इस कॉलेज में पढ़ने वाले आठ छात्रों पर इंस्टाग्राम आईडी और फोन कॉल के जरिए ई-रैगिंग करने का आरोप लगा है।READ ALSO:- दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस पर चलने लगे वाहन, 3.5 किमी का रूट खोला गया, जानिए कितना होगा हिस्सा टोल फ्री?
कॉलेज प्रशासन को 4 महीने पहले इस मामले की भनक लगी थी। इसके बाद बाकायदा जांच कराई गई और अब जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपी छात्रों को कॉलेज से निकाल दिया गया है। मामला तब सामने आया जब कुछ जूनियर छात्रों ने इसकी शिकायत की। छात्रों ने बताया कि उन्हें लगातार फर्जी इंस्टाग्राम आईडी और फोन कॉल के जरिए परेशान किया जा रहा है। मामले को गंभीरता से लेते हुए कॉलेज प्रशासन ने जांच कमेटी गठित की और मामले की गहनता से जांच की।
जांच में छात्रों की शिकायत सही पाई गई और कमेटी ने कहा कि इन छात्रों ने जूनियर छात्रों को मानसिक और आर्थिक रूप से काफी परेशान किया है। कॉलेज प्रशासन ने इस मामले में दोषी पाए गए आठ छात्रों को एक सेमेस्टर के लिए निष्कासित कर दिया और प्रत्येक छात्र पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
कॉलेज प्रिंसिपल का बयान
इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने बताया कि यह सख्त कार्रवाई इसलिए की गई है ताकि भविष्य में रैगिंग करने की योजना बनाने वाले छात्रों को कड़ा संदेश दिया जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी और इस तरह का व्यवहार किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. संजय काला ने बताया कि यह सख्त कार्रवाई इसलिए की गई है ताकि भविष्य में रैगिंग करने की योजना बनाने वाले छात्रों को कड़ा संदेश दिया जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी और इस तरह का व्यवहार किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मामले की शुरुआत
यह मामला चार महीने पहले तब सामने आया जब एक अभिभावक ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन से शिकायत की कि कुछ जूनियर छात्रों की रैगिंग करने की कोशिश की गई है। शिकायत के बाद कॉलेज प्रशासन ने तुरंत एंटी रैगिंग सेल को सूचित किया।
यह मामला चार महीने पहले तब सामने आया जब एक अभिभावक ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन से शिकायत की कि कुछ जूनियर छात्रों की रैगिंग करने की कोशिश की गई है। शिकायत के बाद कॉलेज प्रशासन ने तुरंत एंटी रैगिंग सेल को सूचित किया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए हॉस्टल जाकर छात्रों के इंस्टाग्राम चैट और फोन कॉल्स की डिटेल जुटाई गई। इसके बाद मामले को साइबर सेल को सौंप दिया गया और जांच शुरू कर दी गई। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने साफ कर दिया है कि रैगिंग जैसी घटनाओं को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।